Lalita Saptami 2023: ललिता सप्तमी के दिन इस विधि से करें पूजा, जानिए क्या है इसकी पौराणिक कथा

Lalita Saptami 2023: सनातन धर्म में भाद्रपद के महीने का विशेष महत्व है। इस महीने में विश्वासी भगवान के प्रति अपनी भक्ति को गहरा करते हैं। इस महीने में अनेक त्योहार मनाये जाते हैं। इन्हीं में से एक है ललिता सप्तनी का पर्व । ललिता सप्तमी पूजा विधि क्या है। यहां जानें सारी जानकारी।

Lalita Saptami 2023

Lalita Saptami 2023: सनातन धर्म में हर एक तीज त्योहार का बहुत महत्व है। हर साल भाद्रपद महीने की शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को ललिता सप्तमी मनाई जाती है। इस बार ये त्योहार आज यानि 22 सितंबर 2023 को मनाई जा रही है। ललिता राधा रानी की सबसे प्रिय सखी थी। उनके जन्मदिवस के रूप में ललिता सप्तमी मनाई जाती है। यह त्योहार ब्रज में बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। ललिता सप्तमी को संतान सप्तमी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन का व्रत करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है और संतानों की आयु में वृद्धि होती है। ऐसी मान्यता है कि जो भी इस दिन विधि- विधान से देवी ललिता की पूजा करता है। उसके ऊपर भगवान कृष्ण की कृपा बरसती है। आइए जानते हैं ललिता सप्तमी के दिन किस विधि से पूजा करनी चाहिए।

संबंधित खबरें

ललिता सप्तमी पूजा विधि ( Lalita Saptami Puja Vidhi)
  • इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें।
  • फिर पूजा स्थल को साफ करके पूजा के लिए बैठें और सबसे पहले भगवान श्री गणेश का ध्यान करें।
  • फिर भगवान श्री गणेश, भगवान श्री कृष्ण, देवी ललिता, भगवान माता पार्वती और भगवान शालिग्राम की पूजा करें।
  • पूजा के दौरान प्रसाद के रूप में नारियल, चावल, हल्दी, चंदन , गुलाल, फूल और दूध चढ़ाया जाता है।
  • उसके बाद एख तांबे का बर्तन ले और उसमे जल भरें।
  • पूजा के दौरान लाल रंग का धाग अर्पित करें और उसको अपनी कलाई पर बांध लें।
  • फिर कथा का पाठ करें और आरती करें।

संबंधित खबरें

ललिता सप्तमी कथा ( Lalita Saptami Katha)पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान कृष्ण की आठ सखियाम थीं और उनके नाम थे श्री राधा, श्री ललिता, श्री विशाखा, श्री चित्रा, श्री इंदुलेखा, श्री चंपकलता, श्री रंग देवी, श्री सुदेवी और श्री तुंगविद्या। माना जाता है कि इन सभी मित्रों में से नंदलाल श्री राधा जी और ललिता जी से सबसे अधिक प्रेम करते थे। ललिता सप्तमी का व्रत भी श्री कृष्ण की प्रिय सखी ललिता जी को समर्पित है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन श्री कृष्ण और राधा रानी के साथ श्री ललिता जी की पूजा करने से भक्त श्री कृष्ण के प्रेम में पड़ जाते हैं। हम सभी जानते हैं कि सृष्टि के रचयिता भगवान श्री कृष्ण जिसकी परवाह करते हैं उसकी झोली दुनिया की सारी खुशियों से भर देते हैं। शास्त्र यह भी कहते हैं कि ललिता सप्तमी की पूजा करने से संतान सुख की भी प्राप्ति होती है।

संबंधित खबरें
End Of Feed