Maha Shivratri Mantra In Hindi: शिव बीज मंत्र, शिव गायत्री मंत्र और महामृत्युंजय मंत्र यहां देखें

Shiv Mantra (शिव जी के मंत्र): शिव मंत्र महादेव को प्रसन्न करने का सबसे कारगर तरीका है। ऐसे में महाशिवरात्रि के दिन शिव जी के बीज मंत्र, महामृत्युंजय मंत्र (Mahamrityunjay Mantra), शिव गायत्री मंत्र और कुछ विशेष मंत्रों का जाप जरूर करें।

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Maha Shivratri 2023 पर भगवान शिव के इन मंत्रों का जरूर करें जाप, हर परेशानी होगी दूर

Maha Shivratri Mantra: देवों के देव महादेव का त्योहार महाशिवरात्रि इस बार 18 फरवरी को मनाया जा रहा है। भगवान शिव की कृपा पाने के लिए ये दिन बेहद खास होता है। कहते हैं इस दिन जो व्यक्ति सच्चे मन से शिव की भक्ति करता है उसके जीवन के सारे दुख दूर हो जाते हैं। ऐसे में महाशिवरात्रि के दिन शिव जी के मंत्रों का जाप जरूर करें। मान्यता है मंत्र जाप से देवी-देवता काफी जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं। जानिए भगवान शिव के सबसे प्रभावशाली मंत्र यहां।

शिव जी के मंत्र (Most Powerful Shiv Mantra)

सर्वाधिक लोकप्रिय शिव मंत्र - पंचाक्षरी शिव मंत्र

“ॐ नमः शिवाय”

शिव बीज मंत्र

“ह्रौं"

महामृत्युंजय मंत्र

“ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।

उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥”

शिव गायत्री मंत्र

‘ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्र: प्रचोदयात।’

श्री शिव पंचाक्षर स्तोत्र

नागेंद्रहाराय त्रिलोचनाय भस्मांग रागाय महेश्वराय

नित्याय शुद्धाय दिगंबराय तस्मै न काराय नम: शिवाय:॥

मंदाकिनी सलिल चंदन चर्चिताय नंदीश्वर प्रमथनाथ महेश्वराय

मंदारपुष्प बहुपुष्प सुपूजिताय तस्मै म काराय नम: शिवाय:॥

शिवाय गौरी वदनाब्जवृंद सूर्याय दक्षाध्वरनाशकाय

श्री नीलकंठाय वृषभद्धजाय तस्मै शि काराय नम: शिवाय:॥

अवन्तिकायां विहितावतारं मुक्तिप्रदानाय च सज्जनानाम्।

अकालमृत्यो: परिरक्षणार्थं वन्दे महाकालमहासुरेशम्।।

शिवाष्टक

प्रभुं प्राणनाथं विभुं विश्वनाथं जगन्नाथ नाथं सदानन्द भाजाम् ।

भवद्भव्य भूतेश्वरं भूतनाथं, शिवं शङ्करं शम्भु मीशानमीडे ॥ 1 ॥

गले रुण्डमालं तनौ सर्पजालं महाकाल कालं गणेशादि पालम् ।

जटाजूट गङ्गोत्तरङ्गै र्विशालं, शिवं शङ्करं शम्भु मीशानमीडे ॥ 2॥

मुदामाकरं मण्डनं मण्डयन्तं महा मण्डलं भस्म भूषाधरं तम् ।

अनादिं ह्यपारं महा मोहमारं, शिवं शङ्करं शम्भु मीशानमीडे ॥ 3 ॥

वटाधो निवासं महाट्टाट्टहासं महापाप नाशं सदा सुप्रकाशम् ।

गिरीशं गणेशं सुरेशं महेशं, शिवं शङ्करं शम्भु मीशानमीडे ॥ 4 ॥

गिरीन्द्रात्मजा सङ्गृहीतार्धदेहं गिरौ संस्थितं सर्वदापन्न गेहम् ।

परब्रह्म ब्रह्मादिभिर्-वन्द्यमानं, शिवं शङ्करं शम्भु मीशानमीडे ॥ 5 ॥

कपालं त्रिशूलं कराभ्यां दधानं पदाम्भोज नम्राय कामं ददानम् ।

बलीवर्धमानं सुराणां प्रधानं, शिवं शङ्करं शम्भु मीशानमीडे ॥ 6 ॥

शरच्चन्द्र गात्रं गणानन्दपात्रं त्रिनेत्रं पवित्रं धनेशस्य मित्रम् ।

अपर्णा कलत्रं सदा सच्चरित्रं, शिवं शङ्करं शम्भु मीशानमीडे ॥ 7 ॥

हरं सर्पहारं चिता भूविहारं भवं वेदसारं सदा निर्विकारं।

श्मशाने वसन्तं मनोजं दहन्तं, शिवं शङ्करं शम्भु मीशानमीडे ॥ 8 ॥

स्वयं यः प्रभाते नरश्शूल पाणे पठेत् स्तोत्ररत्नं त्विहप्राप्यरत्नम् ।

सुपुत्रं सुधान्यं सुमित्रं कलत्रं विचित्रैस्समाराध्य मोक्षं प्रयाति ॥

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लवीना शर्मा author

धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हूं। पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। 10 साल से मीडिया में काम कर रही हूं। पत्रकारिता में करि...और देखें

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