Mahamrityunjaya Mantra: अकाल मृत्यु को भी दूर रखता है महामृत्युंजय मंत्र, कब और कैसे करें इसका जाप, जानिए सही तरीका
Mahamrityunjaya Mantra Benefits: वेदों में दर्ज है कि इस मंत्र के पाठ से भगवान शिव धन की कमी नहीं होने देते हैं। इससे ना सिर्फ आर्थिक लाभ होता है बल्कि मनुष्य के रोगों का भी नाश होता है।
जानिए क्या है महामृत्युंजय मंत्र के जाप करने का सही तरीका।
क्या है महामृत्युंजय मंत्र?ॐ त्र्यम्बकं यजामहे,
सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् ,
उर्वारुकमिव बन्धनान्,
मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् !!
महामृत्युंजय मंत्र का हिंदी अर्थइस मंत्र का तात्पर्य ये है कि हम तीन नेत्रों वाले भगवान शिव की पूजा करते हैं। भगवान शंकर सुगंधित हैं और हमारा पोषण करते हैं। जैसे फल शाखा के बंधन से मुक्त हो जाता है वैसे ही हम भी मृत्यु और नश्वरता से मुक्त हो जाएं।
कब और कैसे करें महामृत्युंजय मंत्र का जाप ?शिवपुराण में लिखा गया है कि महामृत्युंजय मंत्र का जाप प्रतिदिन सूर्योदय से पहले करना चाहिए। रुद्राक्ष की माला से इस मंत्र का 108 बार जाप करने से लाभ प्राप्त हो सकता है। यह मंत्र हमारे मस्तिष्क की नकारात्मकता को भी दूर करता है।
महामृत्युंजय मंत्र के लाभवेदों में दर्ज है कि इस मंत्र के पाठ से भगवान शिव धन की कमी नहीं होने देते हैं। इससे ना सिर्फ आर्थिक लाभ होता है बल्कि मनुष्य के रोगों का भी नाश होता है। मान्यता है कि इससे अकाल मृत्यु का योग भी खत्म होता है।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | अध्यात्म (spirituality News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल
अध्यात्म और ज्योतिष की दुनिया बेहद दिलचस्प है। यहां हर समय कुछ नया सिखने और जानने को मिलता है। अगर आपकी अध्यात्म और ज्योतिष में गहरी रुचि है और आप इस ...और देखें
Moon Rise Time, 17 January 2025: पंचांग से जानिए सकट चौथ का चांद कितने बजे दिखाई देगा
Lapsi Tapsi Ki Kahani In Hindi: सकट चौथ के दिन पढ़ें लपसी-तपसी की कहानी
Sakat Chauth Vrat Katha In Hindi: इस पौराणिक कथा के बिना अधूरा है सकट चौथ व्रत, पढ़ें तिलकुट की कहानी
Sakat Chauth Puja Muhurat 2025: सकट चौथ पूजा का मुहूर्त कब से कब तक रहेगा, नोट कर लें तिल चौथ पूजा की टाइमिंग
Ganesh Ji Ki Aarti, Sakat Chauth 2025: जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा माता जाकी पार्वती पिता महादेवा... भगवान गणेश की आरती लिखित में
© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited