Lakshmi Panchami 2023: लक्ष्मी पंचमी पर ऐसे करें महालक्ष्मी की पूजा, साल भर पैसों की नहीं होगी कमी
Lakshmi (Laxmi) Panchami 2023 Puja Vidhi, Muhurat: लक्ष्मी पंचमी व्रत इस साल 25 मार्च को रखा जाएगा। कहते हैं इस दिन जो व्यक्ति सच्चे दिल से माता लक्ष्मी की पूजा करता है उसके जीवन के सारे दुख-दर्द दूर हो जाते हैं। जानिए लक्ष्मी पंचमी की पूजा विधि, मुहूर्त, कथा और महत्व।
Laxmi Panchami 2023: लक्ष्मी पंचमी 2023 पूजा विधि, व्रत कथा, मुहूर्त और महत्व
Lakshmi (Laxmi) Panchami 2023 Puja Vidhi, Muhurat And Katha: हर साल चैत्र शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को लक्ष्मी पंचमी मनाई जाती है। ये दिन धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना के लिए खास माना गया है। इस त्योहार को श्री पंचमी (Shree Panchami) या श्री व्रत (Shree Vrat) के रूप में भी जाना जाता है। कहते हैं इस दिन व्रत रखने से मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है। जिससे जीवन में खुशहाली और समृद्धि आती है। इस बार लक्ष्मी पंचमी पर्व 25 मार्च, शनिवार के दिन मनाया जाएगा। जानिए लक्ष्मी पंचमी की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त, महत्व और उपाय।
लक्ष्मी पंचमी व्रत का हिंदू धर्म में खास महत्व माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं अनुसार इस दिन व्रत रखने से देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। ये व्रत इंसान को सुख-समृद्धि और धन-दौलत देता है। अगर आप आर्थिक तंगी से जझ रहे हैं या नौकरी और व्यवसाय में असफलता का सामना करना पड़ रहा है तो लक्ष्मी पंचमी का व्रत जरूर करें।
लक्ष्मी पंचमी 2023 मुहूर्त (Laxmi Panchami 2023 Muhurat)
लक्ष्मी पंचमी व्रत 25 मार्च 2023 में शनिवार के दिन रखा जाएगा। पंचमी तिथि की शुरुआत 25 मार्च की शाम 04:23 बजे से होगी और इसकी समाप्ति 26 मार्च की शाम 04:32 बजे हो जाएगी। ऐसे में 25 मार्च को शाम के समय मां लक्ष्मी की पूजा की जाएगी।
लक्ष्मी पंचमी पूजन विधि (Laxmi Panchami 2023 Puja Vidhi)
- लक्ष्मी पंचमी व्रत से एक दिन पहले स्नान करके साफ कपड़े पहनने चाहिए।
- इसके बाद रात में दही और भात भोजन ग्रहण करना चाहिए।
- फिर अगले दिन यानि लक्ष्मी पंचमी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए और माता लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए।
- सबसे पहले पूजा स्थान को अच्छे से साफ कर लें। फिर माता लक्ष्मी की प्रतिमा को पंचामृत से स्नान कराएं।
- फिर देवी लक्ष्मी को फूल, केले के पत्ते, चंदन, सुपारी, लाल धागा, चावल, नारियल और दूर्व का प्रसाद अर्पित करें।
- इस दिन पूजा में अनाज, हल्दी, गुड़, अदरक इत्यादि भी जरूर शामिल करें।
- पूजा के समय लक्ष्मी के स्तोत्र और मंत्र का जाप करें।
- फिर लक्ष्मी पंचमी की कथा सुनें।
- पूजा में घी का दीपक जलाएं और माता लक्ष्मी की आरती करें।
- इसके बाद माता को भोग लगाएं।
- फिर ब्राह्मणों को भोजन कराएं और दक्षिणा दें।
- इस व्रत में अन्न ग्रहण नहीं करना चाहिए। व्रती को केवल फल, दूध और मिठाई का ही सेवन करना चाहिए।
- लक्ष्मी पंचमी के दिन कनकधारा स्तोत्र, लक्ष्मी स्तोत्रम और श्री सुक्तम सहित विभिन्न स्तोत्रों का पाठ करना चाहिए।
लक्ष्मी पंचमी व्रत कथा (Laxmi Panchami Vrat Katha)
पौराणिक कथाओं अनुसार एक बार माता लक्ष्मी देवताओं से रूठकर क्षीर सागर चली गयी थीं। मां लक्ष्मी के यूँ चले जाने से सभी देवता श्री विहीन हो गए। तब इंद्र देव ने मां लक्ष्मी को खुश करने के लिये कठोर तपस्या की और उपवास भी रखा। इंद्र देव को ऐसा करते देख बाकी सभी देवताओं ने भी मां लक्ष्मी के लिए व्रत रखा और उनकी सच्चे मन से अराधना की। ये देखकर देवी लक्ष्मी प्रसन्न हुई और पुनः सबके सामने प्रकट हो गईं। बताया जाता है कि इसी के बाद माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु का विवाह हुआ। मान्यता है कि ये शुभ काम जिस दिन संपन्न हुआ था उस दिन चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि थी। यही वजह है कि तबसे इस दिन को लक्ष्मी पंचमी के व्रत के रूप में मनाया जाने लगा।
मां लक्ष्मी के मंत्र (Maa Laxmi Mantra)
-महालक्ष्मी च विद्महे,
विष्णुपत्नी च धीमहि,
तन्नो लक्ष्मी: प्रचोदयात्।
-ॐ श्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै श्रीं श्रीं ॐ नम:
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धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हूं। पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। 10 साल से मीडिया में काम कर रही हूं। पत्रकारिता में करि...और देखें
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