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Mathura Janmashtami 2023: जन्माष्टमी की पूजा विधि और श्री कृष्ण की आरती यहां देखें

Krishna Janmashtami 2023 Moon Rise Time, Puja Muhurat Time in Mathura Vrindavan, India in Hindi: श्री कृष्ण जन्माष्टमी भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मनाई जाती है। इसे गोकुलाष्टमी भी कहते हैं। यहां जानिए जन्माष्टमी चांद निकलने का समय और लड्डू गोपाल की पूजा का शुभ मुहूर्त।

Krishna Janmashtami 2023 Puja Vidhi And Puja Time
Krishna Janmashtami Vrat 2023 Puja Muhurat Time, Puja Vidhi in Mathura Vrindavan: सनातन धर्म में कृष्ण जन्माष्टमी के त्योहार का विशेष महत्व माना जाता है और इस साल ये त्योहार और भी ज्यादा खास होने वाला है। दरअसल इस बार कृष्ण जन्माष्टमी पर वर्षों बाद बेहद दुर्लभ योग बनने जा रहा है। ज्योतिष विद्वानों की मानें तो इस जन्माष्टमी ठीक वैसे ही योग बन रहे हैं जो भगवान कृष्ण के जन्म के समय बने थे। हिंदू धार्मिक मान्यताओं अनुसार भगवान कृष्ण का जन्म भाद्रपद कृष्ण पक्ष अष्टमी को रोहिणी नक्षत्र में रात 12 बजे हुआ था। इस साल कृष्ण जन्माष्टमी पर अष्टमी और रोहिणी नक्षत्र दोनों का ही शुभ संयोग रहेगा। ऐसा अद्भुत संयोग सालों बाद बन रहा है।

Janmashtami Puja Muhurat 2023 Check Here | Janmashtami 2023 Wishes In Hindi

कृष्ण जन्माष्टमी पूजा मुहूर्त 2023 (Krishna Janmashtami Muhurat 2023)
आज यानि 7 सितंबर को कृष्ण जन्माष्टमी पूजा का शुभ मुहूर्त रात 11 बजकर 56 मिनट से देर रात 12 बजकर 42 मिनट तक रहेगा। जबकि अष्टमी तिथि शाम 04 बजकर 14 मिनट पर समाप्त हो जाएगी और रोहिणी नक्षत्र का समापन सुबह 10 बजकर 25 मिनट पर होगा।

कृष्ण जन्माष्टमी की पूजा विधि, मंत्र, कथा, आरती, महत्व, लड्डू गोपाल की पूजा के नियम और संपूर्ण जानकारी जानने के लिए बने रहिए हमारे इस लाइव ब्लॉग पर...
Sep 7, 2023 | 11:44 PM IST

Krishna Janmashtami Katha: कृष्ण जन्माष्टमी कथा

स्‍कंद पुराण के अनुसार द्वापर युग में मथुरा में उग्रसेन नाम के राजा हुए। जो स्‍वभाव से सीधे-साधे थे। जिसकी वजह से उनके पुत्र कंस ने ही उनका राज्‍य हड़प लिया और स्‍वयं मथुरा का राजा बन बैठा। कंस की एक बहन देवकी थी। कंस उनसे बहुत स्नेह करता था। देवकी का विवाह वसुदेव से हुआ तो विवाह संपन्‍न होने के बाद कंस स्‍वयं ही रथ हांकते हुए बहन को ससुराल छोड़ने के लिए निकल पड़ा। जब वह अपनी बहन को छोड़ने के लिए जा रहा था तभी एक आकाशवाणी हुई कि जिस बहन को तू इतने प्रेम से विदा करने स्‍वयं ही जा रहा है, उसी की आठवी संतान तेरा संहार करेगी। यह सुनते ही कंस क्रोधित हो गया और देवकी और वसुदेव को मारने के लिए आगे बढ़ा तभी वसुदेव ने कहा कि वह देवकी को कोई नुकसान न पहुंचाए। वसुदेव ने कहा कि वह स्‍वयं ही देवकी की आठवीं संतान कंस को सौंप देगा। इसके बाद कंस ने उन दोनों को मारने के बजाए कारागार में डाल दिया।

