Kumbh sankranti 2023 : कब है कुंभ संक्राति, जानिए क्या है इस दिन का महत्व
Kumbh Sankranti 2023: कुंभ संक्राति का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। इस दिन भी मकर संक्राति की तरह नदी स्नान, दान पुण्य और सूर्य उपासना की जाती है। इस वर्ष 13 फरवरी को कुंभ संक्राति है। चलिए जानते हैं इस दिन से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण बातें, जिससे पर्व को नियम से करने पर फल मिले।



- हिंदू धर्म में संक्राति का बहुत महत्व है। सूर्य एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश को संक्राति कहते हैं।
- कुंभ संक्राति के अवसर पर स्नान ध्यान और दान पुण्य करने की परंपरा है।
- कुंभ संक्राति के अवसर पर भी स्नान ध्यान और दान पुण्य करने की परंपरा है।
Kumbh sankranti 2023: हिंदू धर्म में संक्राति का विशेष महत्व है। सूर्य के एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश को संक्राति कहते हैं। सूर्य वर्ष के 12 माहों में हर माह के बाद दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं। फाल्गुन माह में सूर्य मकर राशि से कुंभ राशि में प्रवेश करते हैं और इस अवसर को कुंभ संक्राति कहते हैं। इस वर्ष 13 फरवरी को कुंभ संक्राति है। कुंभ संक्राति हिंदू कैलेंडर में ग्यारहवें माह की शुरूआत का प्रतीक है। वर्ष की सभी बारह संक्रतियां दान पुण्य के लिए अत्यंत शुभ मानी जाती हैं। मकर संक्राति की तरह ही कुंभ संक्राति के अवसर पर भी स्नान ध्यान और दान पुण्य करने की परंपरा है। संक्राति के अवसर पर देश भर में लोग नदियों में स्नान करते हैं। विशेष तौर पर गंगा में स्नान का खास महत्व है। इस दिन स्नान व दान पुण्य से सूर्य देव प्रसन्न होते हैं।
कुंभ संक्राति का महत्व
शास्त्रों के अनुसार सभी ग्रहों की भांति सूर्य भी हर माह राशि अपनी राशि बदलते हैं। सूर्य के राशि परिवर्तन को संक्राति कहते है। सूर्य जिस राशि में प्रवेश करते हैं उसे संक्रति का नाम दिया गया है। पंचाग के अनुसार वर्ष 2023 में सूर्य 13 फरवरी को मकर राशि से कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे। इस दिन पूजा, जाप, दान और स्नान से जातक को शुभ फलों की प्राप्ति होगी। इस अवसर पर गायों का दान अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन विधि विधान से सूर्य देव की पूजा की जाती है। सभी संक्रातियों में मकर संक्राति का विशेष महत्व है। हालांकि कुंभ संक्राति का भी काफी महत्व है। इस तिथि का पूर्णिमा, एकादशी और अमावस्या जितना महत्व होता है। संकाति के अवसर पर पवित्र नदी में स्नान से मोक्ष प्राप्त होता है। देवी पुराण के अनुसार कुंभ संक्राति के दिन स्नान से ब्रह्म लोक की प्राप्ति होती है जबकि ऐसा नहीं करने के कारण कई जन्मों तक दरिद्रता घेरे रहती है।
पुण्य काल मुहूर्त
2023 में कुंभ संक्राति 13 फरवरी को है। इस दिन पुण्य काल मुहूर्त सुबह 7 बजकर 2 मिनट से शुरू होकर 9 बजकर 57 मिनट तक रहेगा। पुण्यकाल की लगभग 2 घंटे 55 मिनट की होगी।
(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)
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