Krishna Janmashtami Vrat Parana Time: नन्द के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की...यहां देखें जन्माष्टमी व्रत खोलने का समय
Krishna Janmashtami 2023 Puja Muhurat And Puja Vidhi
Janmashtami Vrat Parana Time 2023: कृष्ण जन्माष्टमी को गोकुलाष्टमी, कृष्णाष्टमी, श्री जयंती, अष्टमी रोहिणी, सातम आठम और कृष्ण जन्मोत्सव के नाम से जाना जाता है। ये त्यौहार भगवान कृष्ण के जन्म की खुशी में मनाया जाता है। मान्यता है कि भाद्रपद कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र में कान्हा ने धरती पर जन्म लिया था। इसी उपलक्ष में हर साल इस तिथि पर श्री कृष्ण का जन्मदिवस मनाया जाता है। श्री कृष्ण भगवान विष्णु के 8वें अवतार हैं, जिन्होंने कंस का अंत करने के लिए जन्म लिया था। उनका जन्म आधी रात के आसपास हुआ था जिस वजह से जन्माष्टमी की विशेष पूजा आधी रात में यानि 12 बजे की जाती है।
जन्माष्टमी व्रत का पारण टाइम 2023
जन्माष्टमी व्रत का पारण 8 सितंबर की सुबह 6 बजकर 2 मिनट के बाद किया जा सकेगा। वहीं कई जगह जन्माष्टमी की रात में भी व्रत खोल लिया जाता है। ऐसे में 7 सितंबर की देर रात 12:42 के बाद व्रत पारण का समय रहेगा।
दिल्ली के इस्कॉन पहुंचे HM अमित शाह
VIDEO | Union Home minister Amit Shah offers prayers at ISKCON temple in Delhi on the occasion of Janmashtami. pic.twitter.com/fizM3PZHRL
— Press Trust of India (@PTI_News) September 7, 2023
Aarti For Janmashtami: जन्माष्टमी आरती
आरती कुंजबिहारी की,श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
गले में बैजंती माला,
बजावै मुरली मधुर बाला ।
श्रवण में कुण्डल झलकाला,
नंद के आनंद नंदलाला ।
गगन सम अंग कांति काली,
राधिका चमक रही आली ।
लतन में ठाढ़े बनमाली
भ्रमर सी अलक,
कस्तूरी तिलक,
चंद्र सी झलक,
ललित छवि श्यामा प्यारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
॥ आरती कुंजबिहारी की...॥
कनकमय मोर मुकुट बिलसै,
देवता दरसन को तरसैं ।
गगन सों सुमन रासि बरसै ।
बजे मुरचंग,
मधुर मिरदंग,
ग्वालिन संग,
अतुल रति गोप कुमारी की,
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की ॥
॥ आरती कुंजबिहारी की...॥
जहां ते प्रकट भई गंगा,
सकल मन हारिणि श्री गंगा ।
स्मरन ते होत मोह भंगा
बसी शिव सीस,
जटा के बीच,
हरै अघ कीच,
चरन छवि श्रीबनवारी की,
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की ॥
॥ आरती कुंजबिहारी की...॥
चमकती उज्ज्वल तट रेनू,
बज रही वृंदावन बेनू ।
चहुं दिसि गोपि ग्वाल धेनू
हंसत मृदु मंद,
चांदनी चंद,
कटत भव फंद,
टेर सुन दीन दुखारी की,
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की ॥
॥ आरती कुंजबिहारी की...॥
आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
Janmashtami Aarti Time: जन्माष्टमी आरती टाइम
जन्माष्टमी पूजा का शुभ मुहूर्त शुरू हो गया है। विधि विधान श्री कृष्ण की पूजा करके उनकी आरती करें।Janmashtami Ke Din Chand Kab Niklega: जन्माष्टमी का चांद कब निकलेगा
जानकारी अनुसार चांद रात करीब 11 बजकर 43 मिनट पर दिखाई दे सकता है। इसके बाद जन्माष्टमी पूजा का मुहूर्त शुरू हो जाएगा।Panchamrit Recipe In Hindi: पंचामृत रेसिपी
पंचामृत बनाने के लिए सामग्रीदूध – 1 कप
दही – 1 कप
घी – 2 टी स्पन
शहद – 2 टेबलस्पून
चीनी – 2 टेबलस्पून
तुलसी पत्ते – 3-4
पंचामृत बनाने की विधि: पंचामृत बनाने के लिए दही लें और उसे एक पतीली में डालकर अच्छी तरह से फेंटे। इसके बाद दही में दूध डालें और उसे एक बड़ी चम्मच की मदद से अच्छी तरह से दही के साथ मिक्स कर दें। अब इस मिश्रण में 2 टेबलस्पून शहद और 2 टेबल स्पून चीनी डालें और इसे अच्छे से मिला लें। भगवान श्रीकृष्ण को भोग लगाने के लिए पंचामृत का भोग बनकर तैयार है। पंचामृत में आखिर में तुलसी के पत्ते डाल दें।
Janmashtami Bhajan List: जन्माष्टमी भजन लिस्ट
नन्द के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की | Krishna Janmashtami Bhajan Lyricsहे आनंद उमंग भयो, जय हो नन्द लाल की
नन्द के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की
नन्द के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की ||
हे ब्रज में आनंद भयो, जय यशोदा लाल की
नन्द के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की
नन्द के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की ||
जय हो नन्द लाल की, जय यशोदा लाल की
गोकुल के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की
गोकुल के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की ||
हे आनंद उमंग भयो, जय हो नन्द लाल की
गोकुल के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की
गोकुल के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की ||
जय यशोदा लाल की, जय हो नन्द लाल की
हाथी, घोड़ा, पालकी, जय कन्हैया लाल की
हाथी, घोड़ा, पालकी, जय कन्हैया लाल की ||
जय हो नन्द लाल की, जय यशोदा लाल की
हाथी, घोड़ा, पालकी, जय कन्हैया लाल की
हे आनंद उमंग भयो, जय कन्हैया लाल की ||
हे कोटि ब्रह्माण्ड के, अधिपति लाल की
हाथी, घोड़ा, पालकी, जय कन्हैया लाल की
हाथी, घोड़ा, पालकी, जय कन्हैया लाल की ||
जय हो नन्द लाल की, जय यशोदा लाल की
हाथी, घोड़ा, पालकी, जय कन्हैया लाल की
हे आनंद उमंग भयो, जय कन्हैया लाल की
हे आनंद उमंग भयो, जय कन्हैया लाल की ||
हे गौएँ चराने आये, जय हो पशुपाल की
नन्द के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की
नन्द के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की ||
जय हो नन्द लाल की, जय यशोदा लाल की
हाथी, घोड़ा, पालकी, जय कन्हैया लाल की
हे आनंद उमंग भयो, जय कन्हैया लाल की
हे आनंद उमंग भयो, जय कन्हैया लाल की ||
पूनम के चन्द्र जैसी, सोभा हे पालकी
हाथी, घोड़ा, पालकी, जय कन्हैया लाल की
हे आनंद उमंग भयो, जय कन्हैया लाल की
गोकुल में आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की |
हे आनंद उमंग भयो, जय कन्हैया लाल की
हे आनंद उमंग भयो, जय कन्हैया लाल की ||
ये भक्तों के आनंद कन्द, जय यशोदा लाल की
हाथी, घोड़ा, पालकी, जय कन्हैया लाल की
हाथी, घोड़ा, पालकी, जय कन्हैया लाल की |
जय यशोदा लाल की, जय हो गोपाल की
नन्द के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की