इस तरह से कारागार में ही देवकी ने अपनी सात संतानों को जन्‍म दिया और कंस ने एक-एक करके सभी को मार दिया। इसके बाद जैसे ही देवकी की आठवी संतान होने को थी वैसे ही कंस ने कारागार का पहरा और भी कड़ा कर दिया। तब भाद्रपद माह के कृष्‍ण पक्ष की अष्‍टमी को रोहिणी नक्षत्र में कान्हा का जन्‍म हुआ। तभी श्री विष्‍णु ने वसुदेव को दर्शन देकर कहा कि वह स्‍वयं ही उनके पुत्र के रूप में जन्‍म ले रहे हैं। उन्‍होंने यह भी कहा कि वसुदेव उन्‍हें वृंदावन में नंदबाबा के घर पर छोड़ आएं और यशोदा जी के गर्भ से जन्मी कन्‍या को कारागार में ले आएं। यशोदा जी के गर्भ से जन्‍मी कन्‍या कोई और नहीं बल्कि स्‍वयं माया थी। यह सबकुछ सुनने के बाद वसुदेव जी ने ठीक वैसा ही किया।

भगवान कृष्ण का जैसे ही जन्म हुआ वसुदेव जी ने उन्हें अपनी गोद में उठाया। कारागार के ताले खुद ही खुल गए। पहरेदार नींद के आगोश में आ गए। फिर वसुदेव जी कन्‍हैया को टोकरी में रखकर वृंदावन की ओर निकल पड़े। कहते हैं कि उस समय यमुना जी पूरे ऊफान पर थीं वसुदेव जी ने टोकरी को सिर पर रखा और यमुना जी को पार करके नंद बाबा के घर पहुंच गए। वहां कन्‍हैया को यशोदा जी के पास रखकर कन्‍या को लेकर मथुरा वापस लौट आए।

जब कंस को देवकी की आठवीं संतान के बारे में पता चला तो वह कारागार पहुंचा। उसने देखा कि देवकी की आठवीं संतान तो कन्‍या है लेकिन फिर भी वो उसे जैसे ही जमीन पर पटकने लगा कि वह मायारूपी कन्‍या आसमान में पहुंचकर बोली कि रे मूर्ख मुझे मारने से क्या होगा। तेरा काल तो पहले से ही वृंदावन पहुंच चुका है और वह जल्‍दी ही तेरा अंत करेगा। इसके बाद कंस ने वृंदावन में जन्‍में सभी नवजातों का पता लगाया। जब उसे यशोदा के लाला का पता चला तो उसने उसे मारने के लिए कई प्रयास किए। लेकिन कोई भी उस बालक का बाल भी बांका नहीं कर पाया। फिर कृष्‍ण ने युवावस्‍था में कंस का अंत किया।

मान्‍यता है कि जन्माष्टमी पर श्रीकृष्‍ण जन्‍म की यह अद्भुत कथा सुनने मात्र से ही समस्‍त पापों का नाश हो जाता है। साथ ही कन्‍हैया की कृपा बरसती है।
Sep 7, 2023 | 11:37 PM IST

Krishna Ji Ki Aarti: भगवान कृष्ण की आरती

आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥

गले में बैजंती माला,
बजावै मुरली मधुर बाला ।
श्रवण में कुण्डल झलकाला,
नंद के आनंद नंदलाला ।
गगन सम अंग कांति काली,
राधिका चमक रही आली ।
लतन में ठाढ़े बनमाली
भ्रमर सी अलक,
कस्तूरी तिलक,
चंद्र सी झलक,
ललित छवि श्यामा प्यारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
॥ आरती कुंजबिहारी की...॥

कनकमय मोर मुकुट बिलसै,
देवता दरसन को तरसैं ।
गगन सों सुमन रासि बरसै ।
बजे मुरचंग,
मधुर मिरदंग,
ग्वालिन संग,
अतुल रति गोप कुमारी की,
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की ॥
॥ आरती कुंजबिहारी की...॥

जहां ते प्रकट भई गंगा,
सकल मन हारिणि श्री गंगा ।
स्मरन ते होत मोह भंगा
बसी शिव सीस,
जटा के बीच,
हरै अघ कीच,
चरन छवि श्रीबनवारी की,
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की ॥
॥ आरती कुंजबिहारी की...॥

चमकती उज्ज्वल तट रेनू,
बज रही वृंदावन बेनू ।
चहुं दिसि गोपि ग्वाल धेनू
हंसत मृदु मंद,
चांदनी चंद,
कटत भव फंद,
टेर सुन दीन दुखारी की,
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की ॥
॥ आरती कुंजबिहारी की...॥

आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
Sep 7, 2023 | 11:04 PM IST

