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Mahashivratri 2024 Puja Muhurat, Vidhi, Katha: महाशिवरात्रि के दिन रात में किस समय करें पूजा, जानें पूरी विधि, मंत्र, कथा, आरती सबकुछ यहां

Mahashivratri 2024 Puja Vidhi, Shubh Muhurat, Time, Samagri, Mantra: महाशिवरात्रि का त्योहार इस साल 8 मार्च को मनाया जा रहा है। पंचांग अनुसार महाशिवरात्रि पूजा का सबसे शुभ मुहूर्त 9 मार्च को 12:07 AM से 12:56 AM तक रहेगा। यहां जानिए महाशिवरात्रि पूजा विधि, सामग्री लिस्ट, मुहूर्त, मंत्र, कथा, आरती सबकुछ।

Mahashivratri 2024 Puja Muhurat, Vidhi, Katha: महाशिवरात्रि के दिन रात में किस समय करें पूजा, जानें पूरी विधि, मंत्र, कथा, आरती सबकुछ यहां

Mahashivratri 2024 Puja Muhurat, Vidhi, Katha: महाशिवरात्रि के दिन रात में किस समय करें पूजा, जानें पूरी विधि, मंत्र, कथा, आरती सबकुछ यहां

Mahashivratri 2024 Puja Muhurat, Vidhi, Katha, Isha Foundation Shivratri Live (महाशिवरात्रि 2024): हिंदू पंचांग अनुसार 2024 में महाशिवरात्रि का त्योहार 8 मार्च को यानी आज मनाया जा रहा है। इस दिन प्रदोष व्रत का शुभ संयोग भी बन रहा है। महाशिवरात्रि पूजा के शुभ मुहूर्त की बात करें तो 8 मार्च की रात 12 बजकर 7 मिनट से 12 बजकर 56 मिनट तक का समय शिव पूजा के लिए सबसे शुभ रहेगा। वहीं कुछ लोग महाशिवरात्रि के दिन शिव जी की चारों प्रहर पूजा करते हैं। माना जाता है कि इससे मनुष्य की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं।

महाशिवरात्रि 2024 पूजा मुहूर्त, मंत्र, कथा, आरती और शिव स्तुति

महाशिवरात्रि 2024 (Mahashivratri 2024)
महाशिवरात्रि पर्व फाल्गुन कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। इस साल ये चतुर्दशी तिथि 8 मार्च 2024 की रात 09 बजकर 57 मिनट से 9 मार्च 2024 की शाम 06 बजकर 17 मिनट तक रहेगी। महाशिवरात्रि पर्व 8 मार्च को मनाया जाएगा।

Happy Maha Shivratri Images 2024

महाशिवरात्रि चारों प्रहर पूजा समय (Mahashivratri Char Prahar Puja Time 2024)
रात्रि प्रथम प्रहर पूजा समय - 06:25 PM से 09:28 PM
रात्रि द्वितीय प्रहर पूजा समय - 09:28 PM से 12:31 AM, मार्च 09
रात्रि तृतीय प्रहर पूजा समय - 12:31 AM से 03:34 AM, मार्च 09
रात्रि चतुर्थ प्रहर पूजा समय - 03:34 AM से 06:37 AM, मार्च 09

महाशिवरात्रि पूजा सामग्री (Mahashivratri Puja Samagri)
धूप, दीप, अक्षत, सफेद, घी, शक्कर, शहद, चंदन, पान, सुपारी, लौंग, इलायची, दही, फल, फूल, बेलपत्र, धतूरा, बेल, भांग, बेर, गाय का कच्चा दूध, ईख का रस, गंगा जल, कपूर, मलयागिरी, चंदन, पंच मेवा, तुलसी दल, मौली जनेऊ, पंच मिष्ठान, शिव व मां पार्वती के श्रृंगार की सामग्री, पंच रस, इत्र, गंध रोली, आम्र मंजरी, जौ की बालियां, वस्त्राभूषण, कुशासन आदि।

