Maha Shivratri Katha In Hindi: महाशिवरात्रि की खूबसूरत व्रत कथा शिकारी चित्रभानु से जुड़ी यहां देखें

Mahashivratri Vrat Katha in Hindi, Shivratri Vrat Katha in Hindi: महाशिवरात्रि व्रत कथा में शिवलिंग पूजा की शक्ति का बखान किया गया है। इसमें बताया गया है कि कैसे अनजाने में ही शिकारी द्वारा शिवलिंग की पूजा करने से उसके सारे दुख दूर हो गए।

Maha Shivratri Vrat Katha: महाशिवरात्रि व्रत कथा

Mahashivratri 2023 Vrat Katha in Hindi: आज देवों के देव महादेव की अराधना का सबसे बड़ा पर्व महाशिवरात्रि है। ये दिन भगवान शिव की पूजा के लिए खास माना जाता है। कहते हैं इस दिन जो व्यक्ति सच्चे मन से शिव की पूजा करता है उसके जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। लेकिन कोई भी व्रत बिना कथा के अधूरा माना जाता है। जानिए महाशिवरात्रि के व्रत में कौन सी कथा पढ़ना जरूरी माना जाता है।

महाशिवरात्रि व्रत कथा (Maha Shivratri Vrat Katha)

एक बार चित्रभानु नामक एक शिकारी था। जो पशुओं की हत्या करके अपना परिवार चलाता था। वो शिकारी एक साहूकार का ऋणी था, लेकिन ऋण समय पर न चुका सकने पर क्रोधित साहूकार ने उसको शिवमठ में बंदी बना लिया था। लेकिन संयोग से उस दिन शिवरात्रि थी। बंदी शिकारी मठ में शिव से जुड़ी धार्मिक बातें सुनता रहा, वहीं उसने शिवरात्रि व्रत की कथा भी सुनी। शाम होने पर साहूकार ने शिकारी बुलाया और ऋण चुकाने के लिए पूछा तो शिकारी अगले दिन सारा ऋण लौटाने का वचन देकर वहां से चला गया। शिकारी जंगल में शिकार के लिए निकला। लेकिन दिनभर बंदी रहने के कारण वो भूख-प्यास से व्याकुल हो उठा।
सूर्यास्त होने पर वह एक जलाशय के पास गया जहां एक घाट के किनारे एक पेड़ पर थोड़ा सा जल पीने के लिए लेकर चढ़ गया। उसे पूरी उम्मीद थी कि कोई न कोई जानवर इस जलाशय पर अपनी प्यास बुझाने के लिए ज़रूर आयेगा। जहां वो शिकारी आराम कर रहा था वो पेड़ बेल-पत्र का था और उसी पेड़ के नीचे शिवलिंग भी था जो सूखे बेलपत्रों से ढके होने के कारण दिखाई नहीं दे रहा था। भूख और प्‍यास से थका वो उसी मचान पर बैठ गया।
मचान बनाते समय उसने जो टहनियां तोड़ीं, वे संयोग से शिवलिंग पर जा गिरीं। इस प्रकार दिनभर भूखे-प्यासे शिकारी का व्रत भी हो गया और शिवलिंग पर बेलपत्र भी चढ़ गए।
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