Astrology: भोजन से भी बदल जाती है ग्रहों की चाल, कुंडली को फलदायी बनाने के लिए करें ये उपाय
Eating Habit: ज्योतिष शास्त्र में अशुभ ग्रहों को शांत करने के लिए रत्न, व्रत-पूजा, टोटके जैसे कई उपाय ज्योतिष शास्त्र में बताए गए हैं। इन ग्रहों की चाल बदलने में भोजन भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ज्योतिष के मुताबिक, भोजन का संबंध ग्रहों से भी होता है। ग्रहों के अनुसार, भोजन करने से कुंडली के बुरे से बुरे ग्रह भी अच्छे फल देने लगते हैं।
भोजन से बदल जाती है ग्रहों की चाल और किस्मत, जानें कैसे
- फूड एस्ट्रोलॉजी में बताया गया है ग्रहों और भोजन का महत्व
- ग्रहों के अनुसार भोजन करने से जातक के ग्रह देने लगते हैं शुभ फल
- कुछ खास चीजें खाने से कुंडली में ग्रहों की शुभता बढ़ने लगती है
Eating Habit: ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों-नक्षत्रों का बहुत महत्व है। कुंडली के ग्रहों को बेहतर बनाने और अशुभ ग्रहों को शांत करने के लिए रत्न, व्रत-पूजा, टोटके जैसे कई उपाय ज्योतिष शास्त्र में बताए गए हैं। जिन्हें अपना कर लोग लाभ भी अर्जित करते हैं। ज्योतिष के अनुसार ग्रहों का खास संबंध हमारे खाने से भी होता है। इसलिए, इन उपायों के बीच भोजन से जुड़े उपाय भी बताए गए हैं, जिसे फूड एस्ट्रोलॉजी कहते हैं। बहुत कम लोग यह बात जानते हैं कि कुछ खास चीजें खाकर कुंडली के ग्रहों की शुभता बढ़ाया जा सकता है। इस उपाय को करने से कुंडली के बुरे से बुरे ग्रह भी अच्छे फल देने लगते हैं। आइए जानते हैं कि किस ग्रह से शुभ फल पाने के लिए क्या खाना लाभदायक रहेगा।
सूर्य ग्रह: सूर्य ग्रह आत्मविश्वास, सम्मान, सेहत और सफलता प्रदान करता है। कुंडली में सूर्य ग्रह को मजबूत करने और उनकी शुभता बढ़ाने के लिए गुड़, आम, गेंहू का सेवन करना चाहिए। साथ ही तांबे के पात्र में जल पीना भी शुभ होता है।
चन्द्र ग्रह: चंद्रमा मन का कारण है, इनका सबसे ज्यादा प्रभाव मन पर पड़ता है। चंद्रमा की शुभता के लिए दूध और दूध से बने पदार्थ, गन्ना, चीनी और आइसक्रीम आदि का सेवन करना उत्तम रहता है। चांदी के पात्र में पानी पीने से भी कुंडली के चंद्रमा मजबूत होते हैं।
मंगल ग्रह: कुंडली में मंगल की अशुभता विवाह संबंध, भूमि-संपत्ति की मुश्किलें लाती है। मंगल को मजबूत करने के लिए शहद, जौ, गुड़ और मसूर की दाल का सेवन उत्तम माना गया है। साथ ही तांबे या पीतल के पात्र में रखा पानी पीना भी लाभदायक होता है।
बुध ग्रह: बुध ग्रह का असर बुद्धि, व्यापार-उद्योग और आर्थिक स्थिति पर पड़ती है। अगर बुध अशुभ फल दें तो हरी दाल, मटर, मूंग, हरी सब्जियां का सेवन करना चाहिए। साथ ही चांदी के पात्र में पानी पीना शुभ होता है।
देवगुरु बृहस्पति: गुरु ग्रह को सबसे ज्यादा शुभ ग्रह माना गया है। कुंडली में जब गुरु मजबूत हो तो जातक को हर क्षेत्र में शुभ फल मिलते हैं। गुरु की शुभता बढ़ाने के लिए आप अपने भोजन में चना दाल, हल्दी, मक्का, पीली दाल, बेसन, केला, पीले फल को शामिल कर सकते हैं।
शुक्र ग्रह: शुक्र ग्रह को भौतिक सुख, सौंदर्य, ऐश्वर्य, खुशहाल दांपत्य का कारक माना गया है। कुंडली में शुक्र की मजबूती के लिए त्रिफला, मिश्री, दाल चीनी, मूली आदि का उपयोग करना चाहिए।
शनि ग्रह: शनि के प्रकोप का असर शरीर, मन और आर्थिक स्थिति हरा जगह पड़ती है। इससे बचने के लिए सरसों और तिल का तेल, काला नमक, उड़द, लौंग, काली मिर्च, तेज पत्ता, अचार का सेवन करना चाहिए।
राहु और केतु: कुंडली में इन ग्रहों के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए तिल और सरसों का तेल, उड़द का इस्तेमाल करना चाहिए।
(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)
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