Krishna Janmashtami Aarti: श्री कृष्ण जन्माष्टमी आरती लिरिक्स

Janmashtami Puja Muhurat, Parana Time 2023: कृष्ण जन्माष्टमी की पूजा आधी रात में की जाती है। क्योंकि ऐसी मान्यता है कि श्री कृष्ण ने भाद्रपद कृष्ण पक्ष की अष्टमी में रात 12 बजे जन्म लिया था। यहां जानिए कृष्ण जन्माष्टमी पूजा का सबसे शुभ मुहूर्त और जन्माष्टमी व्रत पारण टाइम।

Krishna Janmashtami Puja Muhurat 2023, Janmashtami Vrat Parana Time

Krishna Janmashtami Puja Muhurat, Vrat Parana Time 2023: हिंदू पंचांग अनुसार आज भगवान श्रीकृष्ण का 5250वां जन्मोत्सव मनाया जा रहा है। आज अष्टमी तिथि शाम 4 बजकर 14 मिनट तक रहेगी इसके बाद नवमी लग जाएगी। रोहिणी नक्षत्र सुबह 10 बजकर 25 मिनट तक रहेगा इसके बाद मृगशिरा लग जाएगा। कहा जाता है जब भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ था तब भाद्रपद कृष्णपक्ष की अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र था और उस समय चंद्रमा उदय हो रहा था। इस वर्ष भी श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर ऐसा ही योग बन रहा है जो भगवान कृष्ण के जन्म के समय बना था। जिसे बेहद ही शुभ और दुर्लभ संयोग माना जा रहा है। ज्योतिष के जानकार मानते हैं कि ऐसा दुर्लभ संयोग वर्षों में आता है। यहां जानिए कृष्ण जन्माष्टमी पूजा का शुभ मुहूर्त और व्रत पारण का टाइम।

Krishna Janmashtami Aarti Lyrics

आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
गले में बैजंती माला,
बजावै मुरली मधुर बाला ।
श्रवण में कुण्डल झलकाला,
नंद के आनंद नंदलाला ।
गगन सम अंग कांति काली,
राधिका चमक रही आली ।
लतन में ठाढ़े बनमाली
भ्रमर सी अलक,
कस्तूरी तिलक,
चंद्र सी झलक,
ललित छवि श्यामा प्यारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
॥ आरती कुंजबिहारी की...॥
कनकमय मोर मुकुट बिलसै,
देवता दरसन को तरसैं ।
गगन सों सुमन रासि बरसै ।
बजे मुरचंग,
मधुर मिरदंग,
ग्वालिन संग,
अतुल रति गोप कुमारी की,
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की ॥
॥ आरती कुंजबिहारी की...॥
जहां ते प्रकट भई गंगा,
सकल मन हारिणि श्री गंगा ।
स्मरन ते होत मोह भंगा
बसी शिव सीस,
जटा के बीच,
हरै अघ कीच,
चरन छवि श्रीबनवारी की,
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की ॥
॥ आरती कुंजबिहारी की...॥
चमकती उज्ज्वल तट रेनू,
बज रही वृंदावन बेनू ।
चहुं दिसि गोपि ग्वाल धेनू
हंसत मृदु मंद,
चांदनी चंद,
कटत भव फंद,
टेर सुन दीन दुखारी की,
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की ॥
॥ आरती कुंजबिहारी की...॥
आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
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