Vastu Shastra: क्या है वास्तु शास्त्र, जानें जीवन में इसका महत्व

Vastu Shastra Importance: वास्तु शास्त्र का जीवन में बहुत अधिक महत्व होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर वास्तु शास्त्र क्या है। विशेष तौर पर वास्तु शास्त्र में घर निर्माण और रख-रखाव के संबंध में विस्तृत जानकारी दी जाती है। यहां हम आपके साथ वास्तु शास्त्र से जुड़े कई महत्वपूर्ण जानकारियों को साझा करेंगे।

Vastu Shastra: क्या है वास्तु शास्त्र, जानें जीवन में इसका महत्व
मुख्य बातें
  • भवन निर्माण में जरूर करें वास्तु शास्त्र के सिद्धांतों का पालन
  • वास्तु शास्त्र के सिद्धांतों से नकारात्मक ऊर्जाएं रहती है दूर
  • वास्तु शास्त्र में भवन निर्माण से संबंधित जानकारी दी जाती है
Vastu Shastra Meaning and Importance: वास्तु शास्त्र के अर्थ के बारे में कहा गया है कि ‘गृहरचना वच्छिम भूमे’ यानी घर निर्माण के योग्य भूमि को वास्तु कहा जाता है। इसके अलावा एक अन्य शास्त्र में ‘वास्तु संक्षेपतो वक्ष्ये गृहदो विघनाशम् ईशानकोणादारम्भ्य हयोकार्शीतपदे प्यजेत्’ यानी वास्तु शास्त्र घर का निर्माण करने वाली ऐसी कला है जोकि ईशाण कोण से शुरू होती है और इसके नियम को मानने पर घर की सारी परेशानियां दूर होती है। साथ ही वास्तु शास्त्र से प्राकृतिक उत्पाद व उपद्रवों समेत हर तरह की नेगेटिविटी घर से दूर रहती है।
सटीक अर्थ में कहा जाए तो वास्तु शास्त्र प्राचीन भारत का ऐसा शास्त्र है जिसमें घर निर्माण से संबंधित जानकारी दी जाती है। वास्तु शास्त्र में बताए गए सिद्धांतों और नियमों का पालन करने पर घर पर संतुलन बना रहता है और नकारात्मक ऊर्जाएं दूर रहती है। क्योंकि प्रकृति में जल, पृथ्वी, वायु, अग्नि और आकाश जैसे बल शामिल होते हैं और इनके बीच परस्पर क्रियाएं होती है। प्रकृति पर मौजूद इन सभी बल का व्यापक प्रभाव समस्त प्राणियों पर भी पड़ता है।
मानव जीवन में वास्तु शास्त्र का महत्व
मानव जीवन को सुखद और सुगम बनाने में वास्तु शास्त्र का महत्वपूर्ण योगदान होता है। वास्तु शास्त्र के सिद्धांतों और नियमों से ही नकारात्मक ऊर्जा दूर रहती है और इससे वातावरण शुद्ध और सुरक्षित रहता है। मान्यता है कि वास्तु शास्त्र की नींव विश्वकर्मा जी ने रखी है। इसके अनुसार किसी भवन के निर्माण में वास्तु का अत्यधिक महत्व होता है।
हर व्यक्ति की इच्छा होती है कि उसके सपनों का आशियाना केवल सुंदर ही नहीं बल्कि सुखमय भी रहे। घर-परिवार के लोगों के बीच शांतिपूर्ण माहौल बना रहे। इसलिए वास्तु शास्त्र के सिद्धांतों के आधार पर भवन निर्माण कराना जरूरी होता है। क्योंकि यदि आप गलत दिशा या भूमि दोष में चाहे कितना भी बड़ा भवन क्यों न बना लें, उसमें रहने वाले लोगों का जीवन विवादस्पद बना रहेगा। यही कारण है कि मुगल कालीन और मिस्र के पिरामिंड आदि का निर्माण कराने के लिए भी वास्तु शास्त्र के सिद्धातों का प्रयोग किया गया था और आज भी मानव जीवन पर वास्तु शास्त्र के सिद्धांतों का महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है।
(डिस्क्लेमर: यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)
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