Maha Kumbh Mela 2025: 10 प्वाइंट में जानें महाकुंभ मेला 2025 के बारे में हर महत्वपूर्ण जानकारी
Maha Kumbh Mela 2025: आस्था, विश्वास, सौहार्द और संस्कृतियों के मिलन का महापर्व है “महाकुम्भ”। जिसकी शुरुआत 13 जनवरी से उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में होने जा रही है। यहां आप जानेंगे महाकुंभ से जुड़े सभी सवालों के जवाब।
Maha Kumbh Mela 2025
Maha Kumbh Mela 2025: महाकुंभ 2025 कब से कब तक रहेगा? कहां लग रहा है? इसका धार्मिक महत्व क्या है? यहां कैसे पहुंच सकते हैं? कुंभ मेले में शाही स्नान की प्रमुख तिथियां क्या रहेंगी? यहां रहने की क्या व्यवस्था है? कुंभ मेले में टेंट बुकिंग कैसे करें? क्या ये 144 साल बाद वाला महाकुंभ है? अगर आप भी इन सभी सवालों के जवाब पाना चाहते हैं तो हमारा ये आर्टिकल आपके बेहद काम आने वाला है। यहां आप 10 बिंदुओं में जानेंगे महाकुंभ मेले से जुड़ी हर एक जानकारी।
1. प्रयागराज में महाकुंभ मेला कब से कब तक लगेगा 2025 (Maha Kumbh Mela 2025 Start And End Date)
प्रयागराज में कुंभ मेला 13 जनवरी को पौष पूर्णिमा के दिन से शुरू होकर 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के दिन तक रहेगा।
2. महाकुंभ मेला कहां-कहां लगता है (Maha Kumbh Mela Kha-Kha Lagta Hai)
महाकुंभ सिर्फ प्रयागराज में ही लगता है। ये मेला 144 वर्षों बाद आयोजित किया जाता है। प्रयागराज में महाकुंभ मेला लग रहा है।
3. कुंभ में स्नान की तिथियां 2025 (Maha Kumbh Snan Dates 2025)
13 जनवरी 2025- पौष पूर्णिमा
14 जनवरी 2025- मकर संक्रांति
29 जनवरी 2025- मौनी अमावस्या
3 फरवरी 2025- वसंत पंचमी
12 फरवरी 2025- माघी पूर्णिमा
26 फरवरी 2025- महाशिवरात्रि
4. क्या 2025 में 144 साल बाद वाला महाकुंभ लग रहा है (Mahakumbh Mela 2025 After How Many Years)
पंडित सुजीत जी महाराज अनुसार प्रयागराज में हर 12 साल बाद लगने वाले कुंभ को महाकुंभ भी कहा जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि 144 साल वाला कुंभ कब होगा इस बारे में सटीक जानकारी हासिल नहीं की जा सकती। क्योंकि जब इस बात का पता होगा कि पहला कुंभ कब लगा था तभी ही 144 साल बाद वाले कुंभ की सही गड़ना कर पाएंगे। इसलिए प्रयागराज में 2025 में लगने वाले कुंभ को महाकुम्भ माना जा सकता है।
5. कुम्भ का आयोजन कब, कहां और कैसे होता है (Kumbh Kab, Kaha Aur Kaise Lagta Hai)
- बृहस्पति के कुम्भ राशि में तथा सूर्य के मेष राशि में प्रवेश करने पर हरिद्वार में गंगा-तट पर कुम्भ पर्व का आयोजन होता है।
- बृहस्पति के वृषभ राशि चक्र में प्रवेश तथा सूर्य और चन्द्र के मकर राशि में आने पर अमावस्या के दिन प्रयागराज में त्रिवेणी संगम तट पर कुम्भ पर्व का आयोजन होता है।
- बृहस्पति एवं सूर्य के सिंह राशि में प्रवेश होने पर नासिक में गोदावरी तट पर कुम्भ पर्व का आयोजन होता है।
- बृहस्पति के सिंह राशि में तथा सूर्य के मेष राशि में प्रविष्ट होने पर उज्जैन में शिप्रा तट पर कुम्भ पर्व का आयोजन होता है।
10. कुंभ मेला के प्रकार (Kumbh Mela Ke Prakar)
कुंभ मेले चार प्रकार के होते हैं: कुंभ मेला, अर्ध कुंभ, पूर्ण कुंभ और महाकुंभ। इस बारे में विस्तार से जानने के लिए यहां क्लिक करें
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लवीना शर्मा author
धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हूं। पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। 10 सा...और देखें
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