Laxmi Chalisa Lyrics: शुक्रवार को पढ़ें श्री लक्ष्मी चालीसा, पैसों की नहीं होगी कमी
Maa Laxmi Chalisa Lyrics: धार्मिक मान्यताओं अनुसार मां लक्ष्मी (Maa Lakshmi) को प्रसन्न करने का सबसे सरल उपाय है लक्ष्मी चालीसा। शुक्रवार के दिन इस चालीसा का जरूर करें पाठ। धन-धान्य की नहीं रहेगी कोई कमी।
श्री लक्ष्मी चालीसा
Maa Laxmi Chalisa Lyrics: हिंदू धर्म में माता लक्ष्मी को धन-धान्य की देवी माना जाता है। कहते हैं इनकी पूजा-अर्चना से व्यक्ति को धन और समृद्धि की प्राप्ति होती है। इसलिए हर कोई मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए तरह-तरह के उपाय करता है। पुराणों में माता लक्ष्मी का स्वभाव चंचल बताया गया है यानी वो किसी एक स्थान पर अधिक समय तक नहीं रहतीं। इसलिए जो व्यक्ति धन का आदर नहीं करता उसे कंगाल होने में भी अधिक समय नहीं लगता।
हिंदू धर्म में शुक्रवार का दिन माता लक्ष्मी को समर्पित किया गया है। कहते हैं इस दिन जो व्यक्ति सच्चे मन से मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करता है उसके जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। ज्योतिष में मां की कृपा पाने के एक आसान तरीका बताया गया है वो है मां लक्ष्मी की चालीसा। ऐसा कहा जाता है कि श्री लक्ष्मी चालीसा का पाठ करने से जीवन में समृद्धि और धन आता है।
Shree Laxmi Chalisa (श्री लक्ष्मी चालीसा)
॥ दोहा॥
मातु लक्ष्मी करि कृपा, करो हृदय में वास।
मनोकामना सिद्ध करि, परुवहु मेरी आस॥
॥ सोरठा॥
यही मोर अरदास, हाथ जोड़ विनती करुं।
सब विधि करौ सुवास, जय जननि जगदंबिका॥
॥ चौपाई ॥
सिन्धु सुता मैं सुमिरौ तोही। ज्ञान बुद्घि विघा दो मोही॥
तुम समान नहिं कोई उपकारी। सब विधि पुरवहु आस हमारी॥
जय जय जगत जननि जगदम्बा । सबकी तुम ही हो अवलम्बा॥1॥
तुम ही हो सब घट घट वासी। विनती यही हमारी खासी॥
जगजननी जय सिन्धु कुमारी। दीनन की तुम हो हितकारी॥2॥
विनवौं नित्य तुमहिं महारानी। कृपा करौ जग जननि भवानी॥
केहि विधि स्तुति करौं तिहारी। सुधि लीजै अपराध बिसारी॥3॥
कृपा दृष्टि चितववो मम ओरी। जगजननी विनती सुन मोरी॥
ज्ञान बुद्घि जय सुख की दाता। संकट हरो हमारी माता॥4॥
क्षीरसिन्धु जब विष्णु मथायो। चौदह रत्न सिन्धु में पायो॥
चौदह रत्न में तुम सुखरासी। सेवा कियो प्रभु बनि दासी॥5॥
जब जब जन्म जहां प्रभु लीन्हा। रुप बदल तहं सेवा कीन्हा॥
स्वयं विष्णु जब नर तनु धारा। लीन्हेउ अवधपुरी अवतारा॥6॥
तब तुम प्रगट जनकपुर माहीं। सेवा कियो हृदय पुलकाहीं॥
अपनाया तोहि अन्तर्यामी। विश्व विदित त्रिभुवन की स्वामी॥7॥
तुम सम प्रबल शक्ति नहीं आनी। कहं लौ महिमा कहौं बखानी॥
मन क्रम वचन करै सेवकाई। मन इच्छित वांछित फल पाई॥8॥
