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महाशिवरात्रि की पूजा का शुभ मुहूर्त, विधि, सामग्री लिस्ट, भजन, चालीसा, मंत्र, आरती, कथा समेत संपूर्ण जानकारी यहां

पंचांग अनुसार महाशिवरात्रि का त्योहार फाल्गुन कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। इस साल ये तिथि 26 फरवरी की सुबह 11 बजकर 8 मिनट से शुरू होकर 27 फरवरी की सुबह 8 बजकर 54 मिनट तक रहेगी।

महाशिवरात्रि की पूजा का शुभ मुहूर्त, विधि, सामग्री लिस्ट, भजन, चालीसा, मंत्र, आरती, कथा समेत संपूर्ण जानकारी यहां

महाशिवरात्रि की पूजा का शुभ मुहूर्त, विधि, सामग्री लिस्ट, भजन, चालीसा, मंत्र, आरती, कथा समेत संपूर्ण जानकारी यहां

शिव और शक्ति के मिलन का महान पर्व है महाशिवरात्रि। जो उत्तर भारतीय पंचांग अनुसार फाल्गुन महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। वैसे तो हर महीने में शिवरात्रि का त्योहार आता है लेकिन फाल्गुन माह की शिवरात्रि सबसे ज्यादा खास मानी जाती है। इसलिए ही इसे महाशिवरात्रि कहा जाता है। इस दिन भगवान शिव के साथ माता पार्वती की भी पूजा का विधान है। इस दिन रात्रि के चारों प्रहर की पूजा का विशेष महत्व माना जाता है। चलिए आपको बताते हैं महाशिवरात्रि पर्व का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व।

Maha Shivratri Puja Samagri In Hindi


महा शिवरात्रि 2025 पूजा मुहूर्त (Maha Shivratri 2025 Puja Muhurat)

रात्रि प्रथम प्रहर पूजा समय (26 फरवरी 2025) - 06:19 PM से 09:26 PM
रात्रि द्वितीय प्रहर पूजा समय - 26 फरवरी को 09:26 PM से 27 फरवरी को 12:34 AM तक
रात्रि तृतीय प्रहर पूजा समय (27 फरवरी 2025) - 12:34 AM से 03:41 AM
रात्रि चतुर्थ प्रहर पूजा समय (27 फरवरी 2025) - 03:41 AM से 06:48 AM

महा शिवरात्रि निशिता काल पूजा समय 2025 (Maha Shivratri 2025 Nishita Kaal Puja Time)

महा शिवरात्रि के दिन निशिता काल पूजा समय 26 फरवरी की देर रात 12 बजकर 9 मिनट से 12 बजकर 59 मिनट तक रहेगा। शिवरात्रि पूजा के लिए ये मुहूर्त सबसे शुभ माना जाता है।

महा शिवरात्रि पूजा विधि (Maha Shivratri Puja Vidhi)

  • महा शिवरात्रि के दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नानादि कार्यों से निवृत्त होकर स्वच्छ कपड़े धारण करने चाहिए।
  • संभव हो तो इस दिन पीले या सफेद रंग के वस्त्र धारण करें क्योंकि ऐसा करना बेहद शुभ माना जाता है।
  • इसके बाद पूजा वाले स्थान पर भगवान शिव, माता पार्वती, गणेश जी, कार्तिकेय भगवान और भोलेनाथ के वाहन नंदी की प्रतिमा स्थापित करें और सभी की विधिवत रूप से पूजा करें।
  • इसके बाद शिव परिवार को पंचामृत से स्नान कराएं।
  • पूजा में बेल पत्र, फल, दीप, नैवेद्य, फूल, धूप, इत्र इत्यादि अवश्य शामिल करें।
  • इस दिन शिव पुराण या शिव चालीसा का पाठ भी जरूर करना चाहिए। कहते हैं इससे शिव शंकर भगवान की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
  • इस दिन की पूजा में शिव मंत्रों का जाप भी अवश्य करें और अंत में शिव जी की आरती करें।

महा शिवरात्रि पर्व से जुड़ी हर जानकारी के लिए बने रहिए हमारे इस लाइव ब्लॉग पर...

