Lohri 2024 Date: लोहड़ी कब है 2024 में, जानिए क्यों और कैसे मनाया जाता है ये त्योहार

Lohri 2024 Date (लोहड़ी कब है 2024): 2024 में लोहड़ी पर्व 14 जनवरी को मनाया जाएगा। ये पर्व आनंद और खुशियों का प्रतीक माना जाता है। इस दिन लोग एक-दूसरे को बड़े हर्षोल्लास से लोहड़ी की बधाई देते हैं।

Lohri 2024 Date

Lohri 2024 Date In India

Lohri 2024 Date (लोहड़ी कब है 2024): लोहड़ी पर्व मुख्य रूप से सिखों द्वारा पंजाब और हरियाणा में मनाया जाता है। यह त्यौहार किसानों के लिए आर्थिक रूप से नूतन वर्ष माना जाता है। किसान इस दिन ईश्वर का आभार प्रकट करते हैं ताकि फसल का अधिक मात्रा में उत्पदान हो सके। वहीं पंजाब में इस दिन पतंग उड़ाने का भी प्रचलन है। लोहड़ी पर बच्चे घर-घर जाकर लोक गीत गाते हैं और लोग उन्हें मिष्ठान और पैसे देते हैं। कहते हैं इस दिन घर आए बच्चों को खाली हाथ नहीं लौटाना चाहिए। यहां जानिए लोहड़ी पर्व क्यों और कैसे मनाया जाता है।

2024 में लोहड़ी कब है? (Lohri 2024 Date)

पंचांग अनुसार इस साल लोहड़ी पर्व 14 जनवरी 2024 को मनाया जाएगा। लोहड़ी संक्रांति का क्षण 14 जनवरी की देर रात 2 बजकर 54 मिनट का रहेगा। बता दें लोहड़ी पर्व मकर संक्रांति से एक दिन पहले मनाया जाता है।

लोहड़ी क्यों मनाई जाती है इन हिंदी (Why Lohri is Celebrated in Punjab)

लोहड़ी के कई गीतों में दूल्ला भट्टी का जिक्र किया गया है। लेकिन ये दूल्ला भट्टी है कौन? ऐसा माना जाता है कि पंजाब में मुगल बादशाह अकबर के शासनकाल में दुल्ला भट्टी नाम का एक लुटेरा रहता था। जो धनी लोगों से धन लूटकर गरीबों में बांट देता था। साथ ही वह उन ग़रीब लड़कियों को बचाता था जो बाज़ार में बल पूर्वक बेची जाती थीं। ऐसी लड़कियों के लिए दुल्ला भट्टी वर ढूंढता था और उनका कन्यादान करता था।

लोहड़ी की कहानी (Lohri Story In Hindi)

एक दिन दुल्ला भट्टी को दो गरीब और रूपवान बहनों के बारे में पता चला जिनका नाम सुंदरी और मुंदरी था। इन दोनों बहनों को जमींदार अगवा कर अपने साथ ले आया। जब दुल्ला भट्टी को इस बारे में पता चला तो उसने अनेक कठिनाइयों के बावजूद भी उन दोनों बहनों के लिए वर ढूंढे। फिर लोहड़ी के दिन जंगल में लकड़ी इकट्ठा करके अग्नि जलाकर उन दोनों का विवाह कराया व कन्यादान किया। कहते हैं इस घटना के बाद से ही पूरे पंजाब में दुल्ला भट्टी को नायक के रूप में जाना जाने लगा। तब से लेकर आजतक लोहड़ी के दिन पंजाब के इस नायक को याद करके ‘सुंदर मुंदरिए’ लोकगीत गाया जाता है।

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    TNN अध्यात्म डेस्क author

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