नन्द के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की ||
आनंद से बोलो सब, जय हो ब्रज लाल की
हाथी, घोड़ा, पालकी, जय कन्हैया लाल की
हाथी, घोड़ा, पालकी, जय कन्हैया लाल की |
जय हो ब्रज लाल की, पावन प्रतिपाल की
हे नन्द के आनंद भयो, जय हो नन्द लाल की
नन्द के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की ||
Janmashtami Vrat Kholne Ka Samay: जन्माष्टमी व्रत खोलने का समय
जन्माष्टमी व्रत का पारण 8 सितंबर की सुबह 6 बजकर 2 मिनट के बाद किया जा सकेगा। वहीं कई जगह जन्माष्टमी की रात में भी व्रत खोल लिया जाता है। ऐसे में 7 सितंबर की देर रात 12:42 के बाद व्रत पारण का समय रहेगा।Mathura Janmashtami Live: मथुरा जन्माष्टमी लाइव प्रसारण
Krishna Janmashtami Aarti: कृष्ण जन्माष्टमी आरती
आरती कुंजबिहारी की,श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
गले में बैजंती माला,
बजावै मुरली मधुर बाला ।
श्रवण में कुण्डल झलकाला,
नंद के आनंद नंदलाला ।
गगन सम अंग कांति काली,
राधिका चमक रही आली ।
लतन में ठाढ़े बनमाली
भ्रमर सी अलक,
कस्तूरी तिलक,
चंद्र सी झलक,
ललित छवि श्यामा प्यारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
॥ आरती कुंजबिहारी की...॥
कनकमय मोर मुकुट बिलसै,
देवता दरसन को तरसैं ।
गगन सों सुमन रासि बरसै ।
बजे मुरचंग,
मधुर मिरदंग,
ग्वालिन संग,
अतुल रति गोप कुमारी की,
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की ॥
॥ आरती कुंजबिहारी की...॥
जहां ते प्रकट भई गंगा,
सकल मन हारिणि श्री गंगा ।
स्मरन ते होत मोह भंगा
बसी शिव सीस,
जटा के बीच,
हरै अघ कीच,
चरन छवि श्रीबनवारी की,
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की ॥
॥ आरती कुंजबिहारी की...॥
चमकती उज्ज्वल तट रेनू,
बज रही वृंदावन बेनू ।
चहुं दिसि गोपि ग्वाल धेनू
हंसत मृदु मंद,
चांदनी चंद,
कटत भव फंद,
टेर सुन दीन दुखारी की,
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की ॥
॥ आरती कुंजबिहारी की...॥
आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
Janmashtami Chand Nikalne Ka Time: जन्माष्टमी पर चांद निकलने का समय क्या रहेगा
जन्माष्टमी पर चांद निकलने का समय रात 11 बजकर 43 मिनट का है। वहीं कान्हा की पूजा का समय रात 11 बजकर 55 मिनट से शुरू होगा।Janmashtami Ka Fast Kaise Kholte Hain: जन्माष्टमी का व्रत कैसे खोलते हैं
जन्माष्टमी का व्रत कुछ लोग रात में 12 बजे कान्हा की पूजा करने के बाद खोलते हैं तो वहीं कुछ लोग अगले दिन सूर्योदय के बाद ये व्रत खोलते हैं।Krishna Janmashtami Mantra: श्री कृष्ण जन्माष्टमी मंत्र
-ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय नम-ऊँ कृष्णाय नम:
-कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने। प्रणत क्लेशनाशाय गोविन्दाय नमो नम:
-ऊँ नमो भगवते श्रीगोविन्दाय नम:
-हरे कृष्ण हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे, हरे राम हरे राम, राम राम हरे हरे
Janmashtami Moon Time 2023: चांद निकलने के बाद ऐसे करें बाल गोपाल की पूजा
- बाल गोपाल का श्रृंगार करके विधि विधान से उनकी पूजा करें।