Mahashivratri 2025 Puja Muhurat Timing LIVE: Check Here | Maha shivratri ki Shubhkamnaye in Hindi शिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं: Share Online

Mar 28, 2025 | 08:25 AM IST

Maha Shivratri 2025: शिव पूजा में बेलपत्र का प्रयोग

भोलेबाबा को बेलपत्र अति प्रिय है। कहते हैं कि बेलपत्र में शिव जी, माता पार्वती और माता लक्ष्मी का वास होता है इसलिए शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने से भगवान शिव प्रसन्न होकर भक्त के जीवन को खुशियों से भर देते हैं।
Mar 28, 2025 | 08:19 AM IST

Saal Me Kitni Shivratri Aati Hain: साल में कितनी शिवरात्रि आती हैं

साल में 12 या 13 शिवरात्रि आती हैं। जिनमें से महाशिवरात्रि और सावन शिवरात्रि का सबसे ज्यादा महत्व माना जाता है।
Mar 28, 2025 | 05:18 AM IST

Shiv-Parvati Image Love: शिव-पार्वती फोटो

Shiv-Parvati Image Love शिव-पार्वती फोटो
Mar 28, 2025 | 08:30 AM IST

Shiv Ji Ki Aarti Lyrics: शिव जी की आरती लिरिक्स

ॐ जय शिव ओंकारा, स्वामी जय शिव ओंकारा। ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी धारा ॥
ॐ जय शिव ओंकारा...॥
एकानन चतुरानन पंचानन राजे। हंसासन गरूड़ासन वृषवाहन साजे॥
ॐ जय शिव ओंकारा...॥
दो भुज चार चतुर्भुज दसभुज अति सोहे। त्रिगुण रूप निरखते त्रिभुवन जन मोहे॥
ॐ जय शिव ओंकारा...॥
अक्षमाला वनमाला, मुण्डमाला धारी। चंदन मृगमद सोहै, भाले शशिधारी॥
ॐ जय शिव ओंकारा...॥
श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे। सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे॥
ॐ जय शिव ओंकारा...॥
कर के मध्य कमंडल चक्र त्रिशूलधारी। सुखकारी दुखहारी जगपालन कारी॥
ॐ जय शिव ओंकारा...॥
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका। प्रणवाक्षर में शोभित ये तीनों एका॥
ॐ जय शिव ओंकारा...॥
त्रिगुणस्वामी जी की आरति जो कोइ नर गावे। कहत शिवानंद स्वामी सुख संपति पावे॥
ॐ जय शिव ओंकारा...॥
लक्ष्मी व सावित्री पार्वती संगा। पार्वती अर्द्धांगी, शिवलहरी गंगा॥
ॐ जय शिव ओंकारा...॥
पर्वत सोहैं पार्वती, शंकर कैलासा। भांग धतूर का भोजन, भस्मी में वासा॥
ॐ जय शिव ओंकारा...॥
जटा में गंग बहत है, गल मुण्डन माला। शेष नाग लिपटावत, ओढ़त मृगछाला॥
जय शिव ओंकारा...॥
काशी में विराजे विश्वनाथ, नंदी ब्रह्मचारी। नित उठ दर्शन पावत, महिमा अति भारी ॥
ॐ जय शिव ओंकारा...॥
ॐ जय शिव ओंकारा, स्वामी जय शिव ओंकारा। ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी धारा ॥
Mar 28, 2025 | 08:26 AM IST

Shivratri Vrat Time 2025: शिवरात्रि व्रत कब से कब तक रहेंगे

शिवरात्रि व्रत 26 फरवरी को रखा जाएगा। इसका पारण अगले दिन की सुबह में सूर्योदय के समय किया जाएगा।
Mar 28, 2025 | 08:28 AM IST

ॐ नमः पार्वती पतये हर हर महादेव (Om Namah Parvati Pataye Har Har Mahadev Lyrics In Hindi

ॐ नमः पार्वती पतये, हर-हर महादेव

अर्थ- इस मंत्र का मतलब है मैं पार्वती के पति महादेव को प्रणाम करता हूं या करती हूं।
Mar 28, 2025 | 08:17 AM IST