Krishna Janmashtami 2023 Puja Muhurat And Vrat Parana Time

निशिता पूजा का समय11:56 पी एम से 12:42 ए एम, सितम्बर 08
कृष्ण जन्माष्टमी पारण समय06:02 ए एम, सितम्बर 08 के बाद
चन्द्रोदय समय11:43 पी एम

Sep 7, 2023 | 10:48 PM IST

Krishna Janmashtami Bhajan Lyrics: कृष्ण जन्माष्टमी भजन लिरिक्स

नन्द के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की | Krishna Janmashtami Bhajan Lyricsहे आनंद उमंग भयो, जय हो नन्द लाल कीनन्द के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल कीनन्द के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की ||हे ब्रज में आनंद भयो, जय यशोदा लाल कीनन्द के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल कीनन्द के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की ||जय हो नन्द लाल की, जय यशोदा लाल कीगोकुल के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल कीगोकुल के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की ||हे आनंद उमंग भयो, जय हो नन्द लाल कीगोकुल के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल कीगोकुल के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की ||जय यशोदा लाल की, जय हो नन्द लाल कीहाथी, घोड़ा, पालकी, जय कन्हैया लाल कीहाथी, घोड़ा, पालकी, जय कन्हैया लाल की ||जय हो नन्द लाल की, जय यशोदा लाल कीहाथी, घोड़ा, पालकी, जय कन्हैया लाल कीहे आनंद उमंग भयो, जय कन्हैया लाल की ||हे कोटि ब्रह्माण्ड के, अधिपति लाल कीहाथी, घोड़ा, पालकी, जय कन्हैया लाल कीहाथी, घोड़ा, पालकी, जय कन्हैया लाल की ||जय हो नन्द लाल की, जय यशोदा लाल कीहाथी, घोड़ा, पालकी, जय कन्हैया लाल कीहे आनंद उमंग भयो, जय कन्हैया लाल कीहे आनंद उमंग भयो, जय कन्हैया लाल की ||हे गौएँ चराने आये, जय हो पशुपाल कीनन्द के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल कीनन्द के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की ||जय हो नन्द लाल की, जय यशोदा लाल कीहाथी, घोड़ा, पालकी, जय कन्हैया लाल कीहे आनंद उमंग भयो, जय कन्हैया लाल कीहे आनंद उमंग भयो, जय कन्हैया लाल की ||पूनम के चन्द्र जैसी, सोभा हे पालकीहाथी, घोड़ा, पालकी, जय कन्हैया लाल कीहे आनंद उमंग भयो, जय कन्हैया लाल कीगोकुल में आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की |हे आनंद उमंग भयो, जय कन्हैया लाल कीहे आनंद उमंग भयो, जय कन्हैया लाल की ||ये भक्तों के आनंद कन्द, जय यशोदा लाल कीहाथी, घोड़ा, पालकी, जय कन्हैया लाल कीहाथी, घोड़ा, पालकी, जय कन्हैया लाल की |जय यशोदा लाल की, जय हो गोपाल कीनन्द के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल कीनन्द के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की ||आनंद से बोलो सब, जय हो ब्रज लाल कीहाथी, घोड़ा, पालकी, जय कन्हैया लाल कीहाथी, घोड़ा, पालकी, जय कन्हैया लाल की |जय हो ब्रज लाल की, पावन प्रतिपाल कीहे नन्द के आनंद भयो, जय हो नन्द लाल कीनन्द के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की ||
Sep 7, 2023 | 10:27 PM IST

Mathura Janmashtami Live: मथुरा से सीधे लाइव दर्शन

Sep 7, 2023 | 10:19 PM IST

Janmashtami Vrat Kholne Ka Samay: जन्माष्टमी व्रत खोलने का समय

जन्माष्टमी व्रत का पारण 8 सितंबर की सुबह 6 बजकर 2 मिनट के बाद किया जा सकेगा। वहीं कई जगह जन्माष्टमी की रात में भी व्रत खोल लिया जाता है। ऐसे में 7 सितंबर की देर रात 12:42 के बाद व्रत पारण का समय रहेगा।
Sep 7, 2023 | 09:56 PM IST

नन्द के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की | Krishna Janmashtami Bhajan Lyrics

हे आनंद उमंग भयो, जय हो नन्द लाल की
नन्द के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की
नन्द के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की ||
हे ब्रज में आनंद भयो, जय यशोदा लाल की
नन्द के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की
नन्द के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की ||