- बाल गोपाल का पालना सजा दें और उसमें उन्हें झूला झुलाएँ।
- उनका दूध और गंगाजल से अभिषेक करें।
- इसके बाद उन्हें नए वस्त्र पहनाएँ।
- उन्हें मुकुट लगाएँ, बांसुरी दें।
- चंदन और वैजयंती माला से लड्डू गोपाल का श्रृंगार करें।
- भोग में उन्हें तुलसीदल, फल, मखाने, मक्खन, मिश्री का भोग लगाएँ। साथ में मिठाई, मेवे, और पंजीरी आदि अर्पित करें।
- अंत में धूप दीप करें और भगवान कृष्ण के बाल स्वरूप की आरती उतारें और पूजा में शामिल सभी लोगों को प्रसाद बांटे।
आज चांद कितने बजे निकलेगा 2023
हर किसी को जन्माष्टमी के चांद निकलने का बेसब्री से इंतजार है। दरअसल कई लोग इस दिन चांद की पूजा भी करते हैं। तो बता दें आज चांद निकलने का समय रात 11:43 का है।7 September 2023 Ko Chand Kab Niklega: जानें चांद निकलने का समय
जन्माष्टमी के दिन कई लोग चांद निकलने के बाद अपना व्रत खोलते हैं। इस दिन चांद निकलने का समय रात 11 बजकर 43 मिनट का हैAaj Chand Kab Niklega: आज चांद कब निकलेगा
आज चांद रात 11 बजकर 43 मिनट पर निकलेगा। इससे पहले जन्माष्टमी पूजा की तैयारी पूरी कर लें।Krishna Janmashtami Aarti Lyrics In Hindi
Panchamrit Recipe In Hindi: पंचामृत बनाने का तरीका
पंचामृत बनाने के लिए सामग्रीदूध – 1 कप
दही – 1 कप
घी – 2 टी स्पन
शहद – 2 टेबलस्पून
चीनी – 2 टेबलस्पून
तुलसी पत्ते – 3-4
पंचामृत बनाने की विधि: पंचामृत बनाने के लिए दही लें और उसे एक पतीली में डालकर अच्छी तरह से फेंटे। इसके बाद दही में दूध डालें और उसे एक बड़ी चम्मच की मदद से अच्छी तरह से दही के साथ मिक्स कर दें। अब इस मिश्रण में 2 टेबलस्पून शहद और 2 टेबल स्पून चीनी डालें और इसे अच्छे से मिला लें। भगवान श्रीकृष्ण को भोग लगाने के लिए पंचामृत का भोग बनकर तैयार है। पंचामृत में आखिर में तुलसी के पत्ते डाल दें।
Krishna Aarti Lyrics (श्री कृष्ण जी की आरती)
आरती कुंजबिहारी की,श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
गले में बैजंती माला,
बजावै मुरली मधुर बाला ।
श्रवण में कुण्डल झलकाला,
नंद के आनंद नंदलाला ।
गगन सम अंग कांति काली,
राधिका चमक रही आली ।
लतन में ठाढ़े बनमाली
भ्रमर सी अलक,
कस्तूरी तिलक,
चंद्र सी झलक,
ललित छवि श्यामा प्यारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
॥ आरती कुंजबिहारी की...॥
कनकमय मोर मुकुट बिलसै,
देवता दरसन को तरसैं ।
गगन सों सुमन रासि बरसै ।
बजे मुरचंग,
मधुर मिरदंग,
ग्वालिन संग,
अतुल रति गोप कुमारी की,
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की ॥
॥ आरती कुंजबिहारी की...॥
जहां ते प्रकट भई गंगा,
सकल मन हारिणि श्री गंगा ।
स्मरन ते होत मोह भंगा
बसी शिव सीस,
जटा के बीच,
हरै अघ कीच,
चरन छवि श्रीबनवारी की,
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की ॥
॥ आरती कुंजबिहारी की...॥
चमकती उज्ज्वल तट रेनू,
बज रही वृंदावन बेनू ।
चहुं दिसि गोपि ग्वाल धेनू
हंसत मृदु मंद,
चांदनी चंद,
कटत भव फंद,
टेर सुन दीन दुखारी की,
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की ॥
॥ आरती कुंजबिहारी की...॥
आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