Shivratri Bhajan: शिवरात्रि के भजन

सुबह सुबह ले शिव का नाम, कर ले बन्दे ये शुभ काम
सुबह सुबह ले शिव का नाम, कर ले बन्दे ये शुभ काम
सुबह सुबह ले शिव का नाम, शिव आयेंगे तेरे काम
सुबह सुबह ले शिव का नाम, कर ले बन्दे ये शुभ काम
ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय ।।
खुद को राख लपेटे फिरते, औरों को देते धन धाम
खुद को राख लपेटे फिरते, औरों को देते धन धाम
देवो के हित विष पी डाला, नील कंठ को कोटि प्रणाम, नील कंठ को कोटि प्रणाम
सुबह सुबह ले शिव का नाम, शिव आयेंगे तेरे काम
सुबह सुबह ले शिव का नाम, कर ले बन्दे ये शुभ काम
ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय ।।
शिव के चरणों में मिलते हैं सारी तीरथ चारो धाम
शिव के चरणों में मिलते हैं सारी तीरथ चारो धाम
करनी का सुख तेरे हाथों, शिव के हाथों में परिणाम, शिव के हाथों में परिणाम
सुबह सुबह ले शिव का नाम, शिव आयेंगे तेरे काम ॥
सुबह सुबह ले शिव का नाम, कर ले बन्दे ये शुभ काम
ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय ।।
शिव के रहते कैसी चिंता, साथ रहे प्रभु आठों याम
शिव के रहते कैसी चिंता, साथ रहे प्रभु आठों याम
शिव को भजले सुख पायेगा, मन को आएगा आराम, मन को आएगा आराम
सुबह सुबह ले शिव का नाम, शिव आयेंगे तेरे काम ॥
सुबह सुबह ले शिव का नाम, कर ले बन्दे ये शुभ काम
ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय ।।
Mar 28, 2025 | 08:23 AM IST

Mahashivratri Fasting Time 2025: महाशिवरात्रि व्रत कब से कब तक रखा जाएगा

महाशिवरात्रि व्रत 26 फरवरी की सुबह सूर्योदय से शुरू होकर अगले दिन यानी 27 फरवरी के सूर्योदय तक रखा जाएगा। व्रत का पूर्ण फल प्राप्त करने हेतु, सूर्योदय व चतुर्दशी तिथि के अस्त होने के मध्य के समय में ही व्रत का समापन कर लेना चाहिए।
Mar 28, 2025 | 08:22 AM IST

Mahashivratri Vrat Katha (महाशिवरात्रि व्रत की कथा)

प्राचीन काल में चित्रभानु नामक एक शिकारी था। पशुओं की हत्या करके वो अपने कुटुम्ब को पालता था। वो एक साहूकार का ऋणी था, लेकिन ऋण समय पर न चुका सकने पर क्रोधित साहूकार ने उसको शिवमठ में बंदी बना लिया। संयोग से उस दिन शिवरात्रि थी। बंदी रहते हुए शिकारी मठ में शिव-संबंधी धार्मिक बातें सुनता रहा, वहीं उसने शिवरात्रि व्रत की कथा भी सुनी। संध्या होने पर साहूकार ने उसे बुलाया और ऋण चुकाने के लिए पूछा तो शिकारी अगले दिन सारा ऋण लौटा देने का वचन दिया। साहुकार ने उसकी बात मान ली और उसे छोड़ दिया। शिकारी जंगल में शिकार के लिए निकला। लेकिन दिनभर बंदी गृह में रहने के कारण वो भूख-प्यास से व्याकुल था। सूर्यास्त होने पर वो एक जलाशय के समीप गया और वहां एक घाट के किनारे एक पेड़ पर थोड़ा सा जल पीने के लिए लेकर चढ़ गया क्योंकि उसे पूरी उम्मीद थी कि कोई न कोई जानवर अपनी प्यास बुझाने के लिए वहां जरूर आएगा। वो पेड़ बेल-पत्र का था और उसी पेड़ के नीचे शिवलिंग भी था जो सूखे बेलपत्रों से ढके होने के कारण दिखाई नहीं दे रहा था। शिकारी को उसका पता न चला। भूख और प्‍यास से थका वो उसी मचान पर बैठ गया। मचान बनाते समय उसने जो टहनियां तोड़ीं, वे संयोग से शिवलिंग पर गिर गईं। इस प्रकार दिनभर भूखे-प्यासे शिकारी का व्रत भी हो गया और शिवलिंग पर बेलपत्र भी चढ़ गए। एक पहर रात्रि बीत जाने पर एक गर्भिणी मृगी तालाब पर पानी पीने पहुंची। शिकारी ने धनुष पर तीर चढ़ाकर ज्यों ही प्रत्यंचा खींची उसके हाथ के धक्के से कुछ पत्ते एवं जल की कुछ बूंदे नीचे बने शिवलिंग पर गिरीं और अनजाने में ही शिकारी की पहले प्रहर की पूजा हो गयी। मृगी बोली, मैं गर्भिणी हूं शीघ्र ही प्रसव करूंगी। तुम एक साथ दो जीवों की हत्या करोगे जो ठीक नहीं है। मैं बच्चे को जन्म देकर शीघ्र ही तुम्हारे समक्ष प्रस्तुत हो जाऊंगी तब मार लेना। शिकारी ने प्रत्यंचा ढीली कर दी और मृगी जंगली झाड़ियों में लुप्त हो गई।

