मौनी अमावस्या क्यों मनाई जाती है, क्या है इस दिन का पौराणिक महत्व, जानिए स्नान-दान का शुभ मुहूर्त
मौनी अमावस्या पर महाकुंभ का तीसरा अमृत स्नान है। इस दिन करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु त्रिवेणी संगम में पवित्र स्नान करने के लिए पहुंच रहे हैं। जानिए मौनी अमावस्या पर स्नान-दान का शुभ मुहूर्त क्या रहेगा।
Mauni Amavasya Ke Upay
मौनी अमावस्या कब है 2025 (Mauni Amavasya 2025 Date)
मौनी अमावस्या इस साल 29 जनवरी 2025 को मनाई जा रही है। अमावस्या तिथि का प्रारंभ 28 जनवरी की शाम 7 बजकर 35 मिनट पर हो गया है और इसका समापन 29 जनवरी की शाम 6 बजकर 5 मिनट पर होगा।
Maun Vrat Timing On Mauni Amavasya 2025
मौनी अमावस्या 2025 अमृत स्नान मुहूर्त (Mauni Amavasya 2025 Amrit Snan Muhurat)
पहला मुहूर्त- 07:20 AM से 08:44 AM
दूसरा मुहूर्त- 08:44 AM से 10:07 AM
तीसरा मुहूर्त- 11:30 AM से 12:53 PM
चौथा मुहूर्त- 05:02 PM से 06:25 PM
Mauni Amavasya Snan Vidhi At Home In Hindi
मौनी अमावस्या 2025 स्नान मंत्र (Mauni Amavasya 2025 Snan Mantra)
त्रिवेणीं माधवं सोमं भरद्वाजं च वासुकिम् । वन्देऽक्षयवटं शेषं प्रयागं तीर्थनायकम् ।। अगर मौनी अमावस्या पर आप नहाते समय इस मंत्र को बोलते हैं तो आप त्रिवेणी संगम में स्नान करने का फल घर बैठे प्राप्त कर लेंगे।
मौनी अमावस्या पर क्या करें
मौनी अमावस्या के दिन पवित्र जल में स्नान करने के बाद जरूरतमंदों को दान जरूर करना चाहिए।Mauni Amavasya 2025 Snan LIVE: मौनी अमावस्या पर बन रहा है शुभ योग
मौनी या माघ अमावस्या पर सिद्धि योग बन रहा है। इस योग की शुरुआत 28 जनवरी, 2025 को रात्रि 11 बजकर 51 मिनट पर होगी और इसका समापन 29 जनवरी को रात्रि 09 बजकर 09 मिनट पर होगा।Maun Vrat Time Today 2025: मौन व्रत समय
मौनी अमावस्या पर मौन व्रत स्नान करने तक भी रखा जा सकता है और यदि आप चाहें तो किसी विशेष मनोकामना की पूर्ति के लिए पूरे दिन भी मौन व्रत धारण कर सकते हैं। अगर दिन भर मौन व्रत रह रहे हैं तो सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक मौन व्रत रहें। व्रत का समापन शाम के समय में भगवान विष्णु या शिव जी के पूजन और आरती के बाद करें।मौनी अमावस्या के बाद शाही स्नान कब है?
