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दिवाली पर पहले गणेश जी की आरती, फिर करें माता लक्ष्मी की आरती, देखें लिरिक्स

दिवाली के दिन करें माला लक्ष्मी की आरती, गणेश जी की आरती और काली माता की आरती। यहां देखें दिवाली की आरती के लिरिक्स।

दिवाली पर पहले गणेश जी की आरती, फिर करें माता लक्ष्मी की आरती, देखें लिरिक्स
आज यानी 1 नवंबर 2024 को बड़ी दिवाली का त्योहार मनाया जा रहा है। इस दिन मुख्य रूप से माता लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा की जाती है। तो वहीं बंगाल में इस दिन माता काली की पूजा होती है। पंचांग अनुसार दिवाली लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त सायंकाल 05:36 से रात्रि 06:16 बजे तक रहेगा तो वहीं प्रदोष काल शाम 05:36 से 08:11 बजे तक रहेगा। वृषभ काल 06:20 से 08:15 बजे तक रहेगा। कार्तिक अमावस्या 31 अक्टूबर की दोपहर 03:52 बजे से 01 नवम्बर को सायंकाल 06 बजकर 16 मिनट तक रहेगी। इन मुहूर्तों में दिवाली की पूजा करना शुभ रहेगा। दिवाली पूजन के समय माता लक्ष्मी, गणेश जी और काली माता की आरती जरूर करनी चाहिए। यहां देखें दिवाली आरती के लिरिक्स।

Diwali 2024 Laxmi Ganesh Puja Vidhi, Samagri List Live

दिवाली पूजा आरती (Diwali Puja Aarti)

ओम जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।
तुमको निशिदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता, मैय्या तुम ही जग माता।
सूर्य-चंद्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
दुर्गा रुप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता, मैय्या सुख संपत्ति पाता।
जो कोई तुमको ध्याता, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता, मैय्या तुम ही शुभ दाता।
कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता, मैय्या सब सद्गुण आता।
सब संभव हो जाता, मन नहीं घबराता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता, मैय्या वस्त्र न कोई पाता।
खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
शुभ-गुण मंदिर सुंदर, क्षीरोदधि-जाता, मैय्या क्षीरगदधि की जाता।
रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
महालक्ष्मीजी की आरती, जो कोई जन गाता, मैय्या जो कोई जन गाता।
उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
सब बोलो लक्ष्मी माता की जय, लक्ष्मी नारायण की जय।

गणेश जी की आरती (Ganesh Ji Ki Aarti)
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी।
माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा।
लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया।
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
'सूर' श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी।
कामना को पूर्ण करो, जाऊं बलिहारी॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
भगवान गणेश की जय, पार्वती के लल्ला की जय

काली माता की आरती (Kali Mata Ki Aarti)
अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली,
तेरे ही गुन गाए भारती, हे मैया, हम सब उतारे तेरी आरती |
तेरे भक्त जनो पार माता भये पड़ी है भारी |
दानव दल पार तोतो माड़ा करके सिंह सांवरी |
सोउ सौ सिंघों से बालशाली, है अष्ट भुजाओ वली,
दुशटन को तू ही ललकारती |
हे मैया, हम सब उतारे तेरी आरती |
माँ बेटी का है इस जग जग बाड़ा हाय निर्मल नाता |
पूत कपूत सुने है पर ना माता सुनी कुमाता |
सब पे करुणा दर्शन वालि, अमृत बरसाने वाली,
दुखीं के दुक्खदे निवर्तती |
हे मैया, हम सब उतारे तेरी आरती |
नहि मँगते धन धन दौलत ना चण्डी न सोना |
हम तो मांगे तेरे तेरे मन में एक छोटा सा कोना |
सब की बिगड़ी बान वाली, लाज बचाने वाली,
सतियो के सत को संवरती |
हे मैया, हम सब उतारे तेरी आरती |
चरन शरण में खडे तुमहारी ले पूजा की थाली |
वरद हस् स सर प रख दो म सकत हरन वली |
माँ भार दो भक्ति रस प्याली, अष्ट भुजाओ वली,
भक्तो के करेज तू ही सरती |
हे मैया, हम सब उतारे तेरी आरती |
अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली |
तेरे ही गुन गाए भारती, हे मैया, हम सब उतारे तेरी आरती |
Nov 1, 2024 | 03:54 PM IST