आरती कुंजबिहारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥
Krishna Janmashtami Puja Vidhi (श्री कृष्ण जन्माष्टमी पूजा विधि)
इस दिन भगवान कृष्ण के बाल स्वरूप लड्डू गोपाल की पूजा की जाती है।इस दिन बाल गोपाल का श्रृंगार करके विधि विधान उनकी पूजा करें।
बाल गोपाल का पालना सजाएं और उसमें उन्हें झूला झुलाएं।
उनका दूध और गंगाजल से अभिषेक करें।
फिर उन्हें नए वस्त्र पहनाएं।
श्री कृष्ण को मुकुट लगाएं और बांसुरी दें।
फिर चंदन और वैजयंती माला से बाल गोपाल का श्रृंगार करें।
श्री कृष्ण को भोग स्वरूप तुलसीदल, फल, मखाने, मक्खन, मिश्री का भोग लगाएं।
साथ ही मिठाई, मेवे और पंजीरी का भोग भी लगाएं।
अंत में धूप दीप से बाल स्वरूप की आरती उतारें और पूजा में शामिल सभी लोगों को प्रसाद बांटे।
Janmashtami Prasad Recipe: जन्माष्टमी प्रसाद रेसिपी
मक्खन मिश्री रेसिपीआप मक्खन मिश्री बनाने के लिए सफेद और ताजा मक्खन भी ले सकते हैं। लेकिन अगर मक्खन न हो तो घी में बर्फ डालकर उसे अच्छी तरह फेंट लें। घी फेंटते हुए आपको मक्खन अलग होता दिखेगा। इससे बर्फ निकाल लें और बने हुए मक्खन में मिश्री डालकर अच्छी तरह से मिलाएं।
आपका प्रसाद तैयार है। इसे एक साफ सर्विंग बाउल में निकालकर भगवान को भोग लगाएं।
Krishna Janmashtami Puja timings 2023: 7 को जन्माष्टमी मना रहे लोगों के लिए पूजा का मुहूर्त
निशिता पूजा का समय - 7 सितंबर 2023, रात 11:56 - 8 सितंबर 2023, प्रात: 12:42अवधि - 46 मिनटHappy Krishna Janmashtami: बृज में आनंद भयो, जय यशोदा लाल की
नन्द के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल कीबृज में आनंद भयो, जय यशोदा लाल कीहाथी घोडा पालकी , जय कन्हैया लाल कीहो बृज में आनंद भयो, जय यशोदा लाल कीहाथी घोडा पालकी , जय कन्हैया लाल कीजय हो नंदलाल की, जय यशोदा लाल की..Shri Krishna Janmashtami songs: जन्माष्टमी के गाने
आरती कुंज बिहारी की, गोविंद बोलो हरी गोपाल बोलो, मेरा आपकी कृपा से, तुम प्रेम हो तुम प्रीत हो, अच्यु तम केशवम्जन्माष्टमी के व्रत में क्या खाएं?
जन्माष्टमी के व्रत में आप फल, साबूदाना, कुट्टू समेत सिंघाडे का आटा खा सकते हैं।Janmashtami 2023 Live Updates: कितनी बजे जन्म लेंगे कान्हा
श्रीकृष्ण का जन्म मध्यरात्रि में हुआ था। इसलिए कई लोग अष्टमी तिथि यानी छह सितंबर की रात को कृष्ण जन्म का उत्सव मना रहे हैं। हालांकि चूंकि कृष्ण वैष्णव मतावलंबियों के आराध्य हैं। इसलिए जन्माष्टमी सूर्योदय व्यापिनी अष्टमी तिथि में अर्थात सात सितंबर को भी मनाई जाएगी।Krishna Janmashtami Puja Vidhi, City wise Timing: लखनऊ में कृष्ण जन्माष्टमी की पूजा कब है?
लखनऊ में जन्माष्टमी का शुभ मुहूर्त 7 सितंबर की तारीख को रात 11 बजकर 41 मिनट से लेकर सुबह 12 बजकर 29 मिनट तक रहेगा।कृष्ण और कंस का युद्ध
भगवान ने केश पकड़ कर उसे मंच से धरती पर पटक दिया। फिर श्री कृष्ण स्वयं उसके ऊपर कूद पड़े। उनके कूदते ही कंस की मृत्यु हो गई।Krishna Janmashtmi Mantra: श्री कृष्ण के चमत्कारी मंत्र
ष्ण का वो चमत्कारी मंत्र है, जिसका विधिवत जप करने भक्तों के जीवन की सारी चिंताएं दूर हो जाती है।कृष्ण जन्माष्टमी की बहुत बहुत बधाई..
