दुर्गा नवमी के दिन कलश विसर्जन का शुभ मुहूर्त क्या रहेगा, जानिए विधि, मंत्र समेत सारी जानकारी
शारदीय नवरात्रि की दुर्गा नवमी पर लोग हवन पूजन करते हैं। इस दिन कन्या पूजन का भी विशेष महत्व माना जाता है।
Navratri Puja Vidhi In Hindi
दुर्गा नवमी 2024 (Durga Navami2024)
पंचांग अनुसार नवरात्रि की नवमी तिथि 11 अक्टूबर की दोपहर 12 बजकर 6 मिनट से 12 अक्टूबर की सुबह 10 बजकर 58 मिनट तक रहेगी।
Navratri Havan Pujan Vidhi Mantra
दुर्गा नवमी पूजा मुहूर्त (Durga Navami Puja Muhurat 2024)
शुभ - उत्तम - 07:47 ए एम से 09:14 ए एम
लाभ - उन्नति - 01:34 पी एम से 03:01 पी एमवार वेला
अमृत - सर्वोत्तम - 03:01 पी एम से 04:28 पी एम
दुर्गा नवमी कन्या पूजन मुहूर्त 2024 (Durga Navami Kanya Pujan Muhurat 2024)
दुर्गा नवमी के दिन कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त सुबह से लेकर शाम तक रहेगा। आप अपनी सुविधानुसार किसी भी समय कन्या पूजन कर सकते हैं।
दुर्गा नवमी हवन पूजन मुहूर्त 2024 (Durga Navami Hawan Pujan Muhurat 2024)
दुर्गा नवमी के दिन हवन पूजन के लिए सबसे शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 44 मिनट से शुरू होकर दोपहर 12 बजकर 23 मिनट तक रहेगा।
Mata Ji Ki Aarti: माता जी की आरती
Navratri Ka Kalash Kab Hataye: नवरात्रि का कलश कब हटाएं
नवरात्रि का कलश हवन पूजन और कन्या पूजन के बाद हटा सकते हैं।Durga Visarhan Time 2024: दुर्गा विसर्जन मुहूर्त
01:17 पी एम से 03:35 पी एमDurga Navami Kitne Baje Tak Hai: दुर्गा नवमी कितने बजे तक है
आज दुर्गा नवमी सुबह 10 बजकर 58 मिनट तक रहेगी।दुर्गा नवमी पूजा मुहूर्त 2024
शुभ - उत्तम - 07:47 ए एम से 09:14 ए एमलाभ - उन्नति - 01:34 पी एम से 03:01 पी एमवार वेला
अमृत - सर्वोत्तम - 03:01 पी एम से 04:28 पी एम
नवमी हवन पूजन मुहूर्त 2024 : Navratri Havan Pujan Muhurat 2024
नवरात्रि हवन पूजन मुहूर्त 11 अक्टूबर की दोपहर 12 बजकर 05 मिनट से 12 अक्टूबर को प्रातःकाल 10:58 तक रहेगा। लेकिन अगर नवमी हवन के सबसे शुभ मुहूर्त की बात करें तो वो सुबह 11:44am दोपहर 12:31 बजे तक रहेगा।नवरात्रि हवन विधि : Navratri Hawan Vidhi In Hindi
आम की लकड़ी आमतौर पे हवन हेतु प्रयोग की जाती है। हवन की सम्पूर्ण सामाग्री चाहिए। जौ का प्रयोग नवरात्र के हवन में अवश्य करना चाहिए। तिल के प्रयोग से आध्यात्मिक उत्कर्ष एवं कष्टों का शमन होता है। गुड़ का प्रयोग मंगल और सूर्य ग्रह को प्रसन्न करने के लिए है। चीनी चंद्रमा और शुक्र के लिए है। गाय के ही घी का प्रयोग करें। घी अग्नि में आवश्यक है। घी वैसे भी शुक्र का प्रतीक है। सूखे हवन वाले नारियल का प्रयोग अंत मे करते हैं उसपे घी का लेपन करके अग्नि को समर्पित करते हैं। हवन नवरात्र पूजा की परिपूर्णता है। इससे माता प्रसन्न होती हैं और ग्रहों को भोजन मिलता है। एक विशेष बात तांत्रिक पूजा के हवन की विधि और द्रव्य वैदिक पूजा से अलग होते हैं। बंगलामुखी पूजा के हवन में सरसो का प्रयोग किया जाता है। नवग्रह की लकड़ी का प्रयोग आपको प्रत्येक हवन में करना ही करना है।नवमी कन्या पूजन मुहूर्त 2024 : Navratri Kanya Pujan Muhurat 2024