Mar 8, 2024 | 08:59 PM IST

shukra pradosh vrat katha

सूत जी बोले- प्राचीन काल की बात है एक नगर में तीन मित्र रहते थे, तीनों में ही घनिष्ट मित्रता थी। उसमें एक राजा का बेटा, दूसरा ब्राह्मण पुत्र, तीसरा सेठ पुत्र था। राजकुमार व ब्राह्मण पुत्र का विवाह हो चुका था। सेठ पुत्र का विवाह के बाद गौना नहीं हुआ था। एक दिन तीनों मित्र आपस में स्त्रियों की चर्चा कर रहे थे। ब्राह्मण-पुत्र ने नारियों की प्रशंसा करते हुए कहा- "नारीहीन घर भूतों का डेरा होता है।" सेठ-पुत्र ने यह वचन सुनकर अपनी पत्नी लाने का तुरन्त निश्चय किया। सेठ-पुत्र अपने घर गया और अपने माता-पिता को अपना निश्चय बताया।उन्होंने बेटे से कहा कि शुक्र देवता डूबे हुए हैं। इन दिनों बहु-बेटियों को उनके घर से विदा कराकर लाना शुभ नहीं, अतः शुक्रोदय के याद तुम अपनी पत्नी को विदा करा लाना। सेठ पुत्र अपनी जिद से टस से मस नहीं हुआ और अपनी सुसराल जा पहुंचा। सास-ससुर को उसके इरादे का पता चला। उन्होंने उसको समझाने की कोशिश की किन्तु वह नहीं माना। अतः उन्हें विवश हो अपनी कन्या को विदा करना पड़ा। ससुराल से विदा होकर पति-पत्नी नगर से बाहर निकले ही थे कि उनकी बैलगाड़ी का पहिया टूट गया और एक बैल की टांग टूट गई। पत्नी को भी काफी चोट आई। सेठ-पुत्र ने आगे चलने का प्रयत्न जारी रखा तभी डाकुओं से भेंट हो गई और वे धन-धान्य लूटकर ले गए।
Mar 8, 2024 | 08:44 PM IST

panchakshari mantra

॥ श्रीशिवपञ्चाक्षरस्तोत्रम् ॥नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय,भस्माङ्गरागाय महेश्वराय ।नित्याय शुद्धाय दिगम्बराय,तस्मै न काराय नमः शिवाय ॥१॥मन्दाकिनी सलिलचन्दन चर्चिताय,नन्दीश्वर प्रमथनाथ महेश्वराय ।मन्दारपुष्प बहुपुष्प सुपूजिताय,तस्मै म काराय नमः शिवाय ॥२॥शिवाय गौरीवदनाब्जवृन्द,सूर्याय दक्षाध्वरनाशकाय ।श्रीनीलकण्ठाय वृषध्वजाय,तस्मै शि काराय नमः शिवाय ॥३॥वसिष्ठकुम्भोद्भवगौतमार्य,मुनीन्द्रदेवार्चितशेखराय।चन्द्रार्क वैश्वानरलोचनाय,तस्मै व काराय नमः शिवाय ॥४॥यक्षस्वरूपाय जटाधराय,पिनाकहस्ताय सनातनाय ।दिव्याय देवाय दिगम्बराय,तस्मै य काराय नमः शिवाय ॥५॥पञ्चाक्षरमिदं पुण्यं यः पठेच्छिवसन्निधौ ।शिवलोकमवाप्नोति शिवेन सह मोदते ॥
Mar 8, 2024 | 08:35 PM IST

Sham ko shivling par jal chada sakte hain

शिवलिंग पर कभी भी शाम के समय जल अर्पित नहीं करना चाहिए। सुबह 5 बजे से 11 बजे के बीच जल अर्पित करना शुभ होता है। शिव जी का जलाभिषेक करें तो जल में अन्य कोई भी सामग्री न मिलाएं।
Mar 8, 2024 | 08:15 PM IST