Diwali Puja Vidhi: दिवाली पूजा विधि

दिवाली पूजन के लिए सबसे पहले पूजा स्थल को साफ करें।
चौकी पर मां लक्ष्मी व भगवान गणेश को स्थापित करें।
इसके बाद भगवान कुबेर, मां सरस्वती व कलश की स्थापना करें।
अब पूजा स्थल पर गंगाजल छिड़कें।
सबसे पहले गणेश जी का पूजन करें।
भगवान गणेश को तिलक लगाएं और उन्हें दूर्वा व मोदक अर्पित करें।
Nov 1, 2024 | 03:11 PM IST

laxmi ji ke aarti lyrics: लक्ष्मी जी की आरती लिरिक्स

ऊं जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।।
तुमको निशदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता।
ऊं जय लक्ष्मी माता।।

उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता।
मैया तुम ही जग-माता।।
सूर्य-चंद्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता।
ऊं जय लक्ष्मी माता।।

दुर्गा रूप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता।
मैया सुख संपत्ति दाता।
जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता।
ऊं जय लक्ष्मी माता।।

तुम पाताल-निवासिनि,तुम ही शुभदाता।
मैया तुम ही शुभदाता।
कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी,भवनिधि की त्राता।
ऊं जय लक्ष्मी माता।।

जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता।
मैया सब सद्गुण आता।
सब संभव हो जाता, मन नहीं घबराता।
ऊं जय लक्ष्मी माता।।

तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता।
मैया वस्त्र न कोई पाता।
खान-पान का वैभव,सब तुमसे आता।
ऊं जय लक्ष्मी माता।।

शुभ-गुण मंदिर सुंदर, क्षीरोदधि-जाता।
मैया क्षीरोदधि-जाता।
रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता।
ऊं जय लक्ष्मी माता।।

महालक्ष्मी जी की आरती,जो कोई नर गाता।
मैया जो कोई नर गाता।
उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता।
ऊं जय लक्ष्मी माता।।

ऊं जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।
तुमको निशदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता।
ऊं जय लक्ष्मी माता।।
Nov 1, 2024 | 02:42 PM IST

laxmi mantra for diwali: दिवाली के लिए लक्ष्मी जी का मंत्र

ष: पुष्पान्जलि ऊं महालक्ष्मियै नम:।
Nov 1, 2024 | 02:08 PM IST

which aarti do on diwali: दिवाली पर किसकी आरती करें

दिवाली के दिन आप गणेश भगवान लक्ष्मी माता कुबेर भगवान और माता सरस्वती की आरती कर सकते हैं।
Nov 1, 2024 | 01:30 PM IST

diwali pooja timing 2024 in hindi

प्रातःकाल मुहूर्त्त (चल, लाभ, अमृत): 06:33 से 10:41 तक
अपराह्न मुहूर्त्त (शुभ): 12:04 से 13:27 तक
सायंकाल मुहूर्त्त (चल): 16:12 से 17:35 तक
Nov 1, 2024 | 12:50 PM IST

diwali par laxmi ji ke aarti karni chahiye ya nahi: दिवाली पर लक्ष्मी जी की आरती करनी चाहिए या नहीं

दिवाली पर लक्ष्मी जी आरती कुछ लोग करते हैं और कुछ लोग इसको करने के लिए मना करते हैं।
Nov 1, 2024 | 12:05 PM IST

लक्ष्मी पूजन सामग्री (Laxmi Puja Samagri)

माता लक्ष्मी की पूजा के समय को विशेषकर पंचामृत, गंगाजल, लाई, लावा, लाल वस्त्र, इत्र, फुलेल, चौकी, कलश, घी, कमलपुष्प, कौड़ी, गोमती चक्र, कमलगट्टा, इलायची, माचिस, दक्षिणा हेतु नकदी, चांदी के सिक्के, बहीखाता, कलम- दवात इत्यादि भी रखें।
Nov 1, 2024 | 10:27 AM IST

दिवाली पूजा सामग्री लिस्ट (Diwali Puja Samagri List)

