Magahrshish Month Puja 2023:जानिए मार्गशीर्ष महीने में करें इस तरह से उपासना, जानें पूरा नियम
Magahrshish Month Puja 2023: मार्गशीर्ष का महीना पूजा- पाठ के लिए बहुत शुभ महीना माना जाता है। इस माह में भगवान श्री कृष्ण की उपासना की जाती है। आइए जानते हैं इस महीने में किस तरह से करें उपासना। जानें पूरा नियम
Magahrshish Month Puja 2023
Magahrshish Month Puja 2023: मार्गशीर्ष का महीना बहुत ही पवित्र तथा भगवान श्री कृष्ण को समर्पित मास होता है। यह माह भक्ति तथा सम्पूर्ण समर्पण से भगवान श्री कृष्ण जी के प्रति श्रद्धा भाव अर्पित करने का है । भगवान कृष्ण ने गीता में कहा है कि मैं माह में मार्गशीर्ष हूं। इस माह की एक- एक तिथि महत्वपूर्ण है।इस माह की एकादशी व अमावस्या बहुत महत्वपूर्ण है।
मार्गशीर्ष एकादशी व अमावस्या का महत्वयह माह भगवान श्री कृष्ण का है। इस माह की दोनों एकादशी बहुत ही पवित्र होती है।जो लोग पितरों की आत्मा को शांति या मोक्ष देने चाहते हैं उनके लिए इस माह की अमावस्या वरदान है। इस अमावस्या को व्रत रखकर विशेष पूजा पाठ करके भंडारा करना चाहिए। जिनके पितरों में किसी की कभी अकाल मृत्यु हुई है वो इस दिन विशेष तांत्रिक अनुष्ठान भी कर सकते हैं। त्रिपिंडी श्राद्ध भी करवा सकते हैं।जिन लोगों की कुंडली में पितृ दोष हो वो त्रिपिंडी श्राद्ध करके उसकी शांति करवा सकते हैं।
भगवान कृष्ण को प्रसन्न करने का उत्तम समयगीता में भगवान कृष्ण ने अपने को माहों में मार्गशीर्ष कहा है।इस माह रोज गीता का पाठ करना चाहिए। श्री विष्णुसहस्रनाम का पाठ विशेष फलदायी है। पवित्र नदी में स्नान करके दान पुण्य करना चाहिए। संकटों से मुक्ति के लिए श्री रामचरितमानस में सुंदरकांड का पाठ करना बहुत ही लाभकारी होता है। नदी में स्नान करते समय गायत्री मंत्र का जप करते रहें तथा स्नान के उपरांत नदी के तट पर पवित्र आसन पर बैठकर गीता का पाठ करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
यमुना स्नान का है विशेष महत्वभगवान श्री कृष्ण ने गोपियों से यमुना स्नान की महत्ता बताई है।भगवान ने गोपियों से अपनी भक्ति प्राप्त करने का सबसे सहज तथा सरल तरीका मृगशिरा मास में यमुना स्नान व श्री कृष्ण भक्ति बतायी है। इस स्नान का विशेष फल प्राप्त होगा।
विजय मुहूर्त में करवाएं बंगलामुखी अनुष्ठानराजनीति में विजय प्राप्ति हेतु तथा किसी भी प्रकार की बाधाओं को समाप्त करने के लिए किसी भी दिन विजय मुहूर्त में बंगलामुखी पूजा आरम्भ कराकर सकुशल विधिवत सम्पन्न कराने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।
अभिजीत तथा अमृत काल में करें विष्णु पूजाइस शुभ मुहूर्त में बृहस्पति तथा चंद्रमा के बीज मंत्र का जप करें। महामृत्युंजय मंत्र भी फलदायी है। इस समय श्री विष्णुसहस्रनाम का पाठ बहुत लाभ देता है।
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TNN अध्यात्म डेस्क author
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