मौनी अमावस्या के बाद शाही स्नान 3 फरवरी को बसंत पंचमी के दिन किया जाएगा।मौनी अमावस्या व्रत कथा (Mauni Amavasya Vrat Katha)
मौनी अमावस्या की कथा अनुसार एक बार कांचीपुरी में देवस्वामी नामक एक ब्राह्मण अपने बेटे और बेटी के साथ रहता था। जिसकी पत्नी का नाम धनवती था और उसके सभी बेटों का विवाह हो चुका था। अब बस उसकी एक पुत्री ही विवाह योग्य बची थी जिसके लिए वर की खोज की जा रही थी। इस कार्य के लिए ब्राह्मण ने अपने बड़े बेटे को नगर भेजा था। जब ब्राह्मण ने एक ज्योतिषी को अपनी बेटी की कुंडली दिखाई, तो ज्योतिषी ने उसे बताया कि आपकी बेटी जिस किसी से शादी करेगी उस इंसान की शादी के तुरंत बाद ही मृत्यु हो जाएगी और आपकी बेटी विधवा हो जाएगी। ये बात सुनकर ब्राह्मण दुखी हो गया। लेकिन ज्योतिषी ने इस समस्या का उपाय भी बताया और ब्राह्मण को कहा कि सिंहलद्वीप में एक सोमा नाम की धोबिन रहती है। यदि वह आपके घर आकर पूजा करेंगी, तो इससे आपकी बेटी की कुंडली से विधवा का दोष समाप्त हो जाएगा।जिसके बाद ब्राह्मण उस महिला की तलाश में निकल पड़ा, लेकिन इसके लिए उसे समुद्र को पार करना था जिसे पार करना काफी मुश्किल था। जब काफ़ी समय तक कोई उपाय नहीं मिला, तो वह भूखा-प्यासा ही एक वट वृक्ष के नीचे आराम करने के लिए बैठ गया। उस पेड़ पर एक गिद्ध का परिवार रहा करता था। ब्राह्मण से गिद्ध ने उसकी उदासी का कारण पूछा, तब उसने सारी बात बतला दी। ये बात सुनकर गिद्ध ने ब्राह्मण को उसकी समस्या का समाधान करने आश्ववासन दिया। फिर अगले दिन गिद्ध ने देवस्वामी को उस धोबिन के घर पहुंचा दिया।
जिसके बाद, देवस्वामी ने सोमा को पूजा करने के लिए उसके घर आने के लिए कहा और फिर धोबिन सोमा स विधि-विधान से पूजा करने के बाद गुणवती का विवाह कर दिया गया। लेकिन, इस उपाय को करने के बाद भी उसके पति का निधन हो गया और फिर सोमा ने अपने पुण्य का दान गुणवती को दिया। जिसके बाद उसका पति पुनः जीवित हो गया। जब सोमा धोबिन अपने घर वापस आ गई तो उसने देखा कि उसके पुण्य कर्मों गुणवती को देने की वजह से उसके बेटे, पति और दामाद की मृत्यु हो गई है। जिसके बाद सोमा नदी के किनारे पीपल के वृक्ष के नीचे बैठकर भगवान विष्णु की पूजा करने लगी और साथ ही, उसने पीपल की भी 108 बार परिक्रमा की। जिससे प्रसन्न होकर भगवान विष्णु ने उसके बेटे, पति और दामाद को पुनः जीवित कर दिया। कहते हैं उस समय से ही मौनी अमावस्या का व्रत रखने की परंपरा शुरू हो गई।
कुंभ में शाही स्नान का महत्व (Kumbh Shahi Snan Mahatva)
कुंभ में शाही स्नान को बेहद खास माना जाता है क्योंकि ऐसी मान्यता है कि इस दिन संगम में डुबकी लगाने से कई गुना ज्यादा पुण्य की प्राप्ति होती है। इतना ही नहीं कहा ये भी जाता है कि इस दिन स्नान करने से न सिर्फ इस जन्म के, बल्कि पिछले जन्म के पाप भी नष्ट हो जाते हैं। साथ ही पितरों की आत्मा को भी शांति प्राप्त होती है। मोक्ष की प्राप्ति के लिए भी इस स्नान का विशेष धार्मिक महत्व माना गया है।महाकुंभ के कितने शाही स्नान बचे हैं (Mahakumbh Shahi Snan Dates 2025)
3 फरवरी 2025- बसंत पंचमी पर महाकुंभ का चौथा शाही स्नान12 फरवरी 2025 - माघ पूर्णिमा पर महाकुंभ का पांचवां शाही स्नान
26 फरवरी 2025 - महाशिवरात्रि पर महाकुंभ का छठा शाही स्नान
Mauni Amavasya Mantra: मौनी अमावस्या पर मंत्र
- ॐ पितृभ्यः स्वाहा
- ॐ सर्वे देवाः स्वाहा
- ॐ लक्ष्म्यै नमः
- ऊँ ह्रीं श्री क्रीं क्लीं श्री लक्ष्मी मम गृहे धन पूरये, धन पूरये, चिंताएं दूरये-दूरये स्वाहा:.
