Shiv Parvati Katha: जब पार्वती के लिए शंकर जी को बनना पड़ा मछुआरा, नंदी ने चलाया था चक्कर

Maha Shivratri 2024: पार्वती के मृत्युलोक में जाने के बाद शिव को बहुत पछतावा हुआ कि यह मैंने क्या किया? जिसका स्नेह मेरे लिए अगाध था, उसी को मैंने आवेश में आकर त्याग कर दिया?

महा शिवरात्रि 2024: पार्वती को दिये श्राप के कारण भगवान शंकर को मछुआरा बनना पड़ा था।

भगवान शिव से जुड़ी कई कथाएं प्रचलित हैं। कई रोचक कथाओं का जिक्र शिवपुराण जैसे महाग्रंथ में भी बताई गई हैं। ऐसी ही एक कथा है जब भगवान शंकर ने अपनी ही अर्धांगिनी पार्वती को श्राप दे दिया। इतना ही नहीं भगवान शिव को अपने श्राप के पछतावे के तौर पर मछुआरे के रूप में जन्म भी लेना पड़ा था। महाशिवरात्रि के पावन पर्व से पहले जानिए शिव जी से जुड़ा ये रोचक प्रसंग:

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महाशिवरात्रि पर शंकर जी की कहानी (Maha Shivratri Ki Kahani)एक बार भगवान शंकर पार्वती को सृष्टि के रहस्यों का ज्ञान दे रहे थे। शिवजी की बातों को सुनते-सुनते पार्वती पता नहीं कहां खो गईं। भोले शंकर ने देखा कि पार्वती का ध्यान भटक चुका है। उन्होंने पूछा भी कि क्या तुम मेरी बात सुन रही हो, लेकिन माता पार्वती ने कोई जवाब नहीं दिया। इसपर भगवान शंकर क्रोधित हो गए। उन्होंने क्रोध में आकर पार्वती से बोले कि ज्ञान ग्रहण करने के दौरान ध्यान का भटकाव अक्षम्य है। उसके बाद शिवजी ने पार्वती को श्राप दिया कि तुम जाओ और मृत्युलोक में किसी मछुआरे की स्त्री के रूप में जन्म लो।

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शिवजी ने पार्वती को दिया श्राप (Shankar Ji ki Kahani)शिवजी के श्राप देते ही पार्वती वहां से गायब हो गईं। धरती पर एक नदी के किनारे किसी मछुआरे को पेड़ के नीचे एक नवजात बच्ची दिखाई दी। उसने उसे भगवान का आशीर्वाद मान अपनी बेटी के रूप में स्वीकार कर लिया। यह बच्ची कोई और नहीं बल्कि मां पार्वती थीं।

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