कुछ ही देर बाद एक और मृगी उधर से निकली। शिकारी की प्रसन्नता का ठिकाना न रहा। समीप आने पर उसने धनुष पर बाण चढ़ाया। कुछ बेलपत्र नीचे शिवलिंग पर जा गिरे और अनायास ही शिकारी की दूसरे प्रहर की पूजा भी हो गयी। तब उसे देख मृगी ने विनम्रतापूर्वक निवेदन किया, क‍ि मैं थोड़ी देर पहले ऋतु से निवृत्त हुई हूं। कामातुर विरहिणी हूं। अपने प्रिय की खोज में भटक रही हूं। मैं अपने पति से मिलकर शीघ्र ही तुम्हारे पास आ जाऊंगी। शिकारी ने उसे भी जाने दिया। दो बार शिकार को खोकर वो चिंता में पड़ गया। रात्रि का आखिरी पहर बीत रहा था। तभी एक अन्य मृगी अपने बच्चों के साथ उधर से निकली। शिकारी धनुष पर तीर चढ़ा कर छोड़ने ही वाला था कि मृगी बोली, मैं इन बच्चों को इनके पिता के हवाले करके लौट आऊंगी। इस समय मुझे मत मारो। शिकारी हंसा और बोला, सामने आए शिकार को छोड़ दूं, मैं ऐसा मूर्ख नहीं। इससे पहले मैं दो बार अपना शिकार खो चुका हूं। मेरे बच्चे भूख-प्यास से तड़प रहे होंगे। उत्तर में मृगी ने फिर कहा, जैसे तुम्हें अपने बच्चों की ममता सता रही है, ठीक वैसे ही मुझे भी इनकी फिक्र है इसलिए सिर्फ बच्चों के नाम पर मैं थोड़ी देर के लिए जीवनदान मांग रही हूं। मेरा विश्वास करो, मैं इन्हें इनके पिता के पास छोड़कर तुरंत लौटने की प्रतिज्ञा करती हूं। मृगी का दीन स्वर सुनकर शिकारी को उस पर दया आ गई। उसने उस मृगी को भी जाने दिया।

शिकार के अभाव में बेल-वृक्षपर बैठा शिकारी बेलपत्र तोड़-तोड़कर नीचे फेंकता जा रहा था। उसकी तीसरे प्रहर की पूजा भी स्वतः ही संपन्न हो गयी। एक हृष्ट-पुष्ट मृग उसी रास्ते पर आया। शिकारी ने सोच लिया कि इसका शिकार वो अवश्य करेगा। शिकारी की तनी प्रत्यंचा देखकर मृगविनीत स्वर में बोला, भाई! यदि तुमने मुझसे पूर्व आने वाली तीन मृगियों तथा छोटे-छोटे बच्चों को मार डाला है, तो मुझे भी मारने में विलंब न करो, ताकि मुझे उनके वियोग में एक क्षण भी दुःख न सहना पड़े। मैं उन मृगियों का पति हूं। यदि तुमने उन्हें जीवनदान दिया है तो मुझे भी कुछ क्षण का जीवन देने की कृपा करो। मैं उनसे मिलकर तुम्हारे समक्ष उपस्थित हो जाऊंगा। मृग की बात सुन कर शिकारी ने सारी कथा मृग को सुना दी। तब मृग ने कहा, मेरी तीनों पत्नियां जिस प्रकार प्रतिज्ञाबद्ध होकर गई हैं, वे मेरी मृत्यु से अपने धर्म का पालन नहीं कर पाएंगी। अतः जैसे तुमने उन्हें विश्वासपात्र मानकर छोड़ा है, वैसे ही मुझे भी जाने दो। मैं उन सबके साथ तुम्हारे सामने शीघ्र ही उपस्थित होता हूं। उपवास, रात्रि-जागरण तथा शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ने से शिकारी का हिंसक हृदय निर्मल हो गया था। उसमें भगवद् शक्ति का वास हो गया था। उसके हाथ से धनुष तथा बाण छूट गया और उसने मृग को जाने दिया। थोड़ी ही देर बाद वो मृग सपरिवार शिकारी के समक्ष उपस्थित हो गया, ताकि वो उनका शिकार कर सके, किंतु जंगली पशुओं की ऐसी सत्यता, सात्विकता एवं सामूहिक प्रेम भावना देखकर शिकारी को बड़ी ग्लानि हुई। उसके नेत्रों से आंसुओं की झड़ी लग गई। उस मृग परिवार को न मारकर शिकारी ने अपने कठोर हृदय को जीव हिंसा से हटाकर सदा के लिए कोमल एवं दयालु बना लिया।