जय हो नन्द लाल की, जय यशोदा लाल की
गोकुल के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की
गोकुल के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की ||
हे आनंद उमंग भयो, जय हो नन्द लाल की
गोकुल के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की
गोकुल के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की ||

जय यशोदा लाल की, जय हो नन्द लाल की
हाथी, घोड़ा, पालकी, जय कन्हैया लाल की
हाथी, घोड़ा, पालकी, जय कन्हैया लाल की ||
जय हो नन्द लाल की, जय यशोदा लाल की
हाथी, घोड़ा, पालकी, जय कन्हैया लाल की
हे आनंद उमंग भयो, जय कन्हैया लाल की ||

हे कोटि ब्रह्माण्ड के, अधिपति लाल की
हाथी, घोड़ा, पालकी, जय कन्हैया लाल की
हाथी, घोड़ा, पालकी, जय कन्हैया लाल की ||
जय हो नन्द लाल की, जय यशोदा लाल की
हाथी, घोड़ा, पालकी, जय कन्हैया लाल की
हे आनंद उमंग भयो, जय कन्हैया लाल की
हे आनंद उमंग भयो, जय कन्हैया लाल की ||

हे गौएँ चराने आये, जय हो पशुपाल की
नन्द के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की
नन्द के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की ||
जय हो नन्द लाल की, जय यशोदा लाल की
हाथी, घोड़ा, पालकी, जय कन्हैया लाल की
हे आनंद उमंग भयो, जय कन्हैया लाल की
हे आनंद उमंग भयो, जय कन्हैया लाल की ||

पूनम के चन्द्र जैसी, सोभा हे पालकी
हाथी, घोड़ा, पालकी, जय कन्हैया लाल की
हे आनंद उमंग भयो, जय कन्हैया लाल की
गोकुल में आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की |
हे आनंद उमंग भयो, जय कन्हैया लाल की
हे आनंद उमंग भयो, जय कन्हैया लाल की ||

ये भक्तों के आनंद कन्द, जय यशोदा लाल की
हाथी, घोड़ा, पालकी, जय कन्हैया लाल की
हाथी, घोड़ा, पालकी, जय कन्हैया लाल की |
जय यशोदा लाल की, जय हो गोपाल की
नन्द के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की
नन्द के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की ||

आनंद से बोलो सब, जय हो ब्रज लाल की
हाथी, घोड़ा, पालकी, जय कन्हैया लाल की
हाथी, घोड़ा, पालकी, जय कन्हैया लाल की |
जय हो ब्रज लाल की, पावन प्रतिपाल की
हे नन्द के आनंद भयो, जय हो नन्द लाल की
नन्द के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की ||
Sep 7, 2023 | 09:16 PM IST

Krishna Bhajan List: कृष्ण भजन लिस्ट

  • आरती कुंज बिहारी की
  • नन्द के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की
  • मधुराष्टकम
  • मैं आरती तेरी गाउँ, ओ केशव कुञ्ज बिहारी
  • मेरा गोपाल झूले पलना, मदन गोपाल झूले पलना
  • अच्युतम केशवं कृष्ण दामोदरं
  • मेरा आपकी कृपा से, सब काम हो रहा है
  • सांवली सूरत पे मोहन, दिल दीवाना हो गया - अर्थ सहित
  • श्याम रंग में रंगी चुनरिया, अब रंग दूजो भावे ना
  • काली कमली वाला, मेरा यार है
  • मेरी विनती यही है राधा रानी, कृपा बरसाए रखना
  • ज़री की पगड़ी बाँधे, सुंदर आँखों वाला
  • अरे द्वारपालों, कन्हैया से कह दो
  • फूलो में सज रहे हैं, श्री वृन्दावन बिहारी
  • मुझे अपने ही रंग में रंगले, मेरे यार सांवरे
Sep 7, 2023 | 08:55 PM IST

Krishna Janmashtami Puja Muhurat 2023: कृष्ण जन्माष्टमी पूजा मुहूर्त 2023

कृष्ण जन्माष्टमी पूजा का निशिता काल मुहूर्त रात 11 बजकर 56 मिनट से रात 12 बजकर 42 मिनट तक रहेगा। वहीं जन्माष्टमी व्रत का पारण 8 सितंबर की सुबह 6 बजकर 2 मिनट के बाद किया जा सकेगा।
Sep 7, 2023 | 08:39 PM IST