mahadev ji ke aarti

॥ शिवजी की आरती ॥ॐ जय शिव ओंकारा,स्वामी जय शिव ओंकारा।ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव,अर्द्धांगी धारा॥ॐ जय शिव ओंकारा॥एकानन चतुराननपञ्चानन राजे।हंसासन गरूड़ासनवृषवाहन साजे॥ॐ जय शिव ओंकारा॥दो भुज चार चतुर्भुजदसभुज अति सोहे।त्रिगुण रूप निरखतेत्रिभुवन जन मोहे॥ॐ जय शिव ओंकारा॥अक्षमाला वनमालामुण्डमाला धारी।त्रिपुरारी कंसारीकर माला धारी॥ॐ जय शिव ओंकारा॥श्वेताम्बर पीताम्बरबाघम्बर अंगे।सनकादिक गरुणादिकभूतादिक संगे॥ॐ जय शिव ओंकारा॥कर के मध्य कमण्डलुचक्र त्रिशूलधारी।सुखकारी दुखहारीजगपालन कारी॥ॐ जय शिव ओंकारा॥ब्रह्मा विष्णु सदाशिवजानत अविवेका।मधु-कैटभ दो‌उ मारे,सुर भयहीन करे॥ॐ जय शिव ओंकारा॥लक्ष्मी व सावित्रीपार्वती संगा।पार्वती अर्द्धांगी,शिवलहरी गंगा॥ॐ जय शिव ओंकारा॥पर्वत सोहैं पार्वती,शंकर कैलासा।भांग धतूर का भोजन,भस्मी में वासा॥ॐ जय शिव ओंकारा॥जटा में गंग बहत है,गल मुण्डन माला।शेष नाग लिपटावत,ओढ़त मृगछाला॥ॐ जय शिव ओंकारा॥काशी में विराजे विश्वनाथ,नन्दी ब्रह्मचारी।नित उठ दर्शन पावत,महिमा अति भारी॥ॐ जय शिव ओंकारा॥त्रिगुणस्वामी जी की आरतिजो कोइ नर गावे।कहत शिवानन्द स्वामी,मनवान्छित फल पावे॥ॐ जय शिव ओंकारा॥
Mar 8, 2024 | 08:08 PM IST

sadhguru mahashivratri program on which channel

Sadhguru's YouTube channels
Mar 8, 2024 | 07:57 PM IST

शिव जी के भजन हिंदी में

https://www.youtube.com/playlist?list=PLyXHXSHxLqKy7cz5yZueJSena5aZVUQRU
Mar 8, 2024 | 07:48 PM IST

शिव जी की आरती

शिव जी की आरती
Mar 8, 2024 | 06:55 PM IST

Isha Foundation Shivratri Live

Mar 8, 2024 | 06:54 PM IST

isha mahashivratri 2024 live

8 मार्च 2024,शाम 6 बजे से सुबह 6 बजे तक
Mar 8, 2024 | 06:39 PM IST

महाशिवरात्रि 2024 चार प्रहर पूजा शुभ मुहूर्त (Mahashivratri 2024 shubh Muhurat)

प्रथम प्रहर की पूजा- 08 मार्च शाम 06 बजकर 29 मिनट से रात 09 बजकर 33 मिनट तकदूसरे प्रहर की पूजा- 08 मार्च सुबह 09 बजकर 33 मिनट से 09 मार्च सुबह 12 बजकर 37 मिनट तकतीसरे प्रहर की पूजा-09 मार्च सुबह 12 बजकर 37 मिनट से 03 बजकर 40 मिनट तकचौथे प्रहर की पूजा- 09 मार्च सुबह 03 बजकर 40 मिनट से 06 बजकर 44 मिनट तकपारण मुहूर्त : 09 मार्च की सुबह 06 बजकर 38 मिनट से दोपहर 03 बजकर 30 मिनट तक।
Mar 8, 2024 | 06:23 PM IST

क्या महाशिवरात्रि के दिन चॉकलेट खा सकते हैं (Can we Eat Choclate In Mahashivratri Fast)

महाशिवरात्रि के दिन फलाहार करने की परंपरा है, लेकिन यदि आप चॉकलेट खाना चाहते हैं तो उससे पहले ये जरूर देख लें कि उसमे क्या- क्या चीज मिली हुई है। अगर उसमे वो सब है जो व्रत में खाया जा सकता है तो आप चॉकलेट का सेवन कर सकते हैं, लेकिन कोशिश करें कि इस दिन चॉकलेट ना खाएं। यदि आपने व्रत नहीं रखा है तो आप आराम से इसका सेवन कर सकते हैं।
Mar 8, 2024 | 05:56 PM IST

Mahashivratri Vrat Kaise Kholen (महाशिवरात्रि का व्रत कैसे खोलें)

महाशिवरात्रि के दिन व्रत रखने वाले लोग शाम के समय शिव जी की पूजा के बाद ही भोजन करें। वहीं जो लोग पूर्ण रात्रि व्रत रखते हैं वह चारों प्रहर की पूजा करने के बाद अगले दिन सूर्योदय पर ही व्रत का पारण करें। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि इस व्रत में पूजा के दौरान पार्थिव शिवलिंग पर चढ़ा प्रसाद ग्रहण न करें।
Mar 8, 2024 | 05:41 PM IST

how to break mahashivratri fast (महाशिवरात्रि का व्रत कैसे खोलें)

