Ujjain Mahashivratri 2025: आज रात 2:30 बजे खुलेंगे महाकालेश्वर के द्वार, लगातार 44 घंटे होगे महादेव के दर्शन, यहां से जानें महाकाल की पूजा और आरती का समय
Ujjain Mahashivratri 2025: उज्जैन के विश्वप्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में महाशिवरात्रि धूमधाम से मनाई जाती है। हर साल की तरह इस साल भी महाशिवरात्रि के दिन महाकाल के दर्शन होंगे। भगवान का श्रृंगार किया जाएगा। यहां से जानें, महाकाल मंदिर के पट खुलने का समय, आरती और पूजा का समय।

Ujjain Mahakaleshwar Jyotirlinga Temple Today Aarti Puja Timing Schedule
Ujjain Mahashivratri 2025: महाशिवरात्रि का त्योहार देशभर में उत्साह देखने को मिल रहा है। इस खास मौके पर 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक ज्योतिर्लिंग, उज्जैन के महाकाल मंदिर में भी महाशिवरात्रि मनाने की तैयारी हो चुकी है। खास बात ये है कि महाशिवरात्रि के खास मौके पर लगातार 44 घंटे तक बाबा महाकाल की पूजा होगी। मंडप की तरह महाकाल का दरबार सजेगा तो भगवान महाकाल का भी दूल्हे सा श्रृंगार किया जाएगा। इस खास दिन के लिए ही देश-विदेश से सजावट के लिए फूल मंगाए गए हैं। वहीं, श्रृंगार से पहले महाकुंभ के गंगाजल से महाकाल का स्नान भी होना है। यहां से आप महाकालेश्वर की पट खुलने का समय, पूजा और आरती का समय जान सकते हैं।
कब खुलेंगे महाकाल के द्वार?
महाकालेश्वर मंदिर में महाशिवरात्रि के त्योहार की शुरुआत फाल्गुन कृष्ण पंचमी 17 फरवरी से हो गई है और इसे महाशिवरात्रि के अगले दिन यानी 27 फरवरी तक मनाया जाएगा। भस्मार्ती हेतु महाकालेश्वर भगवान जी के मंगल पट प्रात: 2:30 बजे खुलेगे।
पूरे दिन मंदिर में कब-कब होगी आरती और पूजा?
पट खुलने और भस्मारती के बाद सुबह 7:30 से 8:15 दद्योदक आरती होगी फिर 10:30 से 11:15 तक भोग आरती होगी। इसके बाद दोपहर 12 बजे से उज्जैन तहसील की ओर से पूजन-अभिषेक संपन्न होगा। शाम 4 बजे होल्कर एवं सिंधिया स्टेट की ओर से पूजा और शाम की पंचामृत पूजन के बाद भगवान श्री महाकालेश्वर को नित्य संध्या आरती के समान गर्म मीठे दूध का भोग लगाया जायेगा।
शाम 7 बजे से रात के 10 बजे तक कोटितीर्थ कुण्ड के तट पर विराजित श्री कोटेश्वर महादेव की पूजा, सप्तधान्य अर्पण, पुष्प मुकुट श्रृंगार (सेहरा) के बाद आरती की जायेगी।
26 फरवरी 2025 की रात 11 बजे से अगले दिन 27 फरवरी की सुबह 6 बजे तक भगवान श्री महाकालेश्वर जी का महाअभिषेक पूजन चलेगा, जिसमे एकादश-एकादशनी रूद्रपाठ व विभिन्न मंत्रो के माध्यम से 11 ब्राह्मणों द्वारा भगवान श्री महाकालेश्वर जी का अभिषेक किया जायेगा। उसके बाद भस्म लेपन, विभिन्न प्रकार के पांच फलों के रस से अभिषेक और साथ ही पंचामृत पूजन (101 लीटर दूध, 31 किलो दही, 21 किलो खांडसारी , 21 किलो शहद, 15 किलो घी), गंगाजल, गुलाब जल, भांग आदि के साथ केसर मिश्रित दूध से अभिषेक किया जायेगा।
27 फरवरी 2025, गुरुवार को अभिषेक के बाद भगवान को नए वस्त्र धारण कराये जाएंगे। इसके बाद भगवान श्री महाकालेश्वर को सप्तधान्य अर्पित किया जाएगा, जिसमें चावल, खड़ा मूंग, तिल, गेंहू, जौ, साल, खड़ा उड़द शामिल है। 27 फरवरी 2025 को सुबह सेहरा दर्शन के बाद साल में एक बार होने वाली दिन की 12 बजे होने वाली भस्मार्ती होगी। भस्मार्ती के बाद भोग आरती होगी व शिवनवरात्रि का पारणा किया जायेगा। 27 फरवरी को सायं पूजन और शयन आरती के बाद भगवान श्री महाकालेश्वर के पट मंगल होगे।
कैसा होगा महाकाल का श्रृंगार?
श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर के पुजारी प्रयागराज से मां गंगा का जल लेकर आए हैं, जिससे पहले महाकाल का स्नान होगा और उसके बाद ही प्रभु का श्रृंगार किया जाएगा। महाकाल का दरबार शादी के मंडप जैसा तैयार किया जाएगा और महाकाल भी दूल्हे जैसे श्रृंगार में भक्तों को दर्शन देंगे। श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारियों द्वारा ही भगवान श्री महाकालेश्वर का श्रृंगार कर पुष्प मुकुट (सेहरा) बांधा जाएगा।
सुरक्षा की है कड़ी व्यवस्था
महाशिवरात्रि के भव्य कार्यक्रम और भक्तों की भीड़ को देखते हुए महाकाल के मंदिर में सुरक्षा के भी कड़े इंतजाम किए गए हैं। 17 फरवरी से 2 फरवरी तक 150 महिला पुलिसकर्मी समेत 1600 पुलिसकर्मी एवं अधिकारियों ने सुरक्षा का जिम्मा संभाला है। साथ ही 200 से ज्यादा सीसीटीवी और ड्रोन कैमरों से पूरे मंदिर की निगरानी भी की जा रही है।
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