लकड़ी की चौकी, कुमकुम, हल्दी की गांठ, रोली, एक लाल कपड़ा, एक लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति, सुपारी, पान, दीपक, लौ, माचिस, घी, गंगा जल, लौंग, अगरबत्ती, धूपबत्ती, पंचामृत, गेहूं, दूर्वा, जनेऊ, खील बताशे, फूल, फल, कपूर, चांदी के सिक्के और कलावा।
Oct 31, 2024 | 06:58 PM IST

दिवाली पूजा समय

पंचांग के अनुसार, आज यानी 31 अक्टूबर को (Diwali 2024 Shubh Muhurat) लक्ष्मी पूजा के लिए शुभ मुहूर्त संध्याकाल 05 बजकर 36 मिनट से लेकर रात 08 बजकर 51 मिनट तक है।
Oct 31, 2024 | 06:27 PM IST

दिपावली 2024 पूजा शुभ टाइम

पंचांग के अनुसार, 31 अक्टूबर को लक्ष्मी पूजा के लिए शुभ मुहूर्त संध्याकाल 05 बजकर 36 मिनट से लेकर रात 08 बजकर 51 मिनट तक है।
Oct 31, 2024 | 06:23 PM IST

Ganesh Ji Ki Aarti

Oct 31, 2024 | 06:10 PM IST

ganesh ji ke aarti

जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥

एक दंत दयावंत,
चार भुजा धारी ।
माथे सिंदूर सोहे,
मूसे की सवारी ॥

जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥

पान चढ़े फल चढ़े,
और चढ़े मेवा ।
लड्डुअन का भोग लगे,
संत करें सेवा ॥

जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥

अंधन को आंख देत,
कोढ़िन को काया ।
बांझन को पुत्र देत,
निर्धन को माया ॥

जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥

'सूर' श्याम शरण आए,
सफल कीजे सेवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥

जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥

----- Additional -----
दीनन की लाज रखो,
शंभु सुतकारी ।
कामना को पूर्ण करो,
जाऊं बलिहारी ॥

जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
Oct 31, 2024 | 05:55 PM IST

दिवाली पूजा शुभ मुहूर्त 2024

पंचांग के अनुसार, आज यानी 31 अक्टूबर को (Diwali 2024 Shubh Muhurat) लक्ष्मी पूजा के लिए शुभ मुहूर्त संध्याकाल 05 बजकर 36 मिनट से लेकर रात 08 बजकर 51 मिनट तक है।
Oct 31, 2024 | 05:37 PM IST

दिवाली लक्ष्मी पूजन मुहूर्त 2024 (Diwali Laxmi Pujan Muhurat 2024)

प्रदोष काल मुहूर्त- शाम 05:36 से लेकर रात 8:11 तक
Oct 31, 2024 | 05:32 PM IST

Which aarti to do on diwali: दिवाली पर कौन सी आरती करें

दीवाली के विशेष रूप से मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। साथ ही यह कामना की जाती है कि मां साधक पर अपनी दया दृष्टि बनाएं रखेंगी। ऐसा माना जाता है कि दीवाली के खास पर्व का माता लक्ष्मी का घर में आगमन होता है। यही कारण है कि दीवाली पूजन के दौरान मुख्य द्वार खुला रखा जाता है।
Oct 31, 2024 | 05:07 PM IST

muhurat of diwali pooja 2024

प्रदोष काल का समय शाम 05 बजकर 48 मिनट से लेकर रात 08 बजकर 21 मिनट तक रहेगा। लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त - 31 अक्तूबर को शाम 5 बजकर 33 मिनट से 08 बजकर 51 मिनट तक। निशिता काल मुहूर्त - 31 अक्तूबर की रात्रि 11 बजकर 39 मिनट से 01 नवंबर की रात 12 बजकर 31 मिनट तक।
Oct 31, 2024 | 04:39 PM IST

धन लक्ष्मी पोटली कैसे बनाएं (Dhan Laxmi Potli Kaise Banaye)

पोटली बनाने का तरीका बहुत सरल है। सबसे पहले एक लाल कपड़ा लें या मार्केट से बनी बनाई पोटली ले आएं। इसके अंदर आपको इसमें पांच कमल गट्टा, पांच गोमती चक्र, पांच पीली कौड़ी, पांच हरी इलायची, पांच लौंग, पांच सुपारी, एक हल्दी की गांठ, एक चांदी का सिक्का, 100 या 500 का नोट और साबुत धनिया रखना है। फिर लाल कपड़े को कलावे की सहायता से अच्छे से बांध लें। फिर इस पोटली को दिवाली पूजन में रखें। इसे धूप-दीप दिखाएं। इसके बाद अगले दिन इसे घर की तिजोरी या जहां भी आप पैसा रखते हैं वहां रख दें। साल भर इस पोटली को ऐसे ही रहने दें। इससे मां लक्ष्मी की विशेष कृपा बरसने लगेगी।
Oct 31, 2024 | 04:18 PM IST