महाशिवरात्रि के दिन व्रत रखने वाले लोग शाम के समय शिव जी की पूजा के बाद ही भोजन करें। वहीं जो लोग पूर्ण रात्रि व्रत रखते हैं वह चारों प्रहर की पूजा करने के बाद अगले दिन सूर्योदय पर ही व्रत का पारण करें। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि इस व्रत में पूजा के दौरान पार्थिव शिवलिंग पर चढ़ा प्रसाद ग्रहण न करें।
Mar 8, 2024 | 05:20 PM IST

can shivling be kept at home (क्या घर में शिवलिंग स्थापित कर सकते हैं।

घर में शिवलिंग स्थापित करने से पहले स्थान का ख्याल रखना बेहद जरूरी है। ध्यान रहे कि घर के कोने में शिवलिंग न रखें। ऐसी जगह का चुनाव करने से भगवान शिव की ठीक से पूजा नहीं हो पाती है। इससे भगवन शिव क्रोधित हो जाते हैं और जीवन में गलत प्रभाव पड़ सकता है।
Mar 8, 2024 | 04:59 PM IST

Shivling ke Puja Kyun Ke Jati Hai (शिवलिंग की पूजा क्यों की जाती है)

'लिंग' का अर्थ है 'सृजन'। सर्जनहार के रूप में उत्पादक शक्ति के चिह्न् के रूप में लिंग की पूजा होती है। स्कंद पुराण में लिंग का अर्थ लय लगाया गया है। लय (प्रलय) के समय अग्नि में सब भस्म हो कर शिवलिंग में समा जाता है और सृष्टि के आदि में लिंग से सब प्रकट होता है।
Mar 8, 2024 | 04:40 PM IST

क्या महाशिवरात्रि के दिन नॉन वेज खा सकते हैं (Can We Eat Non vey In Mahashivratri)

हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि के व्रत का बहुत महत्व है। इस दिन गलती से भी मांस-मदिरा, तामसिक चीजें, लहसुन, प्याज जैसी चीजों का सेवन ना करें। अगर आपने महाशिवरात्रि का व्रत रखा है तो आप केवल फलाहार करें। इस दिन आप भोजन ना ग्रहण करें। इसके अगले दिन आप इस व्रत का पारण कर सकते हैं।
Mar 8, 2024 | 04:20 PM IST

Can we offer water to shivling in evening (क्या शाम के समय शिव जी को जल चढ़ाते सकते हैं)

शिव पुराण के अनुसार, सूर्यास्त के बाद शिवलिंग पर जल नहीं चढ़ाना चाहिए, क्योंकि इस समय में सूर्य देव पूजा के साक्षी नहीं होते।
Mar 8, 2024 | 03:57 PM IST

History of Shivling

शिवलिंग का इतिहास कई हजार वर्षों पुराना है। सभी देव देवताओं में शिव ही एकमात्र भगवान हैं जिनके लिंग स्वरूप की आराधना की जाती है। दूसरी पौराणिक कथा के अनुसार, इसका इतिहास समुद्र मंथन से जुड़ा है। समुद्र मंथन के समय जब विष की उत्पत्ति हुई तो समस्त ब्रह्माण की रक्षा के लिए उसे महादेव द्वारा ग्रहण किया गया।
Mar 8, 2024 | 03:40 PM IST

Can we eat non veg on mahashivratri (महाशिवरात्रि में नॉनवेज खा सकते हैं)

हिंदू धर्म में अनुसार महाशिवरात्रि के दिन मांसहारी भोजन करने की मनाही होती है। इस दिन मांसाहार का सेवन नहीं करना चाहिए।
Mar 8, 2024 | 03:20 PM IST

Can we Sleep on Mahashivratri (महाशिवरात्रि के दिन सो सकते हैं)

महाशिवरात्रि भगवान शिव की महान रात्रि है और हिंदू समुदाय द्वारा मनाई जाती है। महाशिवरात्रि की रात भक्तों को सोना नहीं चाहिए।
Mar 8, 2024 | 02:58 PM IST

Mahashivratri Ke Vrat Me Kya Khayen (महाशिवरात्रि के व्रत में क्या खाएं)