जन्माष्टमी पूजा सामग्री

बाल गोपाल के लिए झूला, भगवान कृष्ण की मूर्ति, छोटी बांसुरी, एक नया आभूषण, मुकुट, तुलसी के पत्ते, चंदन, अक्षत, मक्खन, केसर, छोटी इलायची, कलश, हल्दी, पान, सुपारी, गंगाजल, सिंहासन, इत्र, सिक्के, सफेद कपड़ा, लाल कपड़ा, कुमकुम, नारियल, मौली, लॉन्ग, इत्र, दिया, सरसों का तेल या फिर घी, रूई की बाती, अगरबत्ती, धूप बत्ती, फल और कपूर, मोरपंख
Sep 7, 2023 | 07:55 PM IST

Janmashtami Chand Kab Niklega 2023: आज चांद निकलने का समय

आज चंद्रमा के दर्शन रात 11 बजकर 43 मिनट पर कर पाएंगे। इससे पहले पूजा की तैयारी पूरी कर लें।
Sep 7, 2023 | 07:38 PM IST

Krishna Janmashtami City Wise Puja Timings 2023

- पुणे 12:09 ए एम से 12:56 ए एम, सितम्बर 08
- नई दिल्ली 11:56 पी एम से 12:42 ए एम, सितम्बर 08
- चेन्नई 11:44 पी एम से 12:30 ए एम, सितम्बर 08
- जयपुर 12:02 ए एम से 12:48 ए एम, सितम्बर 08
- हैदराबाद 11:51 पी एम से 12:37 ए एम, सितम्बर 08
- गुरुग्राम 11:57 पी एम से 12:43 ए एम, सितम्बर 08
- चण्डीगढ़ 11:58 पी एम से 12:44 ए एम, सितम्बर 08
- कोलकाता 11:12 पी एम से 11:58 पी एम
- मुम्बई 12:13 ए एम से 01:00 ए एम, सितम्बर 08
- बेंगलूरु 11:54 पी एम से 12:41 ए एम, सितम्बर 08
- अहमदाबाद 12:15 ए एम से 01:01 ए एम, सितम्बर 08
- नोएडा 11:56 पी एम से 12:41 ए एम, सितम्बर 08
Sep 7, 2023 | 07:22 PM IST

Kirshna Janmashtami Puja Muhurat 2023: कृष्ण जन्माष्टमी पूजा मुहूर्त

कृष्ण जन्माष्टमी7 सितंबर 2023, गुरुवार
निशिता पूजा का समय11:56 पी एम से 12:42 ए एम, सितम्बर 08
कृष्ण जन्माष्टमी पारण समय06:02 ए एम, सितम्बर 08 के बाद
चन्द्रोदय समय11:43 पी एम
अष्टमी तिथि प्रारम्भ6 सितंबर 2023 को 03:37 पी एम बजे
अष्टमी तिथि समाप्त7 सितंबर 2023 को 04:14 पी एम बजे
रोहिणी नक्षत्र प्रारंभ6 सितंबर 2023 को 09:20 ए एम बजे
रोहिणी नक्षत्र समाप्त7 सितंबर 2023 को 10:25 ए एम बजे
Sep 7, 2023 | 07:10 PM IST

मक्खन मिश्री रेसिपी (Makhan Mishri Recipe)

सामग्री-
1/2 कप घी
4-5 बर्फ के टुकड़े
3 बड़े चम्मच मिश्री

बनाने का तरीका- मक्खन मिश्री बनाने के लिए ताजा मक्खन लें। लेकिन अगर मक्खन न हो तो घी में बर्फ डालकर उसे अच्छी से फेंट लें। घी फेंटते हुए आपको मक्खन अलग होता दिखने लगेगा। इससे बर्फ निकाल लें और मक्खन में मिश्री डालकर अच्छी तरह से मिला लें। आपका प्रसाद तैयार है। निकालकर भगवान को भोग लगाएं।
Sep 7, 2023 | 06:54 PM IST

