Mahashivratri 2024: महाकाल मंदिर में 9 दिनों तक मनाई जाएगी शिव नवरात्रि, जानें किस- किस रूप में सजते हैं बाबा

Mahashivratri 2024: 8 मार्च 2024 को पूरे देश में महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन भगवान भोलेनाथ की विधिवत पूजा की जाती है। महाकाल मंदिर में महाशिवात्रि के त्योहार की शुरुआत 9 दिन पहले से ही हो जाती है। आइए जानते हैं कब से शुरू होगी शिव नवरात्रि और क्या है इसकी खासियत।

Mahashivratri 2024 Date

Mahashivratri 2024 Date

Mahashivratri 2024 Date: महाशिवरात्रि का पर्व पूरे देश में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। महाशिवरात्रि का त्योहार हर साल फाल्गुन महीने के कृ्ष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि के दिन मनाया जाता है। इस दिन शिव मंदिरों में भक्तों का तांता लगा रहता है। उज्जैन में स्थित महाकाल मंदिर 12 ज्योर्तिलिंगों में से एक है। इस मंदिर में भगवान भोलेनाथ की भस्म से आरती की जाती है। महाकाल मंदिर में महाशिवरात्रि का त्योहार पूरे 9 दिनों तक चलता है। इसे शिव नवरात्रि के नाम से जाना जाता है। इस दौरान बाबा महाकाल का अलग- अलग तरीकों से श्रृंगार किया जाता है और उनकी पूजा की जाती है। ऐसे में आइए जानते हैं कब से शुरू हो रही है शिव नवरात्रि और क्या है इसकी खासियत।

Mahakaal Shivratri Dates 2024 (महाकाल शिवरात्रि डेट 2024)

हर साल फाल्गुन महीने के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के महाशिवरात्रि का व्रत किया जाता है। ऐसे में इस साल महाशिवरात्रि का व्रत 8 मार्च 2024 को रखा जाएगा। महाकाल मंदिर में महाशिवरात्रि के त्योहार की शुरुआत नौ दिन पहले से हो जाती है। ऐसे में ये त्योहार 29 फरवरी 2024 से शुरू हो जाएगा। इस दौरान मंदिर में मंगल गीत गाए जाते हैं और शिव जी को अलग- अलग तरीके से सजाया जाता है।

किस -किस दिन कैसा होता है बाबा का श्रृंगार

पहले दिन का रूप

शिव नवरात्रि के पहले दिन बाबा महाकाल को चंदन लगाया जाता है और इस दिन हल्दी का लेप लगाकर बाबा का श्रृंगार किया जाता है।

दूसेर दिन का श्रृंगार

महाकाल मंदिर शिव नवरात्रि के दूसरे दिन बाबा महाकाल को शेषनाग के रूप में सजाया जाता है। इस दिन भक्तों को बाबा महाकाल के शेषनाग अवतार में दर्शन होते हैं।

तीसरे दिन की सजावट

महाशिवरात्रि के तीसरे दिन महाकाल को घटाटोप लगा कर सजाया जाता है। इस दिन भक्तों को घटाटोप के दर्शन होते हैं।

चौथे दिन का रूप

महाकाल मंदिर में चौथे दिन बाबा का छबीना रूप में श्रृंगार होता है। इस रूप में बाबा राजकुमार की तरह सजते हैं।

पांचवे दिन का श्रृंगार

शिव नवरात्रि के पांचवे दिन बाबा महाकाल को होलकर परंपराओं के अनुसार तैयार किया जाता है।

छठे दिन का रूप

छठे दिन शिव जी को मनमहेश के रूप में सजाया जाता है। इस दिन महाकाल का श्रृंगार भगवान शंकर के रूप में किया जाता है।

सातवें दिन का श्रृंगार

सातवें दिन बाबा महाकाल को माता पार्वती और शिव जी की तरह सजाया जाता है। इस दिन भक्तों को शिव पार्वती के एक साथ दर्शन होते हैं।

आठवें दिन का श्रृंगार

इस दिन बाबा महाकाल को तांडव रूप में सजाया जाता है। इस दिन भक्तों को शिव का तांडव रूप देखने को मिलता है।

नौवे दिन का श्रृंगार

ये दिन शिव नवरात्रि का आखिरी और महाशिवरात्रि के दिन होता है। इस दिन बाबा महाकाल को दूल्हे के तहर सजाया जाता है क्योंकि पौराणिक कथा के अनुसार इस दिन शिव पार्वती का विवाह हुआ था।

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    TNN अध्यात्म डेस्क author

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