- श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं कमलवासिन्यै स्वाहा.
- ऊँ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ऊँ महालक्ष्मी नमः।
- ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नम:।
- ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं कुबेराय अष्ट-लक्ष्मी मम गृहे धनं पुरय पुरय नमः।
29 जनवरी 2025 पंचांग (29 January 2025 Panchang)
संवत---पिङ्गला विक्रम संवत 2081माह-माघ, कृष्ण पक्ष,मौनी अमावस्या
तिथि- अमावस्या
दिवस -बुधवार
सूर्योदय-07:24am
सूर्यास्त-05:30pm
नक्षत्र- उत्तराषाढ़ा
चन्द्र राशि - मकर ,स्वामी -शनि
सूर्य राशि- मकर,स्वामी ग्रह-शनि
करण- शकुनि
योग- सिद्धि
Mauni Amavasya 2025 Kumbh 2nd Amrit Snan Live: मौनी अमावस्या स्नान कुंभ लाइव
Today Mauni Amavasya 2025 Start And End Date: मौनी अमावस्या कब से कब तक रहेगी
अमावस्या तिथि का प्रारंभ 28 जनवरी की शाम 7 बजकर 35 मिनट पर हो गया है और इसका समापन 29 जनवरी की शाम 6 बजकर 5 मिनट पर होगा।Mauni Amavasya Shubh Muhurat 2025: मौनी अमावस्या शुभ मुहूर्त
लाभ - उन्नति - 07:20 AM से 08:44 AMअमृत - सर्वोत्तम - 08:44 AM से 10:07 AM
शुभ - उत्तम - 11:30 AM से 12:53 PM
चर - सामान्य - 03:39 PM से 05:02 PM
लाभ - उन्नति - 05:02 PM से 06:25 PM
मौनी अमावस्या के दिन घर पर स्नान कैसे करें
मौनी अमावस्या के दिन घर पर नहाने के पानी में थोड़ा गंगाजल मिलाकर स्नान करना चाहिए। इसके बाद सूर्य देव को अर्घ्य दें।Mauni Amavasya Puja-Vrat Vidhi In Hindi: मौनी अमावस्या की पूजा-व्रत विधि
- मौनी अमावस्या के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर गंगा नदी में स्नान करना चाहिए। अगर नदी स्नान संभव न हो तो घर पर ही नहाने के पानी में थोड़ा साल गंगाजल मिलाकर स्नान जरूर कर लेना चाहिए।
- इसके बाद भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लेना चाहिए।
- इस दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करने के बाद तुलसी मैया की 108 बार परिक्रमा करनी चाहिए।
- पूजा के बाद सामर्थ्य के अनुसार गरीबों को भोजन, धन और वस्त्र आदि का दान जरूर करें।
- इस दिन मौन व्रत जरूर धारण करना चाहिए।
- इस दिन अपने पितरों का स्मरण जरूर करें।
Mauni Amavasya 2025: मौनी अमावस्या पर स्नान करने की विधि
जो लोग 29 जनवरी 2025 को यानी मौनी अमावस्या के दिन कुम्भ नहीं जा पा रहे हैं वो लोग घर पर ही स्नान पात्र में थोड़ा गंगाजल डालकर और फिर उसमें दूसरा जल मिलाकर मां गंगा, यमुना व सरस्वती का नाम लेकर और साथ ही ॐ नमो भगवते वासुदेवायः महामंत्र का मानसिक जप करते हुए स्नान करें। ऐसा करने से उन्हें वही फल प्राप्त होता है।मौनी अमावस्या पर दान का महत्व (Mauni Amavasya Par Daan Ka Mahatva)
मौनी अमावस्या पर दान करना बेहद श्रेष्ठ माना गया है। इस दिन जरूरतमंदों को दान देने से पुण्य की प्राप्ति होती है। साथ ही दान करने वाले व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। शास्त्रों में भी दान सबेस बड़ा पुण्य का काम बताया गया है। अगर पितृ दोष से पीड़ित हैं तो इस दिन तिल, तेल और वस्त्रों का दान अवश्य करें।Ganga Snan Mantra Lyrics: गंगा स्नान मंत्र