नवरात्रि कन्या पूजन मुहूर्त 11 अक्टूबर की सुबह 04:39 से शाम 7 बजकर 8 मिनट तक रहेगा। अमूमन लोग कन्या पूजन दोपहर 1 बजे से पहले ही कर लेते हैं।today is which day: आज कौन सा दिन है
आज नवरात्रि का नौवां दिन है। आज मां सिद्धिदात्री की पूजा होती है।navami october 2024 timing in hindi: दुर्गा नवमी 2024 तिथि व मुहूर्त
दुर्गा नवमी 11 अक्टूबर को दोपहर 12 बजकर 05 मिनट पर आरम्भ होगी और 12 अक्टूबर की सुबह 10 बजकर 58 मिनट पर समाप्त होगी। पंचांग अनुसार नवमी 11 अक्टूबर को मनाई जाएगी।navratri hawan time : नवरात्रि हवन टाइम 2024
नवरात्रि हवन पूजन मुहूर्त 11 अक्टूबर की दोपहर 12 बजकर 05 मिनट से 12 अक्टूबर को प्रातःकाल 10:58 तक रहेगा। लेकिन अगर नवमी हवन के सबसे शुभ मुहूर्त की बात करें तो वो सुबह 11:44am दोपहर 12:31 बजे तक रहेगा।Durga Navami Havan Mantra: दुर्गा नवमी हवन मंत्र
1. या देवी सर्वभूतेषु विष्णुमायेति शब्दिता ।नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ स्वाहा
2. या देवी सर्वभूतेषु चेतनेत्यभिधीयते ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ स्वाहा
3. या देवी सर्वभूतेषु बुद्धिरूपेण संस्थिता ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ स्वाहा
4. या देवी सर्वभूतेषु निद्रारूपेण संस्थिता ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ स्वाहा
5. या देवी सर्वभूतेषु क्षुधारूपेण संस्थिता ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ स्वाहा
6. या देवी सर्वभूतेषु च्छायारूपेण संस्थिता ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ स्वाहा
7. या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ स्वाहा
8. या देवी सर्वभूतेषु तृष्णारूपेण संस्थिता ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ स्वाहा
9. या देवी सर्वभूतेषु क्षान्तिरूपेण संस्थिता ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ स्वाहा
10. या देवी सर्वभूतेषु जातिरूपेण संस्थिता ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ स्वाहा
11. या देवी सर्वभूतेषु लज्जारूपेण संस्थिता ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ स्वाहा
12. या देवी सर्वभूतेषु शान्तिरूपेण संस्थिता ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ स्वाहा
13. या देवी सर्वभूतेषु श्रद्धारूपेण संस्थिता ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ स्वाहा
14. या देवी सर्वभूतेषु कान्तिरूपेण संस्थिता ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ स्वाहा
15. या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मीरूपेण संस्थिता ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ स्वाहा
16. या देवी सर्वभूतेषु वृत्तिरूपेण संस्थिता ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ स्वाहा
