Laxmi Ji Ki Aarti Likhi Hui, लक्ष्मी जी की आरती: ओम जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता और ॐ जय लक्ष्मी रमणा माता...

Laxmi Ji Ki Aarti Lyrics in Hindi (ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता आरती): दिवाली पूजा बिना माता लक्ष्मी की आरती के अधूरी मानी जाती है। ऐसे में दिवाली के दिन शुभ मुहूर्त में लक्ष्मी जी की आरती जरूर करनी चाहिए।

diwali laxmi ji ki aarti

Diwali Laxmi Aarti In Hindi

Laxmi Ji Ki Aarti Lyrics in Hindi (ओम जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता आरती): दिवाली का दिन महालक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए बेहद खास माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन मां लक्ष्मी धरती पर आती हैं और जिस घर में उनकी सच्चे मन से अराधना की जाती है वहां वे अपनी कृपा बरसाती हैं। इस बार दिवाली का महापर्व 12 नवंबर को मनाया जा रहा है। इस दिन शुभ मुहूर्त में मां लक्ष्मी की विधि विधान पूजा करें और इस दौरान उनकी आरती भी जरूर करें। यहां देखें माता लक्ष्मी की आरती के लिरिक्स लिखित में।

Laxmi Ji Ki Aarti, Mata Lakshmi Aarti Pdf, माता लक्ष्मी की आरती

ॐ जय लक्ष्मी माता, तुमको निस दिन सेवत,
मैया जी को निस दिन सेवत
हर विष्णु विधाता || ॐ जय ||
उमा रमा ब्रम्हाणी, तुम ही जग माता
ओ मैया तुम ही जग माता
सूर्य चन्द्र माँ ध्यावत, नारद ऋषि गाता || ॐ जय ||
दुर्गा रूप निरंजनी, सुख सम्पति दाता
ओ मैया सुख सम्पति दाता
जो कोई तुम को ध्यावत, ऋद्धि सिद्धि धन पाता || ॐ जय ||
तुम पाताल निवासिनी, तुम ही शुभ दाता
ओ मैया तुम ही शुभ दाता
कर्म प्रभाव प्रकाशिनी, भव निधि की दाता || ॐ जय ||
जिस घर तुम रहती तहँ सब सदगुण आता
ओ मैया सब सदगुण आता
सब सम्ब्नव हो जाता, मन नहीं घबराता || ॐ जय ||
तुम बिन यज्ञ न होता, वस्त्र न कोई पाता
ओ मैया वस्त्र ना पाटा
खान पान का वैभव, सब तुम से आता || ॐ जय ||
शुभ गुण मंदिर सुन्दर, क्षीरोदधि जाता
ओ मैया क्षीरोदधि जाता
रत्ना चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता || ॐ जय ||
धुप दीप फल मेवा, माँ स्वीकार करो
मैया माँ स्वीकार करो
ज्ञान प्रकाश करो माँ, मोहा अज्ञान हरो || ॐ जय ||
महा लक्ष्मीजी की आरती, जो कोई जन गाता
ओ मैया जो कोई गाता
उर आनंद समाता, पाप उतर जाता || ॐ जय ||

ॐ जय लक्ष्मी रमणा श्री सत्यनारायण आरती

ॐ जय लक्ष्मी रमणा, स्वामी जय लक्ष्मी रमणा
सत्य नारायण स्वामी, जन पातक हरणा, ॐ जय लक्ष्मी रमणा...
रतन जड़ित सिंहासन अद्भुत छवि राजे
नारद करत निरंतर, घंटा ध्वनि बाजे, ॐ जय लक्ष्मी रमणा...
प्रगट भए कलि कारण, द्विज को दरश दियो
बूढो ब्राह्मण बनकर कंचन महल कियो, ॐ जय लक्ष्मी रमणा...
दुर्बल भील कराल जिन पर कृपा करी
चंद्रचूड़ एक राजा जिनकी विपति हरी, ॐ जय लक्ष्मी रमणा...
वैश्य मनोरथ पायो श्रद्धा तज दिनी
सो फल भोग्यो प्रभुजी, फिर स्तुति किन्ही, ॐ जय लक्ष्मी रमणा...
भाव भक्ति के कारण, छिन-छिन रूप धरयो
श्रद्धा धारण किन्ही तिनको काज सरयो, ॐ जय लक्ष्मी रमणा...
ग्वाल बाल संग राजा वन में भक्ति करी
मन वांछित फल दीन्हो, दीन दयाल हरी, ॐ जय लक्ष्मी रमणा...
चढ़त प्रसाद सवायो कदली फल मेवा
धूप दीप तुलसी से राजी सत्यदेव, ॐ जय लक्ष्मी रमणा...
श्री सत्यनारायण जी की आरती जो कोई नर गावे
तन मन सुख सम्पति, मन वांक्षित फल पावे, ॐ जय लक्ष्मी रमणा...
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