Dulla Bhatti Story In Hindi: लोहड़ी क्यों मनाई जाती है? जानिए दुल्ला भट्टी और सुंदरी-मुंदरी की कहानी
Dulla Bhatti Lohri Ki Kahani, Katha And Story In Hindi: लोहड़ी का पर्व भारत में बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है। सालों पहले ये पर्व सिर्फ पंजाब के ही कुछ इलाकों में मनाया जाता था। लेकिन अब इस त्योहार को भारत के कई राज्यों में मनाया जाने लगा है। जानिए लोहड़ी पर्व की शुरुआत कैसे हुई? क्या है दुल्ला भट्टी की कहानी।
Lohri Story In Hindi, Dulla Bhatti Ki Story
Lohri 2024 Dulla Bhatti Story (दुल्ला भट्टी की कहानी): "सुंदर मुंदरिये हो, तेरा कौन विचारा हो ....दुल्ला भट्टी वाला हो, दुल्ले ती विआई....।" आपने भी लोहड़ी पर्व के दौरान लोगों को दुल्ला भट्टी का नाम बोलते या गाते सुना होगा। भला लोहड़ी के पर्व में दुल्ला भट्टी का जिक्र न हो ये कैसे हो सकता है। आखिर ये दुल्ला भट्टी कौन है (Dulla Bhatti Kaun Hai) और क्यों इसे हर साल लोहड़ी के दौरान याद किया जाता है। इस बारे में जानेंगे इस आर्टिकल में।
लोहड़ी क्यों मनाई जाती है? (Why Lohri Is Celebrated In Hindi)लोहड़ी उस समय मनाई जाती है जब पंजाब में फसल की कटाई चल रही होती है। क्योंकि फसल काटने के बाद किसानों की आमदनी होती है जिससे घर में ख़ुशियां आती हैं। इसी खुशी का जश्न मनाने के लिए लोहड़ी का त्यौहार मनाया जाता है। लोहड़ी के दिन लोग आग जलाकर उसमें गुड़, गजक, तिल, इत्यादि चीजें डालते हैं। इसके अलावा इस दौरान लोहड़ी से जुड़ी कई तरह की प्राचीन कहानियां भी सुनी जाती है खासतौर से दुल्ला भट्टी की कहानी।
कौन है दुल्ला भट्टी (Who Is Dulla Bhatti)
दुल्ला भट्टी मुगलों के समय का एक ऐसा बहादुर योद्धा था और जिसने मुगलों के बढ़ते जुल्म के खिलाफ अपनी आवाज उठाई थी। मुगल शासक अकबर के समय में दुल्ला भट्टी पंजाब में रहता था। उसे 'पंजाब के नायक' की उपाधि दी गई थी। कहा जाता है कि दुल्ला भट्टी एक ऐसा लुटेरा था जो न केवल धनी लोगों को लूटता था बल्कि वह उन ग़रीब लड़कियों को भी बचाता था जो बाज़ार में बल पूर्वक बेची जाती थीं। इसलिए लोग उसे पंजाब का रॉबिन हुड कहते हैं।
दुल्ला भट्टी और सुंदरी-मुंदरी की कहानी (Dulla Bhatti And Sundri Mundri Story)
एक बार दुल्ला भट्टी को दो गरीब बहनों सुंदरी और मुंदरी के बारे में पता चला। उन दोनों सुंदर बहनों को जमींदार अगवा करके ले आए थे और उन लड़कियों के चाचा उनकी रक्षा करने में असमर्थ थे। दुल्ला भट्टी को जैसे ही इन गरीब लड़कियों के बारे में पता चला तो उसने लड़कियों को न सिर्फ मुक्त करवाया बल्कि लोहड़ी के दिन जंगल में आग जलाकर उन लड़कियों का हिन्दू लड़कों से विवाह भी करवाया। दुल्ला भट्टी ने खुद ही दोनों का कन्यादान किया। हालांकि जब उपहार देने की बात आई तो उस समय दुल्ला भट्टी के पास कुछ नहीं था। ऐसे में उसने एक सेर शक्कर देकर दोनों को विदा किया। लोग दुल्ला भट्टी को निडरता, संघर्ष, सत्य के प्रतीक के रूप में जानते हैं। इसलिए ही लोहड़ी के दिन लोग इनकी कहानी सुनते हैं।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) पढ़ें हिंदी में और देखें छोटी बड़ी सभी न्यूज़ Times Now Navbharat Live TV पर। अध्यात्म (Spirituality News) अपडेट और चुनाव (Elections) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से।
अध्यात्म और ज्योतिष की दुनिया बेहद दिलचस्प है। यहां हर समय कुछ नया सिखने और जानने को मिलता है। अगर आपकी अध्यात्म और ज्योतिष में गहरी रुचि है और आप इस ...और देखें
19 January 2025 Panchang (19 जनवरी 2025 आज का पंचांग): कल इतने बजे रहेगा राहुकाल, पंचांग के जानें दिशा शूल, शुभ मुहूर्त, तिथि और रविवार के उपाय
Havan Ahuti Mantra 108: हवन आहुति मंत्र 108 और हवन करने की विधि यहां देखें, जिससे पंडित जी न मिलें तो आप खुद भी कर सकते हैं हवन
Kaal Sarp Dosh Upay: मौनी अमावस्या पर कर लें ये 3 खास उपाय, कालसर्प दोष से मिलेगी मुक्ति तो घर में आएगी सुख और समृद्धि
18 January 2025 Panchang (18 जनवरी 2025 आज का पंचांग): पंचांग से जानिए शनिवार को कब है पूजा का शुभ मुहूर्त, कब से कब तक रहेगा राहुकाल
Moon Rise Time, 17 January 2025: पंचांग से जानिए सकट चौथ का चांद कितने बजे दिखाई देगा
© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited