Mahalaxmi Aarti: जय देवी जय देवी जय महालक्ष्मी...यहां देखें श्री महालक्ष्मीची आरती के लिरिक्स

Mahalaxmi Ji Ki Aarti Lyrics (जय देवी जय देवी जय महालक्ष्मीची की आरती): महालक्ष्मी व्रत का प्रारंभ 11 सितंबर 2024 से हो गया है और इसका समापन 24 सितंबर को होगा। ये पर्व मुख्य रूप से महाराष्ट्र में मनाया जाता है। इस दौरान मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। यहां आप देखेंगे महालक्ष्मी जी की आरती।

Mahalaxmi Aarti

Mahalaxmi Ji Ki Aarti Lyrics

Mahalaxmi Ji Ki Aarti Lyrics (जय देवी जय देवी जय महालक्ष्मीची की आरती): महालक्ष्मी व्रत भाद्रपद शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से शुरू होता है और इसका समापन आश्विन कृष्ण पक्ष की अष्टमी को होता है। इस साल ये व्रत 11 सितंबर से 24 सितंबर तक रखा जाएगा। इस 16 दिनों की अवधि में श्रद्धालु महालक्ष्मी की विधि विधान पूजा करते हैं। तो वहीं कई लोग पूरे 16 दिन तक उपवास रखते हैं। हिंदू मान्यताओं अनुसार महालक्ष्मी व्रत रखने से भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। साथ ही जीवन में चली आ रही समस्याओं का भी अंत हो जाता है। यहां देखें महालक्ष्मी जी की आरती के लिरिक्स।

श्री महालक्ष्मीची आरती (Mahalaxmi Ji Ki Aarti Lyrics)

जय देवी जय देवी जय महालक्ष्मी।
वससी व्यापकरुपे तू स्थूलसूक्ष्मी॥
करवीरपुरवासिनी सुरवरमुनिमाता।
पुरहरवरदायिनी मुरहरप्रियकान्ता।
कमलाकारें जठरी जन्मविला धाता।
सहस्त्रवदनी भूधर न पुरे गुण गातां॥
जय देवी जय देवी…॥
मातुलिंग गदा खेटक रविकिरणीं।
झळके हाटकवाटी पीयुषरसपाणी।
माणिकरसना सुरंगवसना मृगनयनी।
शशिकरवदना राजस मदनाची जननी॥
जय देवी जय देवी…॥
तारा शक्ति अगम्या शिवभजकां गौरी।
सांख्य म्हणती प्रकृती निर्गुण निर्धारी।
गायत्री निजबीजा निगमागम सारी।
प्रगटे पद्मावती निजधर्माचारी॥
जय देवी जय देवी…॥
अमृतभरिते सरिते अघदुरितें वारीं।
मारी दुर्घट असुरां भवदुस्तर तारीं।
वारी मायापटल प्रणमत परिवारी।
हें रुप चिद्रूप दावी निर्धारी॥
जय देवी जय देवी…॥
चतुराननें कुश्चित कर्मांच्या ओळी।
लिहिल्या असतिल माते माझे निजभाळी।
पुसोनि चरणातळी पदसुमने क्षाळी।
मुक्तेश्वर नागर क्षीरसागरबाळी॥
जय देवी जय देवी…॥

महालक्ष्मी व्रत के उपाय (Mahalaxmi Vrat Ke Upay In Hindi)

महालक्ष्मी व्रत के दौरान माता लक्ष्मी के साथ भगवान विष्णु की भी पूजा करें। इसके अलावा ॐ महालक्ष्म्यै नमः मंत्र और ॐ नमो वासुदेवाय नमः मंत्र का भी निरंतर जाप करें। इससे घर में धन-धान्य की कभी कमी नहीं होगी। धन प्राप्ति के लिए महालक्ष्मी माता को गुलाब का फूल चढ़ाएं फिर उसे किसी कपड़े में लपेटकर तिजोरी में रख दें। ऐसा करने से भी कभी जेब खाली नहीं होगी।
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लवीना शर्मा author

धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हूं। पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। 10 साल से मीडिया में काम कर रही हूं। पत्रकारिता में करि...और देखें

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