यदि आप महाशिवरात्रि का व्रत फलाहार या भोजन करके रख रहे हैं, तो आप शुद्ध पके हुए फल, जूस, मिष्ठान, सिंघाड़े से बनी चीजों का सेवन कर सकते हैं। इसके अलावा महाशिवरात्रि व्रतमें डेयरी प्रोडक्ट का उपयोग कर सकते हैं।
Mar 8, 2024 | 02:39 PM IST

Can we Eat Makhana in shivratri fast (शिवरात्रि के व्रत में मखाना खा सकता हैं)

महाशिवरात्रि के व्रत मखाना खाया जा सकता है। आप चाहें तो उसकी खीर बनाकर भी खा सकते हैं।
Mar 8, 2024 | 02:20 PM IST

Mahashivratri 2025 Date

2025 में महाशिवरात्रि का व्रत 26 फरवरी को रखा जाएगा।
Mar 8, 2024 | 01:55 PM IST

महाशिवरात्रि पारण समय (Maha Shivratri Parana Time 2024)

महाशिवरात्रि व्रत 9 मार्च को खोला जाएगा। इस दिन शिवरात्रि पारण समय सुबह 06 बजकर 37 मिनट से 03 बजकर 29 मिनट तक रहेगा।
Mar 8, 2024 | 01:14 PM IST

Maha Shivratri Vrat Benefits: महाशिवरात्रि व्रत के फायदे

धार्मिक मान्यताओं अनुसार यह व्रत जीवन में सुख-शांति-समृद्धि लाता है। साथ ही इस व्रत को करने से मनुष्य को अच्छे स्वास्थ्य की भी प्राप्ति होती है।
Mar 8, 2024 | 12:32 PM IST

Mahashivratri Vrat Me Kya Khana Chahiye: महाशिवरात्रि व्रत में क्या खाना चाहिए

महाशिवरात्रि व्रत में अन्न का सेवन नहीं करना चाहिए। हालांकि आप फलाहार ले सकते हैं। इसके अलावा सेंधा नमक का भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
Mar 8, 2024 | 12:10 PM IST

Shiv Ji Ki Aarti Lyrics (शिव जी की आरती)

ॐ जय शिव ओंकारा, स्वामी जय शिव ओंकारा। ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी धारा ॥
ॐ जय शिव ओंकारा...॥

एकानन चतुरानन पंचानन राजे। हंसासन गरूड़ासन वृषवाहन साजे॥
ॐ जय शिव ओंकारा...॥

दो भुज चार चतुर्भुज दसभुज अति सोहे। त्रिगुण रूप निरखते त्रिभुवन जन मोहे॥
ॐ जय शिव ओंकारा...॥

अक्षमाला वनमाला, मुण्डमाला धारी। चंदन मृगमद सोहै, भाले शशिधारी॥
ॐ जय शिव ओंकारा...॥

श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे। सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे॥
ॐ जय शिव ओंकारा...॥

कर के मध्य कमंडल चक्र त्रिशूलधारी। सुखकारी दुखहारी जगपालन कारी॥
ॐ जय शिव ओंकारा...॥

ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका। प्रणवाक्षर में शोभित ये तीनों एका॥
ॐ जय शिव ओंकारा...॥

त्रिगुणस्वामी जी की आरति जो कोइ नर गावे। कहत शिवानंद स्वामी सुख संपति पावे॥
ॐ जय शिव ओंकारा...॥

लक्ष्मी व सावित्री पार्वती संगा। पार्वती अर्द्धांगी, शिवलहरी गंगा॥
ॐ जय शिव ओंकारा...॥

पर्वत सोहैं पार्वती, शंकर कैलासा। भांग धतूर का भोजन, भस्मी में वासा॥
ॐ जय शिव ओंकारा...॥

जटा में गंग बहत है, गल मुण्डन माला। शेष नाग लिपटावत, ओढ़त मृगछाला॥
जय शिव ओंकारा...॥

काशी में विराजे विश्वनाथ, नंदी ब्रह्मचारी। नित उठ दर्शन पावत, महिमा अति भारी ॥
ॐ जय शिव ओंकारा...॥

ॐ जय शिव ओंकारा, स्वामी जय शिव ओंकारा। ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी धारा ॥
Mar 8, 2024 | 11:37 AM IST

महाशिवरात्रि व्रत पारण विधि (Mahashivratri Vrat Parana Vidhi)