गोकुल में उनका निवासकरते हैं गोपियों के संग रासदेवकी और यशोदा हैं जिनकी मैयाऐसे हैं हमारे कृष्ण कन्हैयाजन्माष्टमी मंगलदायक होKrishna Janmashtami Puja Vidhi: जन्माष्टमी पूजा विधि
जन्माष्टमी व्रत से एक दिन पहले यानि सप्तमी को सात्विक भोजन करें।फिर अष्टमी को यानि जन्माष्टमी वाले दिन प्रातःकाल उठकर स्नानादि करें।फिर सभी देवी-देवताओं को नमस्कार कर पूर्व या उत्तर दिशा की तरफ मुख करके बैठ जाएं।इसके बाद हाथ में जल और पुष्प लेकर व्रत का संकल्प लें और बाल गोपाल की पूजा करें।दोपहर में जल में काले तिल मिलाकर दोबारा से स्नान करें। साथ ही इस समय देवकी जी के लिए एक प्रसूति गृह तैयार करें।इस प्रसूति गृह में एक साफ बिछौना बिछाकर उसपर कलश स्थापित करें।फिर माता देवकी, वासुदेव, बलदेव, नन्द, माता यशोदा और लक्ष्मी जी की विधि विधान पूजा करें।रात में 12 बजने से पहले एक बार फिर से स्नान कर लें। अब एक चौकी पर साफ लाल कपड़ा बिछाएं और उसपर भगवान कृष्ण की मूर्ति स्थापित करें।कृष्ण को पंचामृत और गंगाजल से स्नान कराएं। साथ ही उन्हें नए वस्त्र पहनाकर उनका अच्छे से श्रृंगार करें।इसके बाद बाल गोपाल को धूप और दीप दिखाएं। साथ ही उन्हें रोली-अक्षत का तिलक लगाकर माखन-मिश्री का भोग लगाएं।ध्यान रहे कि भगवान की पूजा में तुलसी के पत्ते का उपयोग अवश्य करें। विधिपूर्वक पूजा के बाद बाल गोपाल से पूजा में हुई गलती की क्षमा प्रार्थना करें।अंत में श्री कृष्ण की आरती उतारकर पूजा संपन्न करें।दही हांडी कब है?
कृष्ण जन्माष्टमी के बाद 7 सितंबर की तारीख को दही हांडी का कार्यक्रम मनाया जाएगा।Janmashtami Vrat 2023 Puja Vidhi, Muhurat LIVE: अष्टमी तिथि समाप्त कब होगी?
जन्माष्टमी की अष्टमी तिथि 7 सितंबर को दोपहर 4 बजकर 14 मिनट पर समाप्त होगी।बांके बिहारी मंदिर में ठाकुर जी का अभिषेक कब होगा?
बांके बिहारी मंदिर में रात को 12 बजे ठाकुर जी का अभिषेक होगा और उसके बाद आधी रात को 1 बजकर 55 मिनट पर मंगला आरती होगी।हैप्पी कृष्ण जन्माष्टमी
Janmashtami Vrat 2023 Puja Vidhi, Muhurat LIVE: जन्माष्टमी पर पंचामृत का महत्व
शरीर की शुद्धि के लिए पंचामृत बहुत महत्पूर्ण माना जाता है। धर्म कर्म के साथ साथ पंचामृत का सेवन सेहत में सुधार करने के लिए भी बेहतरीन माना जाता है।जन्माष्टमी पर जपे श्री कृष्ण के ये मंत्र
ऊँ नमो भगवते श्री गोविन्दाय, गोवल्लभाय स्वाहा, ऊँ श्री नम: श्री कृष्णाय परिपूर्णतमाय स्वाहा, गोकुल नाथाय नम:जन्माष्टमी का सही मुहूर्त क्या है?
श्री कृष्ण जन्माष्टमी का सही मुहूर्त 6 सितंबर को दोपहर 3 बजकर 27 मिनट से शुरू हो चुका है। वहीं ये 7 सितंबर की शाम 4 बजकर 14 मिनट पर समाप्त होगा।Janmashtami vrat rules: जन्माष्टमी पर तुलसी पत्ता तोड़ सकते हैं?
जन्माष्टमी के दिन तुलसी का पत्ता तोड़ने की सख्त मनाही होती है।दिसंबर में इन राशि वालों की बढ़ेगी टेंशन, किसी बड़ी दुर्घटना के हैं प्रबल आसार, रहें सावधान!
मकर, कुंभ या मीन? जानिए 2025 में कौन सी राशि शनि साढ़े साती से हो रही है मुक्त
Aaj Ka Panchang 23 November 2024: मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि का पंचांग, जानिए शुभ मुहूर्त और राहुकाल
Mundan Muhurat 2025: मुंडन मुहूर्त 2025, जानिए जनवरी से दिसंबर तक की डेट्स
एकादशी व्रत की करना चाहते हैं शुरुआत, तो नवंबर की ये एकादशी है खास
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