Aarti time today diwali: आज आरती का समय क्या होगा

31 अक्टूबर को लक्ष्मी पूजा का शुभ समय शाम 6:25 बजे से रात 8:32 बजे तक और 1 नवंबर को शाम 5:36 बजे से शाम 6:16 बजे तक है। इसके बाद आरती कर सकते हैं।
Oct 31, 2024 | 03:51 PM IST

लक्ष्मी पूजन सामग्री (Laxmi Puja Samagri)

माता लक्ष्मी की पूजा के समय को विशेषकर पंचामृत, गंगाजल, लाई, लावा, लाल वस्त्र, इत्र, फुलेल, चौकी, कलश, घी, कमलपुष्प, कौड़ी, गोमती चक्र, कमलगट्टा, इलायची, माचिस, दक्षिणा हेतु नकदी, चांदी के सिक्के, बहीखाता, कलम- दवात इत्यादि भी रखें।
Oct 31, 2024 | 03:31 PM IST

दिवाली पर लक्ष्मी पूजन की विधि (Diwali Laxmi Pujan Vidhi)

गंगाजल मिलाकर स्नान कर साफ-सुथरे वस्त्र धारण कर लें। लकड़ी की चौकी पर लाल या पीले रंग का वस्त्र बिछाएं और इस स्थान पर गंगाजल का छिड़काव कर पवित्र करें। इस चौकी पर भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की मूर्तियां स्थापित कर लें। सर्वप्रथम विघ्नहर्ता गणेश जी की पूजा करें और उसके बाद माता लक्ष्मी का पंचामृत सहित गंगाजल से अभिषेक करें और श्रृंगार की वस्तुएं चढ़ाये। इसके साथ ही फूल, धुप, दीप, इलायची, सुपारी और भोग आदि आर्पित करें। माता की आरती करके पूजा संपन्न करें।
Oct 31, 2024 | 03:00 PM IST

deepawali poojan time 2024

गुरुवार को लक्ष्मी-गणेशजी की पूजा के लिए शाम 627 बजे से 823 बजे तक का मुहूर्त शुभ है।
Oct 31, 2024 | 02:36 PM IST

दिवाली पर लक्ष्मी पूजन का महत्व और विधि

दीपावली पर महालक्ष्मी की पूजा करने का विशेष महत्व होता है। दिवाली पर धन और सुख-समृद्धि की देवी मां लक्ष्मी की पूजा के साथ भगवान गणेश, कुबेर देवता और ज्ञान की देवी मां सरस्वती की पूजा करने विधान होता है। दीपावली पर मां लक्ष्मी का पूजन प्रदोष काल यानी सूर्यास्त के बाद के तीन मुहर्त में किया जाता है। दिवाली पर मां लक्ष्मी की पूजा अमावस्या तिथि में प्रदोष काल के दौरान स्थिर लग्न में करना सर्वोत्तम माना गया है। इसके अलावा दिवाली पर तांत्रिक और साधकों के लिए मां लक्ष्मी की पूजा महानिशीथ काल में करना ज्यादा उपयुक्त माना गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार दिवाली की रात माता लक्ष्मी बैकुंठ धाम से पृथ्वी लोक पर भ्रमण करने आती हैं और घर-घर जाकर यह देखती हैं कि किन घरों में साफ-सफाई, अच्छी सजावट और विधि-विधान के साथ पूजा हो रही है। जिन घरों में पूजा-पाठ और साफ-सफाई होती है वहीं पर मां लक्ष्मी विराजमान हो जाती हैं। दिवाली पर घर की साफ-सफाई और सजावट करके विधि-विधान से पूजन करने पर महालक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्ति होती है। दिवाली की रात मां लक्ष्मी के प्रसन्न होने पर जीवन में सुख, संपन्नता, धन-धान्य, समृद्धि और अपार धन-दौलत की कोई कमी नहीं होती। मां लक्ष्मी हर तरह की मनोकामनाओं का पूरा करती हैं। आइए जानते है इस दिवाली पर मां लक्ष्मी की कैसे करें पूजा और क्या लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त।
Oct 31, 2024 | 02:16 PM IST

