Mahashivratri 2024 Shivling Puja: महाशिवरात्रि पर ऐसे करें शिवलिंग की पूजा, यहां देखें सरल विधि

Mahashivratri 2024: शिव सत्य हैं। भगवान शिव कल्याणकारी हैं। सभी धार्मिक शक्तियां व देवता शिव में ही समाहित हैं। भोलेनाथ,अनाथों के नाथ, विश्वनाथ तथा कालों को मिटाने वाले महाकालेश्वर शिव परमब्रम्ह हैं। मन्दिर में शिवलिंग की पूजा बहुत ही सरल,सहज व समर्पण भाव से करना चाहिए।

Shivling Puja Niyam

Mahashivratri 2024 (शिवलिंग पूजा नियम): महाशिवरात्रि का व्रत इस साल 8 मार्च 2024 को रखा जाएगा। इस दिन शिवलिंग की पूजा का विधान है। शिवलिंग पर जलाभिषेक व रुद्राभिषेक करने से ही शिव प्रसन्न हो जाते हैं। शिव सबके हैं। प्रारब्ध को मिटाने का अमर वरदान शिव ही दे सकते हैं। बिना शक्ति के शिव अधूरे हैं। शिव पूजा के साथ माता दुर्गा की उपासना अत्यंत आवश्यक है। वह साकार व निराकार हैं। साकार में निराकार व निराकार में साकार का दर्शन भगवान शिव में ही होता है। उनकी पूजा करने से साधक की हर इच्छा पूरी होती है। शास्त्रों में शिवलिंग की पूजा के लिए कुछ खास नियम बताए गए हैं। इन नियमों को ध्यान में रखकर ही शिवलिंग की पूजा करने चाहिए। आइए जानते हैं क्या है शिवलिंग की पूजा के नियम ।

शिवलिंग पूजा नियम (Shivling Puja Niyam)

  • शिव मंदिर में शिवलिंग पर जलाभिषेक के लिए घर से जल ले जाएं।
  • यदि शिव मंदिर किसी पवित्र नदी के तट पर है तो वहां का जल भगवान को अर्पित करें।
  • भगवान का जलाभिषेक उत्तर दिशा की तरफ मुख करके ही करें। जिधर से जल निकलता है वह उत्तर दिशा है।
  • शिवलिंग पर पहले सादा जल अर्पित करें। उसमें फूल इत्यादि मत मिलाएं।
  • जल बहुत धीरे धीरे गिराएं व ॐ नमः शिवाय का महामंत्र पढ़ते रहें।
  • शक्कर,दही,दूध व शहद भी भगवान को अर्पित करें।
  • यदि आप व्याधि से पीड़ित हैं तो कुश व गंगा जल अर्पित करें।
  • पवित्र नदियों के जल से भगवान का रुद्राभिषेक करें।
  • हर पल श्वांस में ॐ नमः शिवाय महामंत्र का जप चलता रहे।
  • गंगा,जमुना,नर्मदा,गोमती इत्यादि पवित्र नदियों का जल मिलाकर रखें व शिवलिंग पर चढ़ाएं।
  • मंदिर में शिव परिवार के विग्रह के सम्मुख श्री रामचरितमानस का अखंड पाठ करवाएं।
  • जब पाठ सम्पूर्ण हो जाय तो हवन करके कुछ लोगों को मन्दिर परिसर में भोजन कराएं।
  • स्नान के उपरांत साफ वस्त्र या नए वस्त्र पहनकर ही जलाभिषेक व शिवलिंग का स्पर्श करें।

शिवरात्रि का उपवास 24 घंटे का होता है। महामृत्युंजय मंत्र का जप व मृतसंजीवनी मंत्र का जप आयु वृद्धि करता है। इस दिन इस मंत्र के जाप से साधक को लंबी आयु का वरदान मिलता है। इसके साथ ही अगर किसी को लंबे समय से कोई समस्या चल रही हो तो वो भी इस मंत्र के जाप से समाप्त होती है।

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