Krishna Janmashtami Vrat Katha- कृष्ण जन्माष्टमी व्रत कथा

स्‍कंद पुराण के अनुसार द्वापर युग में मथुरा में उग्रसेन नाम के राजा हुए। जो स्‍वभाव से सीधे-साधे थे। जिसकी वजह से उनके पुत्र कंस ने ही उनका राज्‍य हड़प लिया और स्‍वयं मथुरा का राजा बन बैठा। कंस की एक बहन देवकी थी। कंस उनसे बहुत स्नेह करता था। देवकी का विवाह वसुदेव से हुआ तो विवाह संपन्‍न होने के बाद कंस स्‍वयं ही रथ हांकते हुए बहन को ससुराल छोड़ने के लिए निकल पड़ा। जब वह अपनी बहन को छोड़ने के लिए जा रहा था तभी एक आकाशवाणी हुई कि जिस बहन को तू इतने प्रेम से विदा करने स्‍वयं ही जा रहा है, उसी की आठवी संतान तेरा संहार करेगी। यह सुनते ही कंस क्रोधित हो गया और देवकी और वसुदेव को मारने के लिए आगे बढ़ा तभी वसुदेव ने कहा कि वह देवकी को कोई नुकसान न पहुंचाए। वसुदेव ने कहा कि वह स्‍वयं ही देवकी की आठवीं संतान कंस को सौंप देगा। इसके बाद कंस ने उन दोनों को मारने के बजाए कारागार में डाल दिया।

इस तरह से कारागार में ही देवकी ने अपनी सात संतानों को जन्‍म दिया और कंस ने एक-एक करके सभी को मार दिया। इसके बाद जैसे ही देवकी की आठवी संतान होने को थी वैसे ही कंस ने कारागार का पहरा और भी कड़ा कर दिया। तब भाद्रपद माह के कृष्‍ण पक्ष की अष्‍टमी को रोहिणी नक्षत्र में कान्हा का जन्‍म हुआ। तभी श्री विष्‍णु ने वसुदेव को दर्शन देकर कहा कि वह स्‍वयं ही उनके पुत्र के रूप में जन्‍म ले रहे हैं। उन्‍होंने यह भी कहा कि वसुदेव उन्‍हें वृंदावन में नंदबाबा के घर पर छोड़ आएं और यशोदा जी के गर्भ से जन्मी कन्‍या को कारागार में ले आएं। यशोदा जी के गर्भ से जन्‍मी कन्‍या कोई और नहीं बल्कि स्‍वयं माया थी। यह सबकुछ सुनने के बाद वसुदेव जी ने ठीक वैसा ही किया।

भगवान कृष्ण का जैसे ही जन्म हुआ वसुदेव जी ने उन्हें अपनी गोद में उठाया। कारागार के ताले खुद ही खुल गए। पहरेदार नींद के आगोश में आ गए। फिर वसुदेव जी कन्‍हैया को टोकरी में रखकर वृंदावन की ओर निकल पड़े। कहते हैं कि उस समय यमुना जी पूरे ऊफान पर थीं वसुदेव जी ने टोकरी को सिर पर रखा और यमुना जी को पार करके नंद बाबा के घर पहुंच गए। वहां कन्‍हैया को यशोदा जी के पास रखकर कन्‍या को लेकर मथुरा वापस लौट आए।

जब कंस को देवकी की आठवीं संतान के बारे में पता चला तो वह कारागार पहुंचा। उसने देखा कि देवकी की आठवीं संतान तो कन्‍या है लेकिन फिर भी वो उसे जैसे ही जमीन पर पटकने लगा कि वह मायारूपी कन्‍या आसमान में पहुंचकर बोली कि रे मूर्ख मुझे मारने से क्या होगा। तेरा काल तो पहले से ही वृंदावन पहुंच चुका है और वह जल्‍दी ही तेरा अंत करेगा। इसके बाद कंस ने वृंदावन में जन्‍में सभी नवजातों का पता लगाया। जब उसे यशोदा के लाला का पता चला तो उसने उसे मारने के लिए कई प्रयास किए। लेकिन कोई भी उस बालक का बाल भी बांका नहीं कर पाया। फिर कृष्‍ण ने युवावस्‍था में कंस का अंत किया।

मान्‍यता है कि जन्माष्टमी पर श्रीकृष्‍ण जन्‍म की यह अद्भुत कथा सुनने मात्र से ही समस्‍त पापों का नाश हो जाता है। साथ ही कन्‍हैया की कृपा बरसती है।
Sep 7, 2023 | 06:20 PM IST

Krishna Janmashtami Mantra (श्री कृष्ण जन्माष्टमी मंत्र)

-ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय नम
-ऊँ कृष्णाय नम:
-कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने। प्रणत क्लेशनाशाय गोविन्दाय नमो नम:
-ऊँ नमो भगवते श्रीगोविन्दाय नम:
-हरे कृष्ण हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे, हरे राम हरे राम, राम राम हरे हरे
Sep 7, 2023 | 06:07 PM IST