Kuber ji ke aarti: कुबेर जी की आरती

ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे,
स्वामी जै यक्ष जै यक्ष कुबेर हरे ।
शरण पड़े भगतों के,
भण्डार कुबेर भरे ।
॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे...॥

शिव भक्तों में भक्त कुबेर बड़े,
स्वामी भक्त कुबेर बड़े ।
दैत्य दानव मानव से,
कई-कई युद्ध लड़े ॥
॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे...॥

स्वर्ण सिंहासन बैठे,
सिर पर छत्र फिरे,
स्वामी सिर पर छत्र फिरे ।
योगिनी मंगल गावैं,
सब जय जय कार करैं ॥
॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे...॥

गदा त्रिशूल हाथ में,
शस्त्र बहुत धरे,
स्वामी शस्त्र बहुत धरे ।
दुख भय संकट मोचन,
धनुष टंकार करें ॥
॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे...॥

भांति भांति के व्यंजन बहुत बने,
स्वामी व्यंजन बहुत बने ।
मोहन भोग लगावैं,
साथ में उड़द चने ॥
॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे...॥

बल बुद्धि विद्या दाता,
हम तेरी शरण पड़े,
स्वामी हम तेरी शरण पड़े ।
अपने भक्त जनों के,
सारे काम संवारे ॥
॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे...॥

मुकुट मणी की शोभा,
मोतियन हार गले,
स्वामी मोतियन हार गले ।
अगर कपूर की बाती,
घी की जोत जले ॥
॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे...॥

यक्ष कुबेर जी की आरती,
जो कोई नर गावे,
स्वामी जो कोई नर गावे ।
कहत प्रेमपाल स्वामी,
मनवांछित फल पावे ॥
॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे...॥
Oct 31, 2024 | 02:01 PM IST

लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त (Lakshmi Puja Shubh Muhurat 2024)

पंचांग के अनुसार, 31 अक्टूबर को लक्ष्मी पूजा के लिए शुभ मुहूर्त संध्याकाल 05 बजकर 36 मिनट से लेकर रात 08 बजकर 51 मिनट तक है।
Oct 31, 2024 | 01:30 PM IST

दिवाली पर दीये जलाने का मंत्र (Diwali Par Diye Jalane Ka Mantra)

शुभं करोति कल्याणं आरोग्यम् धनसंपदा।

शत्रुबुद्धिविनाशाय दीपकाय नमोऽस्तु ते।।
Oct 31, 2024 | 01:00 PM IST

Diwali Puja Vidhi: दिवाली पूजा विधि

साधक गंगाजल युक्त पानी से स्नान करें। इसके बाद आचमन कर स्वयं को शुद्ध करें और पीले रंग का वस्त्र धारण करें। अब गंगाजल से पूजा स्थल को शुद्ध करें। इसके बाद एक चौकी पर पीले रंग का वस्त्र बिछाकर लक्ष्मी गणेश जी की नवीन प्रतिमा स्थापित करें। अब ध्यान मंत्र और आवाहन मंत्र का पाठ करें। इसके बाद पंचोपचार कर विधि-विधान या शास्त्र नियमों का पालन कर लक्ष्मी गणेश जी की पूजा करें। पूजा के दौरान धन की देवी मां लक्ष्मी को फल, फूल, धूप, दीप, हल्दी, अखंडित चावल, बताशा, सिंदूर, कुमकुम, अबीर-गुलाल, सुगंधित द्रव्य और नैवेद्य आदि चीजें अर्पित करें। पूजा के समय लक्ष्मी चालीसा का पाठ, लक्ष्मी स्तोत्र और मंत्र जप करें। पूजा के अंत में आरती करें।
Oct 31, 2024 | 12:23 PM IST

दिवाली पर लक्ष्मी पूजन की विधि (Diwali Laxmi Pujan Vidhi)