17. या देवी सर्वभूतेषु स्मृतिरूपेण संस्थिता ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ स्वाहा
18. या देवी सर्वभूतेषु दयारूपेण संस्थिता ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ स्वाहा
19. या देवी सर्वभूतेषु तुष्टिरूपेण संस्थिता ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ स्वाहा
20. या देवी सर्वभूतेषु मातृरूपेण संस्थिता ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ स्वाहा
21. या देवी सर्वभूतेषु भ्रान्तिरूपेण संस्थिता ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ स्वाहा
22. इन्द्रियाणामधिष्ठात्री भुतानाञ्चाखिलेषु या ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ स्वाहा
23. चितिरूपेण या कृत्स्नमेतद् व्याप्य स्थिता जगत् ।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ स्वाहा
24. स्तुता सुरैः पूर्वमभीष्टसंश्रया । त्तथा सुरेन्द्रेण दिनेषु सेविता ।
करोतु सा नः शुभहेतुरीश्वरी । शुभानि भद्राण्यभिहन्तु चापदः ।। स्वाहा
25. या साम्प्रतं चोद्धतदैत्यतापितै । रस्माभिरीशा च सुरैर्नमस्यते ।
या च स्मृता तत्क्षणमेव हन्ति नः । सर्वापदो भक्तिविनम्रमूर्तिभिः ।। स्वाहा
Navratri 9 Day Colour: नवरात्रि के नौवें दिन का रंग
इस दिन की पूजा में आप गुलाबी रंग के कपड़े पहनते हैं और मां की पूजा में ज़्यादा से ज़्यादा इस रंग की चीज़ें शामिल करते हैं तो इससे माता रानी की विशेष कृपा बरसेगी।Navratri Navami 2024: दुर्गा नवमी कितने बजे से लग रही है
दुर्गा नवमी 11 अक्टूबर की दोपहर 12 बजकर 6 मिनट से लगेगी जो अगरे दिन 12 अक्टूबर की सुबह 10 बजकर 58 मिनट तक रहेगी।कन्या पूजन के नियम (Kanya Pujan Ke Niyam)
- कन्या पूजन के दिए गलती से भी कन्याओं का अनादर न करें, उन्हें डांटे नहीं और ना ही कोई भी अपशब्द बोलें और किसी भी कन्या में कोई भेदभाव ना करें अन्यथा आपके व्रत का फल नहीं प्राप्त होता है।
- किसी को भोजन जबरदस्ती ना खिलाएं।
- कन्याओं का पूर्व दिशा की तरफ मुख करके टीका करें, उन्हें लाल चुनरी ओढ़ाएं और फिर भोजन कराएं।
- भोजन हमेशा सात्विक बना होना चाहिए। इसमें लहसुन, प्याज का इस्तेमाल न करें।
- कन्याओं के भोजन करने के बाद व्रत पारण कर लें।
Navratri Havan Mantra: नवरात्रि हवन मंत्र pdf
- ओम आग्नेय नम: स्वाहा
- ओम गणेशाय नम: स्वाहा
- ओम गौरियाय नम: स्वाहा
- ओम नवग्रहाय नम: स्वाहा
- ओम दुर्गाय नम: स्वाहा
- ओम महाकालिकाय नम: स्वाहा
- ओम हनुमते नम: स्वाहा
- ओम भैरवाय नम: स्वाहा
- ओम कुल देवताय नम: स्वाहा
- ओम स्थान देवताय नम: स्वाहा
- ओम ब्रह्माय नम: स्वाहा
- ओम विष्णुवे नम: स्वाहा
- ओम शिवाय नम: स्वाहा
- ओम जयंती मंगलाकाली, भद्रकाली कपालिनी दुर्गा क्षमा शिवाधात्री स्वाहा स्वधा नमस्तुति स्वाहा
- ओम ब्रह्मा मुरारी त्रिपुरांतकारी भानु: शशि भूमि सुतो बुधश्च: गुरुश्च शुक्र शनि राहु केतव सर्वे ग्रहा शांति करा भवंतु स्वाहा
- ओम गुरुर्ब्रह्मा, गुरुर्विष्णु, गुरुर्देवा महेश्वर: गुरु साक्षात् परब्रह्मा तस्मै श्री गुरुवे नम: स्वाहा