देवलोक से समस्त देवगण भी इस घटना को देख रहे थे। उसके ऐसा करने पर भगवान शंकर ने प्रसन्न हो कर तत्काल उसे अपने दिव्य स्वरूप का दर्शन करवाया तथा उसे सुख-समृद्धि का वरदान देकर गुह नाम प्रदान किया। यही वो गुह था जिसके साथ भगवान श्री राम ने मित्रता की थी। इस प्रकार महा शिवरात्रि पूजन पौराणिक व्रत कथा समाप्त होती है।
Mar 28, 2025 | 08:22 AM IST

Maha Shivratri 2025 Puja: महाशिवरात्रि पर भगवान शिव को कैसे करें संपन्न


महाशिवरात्रि पर भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए उनके भक्त भांग, धतूरा, बेलपत्र, शहद, गंगाजल, गन्ने का रस आदि चढ़ाते हैं। इसके अलावा, इस दिन शिवलिंग पर कुमकुम और हल्दी का लेप भी लगाया जाता है।
Mar 28, 2025 | 08:30 AM IST

Maha Shivratri 2025: इन चीज़ों के बिना अधूरी है महाशिवरात्रि पर शिव की पूजा

इन चीज़ों के बिना अधूरी है महाशिवरात्रि पर शिव की पूजा-
बेलपत्र
धतूरा
केसर
शमी का फूल
शहद
भांग
Mar 28, 2025 | 08:22 AM IST

महाशिवरात्रि व्रत से मिलने वाले लाभ (Mahashivratri Vrat Ke Fayde)


इस व्रत के प्रभाव से विवाहितों को सुख- सौभाग्य की प्राप्ति होती है। वहीं, जो जातक अविवाहित होते हैं, उनकी जल्द ही शादी के योग बनते हैं। घर-परिवार में भी सुख-समृद्धि आती है और सदैव बरकत बनी रहती है।
Mar 28, 2025 | 05:22 AM IST

Lord Shiva Aarti Video: Om Jai Shiv Omkara Aarti (ऊं जय शिव ओमकारा आरती वीडियो)

Mar 28, 2025 | 08:18 AM IST

महाशिवरात्रि पर्व का धार्मिक महत्व (Maha Shivratri Ka Dharmik Mahatva)


आध्यात्मिक रूप से, महाशिवरात्रि पर शिव पूजन से भक्तों के जीवन में आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार होता है। ऐसा कहा जाता है कि जो भक्त महाशिवरात्रि के दिन सच्चे मन से शिव पूजन एवं व्रत करते हैं, उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
Mar 28, 2025 | 08:18 AM IST

महाशिवरात्रि व्रत पारण समय 2025 (Mahashivratri Vrat Parana Time 2025)


महाशिवरात्र व्रत का पारण 27 फरवरी की सुबह 06:48 से लेकर 08:54 बजे तक किया जा सकेगा।
Mar 28, 2025 | 08:25 AM IST

