Krishna Aarti Lyrics In Hindi: आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की...कृष्ण जन्माष्टमी की आरती

Krishna Ji Ki Aarti Lyrics in Hindi (आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की): जन्माष्टमी के दिन बाल गोपाल की विधि विधान पूजा करनी चाहिए साथ ही उन्हें माखन-मिश्री का भोग जरूर लगाना चाहिए। इसी के साथ इस दिन श्री कृष्ण की आरती करना बिल्कुल भी न भूलें। यहां देखें भगवान कृष्ण की आरती के लिरिक्स।

janmashtami ki aarti

Krishna Ji Ki Aarti Hindi Lyrics

Krishna Ji Ki Aarti Lyrics In Hindi, Aarti Kunj Bihari Ki Shridhar Krishna Murari Ki Aarti in Hindi: श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व 6 और 7 सितंबर दोनों दिन मनाया जाएगा। गृहस्थ जीवन वाले लोग 6 सितंबर को जन्माष्टमी मनाएंगे तो वहीं वैष्णव समुदाय के लोग 7 सितंबर को भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाएंगे। वहीं मथुरा, वृंदावन और इस्कॉन मंदिर में 7 सितंबर को जन्माष्टमी (Krishna Janmashtami 2023) मनाई जाएगी। जन्माष्टमी के दिन बाल गोपाल की पूजा की जाती है। इस दिन लोग व्रत रखते हैं और रात 12 बजे कान्हा की विधि-विधान पूजा करते हैं। पूजा के समय श्री कृष्ण भगवान की आरती जरूर की जाती है। यहां देखें जन्माष्टमी पूजा की आरती (Janmashtami Aarti)।

Krishna Janmashtami 56 Bhog

Krishna Aarti Lyrics (श्री कृष्ण जी की आरती)

आरती कुंजबिहारी की,

श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥

आरती कुंजबिहारी की,

श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥

गले में बैजंती माला,

बजावै मुरली मधुर बाला ।

श्रवण में कुण्डल झलकाला,

नंद के आनंद नंदलाला ।

गगन सम अंग कांति काली,

राधिका चमक रही आली ।

लतन में ठाढ़े बनमाली

भ्रमर सी अलक,

कस्तूरी तिलक,

चंद्र सी झलक,

ललित छवि श्यामा प्यारी की,

श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥

॥ आरती कुंजबिहारी की...॥

कनकमय मोर मुकुट बिलसै,

देवता दरसन को तरसैं ।

गगन सों सुमन रासि बरसै ।

बजे मुरचंग,

मधुर मिरदंग,

ग्वालिन संग,

अतुल रति गोप कुमारी की,

श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की ॥

॥ आरती कुंजबिहारी की...॥

जहां ते प्रकट भई गंगा,

सकल मन हारिणि श्री गंगा ।

स्मरन ते होत मोह भंगा

बसी शिव सीस,

जटा के बीच,

हरै अघ कीच,

चरन छवि श्रीबनवारी की,

श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की ॥

॥ आरती कुंजबिहारी की...॥

चमकती उज्ज्वल तट रेनू,

बज रही वृंदावन बेनू ।

चहुं दिसि गोपि ग्वाल धेनू

हंसत मृदु मंद,

चांदनी चंद,

कटत भव फंद,

टेर सुन दीन दुखारी की,

श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की ॥

॥ आरती कुंजबिहारी की...॥

आरती कुंजबिहारी की,

श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥

आरती कुंजबिहारी की,

श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ॥

भगवान कृष्ण की आरती करने के बाद उन्हें 56 भोग या केवल माखन-मिश्री का भोग लगाएं। इससे आपकी पूजा संपन्न मानी जाएगी और आपको पूजा का पूरा फल भी मिल जाएगा।

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