Tips for Gemstone: सिंह जैसे स्वभाव के होते हैं सिंह राशि वाले, धारण करेंगे माणिक तो चमक उठेगा आपका सूर्य
Tips for Gemstone: सिंह राशि वालों को माणिक धारण करना चाहिए या फिर रतवा हकीक और गारनेट जैसे उपरत्न धारण करने चाहिए। माणिक धारण करने से सूर्य ग्रह संबंधित समस्त दोष शांत हो जाते हैं। पारदर्शी माणिक होता है बहुत ज्यादा महंगा। माणिक पहुंचाता है नेत्र रोगी को भी फायदा। सिंह राशि वाले होते हैं जिद्दी स्वभाव के।
माणिक रत्न है सिंह राशि के लिए शुभ
मुख्य बातें
- सूर्य का प्रतिनिधि रत्न होता है माणिक
- सवा चार रत्ती का पहनना चाहिए माणिक
- क्रोधि, जिद्दी स्वभाव के होते हैं सिंह राशि वाले
Tips for Gemstone: सिंह यानी शेर, जैसा कि नाम से ही विदित होता है। शेर जैसा स्वभाव, प्रवृत्ति, आत्माभिमान। इन्हीं सब विशेषताओं को जातक अपने में समेटता है वो होता सिंह राशिवाला। सिंह राशि जिसे अंग्रेजी में लिओ कहते हैं। सिंह राशि वाले व्यक्ति क्रोधी स्वभाव के होते हैं। परंतु उदार हृदय और भ्रमणशील प्रवृत्ति के आत्माभिमानी और जिद्दी स्वभाव के होते हैं। सिंह राशि का स्वामी ग्रह सूर्य है और सूर्य ग्रह का प्रतिनिधित्व रत्न है माणिक। सिंह राशि वालों को माणिक धारण करना चाहिए या फिर रतवा हकीक और गारनेट जैसे उपरत्न धारण करने चाहिए। संबंधित खबरें
माणिक की करें इस तरह पहचान
माणिक एक खनिज पत्थर है। माणिक ग्रेनाइट और अभ्रक की चट्टानों से कांचमणि (बिल्लौर) के साथ प्राप्त होता है। माणिक की खानें बर्मा, श्रीलंका, काबुल, हिमालय पर्वत, कश्मीर में पाई जाती है। अपनी रासायनिक संरचना के रूप में माणिक एल्यूमीनियम ऑक्साइड का रूप होता है। माणिक गहरा लाल, कमल के रंग वाला और गुलाब के रंग वाला होता है। यह पारदर्शी और अपारदर्शी दोनों तरह का होता है। पारदर्शी माणिक बहुत ज्यादा महंगा होता है। अपारदर्शी माणिक जामुनीपन की भी आभा लिए हुए होता है।संबंधित खबरें
माणिक धारण करने से लाभसंबंधित खबरें
माणिक सूर्य ग्रह का प्रतिनिधि रत्न है। अतः माणिक धारण करने से सूर्य ग्रह संबंधित समस्त दोष शांत हो जाते हैं। सिंह राशि वालों को माणिक पहनना अति शुभकारी होता है। जन्म कुंडली में जिन व्यक्तियों का सूर्य ग्रह कमजोर स्थिति में हो, उन्हें माणिक अवश्य ही पहनना चाहिए। माणिक को धारण करने से यह धारण करने वाले को तेजस्वी, प्रतापी, प्रभावशाली बनाता है। इसे धारण करने से सुख संपत्ति, धन—धान्य और रत्न आदि की प्राप्ति होती है। यह वंश वृद्धिकारक भी माना जाता है। इसके प्रयोग से भय, व्याधि, दुख क्लेश, चिंता आदि का नाश होता है। जिन व्यक्तियों के जीवन में स्थिरता न हो और कोई काम निश्चित न हो, यह उनके जीवन की अनिश्चितताओं को दूर कर उज्जवल भविष्य का निर्माण करता है। इसे पहनने से व्यक्ति के जीवन में ठहराव आता है और उसे दैविक शक्ति की प्राप्ति होती है। माणिक नेत्र रोगी को भी फायदा पहुंचाता है। संबंधित खबरें
माणिक धारण करने की विधिसंबंधित खबरें
माणिक कम से कम सवा चार रत्ती का पहनना चाहिए। इससे अधिक वजन का माणिक और भी अधिक शुभदायक है। माणिक के नग को सोने या चांदी की अंगूठी को रविवार के दिन कच्चे दूध और गंगाजल से धाेकर शुद्ध कर लेनी चाहिए। इसके बाद सुबह दस बजे तक सूर्य भगवान या अपने इष्टदेव के चरणाें से स्पर्श कराकर ऊँ हृां हृीं हृौं सः सूर्याय नमः मंत्र का उच्चारण के साथ धारण करना चाहिए। माणिक जिस दिन धारण किया जाए, उस दिन से चार वर्ष तक धारणकर्ता पर अपना प्रभाव अधिक प्रदर्शित करता है। संबंधित खबरें
डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।संबंधित खबरें
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