Shivratri Vrat 2023: नये साल में 12 की जगह 13 होंगे मासिक शिवरात्रि के व्रत, पढ़ें पूजन विधि और विधान

Shivratri Vrat 2023: प्रत्येक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मासिक शिवरात्रि का व्रत रखा जाता है। इस बार अधिकमास की वजह से 12 की जगह 13 शिवरात्रि के व्रत होंगे। वर्ष 2023 में होंगे दो सावन। सबसे प्रमुख महाशविरात्रि का व्रत इस रखा जाएगा 18 फरवरी को।

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वर्ष 2023 में 13 होंगी मासिक शिवरात्रि।

मुख्य बातें
  • अधिक मास होने के कारण 13 होंगी शिवरात्रि
  • फाल्गुन मास में 18 फरवरी को है महाशिवरात्रि
  • शिव और शक्ति की आराधना के समर्पित है व्रत
Shivratri Vrat 2023: सनातन धर्म में भगवान भाेलेनाथ काे समर्पित मासिक शिवरात्रि का विशेष महत्व बताया गया है। संकट को हरने वाले भगवान शंकर की इस दिन विशेष पूजा की जाती है। पंचांग के अनुसार प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मासिक शिवरात्री का व्रत रखा जाता है। माह के हिसाब से 12 मासिक शिवरात्रि प्रत्येक वर्ष हाेती हैं लेकिन वर्ष 2023 में अधिक मास होने के कारण सावन का महीना 60 दिन का है। यानी सावन के दो माह हैं। इस वजह से इस वर्ष मासिक शिवरात्रि 12 के स्थान पर 13 होंगी। वहीं इन सभी शिवरात्रियों में प्रमुख फाल्गुन माह की महाशिवरात्रि 18 फरवरी को होगी।

मासिक शिवरात्रि का का महत्व

शिवरात्रि के नाम से ही जैसे ज्ञात होता है कि शिव और शक्ति की आराधना की रात्रि। इस रात्रि की साधना करने से साधक के मन में एकाग्रता और सकारात्मक उर्जा का वास होता है। उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और सभी कठिन कार्य आसान हो जाते हैं। बस इस व्रत को धारण करने से पूर्व मन से द्वेष, अभिमान, लालच जैसे आसक्ति के भाव दूर कर देने चाहिए।
मासिक शिवरात्रि 2023 का कैलेंडा
20 जनवरी
18 फरवरी
20 मार्च
18 अप्रैल
17 मई
16 जून
15 जुलाई
14 अगस्त
13 सितंबर
12 अक्टूबर
11 नवंबर
11 दिसंबर
पूजन विधि
मासिक शिवरात्रि के व्रत में सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं। किसी मंदिर में जाकर शिव जी की उनके परिवार सहित आराधना करें। शिवलिंग का रुद्राभिषेक जल, घी, दूध, शक्कर, शहद आदि से करें। शिवलिंग पर धतूरा, बेलपत्र, सफेद पुष्प आदि अर्पित करें। धूप, दीप आदि जलाएं। शिव पंचाक्षर मंत्र के जाप करें। शिव स्तुति और चालीसा के पाठ के बाद आरती करें। संभव हो तो शिवालय में कुछ देर का ध्यान अवश्य लगाएं। यदि ओम के उच्चारण कर ध्यान लगाएंगे तो शिव जी की उर्जा से जल्दी जुड़ेंगे। एक समय फलाहार करें। अगले दिन दान आदि करने के बाद व्रत का पारण करें। यदि आर्थिक परेशानी से जल्दी मुक्ति चाहते हैं ताे शिव आराधना के समय हनुमान चालीसा का पाठ भी करें। यदि संभव हाे तो शिव आराधना रात्रिकालीन 12 बजे के बाद करेंगे तो त्वरित फल की प्राप्ति करेंगे।
डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्‍स नाउ नवभारत इसकी पुष्‍ट‍ि नहीं करता है।
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