गंगा सिंधु सरस्वती च यमुना, गोदावरी नर्मदा । कावेरी शरयू महेंद्रतनया शर्मण्वती वेदिकाक्षिप्रा वेत्रवती महासुर नदी, ख्याता गया गंडकी । पूर्णा पूर्ण जलैः समुद्र सरिता, कुर्यातसदा मंगलम ।।Mauni Amavasya Daan: मौनी अमावस्या पर किन चीजों का दान सबसे शुभ होता है?
मौनी अमावस्या पर भोजन, धन, वस्त्र, तिल, आंवला, कंबल, पलंग इत्यादि चीजों का दान शुभ माना जाता है।Mauni Amavasya Upay: मौनी अमावस्या उपाय
मौनी अमावस्या के दिन घर के मुख्य द्वार पर जल में हल्दी मिलाकर छींटे लगाएं और साथ ही, घर की चौखट की साफ-सफाई करें। इस उपाय को करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा में वृद्धि होती है।
Mauni Amavasya Ganesh Ji Ki Aarti Lyrics: गणेश जी की आरती लिरिक्स हिंदी में
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी।
माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा।
लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया।
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
'सूर' श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी।
कामना को पूर्ण करो, जाऊं बलिहारी॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
भगवान गणेश की जय, पार्वती के लल्ला की जय
Mauni Amavasya 2025: मौनी अमावस्या पर पितरों का तर्पण क्यों जरूरी
कहते हैं मौनी अमावस्या के दिन जो कोई पितरों का तर्पण नहीं करता है उसके पितृ उससे नाराज हो जाते हैं। जिससे सुख-सुविधाओं में कमी होने लगती है।
Mauni Amavasya Par Snan Ka Kya Mahatva Hai: मौनी अमावस्या पर स्नान का महत्व
धार्मिक मान्यताओं अनुसार मौनी अमावस्या पर गंगा स्नान अथवा त्रिवेणी संगम स्नान कर महादेव की पूजा करने से सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है। साथ ही पितृ दोष, कालसर्प दोष और राहु-केतु की पीड़ा से भी छुटकारा मिलता है।Mauni Amavasya par Kiski Puja Hoti Hai: मौनी अमावस्या पर किसकी पूजा करें
मौनी अमावस्या पर भगवान विष्णु और शिव जी की पूजा का विशेष महत्व माना जाता है। कहते हैं इस दिन जो सच्चे मन से ईश्वर की अराधना करता है उसके सारे सपने पूरे हो जाते हैं।Mauni Amavasya Ke Din Kya Na Kare: मौनी अमावस्या पर क्या ना करें
मौनी अमावस्या के दिन तामसिक भोजन न करें। किसी के लिए अपशब्द न कहें। किसी भी तरह के गलत कार्यों को करने से बचें।Mauni Amavasya Par Kya-Kya Karna Chahiye: मौनी अमावस्या पर क्या-क्या करना चाहिए?
मौनी अमावस्या पर सुबह नदी स्नान करना चाहिए। इसके बाद ईश्वर की अराधना करें। फिर जरूरतमंदों को भोजन कराएं। संभव हो तो इस दिन मौन व्रत भी रहें।Mauni Amavasya 2025 Ganesh Aarti: मौनी अमावस्या पर करें गणेश जी की आरती
Mauni Amavasya Daan: मौनी अमावस्या पर किन चीजों का दान सबसे शुभ होता है?