Dhaniya Panjiri Recipe: धनिया पंजीरी की रेसिपी

कढ़ाई में 1 टेबल स्पून घी डालिये और बारीक पिसे धनिये को अच्छी सुगन्ध आने तक भून लें। कुछ लोग साबुत धनियां लेकर पहले उसे भून लेते हैं और बाद में बारीक पीस लेते हैं। आपको जैसा ठीक लगे वैसे करिए।
मखाने को काट कर चार टुकड़े कर लीजिये और बचा हुआ घी डाल कर घी में तल कर निकाल लीजिये। भुने मखाने को बेलन या किसी भारी चीज से दरदरा कर लीजिये। काजू और बादाम छोटे छोटे काट लीजिये। भुना हुआ धनियां पाउडर, दरदरे मखाने, कद्दूकस किया नारियल, बूरा और मेवे मिला कर पंजीरी बना लीजिये। धनियां की पंजीरी तैयार है। ये धनियां की पंजीरी आप अपने लड्डू गोपाल को खिलाइये और आप खाइये।
Sep 7, 2023 | 05:59 PM IST

Janmashtami Ka vrat kab khole: जन्माष्टमी व्रत कब खोलते हैं

जन्माष्टमी के ब्रह्म मुहूर्त से अगले दिन ब्रह्म मुहूर्त तक व्रत करना चाहिए। इसके बाद अगले दिन रोहिणी नक्षत्र खत्म होने पर व्रत खोलने का विधान होता है। हालांकि कुछ लोग रात में 12 बजे के बाद ही व्रत पूरा कर देते हैं, लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिए
Sep 7, 2023 | 05:41 PM IST

Krishna Janmashtami 2023 Puja Vidhi, Aarti: मुबारक हो सबको जन्माष्टमी का त्यौहार

मक्खन का कटोरा,फूलों की बहार,मिश्री की मिठास,मैया का प्यार और दुलार,मुबारक हो सबको जन्माष्टमी का त्यौहार !कृष्ण जन्माष्टमी की शुभकामनाएं !
Sep 7, 2023 | 05:17 PM IST

मथुरा जन्मभूमि में जन्माष्टमी कब है?

इस साल मथुरा-वृंदावन में जन्‍माष्‍टमी का पर्व 7 सितंबर को मनाया जाएगा. इस मौके पर बांके बिहारी के लिए खास पोशाक तैयार की गई है जिसकी कीमत डेढ़ लाख रुपए बताई जा रही है
Sep 7, 2023 | 04:54 PM IST

जन्माष्टमी के व्रत में क्या खाएं?

जन्माष्टमी के व्रत में आप फल, साबूदाना, कुट्टू समेत सिंघाडे का आटा खा सकते हैं।
Sep 7, 2023 | 04:35 PM IST

Krishna Janmashtami 2023 Puja Vidhi, Aarti: जन्माष्टमी पर लड्डू गोपाल को कैसे नहलाएं

लड्डू गोपाल को स्नान कराने के लिए दूध, दही, शहद, गंगाजल, घी का इस्तेमाल करना चाहिए। शंख में दूध, दही, गंगाजल और घी डालकर स्नान कराना चाहिए।
Sep 7, 2023 | 04:15 PM IST

Krishna Janmashtami 2023: जन्माष्टमी पर इस मंत्र का जाप करें

हरे राम, हरे राम, राम राम, हरे हरे, हरे कृष्ण, हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण, हरे हरे मंत्र का जाप करना जन्माष्टमी पर खूब फलदायक हो सकता है।
Sep 7, 2023 | 03:51 PM IST

Janmashtami Fast rules: जन्माष्टमी के व्रत में कॉफी पी सकते हैं?

जन्माष्टमी व्रत में आमतौर पर कॉफी और चाय पीने से बचना ही चाहिए।
Sep 7, 2023 | 03:29 PM IST

Krishna Janmashtami Puja Vidhi, city wise timing: नोएडा में कब होगी जन्माष्टमी की पूजा

नोएडा में 7 सितंबर की रात 11 बजकर 56 मिनट से लेकर 12 बजकर 42 मिनट तक का मुहूर्त बहुत शुभ रहने वाला है।
Sep 7, 2023 | 03:02 PM IST

राधा की भक्ति..

Sep 7, 2023 | 02:34 PM IST

दही हांडी कब है?