गंगाजल मिलाकर स्नान कर साफ-सुथरे वस्त्र धारण कर लें। लकड़ी की चौकी पर लाल या पीले रंग का वस्त्र बिछाएं और इस स्थान पर गंगाजल का छिड़काव कर पवित्र करें। इस चौकी पर भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की मूर्तियां स्थापित कर लें। सर्वप्रथम विघ्नहर्ता गणेश जी की पूजा करें और उसके बाद माता लक्ष्मी का पंचामृत सहित गंगाजल से अभिषेक करें और श्रृंगार की वस्तुएं चढ़ाये। इसके साथ ही फूल, धुप, दीप, इलायची, सुपारी और भोग आदि आर्पित करें। माता की आरती करके पूजा संपन्न करें।
Oct 31, 2024 | 11:54 AM IST

Diwali Puja Mantra (दिवाली पूजा मंत्र pdf)

ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद

ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नम:॥
Oct 31, 2024 | 11:28 AM IST

Maa Laxmi Aarti: मां लक्ष्मी आरती

ॐ जय लक्ष्मी माता,
मैया जय लक्ष्मी माता ।
तुमको निसदिन सेवत,
हर विष्णु विधाता ॥

उमा, रमा, ब्रम्हाणी,
तुम ही जग माता ।
सूर्य चद्रंमा ध्यावत,
नारद ऋषि गाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥

दुर्गा रुप निरंजनि,
सुख-संपत्ति दाता ।
जो कोई तुमको ध्याता,
ऋद्धि-सिद्धि धन पाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥

तुम ही पाताल निवासनी,
तुम ही शुभदाता ।
कर्म-प्रभाव-प्रकाशनी,
भव निधि की त्राता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥

जिस घर तुम रहती हो,
ताँहि में हैं सद्‍गुण आता ।
सब सभंव हो जाता,
मन नहीं घबराता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥

तुम बिन यज्ञ ना होता,
वस्त्र न कोई पाता ।
खान पान का वैभव,
सब तुमसे आता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥

शुभ गुण मंदिर सुंदर,
क्षीरोदधि जाता ।
रत्न चतुर्दश तुम बिन,
कोई नहीं पाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥

महालक्ष्मी जी की आरती,
जो कोई नर गाता ।
उँर आंनद समाता,
पाप उतर जाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥

ॐ जय लक्ष्मी माता,
मैया जय लक्ष्मी माता ।
तुमको निसदिन सेवत,
हर विष्णु विधाता ॥
Oct 31, 2024 | 10:52 AM IST

दिवाली सिंह लग्न मुहूर्त 2024 (Diwali Singh Lagan Time 2024)

दिवाली सिंह लग्न मुहूर्त 31 अक्टूबर की देर रात 12:53 से शुरू होकर 03 बजकर 09 मिनट तक रहेगा।
Oct 31, 2024 | 08:45 AM IST

दीये जलाने का मंत्र (Diya Jalane Ka Mantra)

शुभं करोति कल्याणं आरोग्यम् धनसंपदा।
शत्रुबुद्धिविनाशाय दीपकाय नमोऽस्तु ते।।
Oct 31, 2024 | 07:01 AM IST

What To Do On Diwali 2024: दिवाली पर क्या करें

कार्तिक अमावस्या के दिन प्रातः काल शरीर पर तेल की मालिश करने के बाद स्नान करने का विधान बताया गया है। कहते हैं ऐसा करने से धन की हानि नहीं होती है। दिवाली के दिन पूर्वजों का पूजन अवश्य करें और उन्हें भी धूप और दीप अर्पित करें। प्रदोष काल के समय हाथ में उलका धारण कर पितरों को मार्ग दिखाएं। ऐसा करने से पूर्वजों की आत्मा को शांति और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
Oct 31, 2024 | 06:33 AM IST

दिवाली शुभ चौघड़िया मुहूर्त 2024 (Diwali 2024 Shubh Choghadiya Muhurat)

शुभ चौघड़िया शाम 4:13 से 5:36 तक (31 अक्टूबर 2024)
अमृत चौघड़िया 5:36 से लेकर 7:13 तक (31 अक्टूबर 2024)
चर चौघड़िया 7:13 से लेकर 8:50 तक (31 अक्टूबर 2024)
लाभ चौघड़िया 12:04 AM से लेकर 1:42 AM तक (1 नवंबर 2024)
अगले दिन शुभ चौघड़िया 03:19 ए एम से 04:56 ए एम (1 नवंबर 2024)
अगले दिन अमृत चौघड़िया 04:56 ए एम से 06:33 ए एम (1 नवंबर 2024)
Oct 30, 2024 | 07:26 PM IST

