Mahashivratri 2024: महाशिवरात्रि के दिन करें कोटेश्वर महादेव के दर्शन, हर मनोकामना की होगी पूर्ति

Mahashivratri 2024: महाशिवरात्रि के दिन शिव मंदिरों में भक्तों की भीड़ लगी रहती है।शिव जी के कोटेश्वर मंदिर में शिवरात्रि की पूजा बहुत धूमधाम से होती है। आइए जानते हैं इस मंदिर की खासियत के बारे में।

Koteshwar Mahadev Mandir

Koteshwar Mahadev Mandir

Koteshwar Mahadev Mandir: महाशिवरात्रि का पर्व पूरे देश में बहुत ही उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस साल महाशिवरात्रि का व्रत 8 मार्च 2024,शुक्रवार के दिन रखा जाएगा। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष रूप से पूजा- अर्चना की जाती है। महाशिवरात्रि का व्रत रखने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। इसके साथ ही साधक के जीवन में सुख, समृद्धि आती है। महाशिवरात्रि के दिन शिव मंदिर में जाकर शिव जी की पूजा करने से उत्तम फल की प्राप्ति होती है। यदि आप भी महाशिवरात्रि के दिन किसी शिव मंदिर में जाना चाहते हैं तो आज हम आपको बताएंगे एक ऐसे शिव मंदिर के बारे में जहां दर्शन मात्र से ही आपकी हर इच्छा पूरी हो जाएगा। आइए जानते हैं शिव जी के कोटेश्वर महादेव मंदिर के बारे में।

कहां स्थित है कोटेश्वर महादेव मंदिर

भगवान भोलेनाथ का कोटेश्वर महादेव मंदिर देवभूमि उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में स्थित है। यह मंदिर अलकनंदा नदी के तट पर स्थित शिव जी के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है। ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर में यदि कोई भक्त सच्चे मन से कोई मुराद लेकर आता है तो वो जरूर पूरी होती है। इस मंदिर के बारे में ये भी कहा जाता है कि यदि कोई निसंतान है तो यहां आकर दर्शन करने से उसे संतान सुख की प्राप्ति हो सकती है। पौराणिक कथा के अनुसार भगवान शिव ने भस्मासुर से बचने के लिए यहां की गुफाओं में कुछ समय बिताया था।

कोटेश्वर मंदिर का इतिहास

कोटेश्वर महादेव मंदिर का वर्णन स्ंकदपुराण में मिलता है। ऐसा माना जाता है कि भस्मासुर से बचने के लिए भगवान शिव ने यहां कि गुफाओं में कुछ सम गुजारा था। पौराणिक कथा के अनुसार भस्मासुर को भगवान शिव ने ये वरदान दिया था कि वो अगर किसी के सर पर हाथ रख दे तो वो भस्म हो जाएगा। भस्मासुर शिव द्वारा दिए गए वरदान का प्रयोग शिव पर ही करने चला। जिसके कारण शिव जी को उससे बचने के लिए यहां की गुफाओं में छुपना पड़ा। बाद में भगवान विष्णु ने मोहिनी रूप धारण कर भस्मासुर का अंत किया। कौरवों की मृत्यु के बाद जब पांडव शिव की खोज कर रहे थे तो भगवान शंकर इसी स्थान पर उन्हें ध्यानवस्था में मिले थे।

महाशिवरात्रि के दिन लगता है मेला

कोटेश्वर महादेव मंदिर में महाशिवरात्रि के दिन बहुत बड़े मेले का आयोजन किया जाता है। इस दिन यहां पर शिव जी की विशेष पूजा- अर्चना की जाती है। महाशिवरात्रि के अवसर पर दूर- दूर से लोग इस मंदिर के दर्शन करने आते हैं। इस दिन इस मंदिर के दर्शन करने से साधक जो भी इच्छा होती है वो पूरी होती है।
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