ज्योतिषशास्त्र के अनुसार महाशिवरात्रि व्रत का पारण नियमानुसार करना चाहिए। इस व्रत का पारण करने से पहले स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण कर लें। इसके बाद महाशिवरात्रि व्रत की कथा सुनें और फिर शिव जी के मंत्रों का जाप करें। फिर भोलेनाथ को भोग लगाएं और प्रसाद ग्रहण कर व्रत खोल लें। कहते हैं कि व्रत पारण के समय मूली, बैंगन, तला हुआ भोजन नहीं करना चाहिए।
Mar 8, 2024 | 11:12 AM IST

Mahashivratri Par Kya Kare (महाशिवरात्रि पर क्या करें)

महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग की पूजा जरूर करें। साथ ही शिवलिंग पर भांग,धतूरा,गंगाजल,बेलपत्र,दूध, शहद व दही जरूर चढ़ाएं।
Mar 8, 2024 | 10:05 AM IST

can we drink water during shivratri fast (क्या शिवरात्रि व्रत में पानी पी सकते हैं)

महाशिवरात्रि का व्रत निर्जला और फलाहार करके दोनों तरीके से रखा जाता है। अगर आप निर्जला व्रत रख रहे हैं तो पानी न पिएं लेकिन अगर फलाहार करके व्रत रख रहें हैं तो पानी पी सकते हैं।
Mar 8, 2024 | 09:57 AM IST

Mahashivratri 2026 Date (महाशिवरात्रि 2026)

2026 में महा शिवरात्रि 15 फरवरी, रविवार के दिन पड़ेगी। पूजा का शुभ मुहूर्त देर रात 12:09 से 01:01 तक रहेगा।
Mar 8, 2024 | 09:41 AM IST

महाशिवरात्रि व्रत विधि (Mahashivratri Vrat Vidhi)

महाशिवरात्रि व्रत में चारों पहर में पूजन करना अत्यंत शुभ माना जाता है। प्रत्येक पहर की पूजा में ऊं नम: शिवाय मंत्र का जप जरूर करना चाहिए। इसके अतिरिक्त अगर संभव हो तो उपवास की अवधि में रुद्राभिषेक भी जरूर कराएं।
Mar 8, 2024 | 09:10 AM IST

Maha Shivratri 2024 Wishes: महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं

Maha Shivratri 2024 Wishes महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं
Mar 8, 2024 | 08:51 AM IST

Maha Shivratri Char Prahar Puja Time 2024 (महाशिवरात्रि चार प्रहर पूजा समय 2024)

  • रात्रि प्रथम प्रहर पूजा समय 06:25 पी एम से 09:28 पी एम तक
  • रात्रि द्वितीय प्रहर पूजा समय 09:28 पी एम से 9 मार्च को 12:31 ए एम तक
  • रात्रि तृतीय प्रहर पूजा समय 9 मार्च को 12:31 ए एम से 03:34 तक
  • रात्रि चतुर्थ प्रहर पूजा समय 9 मार्च को 03:34 ए एम से 06:37 ए एम तक
Mar 8, 2024 | 08:23 AM IST

Shivratri Fast Rules 2024: शिवरात्रि व्रत के नियम

इस व्रत को फलाहार ग्रहण करके रखा जाता है। लेकिन इस व्रत में नमक का सेवन नहीं किया जाता है। हालांकि आप सेंधा नमक का इस्तेमाल कर सकते हैं। इस दिन व्रती को शिवलिंग पर भांग, धतूरा, गन्‍ना, बेर और चंदन जरूर चढ़ाना चाहिए। साथ ही माता पार्वती को सुहाग सामग्री चढ़ानी चाहिए।
Mar 8, 2024 | 08:09 AM IST

Shivratri Par Shivling Par Kya Kya Chadana Chahiye: शिवरात्रि पर शिवलिंग पर क्या-क्या चढ़ाना चाहिए

महाशिवरात्रि पूजा के दौरान शिवलिंग पर दूध, दही, शहद, पुष्प, धतूरा, बेलपत्र, इत्र, भांग, शमी के पत्ते आदि चीजें जरूर चढ़ानी चाहिए।
Mar 8, 2024 | 07:52 AM IST