महाशिवरात्रि व्रत विधि: Mahashivratri Vrat Kaise Rakha Jata Hai


महाशिवरात्रि व्रत में फलाहार ले सकते हैं। ये व्रत निर्जला नहीं रखा जाता। इस व्रत में कूट्टू का आटा, सिंघाड़े का आटा, साबूदाना, फल, दूध से बनी चीजों, जीरा, आलू, टमाटर, लौकी इत्यादि चीजों का सेवन किया जा सकता है। व्रत का पारण अगले दिन सूर्योदय के समय किया जाता है।
Mar 28, 2025 | 08:26 AM IST

Maha Shivratri 2025: भगवान शिव की पूजा में किन चीजों का इस्तेमाल नहीं किया जाता


भगवान शिव की पूजा में तुलसी और केतकी के फूलों का इस्तेमाल नहीं किया जाता। इसके अलावा शिवलिंग पर शंख से जल नहीं चढ़ाया जाता।
Mar 28, 2025 | 08:24 AM IST

Maha Shivratri 2025: महाशिवरात्रि पर क्या ना करें


-महाशिवरात्रि 2025 पर घर में शांति बनाए रखें और किसी भी तरह के विवाद से बचें।
-शिवलिंग पर केतकी के फूलों को अर्पित करने से बचें।
-महाशिवरात्रि का व्रत करने वाले जातक इस दिन सोने से बचें।
-शिवलिंग पर काले तिल या फिर टूटे हुए चावल नहीं चढ़ाएं।
-सिंदूर या श्रृंगार की सामग्री भी शिवलिंग पर चढ़ाने से बचें।
-ध्यान रखें कि शिवलिंग पर भूल से भी शंख से जल न चढ़ाएं।
-महाशिवरात्रि के अवसर पर तामसिक भोजन के सेवन से परहेज़ करें और न ही मदिरापान करें।
Mar 28, 2025 | 08:22 AM IST

Maha Shivratri 2025: महाशिवरात्रि पर क्या करें?


-शिवलिंग पर हमेशा एक-एक करके जल या दूध चढ़ाना चाहिए और कभी भी एक साथ दोनों चीज़ों को न चढ़ाएं।
-शिवलिंग का अभिषेक करने के लिए सदैव लोटे का इस्तेमाल करें।
-शिव जी का अभिषेक करते समय शिव मंत्रों का जाप करते रहना चाहिए।
-अभिषेक के बाद शिवलिंग पर धतूरा, भांग, बेलपत्र, गंगाजल, दूध शहद एवं दही चढ़ानी चाहिए।
Mar 28, 2025 | 08:29 AM IST

Maha Shivratri 2025: इन चीज़ों के बिना अधूरी है महाशिवरात्रि पर शिव की पूजा


बेलपत्र
धतूरा
केसर
शमी का फूल
शहद
भांग
Mar 28, 2025 | 08:26 AM IST

महाशिवरात्रि व्रत विधि (Mahashivratri Vrat Kaise Rakha Jata Hai)


महाशिवरात्रि व्रत में फलाहार ले सकते हैं। ये व्रत निर्जला नहीं रखा जाता। इस व्रत में कूट्टू का आटा, सिंघाड़े का आटा, साबूदाना, फल, दूध से बनी चीजों, जीरा, आलू, टमाटर, लौकी इत्यादि चीजों का सेवन किया जा सकता है। व्रत का पारण अगले दिन सूर्योदय के समय किया जाता है।
Mar 28, 2025 | 08:24 AM IST

Maha Shivratri Upay: महाशिवरात्रि के उपाय


महाशिवरात्रि की रात्रि में शिव मंदिर में जाकर विधि-विधान से पूजा अर्चना करें और शिवलिंग के पास देसी घी का दीपक जलाएं। ऐसा करने से धन से जुड़ी समस्या से निजात पाया जा सकता है।
Mar 28, 2025 | 08:26 AM IST

Maha Shivratri Puja Mantra: महाशिवरात्रि पूजा मंत्र


ॐ ह्रीं ह्रौं नमः: शिवाय॥ ॐ पार्वतीपतये नम:॥ ॐ पशुपतये नम:॥ ॐ नम: शिवाय शुभं शुभं कुरू कुरू शिवाय नम: ॐ ॥
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥
ऊँ हौं जूं स: ऊँ भूर्भुव: स्व: ऊँ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ऊँ भुव: भू: स्व: ऊँ स: जूं हौं ऊँ।।
ॐ नमः शिवाय। नमो नीलकण्ठाय। ॐ पार्वतीपतये नमः। ॐ ह्रीं ह्रौं नमः शिवाय। ॐ नमो भगवते दक्षिणामूर्त्तये मह्यं मेधा प्रयच्छ स्वाहा।
Mar 28, 2025 | 08:17 AM IST

Maha Shivratri 2025: महाशिवरात्रि पर किसकी पूजा होती है

महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है। ऐसी मान्यता है इसी दिन शिव-पार्वती का विवाह हुआ था।
Mar 28, 2025 | 08:26 AM IST

Maha Shivratri Mantra: महाशिवरात्रि मंत्र

  • ॐ शितिकंठाय नमः ॥
  • ॐ शिवाप्रियाय नमः ॥
  • ॐ उग्राय नमः ॥
  • ॐ कपालिने नमः ॥
Mar 28, 2025 | 08:27 AM IST

Mahashivratri Puja Time 2025 (महाशिवरात्रि पूजा का समय 2025)

महाशिवरात्रि पूजा का मुहूर्त 26 फरवरी की सुबह 11:08 से शुरू हो जाएगा। आप इस दिन किसी भी समय अपनी सुविधानुसार भगवान शिव की पूजा कर सकते हैं।
Mar 28, 2025 | 08:19 AM IST

महाशिवरात्रि चार प्रहर पूजा समय 2025 (Mahashivratri Char Pahar Puja Time 2025)

रात्रि प्रथम प्रहर पूजा समय06:19 PM से 09:26 PM
रात्रि द्वितीय प्रहर पूजा समय09:26 PM से 12:34 AM, 27 फरवरी 2025
रात्रि तृतीय प्रहर पूजा समय12:34 AM से 03:41 AM (27 फरवरी 2025)
रात्रि चतुर्थ प्रहर पूजा समय03:41 AM से 06:48 AM (27 फरवरी 2025)
Mar 28, 2025 | 08:17 AM IST

रुद्राभिषेक का अर्थ (Rudrabhishek Meaning)

रुद्राभिषेक का अर्थ है भगवान रूद्र यानी शिव जी का अभिषेक करना और शिव का रूप शिवलिंग में देखा जाता है। इसलिए रुद्राभिषेक पूजा में शिवलिंग का अभिषेक किया जाता है। रुद्राभिषेक शहद, दूध, घी, दही, गंगाजल, गन्ने का रस, दूर्वा मिश्रित जल किसी से भी कर सकते हैं।
Mar 28, 2025 | 08:20 AM IST

Maha Shivratri 2025: ज्योतिषीय दृष्टि से महाशिवरात्रि

ज्योतिष की मानें तो, महाशिवरात्रि के अवसर पर अर्थात चतुर्दशी तिथि पर चंद्रमा कमज़ोर स्थिति में होता हैं। हम सब जानते हैं कि भगवान शिव ने चंद्रमा को अपने मस्तक पर धारण किया हुआ है इसलिए शिवजी की आराधना से जातक का चंद्रमा मज़बूत होता है जो कि मन के कारक कहे गए हैं। सामान्य शब्दों में कहें, तो शिव पूजन से व्यक्ति की इच्छा-शक्ति मज़बूत होती है।
Mar 28, 2025 | 05:37 AM IST

Maha Shivratri Photo: महाशिवरात्रि फोटो

Maha Shivratri Photo महाशिवरात्रि फोटो
Mar 28, 2025 | 08:23 AM IST

Pregnant Lady Mahashivratri Ka Vrat Kaise Rakhe: गर्भवती महिलाएं महाशिवरात्रि का व्रत कैसे रखें


वैसे तो प्रेगनेंट महिलाओं को व्रत न रखने की सलाह दी जाती है लेकिन अगर गहरी आस्था की वजह से आप ये व्रत रखना चाह रही हैं तो इस व्रत को रख सकती हैं। लेकिन कुछ बातों का आपको ध्यान रखना होगा। आप पूरे दिन कुछ न कुछ फलाहारी भोजन लेती रहें। ज्यादा से ज्‍यादा लिक्विड डाइट लें। व्रत में शरीर को हाइड्रेट रखना बेहद जरूरी होता है।
Mar 28, 2025 | 08:25 AM IST

Rudrabhishek Kis Chiz Se Karna Chahiye (रुद्राभिषेक किस चीज से करना चाहिए)

