Navratri Ashtami Puja Vidhi, Shubh Muhurat: आज है नवरात्रि की अष्टमी, जान लें पूजा विधि, शुभ मुहूर्त, कथा, मंत्र सबकुछ
Maha Ashtami 2024 Date, Time, Puja Vidhi, Vrat Katha, Puja Muhurat in Hindi: चैत्र नवरात्रि की अष्टमी तिथि को दुर्गा अष्टमी और महाअष्टमी के नाम से जाना जाता है। यहां जानिए महा अष्टमी की तारीख, मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व सबकुछ।
Maha Ashtami 2024 Date, Puja Vidhi
Maha Ashtami 2024 Date, Time, Puja Vidhi, Vrat Katha: इस साल चैत्र नवरात्रि की महा अष्टमी 15 अप्रैल की दोपहर 12 बजकर 11 मिनट से और 16 अप्रैल की दोपहर 1 बजकर 23 मिनट तक रहेगी। उदया तिथि के अनुसार महा अष्टमी पूजा 16 अप्रैल को मनाई जाएगी। इस दिन देवी दुर्गा के महागौरी अवतार की पूजा की जाती है। माता का ये रूप बेहद दयालु माना जाता है। कहते हैं मां महागौरी की अराधना से भक्तों के सारे दुख दूर हो जाते हैं। यहां जानिए महा अष्टमी की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त, मंत्र, कथा, आरती सबकुछ।
महाअष्टमी के दिन कैसे करें कन्या पूजन, यहां जानें पूरी विधि विस्तार से
महाअष्टमी पूजा विधि (Maha Ashtami Puja Vidhi In Hindi)
- महाअष्टमी के दिन सुबह सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान कर लें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- इसके बाद पूजा स्थल की सफाई करें और वहां एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर उस पर दुर्गा जी की प्रतिमा स्थापित करें।
- फिर फूल, जल, दीप, नैवेध, अक्षत, धूप आदि के साथ माता की विधि विधान पूजा करें।
- इस दिन माता को लाल रंग के फूल अवश्य अर्पित करें।
- पूजा के समय दुर्गा चालीसा का पाठ करें। साथ में माता के मंत्रों का जाप भी अवश्य करें।
- अंत में माता की आरती करें और हाथ जोड़कर सुखी जीवन की कामना करें।
- माता की पूजा के बाद कन्याओं को भोजन करवाएं।
महाअष्टमी मंत्र (Maha Ashtami Mantra)
महाअष्टमी के दिन महागौरी के सिद्ध मंत्रों का विधि पूर्वक जाप करने से माता रानी की असीम कृपा प्राप्त होती है। मुख्य रूप से रात के समय महागौरी के मंत्रों का जाप बेहद फलदायी माना जाता है। मंत्रों का जाप करने से पहले माता रानी की प्रतिमा के सामने घी का दीया अवश्य जलाएं और उनके सिद्ध मंत्रों का कम से कम 151 बार जाप करें।
- ॐ हींग डुंग दुर्गायै नमः
- ॐ अंग हींग क्लीं चामुण्डाय विच्चे
- सर्वमंगलमांगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके। शरण्ये त्रयंबके गौरी नारायणी नमोस्तुते।
महा अष्टमी का महत्व (Maha Ashtami Ka Mahtva)
मान्यताओं के अनुसार दुर्गा माता ने अष्टमी तिथि के दिन ही राक्षस महिषासुर का वध किया था इसलिए इस दिन को महा अष्टमी के नाम से जाना जाता है। कहते हैं जो भक्त दुर्गा अष्टमी की विधि विधान पूजा करता है उसके जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। इस दिन व्रत रखने का भी विशेष महत्व माना गया है।
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धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हूं। पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। 10 साल से मीडिया में काम कर रही हूं। पत्रकारिता में करि...और देखें
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