Om Jai Shiv Omkara Aarti Lyrics: ओम जय शिव ओंकारा आरती लिरिक्स

ॐ जय शिव ओंकारा,
स्वामी जय शिव ओंकारा।
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव,
अर्द्धांगी धारा ॥
ॐ जय शिव ओंकारा...॥
एकानन चतुरानन
पंचानन राजे ।
हंसासन गरूड़ासन
वृषवाहन साजे ॥
ॐ जय शिव ओंकारा...॥

दो भुज चार चतुर्भुज
दसभुज अति सोहे ।
त्रिगुण रूप निरखते
त्रिभुवन जन मोहे ॥
ॐ जय शिव ओंकारा...॥

अक्षमाला वनमाला,
मुण्डमाला धारी ।
चंदन मृगमद सोहै,
भाले शशिधारी ॥
ॐ जय शिव ओंकारा...॥

श्वेताम्बर पीताम्बर
बाघम्बर अंगे ।
सनकादिक गरुणादिक
भूतादिक संगे ॥
ॐ जय शिव ओंकारा...॥

कर के मध्य कमंडल
चक्र त्रिशूलधारी ।
सुखकारी दुखहारी
जगपालन कारी ॥
ॐ जय शिव ओंकारा...॥

ब्रह्मा विष्णु सदाशिव
जानत अविवेका ।
प्रणवाक्षर में शोभित
ये तीनों एका ॥
ॐ जय शिव ओंकारा...॥

त्रिगुणस्वामी जी की आरति
जो कोइ नर गावे ।
कहत शिवानंद स्वामी
सुख संपति पावे ॥
ॐ जय शिव ओंकारा...॥

----- Addition ----
लक्ष्मी व सावित्री
पार्वती संगा ।
पार्वती अर्द्धांगी,
शिवलहरी गंगा ॥
ॐ जय शिव ओंकारा...॥

पर्वत सोहैं पार्वती,
शंकर कैलासा ।
भांग धतूर का भोजन,
भस्मी में वासा ॥
ॐ जय शिव ओंकारा...॥

जटा में गंग बहत है,
गल मुण्डन माला ।
शेष नाग लिपटावत,
ओढ़त मृगछाला ॥
जय शिव ओंकारा...॥

काशी में विराजे विश्वनाथ,
नंदी ब्रह्मचारी ।
नित उठ दर्शन पावत,
महिमा अति भारी ॥
ॐ जय शिव ओंकारा...॥

ॐ जय शिव ओंकारा,
स्वामी जय शिव ओंकारा।
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव,
अर्द्धांगी धारा ॥
Mar 8, 2024 | 07:39 AM IST

maha shivratri shivling image

maha shivratri shivling image
Mar 8, 2024 | 07:24 AM IST

Parvati Ji Ki Aarti Hindi Lyrics (माता पार्वती आरती लिरिक्स)

जय पार्वती माता,जय पार्वती माताब्रह्मा सनातन देवी,शुभ फल की दाता ।॥ जय पार्वती माता... ॥अरिकुल कंटक नासनि,निज सेवक त्राता,जगजननी जगदम्बा,हरिहर गुण गाता ।॥ जय पार्वती माता... ॥सिंह को वहान साजे,कुंडल है साथा,देव वधू जस गावत,नृत्य करत ता था ।॥ जय पार्वती माता... ॥सतयुग रूप शील अतिसुंदर,नाम सती कहलाता,हेमाचंल घर जन्मी,सखियाँ संगराता ।॥ जय पार्वती माता... ॥शुम्भ निशुम्भ विदारे,हेमाचंल स्थाता,सहस्त्र भुजा तनु धरिके,चक्र लियो हाथा ।॥ जय पार्वती माता... ॥सृष्टि रूप तुही है जननी,शिव संग रंगराता,नन्दी भृंगी बीन लही,सारा जग मदमाता ।॥ जय पार्वती माता... ॥देवन अरज करत हम,चरण ध्यान लाता,तेरी कृपा रहे तो,मन नहीं भरमाता ।॥ जय पार्वती माता... ॥मैया जी की आरती,भक्ति भाव से जो नर गाता,नित्य सुखी रह करके,सुख संपत्ति पाता ।॥ जय पार्वती माता... ॥जय पार्वती माता,जय पार्वती माता,ब्रह्मा सनातन देवी,शुभ फल की दाता ।जय पार्वती माता,जय पार्वती माताब्रह्मा सनातन देवी,शुभ फल की दाता ।
Mar 8, 2024 | 07:14 AM IST