  • दुग्ध से रुद्राभिषेक करने से सुख और सम्पन्नता आती है।
  • जल से वर्षा होती है। आत्मिक शांति मिलती है।
  • कुशोदक से रोगों से मुक्ति मिलती है।
  • गन्ने के रस से धन की प्राप्ति होती है।
  • शहद से सम्पन्नता आती है।
  • घी से अचल संपत्ति की प्राप्ति होती है।
  • तीर्थ के जल से भगवान शिव के स्वरूप शिवलिंग का रुद्राभिषेक करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है
Mar 28, 2025 | 08:22 AM IST

Rudrabhishek Samagri List In Hindi (रुद्राभिषेक सामग्री लिस्ट)

शुद्ध जल, घी, दूध, दही, शहद, गुलाबजल, पान, सुपारी, गन्ने का रस, कपूर, श्रृंगी, बिल्वपत्र, धुप, मौली, भांग, नारियल, दीपक, बत्ती, अगरबत्ती, मेवा, मिठाई, धतूरा।
Mar 28, 2025 | 08:19 AM IST

महाशिवरात्रि पूजन सामग्री (Mahashivratri Pujan Samagri)

धूप, दीप, अक्षत, सफेद, घी, बेल, भांग, बेर, गाय का कच्चा दूध, ईख का रस, गंगा जल, कपूर, मलयागिरी, चंदन, पंच मिष्ठान, शिव व मां पार्वती के श्रृंगार की सामग्री,पंच मेवा, शक्कर, शहद, आम्र मंजरी, जौ की बालियां, वस्त्राभूषण, चंदन, पान, सुपारी, लौंग, इलायची, दही, फल, फूल, बेलपत्र, धतूरा, तुलसी दल, मौली जनेऊ, पंच रस, इत्र, गंध रोली, कुशासन आदि।
Mar 28, 2025 | 08:28 AM IST

Maha Shivratri Vrat Me Kya Kha Sakte Hai: महाशिवरात्रि व्रत में क्या खा सकते हैं

महाशिवरात्रि व्रत में फलाहारी भोजन ले सकते हैं। जैसे आप फल, दूध, दही, पनीर, सेंधा नमक, साबूदाना, कूट्टू का आटा, सिंघाड़े का आटा, लौकी, टमाटर, जीरा, देसी घी इत्यादि चीजों का सेवन कर सकते हैं।
Mar 28, 2025 | 08:20 AM IST

शिवरात्रि की पूजा विधि

मिट्टी के लोटे में पानी या दूध भरकर, ऊपर से बेलपत्र, आक-धतूरे के फूल, चावल आदि डालकर ‘शिवलिंग’ पर चढ़ाना चाहिए। अगर आस-पास कोई शिव मंदिर नहीं है, तो घर में ही मिट्टी का शिवलिंग बनाकर उनका पूजन किया जाना चाहिए।
Mar 28, 2025 | 05:11 AM IST

शिव चालीसा, Shiv Chalisa with Hindi, English Lyrics

Mar 28, 2025 | 08:27 AM IST

Maha Shivratri 2025: भगवान शिव की पूजा में इस बात का रखें खास ख्याल

भोलेनाथ ने जलंधर नाम के असुर का वध किया था, जो माता तुलसी का पति था। उन्होंने तब से ही भगवान शिव को अपने अलौकिक शक्तियों वाले पत्तों से वंचित कर दिया था। इसलिए कभी भी तुलसी के पत्ते शिवलिंग पर न चढ़ाएं।
Mar 28, 2025 | 08:18 AM IST

Maha Shivratri Fasting Rules: महाशिवरात्रि व्रत में चाय या कॉफी पी सकते हैं?

महाशिवरात्रि व्रत में चाय और कॉफी का सेवन किया जा सकता है। बस इस बात का ध्यान रखना है कि चाय या कॉफी बनाने के किसी भी सामान में अन्न के हाथ न लगे हों।
Mar 28, 2025 | 08:22 AM IST

महाशिवरात्रि के दिन बेलपत्र तोड़ सकते हैं या नहीं (Maha Shivratri Ke Din Belpatra Tod Sakte Hai Ya Nahi)


शास्त्रों अनुसार महाशिवरात्रि के दिन बेलपत्र नहीं तोड़ने चाहिए। इस दिन की पूजा के लिए बेलपत्र एक दिन पहले ही तोड़कर रख लें।

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