- ओम शरणागत दीनार्त परित्राण परायणे, सर्व स्थार्ति हरे देवि नारायणी नमस्तुते
- ओम पूर्णमद: पूर्णमिदम् पुर्णात पूण्य मुदच्यते, पुणस्य पूर्णमादाय पूर्णमेल विसिस्यते स्वाहा
नवरात्रि व्रत पारण मुहूर्त 2024 (Navratri Vrat Paran Muhurat 2024)
नवरात्रि व्रत का पारण 11 अक्टूबर 2024 को 12 बजे के बाद कभी भी किया जा सकता है। वहीं 12 अक्टूबर को पारण सुबह 10 बजकर 58 मिनट के बाद किया जाएगा।9th Day Of Navratri Mantra: नवरात्रि नौवें दिन का मंत्र
नवरात्रि के नौवें दिन 'ह्रीं क्लीं ऐें सिद्धये नमः' मंत्र का जाप करना चाहिए। इससे मां दुर्गा की विशेष कृपा प्राप्त होगी।Durga Navami 2024: शारदीय नवरात्रि नौवां दिन – प्रिय भोग
शारदीय नवरात्रि के नौवें दिन माँ को काले चने, हलवे, खीर पूरी का भोग अवश्य लगाएँ। कहा जाता है इस साधारण भोग मात्र से ही देवी की प्रसन्नता हासिल की जा सकती है।नवदुर्गा नवरात्रि हवन मंत्र (Nav Durga Navratri Havan Mantra)
- ॐ दुर्गा देवी नमः स्वाहा
- ॐ शैलपुत्री देवी नमः स्वाहा
- ॐ ब्रह्मचारिणी देवी नमः स्वाहा
- ॐ चंद्र घंटा देवी नमः स्वाहा
- ॐ कुष्मांडा देवी नमः स्वाहा
- ॐ स्कन्द देवी नमः स्वाहा
- ॐ कात्यायनी देवी नमः स्वाहा
- ॐ कालरात्रि देवी नमः स्वाहा
- ॐ महागौरी देवी नमः स्वाहा
- ॐ सिद्धिदात्री देवी नमः स्वाहा
- ॐ जयंती मंगलाकाली भद्रकाली कपालिनी दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा, स्वधा नमस्तुते स्वाहा |
- ॐ ब्रह्मामुरारी त्रिपुरांतकारी भानु: शशि: भूमि सुतो बुधश्च: गुरुश्च शुक्रे शनि राहु केतो सर्वे ग्रहा शांति कर: भवंतु स्वाहा।
- ॐ गुरुर्ब्रह्मा, गुरुर्विष्णु, गुरुर्देवा महेश्वर: गुरु साक्षात परब्रह्मा तस्मै श्री गुरुवे नम: स्वाहा।
मां सिद्धिदात्री की आरती (Maa Siddhidatri Ki Aarti In Hindi)
जय सिद्धिदात्री तू सिद्धि की दाता!!तू भक्तों की रक्षक
तू दासों की माता!!
तेरा नाम लेते ही मिलती है सिद्धी
तेरे नाम से मन की होती है शुद्धि!!
कठिन काम सिद्ध कराती हो तुम
हाथ सेवक के सिर धरती हो तुम!!
तेरी पूजा में न कोई विधि है
तू जगदंबे दाती, तू सर्वसिद्धी है!!
रविवार को तेरा सुमरिन करे जो
तेरी मूर्ति को ही मन में धरे जो !!
तू सब काम कराती है उसके पूरे
कभी काम उसके रहे न अधूरे!!
तुम्हारी दया और तुम्हारी यह माया
रखे जिसके सर पर मैया अपनी छाया!!
सर्व सिद्धी दाती वह है भाग्यशाली
जो है तेरे दर का ही मां अंबे सवाली!!
हिमाचल है पर्वत जहां वास तेरा
महानंदा मंदिर में है वास तेरा!!
मुझे आसरा तुम्हारा ही माता
भक्ति है सवाली तू जिसकी दाता!!
<b>नवरात्रि हवन मंत्र pdf (Navratri Hawan Mantra pdf)</b>
- दुर्गाशप्तशती में सप्तश्लोकी दुर्गा में वर्णित मंत्रों से हवन अवश्य करें।
- बीज मंत्र ॐ ऐं ह्लीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे नमः इससे हवन करें।
- 'देहि सौभाग्य मारोग्यम देहिमें परमम सुखम, रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि।' इस महामंत्र में सभी मनोकामनाएं सन्निहित हैं।
- श्री रामचरितमानस की किसी भी मंत्र से भी हवन कर सकते हैं।
- नवरात्र में ब्रम्हमुहूर्त में श्री राम रक्षा स्तोत्र में वर्णित किसी भी मंत्र से हवन करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
- मुकदमें में विजय और विजय की प्राप्ति हेतु तथा राजनीति में सफलता हेतु श्री बंगलामुखी मंत्र से हवन करें।
- श्री हनुमान चालीसा के मंत्रों से भी हवन कर सकते हैं।
- महामृत्युंजय मंत्र से हवन भी आपको स्वास्थ्य सुख प्रदान करेगा।
- माता दुर्गा के 32 नाम से हवन करें।
- माता के 108 नामों से हवन करें।
- नवरात्र में सिद्धिकुंजिकास्तोत्र का पाठ करके उसमें वर्णित बीज मंत्र से हवन करें।
नवमी कन्या पूजन मुहूर्त 2024 : Navratri Kanya Pujan Muhurat 2024
नवरात्रि कन्या पूजन मुहूर्त 11 अक्टूबर की सुबह 04:39 से शाम 7 बजकर 8 मिनट तक रहेगा। अमूमन लोग कन्या पूजन दोपहर 1 बजे से पहले ही कर लेते हैं।navratri me kya pujan kab karen: नवरात्रि कन्या पूजन
उदयातिथि मान्य होने के कारण कन्या पूजन भी शुक्रवार 11 अक्टूबर 2024 को ही किया जाएगा, क्योंकि इस दिन अष्टमी नवमी दोनों रहेगी. आप भी इसी दिन कन्या पूजन कर सकते हैंkanya pujan me kya khilana chahiye: कन्या पूजन में क्या खिलाना चाहिए
कन्या पूजन में हलवा, पूडी और चने खिलाने चाहिए।period me kanya pujan kaise karen: मासिक धर्म में कन्या पूजन कैसे करें
यदि किसी महिला के अष्टमी या नवमी के दिन पीरियड्स आ जाते हैं तो उन्हें यह पूजा किसी और से कराने की सलाह दी जाती है। यदि स्त्री विवाहित है तो अपने पति से कन्या पूजन कराये। यदि स्त्री कुंवारी है तो उसे अपने माता-पिता की मदद से कन्या पूजना चाहिएnavratri havan muhurat 2024: हवन पूजन मुहूर्त 2024
हवन 11 अक्टूबर को दोपहर 12 बजकर 05 मिनट से 12 अक्टूबर को प्रातःकाल 10:58 तक हवन कर सकते हैं।Navratri 9th Day Bhog : नवरात्रि के नौवें दिन का भोग
नवरात्रि के नौंवे दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। इस दिन मां को हलवा, पूड़ी और काले चने का भोग लगाया जाता है। यही भोजन कन्या को भी कराया जाता है।नवरात्रि नवमी पूजा विधि: Navami Puja Vidhi
महाष्टमी और महानवमी (Navratri 2024) के दिन कन्या पूजन का विशेष महत्व माना गया है। ऐसे में इस तिथि पर पूजा के बाद अपने घर 8 या 9 कन्याओं को भोजन के लिए आमंत्रित करें। अब उन्हें पूरी, चने, नारियल और हलवे को भोग के रूप में खिलाएं। विदा करने से पहले उन्हें कुछ-न-कुछ उपहार जरूर दें और उनसे आशीर्वाद लेकर उन्हें विदा करें। ऐसा करने से माता रानी आपसे प्रसन्न होती हैं और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं।best gift for kanya pujan
Navratri Havan Muhurat 2024: नवरात्रि हवन मुहूर्त 2024
नवरात्रि हवन पूजन मुहूर्त 11 अक्टूबर की दोपहर 12 बजकर 05 मिनट से 12 अक्टूबर को प्रातःकाल 10:58 तक रहेगा। लेकिन अगर नवमी हवन के सबसे शुभ मुहूर्त की बात करें तो वो सुबह 11:44am दोपहर 12:31 बजे तक रहेगा।नवरात्रि अष्टमी और नवमी तिथि का महत्व क्यों?