कृष्ण जन्माष्टमी के बाद 7 सितंबर की तारीख को दही हांडी का कार्यक्रम मनाया जाएगा।
Sep 7, 2023 | 02:02 PM IST

Janmashtami 2023 Puja Vidhi, Aarti LIVE Updates: रोहिणी नक्षत्र समाप्त कब होगी

रोहिणी नक्षत्र 7 सितंबर की तारीख को 10 बजकर 25 मिनट पर समाप्त होगा।
Sep 7, 2023 | 01:41 PM IST

बांके बिहारी मंदिर में शयन आरती कब होगी?

बांके बिहारी मंदिर में शयन आरती यानि की रात वाली आरती 9 बजकर 30 मिनट से शुरू होगी और रात 12 बजे ठाकुर जी का अभिषेक होगा।
Sep 7, 2023 | 01:11 PM IST

कैसे करें बांके बिहारी मंदिर के दर्शन

बांके बिहारी मंदिर की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर आप आराम से ऑनलाइन दर्शन का लाभ ले सकते हैं। यूट्यूब पर भी लाइव स्ट्रीमिंग जारी रहेगी।
Sep 7, 2023 | 12:48 PM IST

मुरली मनोहर, बृज की धरोहर..

मुरली मनोहर ब्रज के धरोहर,वह नंदलाल गोपाला है,बंसी की धुन पर सब दुख हरनेवाला,वो मुरली मनोहर आने वाला है।।
Sep 7, 2023 | 12:25 PM IST

जन्माष्टमी पर स्पेशल भोग क्या लगाएं

श्री कृष्ण को माखन खाना खूब पसंद है, इसलिए जन्माष्टमी पर अगर आप छप्पन भोग नहीं लगा पा रहे हैं। तो भगवान को साधारण सा माखन मिश्री का भोग भी लगा सकते हैं।
Sep 7, 2023 | 11:52 AM IST

Krishna Janmashtami Mantra's to chant

ऊँ नमो भगवते श्री गोविन्दाय, गोवल्लभाय स्वाहा, ऊँ श्री नम: श्री कृष्णाय परिपूर्णतमाय स्वाहा, गोकुल नाथाय नम:
Sep 7, 2023 | 11:39 AM IST

Janmashtami Puja vidhi: जन्माष्टमी पर न करें ये काम

श्री कृष्ण को गाय बहुत प्रिय है, ऐसे में जन्माष्टमी के दिन गाय माता को बिल्कुल भी न सताएं। बल्कि जन्माष्टमी और बाकि सभी दिनों में भी गाय माता का पूजन करें और उनका आदर करें।
Sep 7, 2023 | 11:11 AM IST

Janmashtami Krishna Bhajan 2023

जन्माष्टमी के दिन इन भजनों को जरूर सुने - आरती कुंज बिहारी की, नंद के आनंद भयो, अच्युतम केशवं कृष्ण दामोदरं, काली कमली वाला मेरा यार है, अरे द्वारपालों कन्हैया से कह दो..
Sep 7, 2023 | 10:52 AM IST

Janmashtami 2023 Puja Vidhi, Aarti LIVE Updates: जन्माष्टमी पर खीरा खाने का महत्व

खीरे को जन्माष्टमी पर श्री कृष्ण और माता देवकी के विरह का प्रतीक माना जाता है। इस दिन खीरे का डंठल अलग कर दिया जाता है, जिसका संबंध गर्भ के समय गर्भनाल को जैसे काट देते हैं, उससे है।
Sep 7, 2023 | 10:35 AM IST

गुरुग्राम में जन्माष्टमी कब है?

गुरुग्राम में 7 सितंबर को रात 11 बजकर 57 मिनट से लेकर 8 सितंबर को सुबह 12 बजकर 43 मिनट तक जन्माष्टमी के लिए शुभ बताया गया है।
Sep 7, 2023 | 10:13 AM IST

Janmashtami Abhishek samagri list: जन्माष्टमी अभिषेक सामग्री लिस्ट

कृष्णजी का अभिषेक करने के लिए तांबे या चांदी का बर्तन,गणेशजी और मां गौरी के लिए नए वस्त्र और केले का पत्ता भी इकट्ठा कर विधिवत अभिषेक पूरा करें।
Sep 7, 2023 | 09:46 AM IST

Krishna Janmashtami 2023 Puja Vidhi, Aarti: जन्माष्टमी पूजन का पारण समय

जन्माष्टमी की पूजा का पारण समय 8 सितंबर को सुबह 6 बजकर 2 मिनट के बाद शुरू होगा।
Sep 7, 2023 | 09:26 AM IST

Happy Krishna Janmashtami 2023: नंद घर आनंद भयो