छोटी दिवाली पूजा विधि- Choti Diwali Puja Vidhi

छोटी दिवाली के दिन सुबह के समय तिल का तेल लगा कर स्नान करने से भगवान कृष्ण की कृपा से रूप और सौंदर्य की प्राप्ति होती है।
इस दिन भगवान कृष्ण, यम देवता और हनुमानजी की पूजा अर्चना की जाती है।
इस दिन सुबह स्नान आदि के बाद हनुमानजी का पूजन करें। सबसे पहले एक चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछाएं इसके बाद हनुमानजी की मूर्ति की स्थापना करें।
फिर एक जल का लोटा भरकर हनुमान चालीसा का पाठ करें। फिर हनुमान जी को हलवे का भोग लगाएं। इसके बाद भगवान कृष्ण की पूजा अर्चना करें।
सबसे पहले भगवान कृष्ण की प्रतिमा को तिलक लगाएं और फिर भगवान कृष्ण की आरती करें और अंत में उन्हें भी भोग लगाएं।
इसके अलावा शाम के समय भी घर में पूजा करें और रात के समय घर के बाहर दक्षिण दिशा की तरफ मुंह करके एक तेल का दीपक यम देवता के नाम से जलाएं।
Oct 30, 2024 | 06:56 PM IST

Narak Chaturdashi 2024 Puja Time: नरक चतुर्दशी पूजा टाइम

नरक चतुर्दशी इस साल 30 अक्तूबर 2024 को मनाया जाएगा। नरक चतुर्दशी के दिन यम की पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5 बजकर 30 मिनट से 7 बजकर 2 मिनट तक रहने वाला है। इस मुहूर्त में यम दीपक जला सकते हैं।
Oct 30, 2024 | 06:23 PM IST

Choti Diwali Par Kya Karen: छोटी दिवाली पर क्या करें

छोटी दिवाली के दिन सुबह उठकर भगवान कृष्ण, हनुमान जी, यमराज और मां काली का पूजन करना चाहिए. नरक चतुर्दशी (Narak Chaturdashi 2024) के दिन ईशान कोण यानी उत्तर पूर्व दिशा में मुख करके पूजा करनी चाहिए. छोटी दिवाली के दिन घर के मुख्य द्वार के बाईं और अनाज की ढेरी रखें. इसपर सरसों के तेल का एक मुखी दीपक जलाकर रखें
Oct 30, 2024 | 05:59 PM IST

छोटी दिवाली पूजा मुहूर्त: Chhoti Diwali Puja Muhurat

छोटी दिवाली की पूजा का शुभ मुहूर्त 30 अक्टूबर को शाम 4 बजकर 36 मिनट से लेकर शाम के 6 बजकर 15 मिनट तक रहेगा
Oct 30, 2024 | 05:45 PM IST

Chhoti diwali par kitne diye jalaye: छोटी दिवाली पर कितने दिए जलाएं

छोटी दिवाली के दिन 14 दीये जलाने की परंपरा है, जिससे घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। आइए जानते हैं कि इस दिन किस तरह, कितने और किन जगहों पर दीयों को जलाना चाहिए। छोटी दिवाली पर 14 दीपक जलाने की परंपरा जुड़ी हुई है।
Oct 30, 2024 | 05:24 PM IST

यम दीपम जलाने की दिशा : Yama Deepam Jalane Ki Disha

मान्यताओं के अनुसार यम का दीपक दक्षिण दिशा में जलाना चाहिए। दरअसल दक्षिण दिशा को यमराज की दिशा मानी जाती है।
Oct 30, 2024 | 04:59 PM IST

How to do choti diwali puja: छोटी दिवाली कैसे पूजा होती है

छोटी दीवाली के दिन एक दीपक यमराज के निमित्त भी जलाया जाता है। वहीं, दूसरा दीया मां काली के लिए जलाया जाता है और तीसरा दीया भगवान श्री कृष्ण के लिए। इसके अलावा चौथा दीया घर के मुख्य द्वार पर रखा जाता है और पांचवा दीपक घर की पूर्व दिशा में जलाया जाता है। छोटी दिवाली के दिन यह बेहद शुभ माना जाता है।