Rangbhari Ekadashi 2023: रंगभरी एकादशी का खास महत्‍व, इन टोटकों से खुलेगा किस्‍मत का ताला, मिलेगी खुशहाली

Gulal Ke Upay: हिंदू धर्म में एकादशी को विशेष महत्व दिया गया है। एकादशी माह में दो बार और पूरे साल में 24 बार आती है। सभी का अपना महत्‍व है, लेकिन फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी का बहुत खास महत्‍व है। इसे रंगभरी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। इस एकादशी में भगवान विष्‍णु के साथ भगवान भोलेनाथ और मां पार्वती की भी पूजा की जाती है।

रंगभरी एकादशी का खास महत्‍व

मुख्य बातें
  • माह में दो बार और साल में 24 बार आता है एकादशी
  • फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी का बहुत खास महत्‍व
  • इस एकादशी पर भगवान विष्‍णु के साथ शिव और पार्वती की पूजा

Gulal Ke Upay: हिन्दू धर्म में एकादशी तिथि को बहुत फलदायी तिथि के रूप में जाना जाता है। यह दिन भगवान विष्णु की विशेष पूजा और व्रत के लिए समर्पित है। हर माह दो एकादशी होती है और पूरे साल में कुल मिलाकर 24 एका‍दशी होती है। शास्त्रों में सभी एकादशियों का अपना-अपना महत्‍व बताया गया है, इनमें फाल्गुन मास के एकादशी का खास महत्‍व है। इस बार फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी 3 मार्च के दिन पड़ रही है। यह एकादशी होली से पहले होती है और इसे रंगभरी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। इस एकादशी में भगवान विष्‍णु के साथ भगवान भोलेनाथ और मां पार्वती की भी पूजा की जाती है।

पौराणिक मान्‍यता है कि रंगभरी एकादशी के दिन भगवान शिव माता पार्वती से विवाह करने के बाद पहली बार एक साथ काशी नगरी गए थे। जहां पर लोगों ने भगवान शिव और मां पार्वती का रंगों और गुलाल के साथ उनका स्वागत किया गया था। यही कारण हैं कि रंगभरी एकादशी के दिन भगवान विष्णु के साथ-साथ भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा होती है। इस एकादशी के दिन गुलाल के कुछ खास उपाय बताए गए हैं, जिससे व्यक्ति को धन संबंधी समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है। जीवन की परेशानियों को दूर करने के निए रंगभरी एकादशी के दिन कुछ उपाय भी कर सकते हैं।

End Of Feed