Shiv Chalisa In Hindi

॥ दोहा ॥जय गणेश गिरिजा सुवन,मंगल मूल सुजान ।कहत अयोध्यादास तुम,देहु अभय वरदान ॥॥ चौपाई ॥जय गिरिजा पति दीन दयाला ।सदा करत सन्तन प्रतिपाला ॥भाल चन्द्रमा सोहत नीके ।कानन कुण्डल नागफनी के ॥अंग गौर शिर गंग बहाये ।मुण्डमाल तन क्षार लगाए ॥वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे ।छवि को देखि नाग मन मोहे ॥ 4मैना मातु की हवे दुलारी ।बाम अंग सोहत छवि न्यारी ॥कर त्रिशूल सोहत छवि भारी ।करत सदा शत्रुन क्षयकारी ॥नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे ।सागर मध्य कमल हैं जैसे ॥कार्तिक श्याम और गणराऊ ।या छवि को कहि जात न काऊ ॥ 8देवन जबहीं जाय पुकारा ।तब ही दुख प्रभु आप निवारा ॥किया उपद्रव तारक भारी ।देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी ॥तुरत षडानन आप पठायउ ।लवनिमेष महँ मारि गिरायउ ॥आप जलंधर असुर संहारा ।सुयश तुम्हार विदित संसारा ॥ 12त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई ।सबहिं कृपा कर लीन बचाई ॥किया तपहिं भागीरथ भारी ।पुरब प्रतिज्ञा तासु पुरारी ॥दानिन महँ तुम सम कोउ नाहीं ।सेवक स्तुति करत सदाहीं ॥वेद नाम महिमा तव गाई।अकथ अनादि भेद नहिं पाई ॥ 16प्रकटी उदधि मंथन में ज्वाला ।जरत सुरासुर भए विहाला ॥कीन्ही दया तहं करी सहाई ।नीलकण्ठ तब नाम कहाई ॥पूजन रामचन्द्र जब कीन्हा ।जीत के लंक विभीषण दीन्हा ॥सहस कमल में हो रहे धारी ।कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी ॥ 20एक कमल प्रभु राखेउ जोई ।कमल नयन पूजन चहं सोई ॥कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर ।भए प्रसन्न दिए इच्छित वर ॥जय जय जय अनन्त अविनाशी ।करत कृपा सब के घटवासी ॥दुष्ट सकल नित मोहि सतावै ।भ्रमत रहौं मोहि चैन न आवै ॥ 24त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो ।येहि अवसर मोहि आन उबारो ॥लै त्रिशूल शत्रुन को मारो ।संकट से मोहि आन उबारो ॥मात-पिता भ्राता सब होई ।संकट में पूछत नहिं कोई ॥स्वामी एक है आस तुम्हारी ।आय हरहु मम संकट भारी ॥ 28धन निर्धन को देत सदा हीं ।जो कोई जांचे सो फल पाहीं ॥अस्तुति केहि विधि करैं तुम्हारी ।क्षमहु नाथ अब चूक हमारी ॥शंकर हो संकट के नाशन ।मंगल कारण विघ्न विनाशन ॥योगी यति मुनि ध्यान लगावैं ।शारद नारद शीश नवावैं ॥ 32नमो नमो जय नमः शिवाय ।सुर ब्रह्मादिक पार न पाय ॥जो यह पाठ करे मन लाई ।ता पर होत है शम्भु सहाई ॥ॠनियां जो कोई हो अधिकारी ।पाठ करे सो पावन हारी ॥पुत्र हीन कर इच्छा जोई ।निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई ॥ 36पण्डित त्रयोदशी को लावे ।ध्यान पूर्वक होम करावे ॥त्रयोदशी व्रत करै हमेशा ।ताके तन नहीं रहै कलेशा ॥धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे ।शंकर सम्मुख पाठ सुनावे ॥जन्म जन्म के पाप नसावे ।अन्त धाम शिवपुर में पावे ॥ 40कहैं अयोध्यादास आस तुम्हारी ।जानि सकल दुःख हरहु हमारी ॥॥ दोहा ॥नित्त नेम कर प्रातः ही,पाठ करौं चालीसा ।तुम मेरी मनोकामना,पूर्ण करो जगदीश ॥मगसर छठि हेमन्त ॠतु,संवत चौसठ जान ।अस्तुति चालीसा शिवहि,पूर्ण कीन कल्याण ॥

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