मौनी अमावस्या पर भोजन, धन, वस्त्र, तिल, आंवला, कंबल, पलंग इत्यादि चीजों का दान शुभ माना जाता है।मौनी अमावस्या पर इस मुहूर्त में शुभ कार्य करने से बचें
मौनी अमावस्या पर दोपहर 12 बजे से 01:30 बजे तक राहुकाल रहेगा। ऐसे में इस दौरान कोई भी शुभ कार्य करने से बचें।Mauni Amavasya 2025 Maun Vrat Timing: मौनी अमावस्या पर मौन व्रत कब से कब तक रखें
पंडित सुजीत जी महाराज अनुसार मौनी अमावस्या पर मौन व्रत स्नान करने तक भी रखा जा सकता है और यदि आप चाहें तो किसी विशेष मनोकामना की पूर्ति के लिए पूरे दिन भी मौन व्रत धारण कर सकते हैं। अगर दिन भर मौन व्रत रह रहे हैं तो सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक मौन व्रत रहें। व्रत का समापन शाम के समय में भगवान विष्णु या शिव जी के पूजन और आरती के बाद करें।मौनी अमावस्या का महत्व (Mauni Amavasya Ka Mahatva)
मौनी अमावस्या धार्मिक और ज्योतिषीय दोनों ही दृष्टि से विशेष मायने रखती है। कहते हैं इस अमावस्या पर मौन व्रत रखने और गंगा नदी में स्नान करने से बहुत पुण्य मिलता है। मान्यताओं के अनुसार, इस अमावस्या पर ऋषि मनु का जन्म हुआ था इसलिए ही इस तिथि को मौनी अमावस्या के नाम से जाना जाने लगा। इसके अलावा इस अमावस्या को लेकर ये भी कहा जाता है कि जो मनुष्य इस दिन मौन व्रत रखता है उसे अपने जीवन में वाक् सिद्धि प्राप्त होती है। धर्मग्रंथों अनुसार इस अमावस्या तिथि पर स्नान, जप और तप करने से मनुष्य को उसके सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है। ये दिन पितृ शांति के लिए भी अच्छा माना जाता है। अगर मौनी अमावस्या के ज्योतिषीय महत्व की बात करें तो जब सूर्य और चंद्रमा मकर राशि में एक साथ उपस्थित होते हैं तो उस दौरान मौनी अमावस्या मनाई जाती है। राशि चक्र में मकर दसवीं राशि होती है और कुंडली के दसवें भाव में सूर्य की स्थिति मजबूत होती है इसलिए ही मौनी अमावस्या के दिन किए गए दान-पुण्य से बाकी दिनों में किए गए दान से कई गुना ज्यादा लाभ की प्राप्ति होती है।Kumbh Shahi Snan Dates: कुंभ शाही स्नान डेट्स
29 जनवरी 2025- मौनी अमावस्या3 फरवरी 2025- वसंत पंचमी
12 फरवरी 2025- माघी पूर्णिमा
26 फरवरी 2025- महाशिवरात्रि
Maun Vrat Timing On Mauni Amavasya 2025: मौनी अमावस्या पर मौन व्रत रखने का टाइम
मौनी अमावस्या पर मौन व्रत दो तरीके से रखा जाता है। एक तो आप सुबह स्नान से पहले तक मौन व्रत धारण कर सकते हैं और अगर संभव हो तो इस दिन पूरे दिन मौन रहना चाहिए। कहते हैं इससे मुनि पद की प्राप्ति होती है।Mauni Amavasya 2025: मौनी अमावस्या पर घर बैठे पाएं त्रिवेणी संगम में स्नान करने का पुण्यफल
जो लोग कुम्भ नहीं जा पा रहे हैं 29 को वह गंगा जल को स्नान पात्र में डालकर फिर जल मिलाकर गंगा, यमुना व सरस्वती का नाम लेकर व ॐ नमो भगवते वासुदेवायः महामंत्र का मानसिक जप करते हुए स्नान करते हैं,उनको वही फल प्राप्त होता है। मंत्र की ध्वनि किसी भी कीमत पर बाहर न निकले, वह पूर्णतया मानसिक जप हो। ऐसी स्थिति में मन से वह व्यक्ति संगम व ईश्वर के प्रति समर्पित रहता है। संगम स्नान करने जो लोग गए हैं या आप भी जाएं तो वहां से उस दिन का संगम जल अवश्य लाएं।मौनी अमावस्या के दिन त्रिवेणी संगम में स्नान का क्या है महत्व
ऐसा कहा जाता है कि मौनी अमावस्या के दिन देवतागण प्रयागराज आकर अदृश्य रूप से संगम में स्नान करते हैं। वहीं मौनी अमावस्या के दिन पितृगण पितृलोक से संगम में स्नान करने आते हैं और इस तरह देवता और पितरों का इस दिन संगम होता है। मान्यताओं के अनुसार इस दिन पवित्र संगम में देवताओं का निवास होता है इसलिए इस दिन मौन रखकर गंगा स्नान का विशेष महत्व है।Mauni Amavasya Daan: मौनी अमावस्या दान
इस दिन अनाज, वस्त्र, तिल,आंवला, कंबल, पलंग, घी और या तो गौशाला में गाय के लिए भोजन का दान कर सकते हैं।मौनी अमावस्या पर स्नान का महत्व
Mauni Amavasya Ka Mahatva: मौनी अमावस्या का महत्व
मौनी अमावस्या पर मौन व्रत धारण करके स्नान-दान करना बेहद पुण्य का काम माना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु और भगवान शिव की पूजा बेहद फलदायी होती है। कहते हैं इस दिन पवित्र नदियों, जलाशय और कुंड में स्नान करने से भक्तों की सारी मनोकामना पूरी हो जाती हैं।मौनी अमावस्या 2025 स्नान-दान मुहूर्त (Mauni Amavasya 2025 Snan-Daan Muhurat)
लाभ - उन्नति - 07:20 AM से 08:44 AMअमृत - सर्वोत्तम - 08:44 AM से 10:07 AM
शुभ - उत्तम - 11:30 AM से 12:53 PM
चर - सामान्य - 03:39 PM से 05:02 PM
लाभ - उन्नति - 05:02 PM से 06:25 PM
मौनी अमावस्या 2025 टाइमिंग (Mauni Amavasya 2025 Timings)
मौनी अमावस्या 28 जनवरी की शाम 7 बजकर 35 मिनट से शुरू होकर 29 जनवरी की शाम 6 बजकर 5 मिनट तक रहेगी। उदया तिथि के अनुसार ये त्योहार 29 जनवरी को मनाया जाएगा।मौनी अमावस्या पर क्या करना चाहिए (Mauni Amavasya Par Kya Karna Chahiye)
- मौनी अमावस्या के दिन सुबह जल्दी उठकर किसी पवित्र नदी, सरोवर या कुंड में स्नान जरूर करना चाहिए।
- इस दिन त्रिवेणी संगम में स्नान करने का सबसे ज्यादा महत्व माना जाता है।
- स्नान करने के बाद सूर्य देव को अर्घ्य जरूर अर्पित करना चाहिए।
- जहां तक संभव हो इस दिन मौन व्रत रहना चाहिए।
- इसके अलावा गरीब, भूखे और ज़रूरतमंद लोगों को भोजन कराकर दान देना चाहिए।
- ये दिन पितरों के तर्पण के लिए श्रेष्ठ माना जाता है।
- मौनी अमावस्या पर भगवान विष्णु और शिव शंकर जी की पूजा का विशेष महत्व होता है।
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