महाष्टमी को दुर्गाष्टमी भी कहते है और यह तिथि को दुर्गा पूजा का प्रमुख दिन माना जाता है। महाअष्टमी पर संधि पूजा होती है। यह पूजा अष्टमी और नवमी दोनों दिन चलती है। हिंदू धर्म में नवरात्रि के त्योहार पर अष्टमी और नवमी दोनों ही तिथियों का खास महत्व होता है। महाष्टमी दुर्गा पूजा और उपासना के लिए सबसे शुभ तिथि मानी गई है। इस तिथि पर देवी दुर्गा के सबसे शक्तिशाली रूप की पूजा होती है। महाष्टमी पर देवी दुर्गा के महागौरी स्वरूप और नवमी तिथि पर मां सिद्धिदात्री स्वरूप की पूजा होती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार महाष्टमी पर देवी दुर्गा ने महिषासुर दैत्य का वध करने के लिए महिषासुरमर्दिनी का स्वारूप धरा किया था।कन्या पूजन विधि: Kanya Puja Vidhi In Hindi
कन्या पूजन स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करके करना चाहिए।कन्या पूजन से पहले भगवान गणेश और माता की विधि विधान पूजा करें। साथ ही हवन भी करें।
कन्या पूजन के लिए घर में 2 से लेकर 10 वर्ष तक की कन्याओं को बुलाएं। साथ ही आप एक बालक को भी जरूर बुलाएं।
घर आए बच्चों के सबसे पहले पैर धोएं और पोछें।
इसके बाद लकड़ी के पटरी पर उन्हें बिठाएं।
उनके माथे पर कुमकुम और अक्षत का टीका करें।
फिर कन्याओं और बालक के हाथ में कलावा बांधें।
इसके बाद सभी की आरती उतारें।
फिर कन्याओं और बालकों को भोजन कराएं।
इसके बाद उन्हें कोई ना कोई उपहार दें।
जब कन्याएं घर से जाने लगे तो उनका पैर छूकर उनका आशीर्वाद प्राप्त करें।
कन्या पूजन शुभ मुहूर्त 2024 : Kanya Pujan Shubh Muhurat 2024
प्रातःकाल ब्रम्ह मुहूर्त04:39 AM से 05:30 AM तकअभिजीत मुहूर्त11:44am जे 12:31pm तक
विजय मुहूर्त02:0 pm से 02:47 pm तक
गोधूली मुहूर्त05:54 pm जे 07:08 pm तक
Kanya Pujan Samagri List : कन्या पूजन सामग्री लिस्ट
जलथाली
कन्या के लिए आसन
लाल चुनरी
सिंदूर
अक्षत
हलवा
पूड़ी
चना
नारियल
कलावा
फूल
मिठाई
क्षमतानुसार उपहार
कन्या पूजन विधि : Kanya Puja Vidhi In Hindi
कन्या पूजन स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करके करना चाहिए।कन्या पूजन से पहले भगवान गणेश और माता की विधि विधान पूजा करें। साथ ही हवन भी करें।
कन्या पूजन के लिए घर में 2 से लेकर 10 वर्ष तक की कन्याओं को बुलाएं। साथ ही आप एक बालक को भी जरूर बुलाएं।
घर आए बच्चों के सबसे पहले पैर धोएं और पोछें।
इसके बाद लकड़ी के पटरी पर उन्हें बिठाएं।
उनके माथे पर कुमकुम और अक्षत का टीका करें।
फिर कन्याओं और बालक के हाथ में कलावा बांधें।
इसके बाद सभी की आरती उतारें।
फिर कन्याओं और बालकों को भोजन कराएं।
इसके बाद उन्हें कोई ना कोई उपहार दें।
जब कन्याएं घर से जाने लगे तो उनका पैर छूकर उनका आशीर्वाद प्राप्त करें।
नवरात्रि अष्टमी-नवमी पूजन सामग्री : Navratri Ashtami-Navami Pujan Samagri
लाल कपड़ाघी
रौली
सिंदूर
अक्षत
फूल
फल
मिठाईयां
धूप
नारियल
सिंगार का सामान
गंगाजल
लाल चुनरी या साड़ी
कपूर
हल्दी की गाठ
लौंग
सुपारी
पानी
कन्या भोज सामग्री लिस्ट : Kanya Bhoj Samagri List
हलवाचना
पूरी
kanya pujan ka saman: कन्या पूजन का सामान
जल- सबसे पहले कन्याओं के पैर धोएं जाते हैं।साफ कपड़ा- कन्याओं के पैर धोने के बाध पैरों को पोछने के लिए एक साफ कपड़ा रख लें।
रोली- कन्याओं के माथे पर तिलक लगाने के लिए।
चावल (अक्षत)- कन्याओं के माथे में अक्षत भी लगाएं।
कलावा- कन्याओं को तिलक लगाने के बाद उनके हाथ में कलावा भी बांधें।
navratri havan muhurat 2024: नवरात्रि हवन मुहूर्त 2024
नवरात्रि नवमी हवन पूजन मुहूर्त 11 अक्टूबर की दोपहर 12 बजकर 05 मिनट से लेकर 12 अक्टूबर को प्रातःकाल 10:58 तक रहेगा।© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited