Krishna Janmashtami Vrat Parana Time 2023: कृष्ण जन्माष्टमी व्रत खोलने का समय और विधि यहां जानें
Krishna Janmashtami 2023 Vrat Kholne Ka Samay, Puja Vidhi, Shubh Muhurat, Time, Mantra, Aarti in Hindi: कृष्ण जन्माष्टमी व्रत का पारण रात 12 बजे श्री कृष्ण की पूजा के बाद किया जा सकता है। वहीं जो लोग अगले दिन जन्माष्टमी व्रत खोलते हैं उनके लिए 8 सितंबर को व्रत खोलने का समय सुबह 6 बजकर 2 मिनट के बाद का है।
Krishna Janmashtami 2023 Puja Samagri, Vidhi, Muhurat
Krishna Janmashtami 2023 Vrat Khole Ka Samay, Puja Vidhi, Shubh Muhurat, Mantra, Aarti: कृष्ण जन्माष्टमी के दिन कान्हा के भक्त व्रत रखते हैं। मान्यता है इस दिन व्रत रखने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। साथ ही जीवन से रोग, दोष और दुश्मनों का नाश हो जाता है। इस दिन लोग व्रत रख आधी रात में बाल गोपाल की पूजा करते हैं। इस दिन की पूजा में कई विशेष सामग्रियों का प्रयोग किया जाता है जैसे झूला, भगवान कृष्ण की मूर्ति, छोटी बांसुरी, एक नया आभूषण, मुकुट, तुलसी के पत्ते इत्यादि। यहां आप जानेंगे कृष्ण जन्माष्टमी पूजा की सामग्री, पूजा विधि, मंत्र, कथा और पूजा का मुहूर्त।
Krishna Janmashtami Vrat Parana Time 2023 (कृष्ण जन्माष्टमी व्रत खोलने का समय)
जन्माष्टमी व्रत का पारण 8 सितंबर की सुबह 6 बजकर 2 मिनट के बाद किया जा सकेगा। वहीं कई जगह जन्माष्टमी की रात में भी व्रत खोल लिया जाता है। ऐसे में 7 सितंबर की देर रात 12:42 के बाद व्रत पारण का समय रहेगा।
Krishna Janmashtami Puja Samagri (कृष्ण जन्माष्टमी पूजा सामग्री)
भगवान कृष्ण की मूर्ति, बाल गोपाल के लिए झूला, तुलसी के पत्ते, चंदन, अक्षत, मक्खन, केसर, छोटी बांसुरी, एक नया आभूषण, इत्र, सिक्के, सफेद कपड़ा, लाल कपड़ा, कुमकुम, नारियल, मौली, लॉन्ग, मुकुट, छोटी इलायची, कलश, हल्दी, पान, सुपारी, गंगाजल, रूई की बाती, अगरबत्ती, सिंहासन, इत्र, दिया, सरसों का तेल या फिर घी, धूप बत्ती, फल, कपूर और मोरपंख।
Krishna Janmashtami Puja Vidhi (श्री कृष्ण जन्माष्टमी पूजा विधि)
- इस दिन भगवान कृष्ण के बाल स्वरूप लड्डू गोपाल की पूजा की जाती है।
- इस दिन बाल गोपाल का श्रृंगार करके विधि विधान उनकी पूजा करें।
- बाल गोपाल का पालना सजाएं और उसमें उन्हें झूला झुलाएं।
- उनका दूध और गंगाजल से अभिषेक करें।
- फिर उन्हें नए वस्त्र पहनाएं।
- श्री कृष्ण को मुकुट लगाएं और बांसुरी दें।
- फिर चंदन और वैजयंती माला से बाल गोपाल का श्रृंगार करें।
- श्री कृष्ण को भोग स्वरूप तुलसीदल, फल, मखाने, मक्खन, मिश्री का भोग लगाएं।
- साथ ही मिठाई, मेवे और पंजीरी का भोग भी लगाएं।
- अंत में धूप दीप से बाल स्वरूप की आरती उतारें और पूजा में शामिल सभी लोगों को प्रसाद बांटे।
Krishna Janmashtami Puja Muhurat 2023 (कृष्ण जन्माष्टमी पूजा मुहूर्त 2023)
कृष्ण जन्माष्टमी पूजा का निशिता काल मुहूर्त रात 11 बजकर 56 मिनट से रात 12 बजकर 42 मिनट तक रहेगा। वहीं जन्माष्टमी व्रत का पारण 8 सितंबर की सुबह 6 बजकर 2 मिनट के बाद किया जा सकेगा।
Janmashtami Ka Vrat Kaise Kiya Jata Hai (जन्माष्टमी का व्रत कैसे किया जाता है)
- इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद व्रत का संकल्प लें।
- फिर यथाशक्ति अन्न और वस्त्र का दान करें।
- इस दिन सात्विक भोजन का सेवन करें।
- इस व्रत में पानी और चाय पी सकते हैं।
- दूध और दही का सेवन भी कर सकते हैं।
- इसके अलावा आप चाहें तो फलाहार भी ले सकते हैं।
Krishna Janmashtami Mantra (श्री कृष्ण जन्माष्टमी मंत्र)
-ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय नम
-ऊँ कृष्णाय नम:
-कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने। प्रणत क्लेशनाशाय गोविन्दाय नमो नम:
-ऊँ नमो भगवते श्रीगोविन्दाय नम:
-हरे कृष्ण हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे, हरे राम हरे राम, राम राम हरे हरे
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