तजि छल कपट और चतुराई। पूजहिं विविध भांति मनलाई॥
और हाल मैं कहौं बुझाई। जो यह पाठ करै मन लाई॥9॥
ताको कोई कष्ट नोई। मन इच्छित पावै फल सोई॥
त्राहि त्राहि जय दुःख निवारिणि। त्रिविध ताप भव बंधन हारिणी॥10॥
जो चालीसा पढ़ै पढ़ावै। ध्यान लगाकर सुनै सुनावै॥
ताकौ कोई न रोग सतावै। पुत्र आदि धन सम्पत्ति पावै॥11॥
पुत्रहीन अरु संपति हीना। अन्ध बधिर कोढ़ी अति दीना॥
विप्र बोलाय कै पाठ करावै। शंका दिल में कभी न लावै॥12॥
पाठ करावै दिन चालीसा। ता पर कृपा करैं गौरीसा॥
सुख सम्पत्ति बहुत सी पावै। कमी नहीं काहू की आवै॥13॥
बारह मास करै जो पूजा। तेहि सम धन्य और नहिं दूजा॥
प्रतिदिन पाठ करै मन माही। उन सम कोइ जग में कहुं नाहीं॥14॥
बहुविधि क्या मैं करौं बड़ाई। लेय परीक्षा ध्यान लगाई॥
करि विश्वास करै व्रत नेमा। होय सिद्घ उपजै उर प्रेमा॥15॥
जय जय जय लक्ष्मी भवानी। सब में व्यापित हो गुण खानी॥
तुम्हरो तेज प्रबल जग माहीं। तुम सम कोउ दयालु कहुं नाहिं॥16॥
मोहि अनाथ की सुधि अब लीजै। संकट काटि भक्ति मोहि दीजै॥
भूल चूक करि क्षमा हमारी। दर्शन दजै दशा निहारी॥17॥
बिन दर्शन व्याकुल अधिकारी। तुमहि अछत दुःख सहते भारी॥
नहिं मोहिं ज्ञान बुद्घि है तन में। सब जानत हो अपने मन में॥18॥
रुप चतुर्भुज करके धारण। कष्ट मोर अब करहु निवारण॥
केहि प्रकार मैं करौं बड़ाई। ज्ञान बुद्घि मोहि नहिं अधिकाई॥19॥
॥ दोहा॥
त्राहि त्राहि दुख हारिणी, हरो वेगि सब त्रास। जयति जयति जय लक्ष्मी, करो शत्रु को नाश॥
रामदास धरि ध्यान नित, विनय करत कर जोर। मातु लक्ष्मी दास पर, करहु दया की कोर॥
Shree Laxmi Chalisa Vidhi (श्री लक्ष्मी चालीसा पाठ करने की विधि)
- मां लक्ष्मी की अराधना के लिए प्रात:काल उठ जाएं।
- फिर नित्य क्रिया से निर्वत होकर स्नान कर लें।
- स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- पूजा स्थल पर कमल पर बैठी मां लक्ष्मी की तस्वीर को साफ करके एक लाल रेश्मी कपड़े पर स्थापित कर दें।
- देवी लक्ष्मी के साथ गणेश जी की भी प्रतिमा रखें।
- फिर देवी लक्ष्मी की विधिवत पूजा करें।
- मां लक्ष्मी को खीर का भोग लगाएं।
- माता लक्ष्मी की आरती करें।
- अंत में श्री लक्ष्मी चालीसा का पाठ करें।
Benefits of Shri Lakshmi Chalisa (श्री लक्ष्मी चालीसा का पाठ करने के लाभ)
धार्मिक मान्यताओं अनुसार जो व्यक्ति सच्चे मन से श्री लक्ष्मी चालीसा का पाठ करता है उसे धन और स्मृद्धि की प्राप्ति होती है। मान्यता है देवी लक्ष्मी अपने भक्तों की सभी प्रकार की धन संबंधी परेशानियां दूर करती हैं ऐसे में लक्ष्मी चालीसा का पाठ व्यक्ति को आर्थिक तौर पर मजबूत बनाता है।
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