Mahila Naga Sadhu: आखिर महिलाएं कैसे बनती हैं नागा साधु? कैसा होता है उनका जीवन, जानिए इनके बारे में दिलचस्प बातें
Mahila Naga Sadhu (महिला नागा साधु): कुंभ मेले की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है उसी के साथ लोगों में इसका उत्साह बढ़ता जा रहा है। कुंभ मेले में सबसे अनोखा होता है नागा साधुओं के दर्शन होना। लेकिन क्या आप महिला नागा साधु के बारे में जानते हैं? अगर नहीं तो चलिए जानते हैं कि महिला नागा साधु कैसे बनती हैं, इनके जीवन का रहस्य क्या है।
Mahila Naga Sadhu
Mahila Naga Sadhu (महिला नागा साधु): महाकुंभ मेला विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन माना जाता है। जो हर 12 वर्ष में एक बार लगता है। 2025 का महाकुंभ उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में लगने जा रहा है। जिसकी शुरुआत 13 जनवरी से हो रही है। इस उत्सव में शामिल होने के लिए दुनिया भर से कई साधु-संत पहुंचते हैं। लेकिन हर बार कुंभ में आने वाले नागा साधु चर्चा का विषय बने रहते हैं। हर कोई इनके बारे में जानने का इच्छुक रहता है। आपने पुरुष नागा साधुओं के बारे में तो खूब सुना होगा लेकिन महिला नागा साधु के बारे में कम ही सुनने को मिलता है। यहां हम आपको बताएंगे महिला नागा साधु कौन होती हैं, कहां रहती हैं और कैसा जीवन व्यतीत करती हैं।
Shahi Snan Dates In Kumbh Mela 2025
महिला नागा साधु कैसे बनती हैं?
महिला नागा साधु का जीवन पूरी तरह से ईश्वर को समर्पित होता है। इन्हें लोग माता कहकर संबोधित करते हैं। माई बाड़ा, अखाड़ा में महिलाएं नागा साधु होती हैं। महिला नागा साधु बिना सिला हुआ कपड़ा पहनती हैं, जिसे गंती कहा जाता है। किसी महिला को नागा साधु बनने से पहले 6 से 12 साल तक ब्रह्मचर्य का पालन करना होता है। इसके साथ ही एक महिला नागा साधु को यह साबित करना होता है कि उसका सांसारिक मोह माया से लगाव पूरी तरह से खत्म हो गया है और अब वो खुद को पूरी तरह से ईश्वर को समर्पित कर चुकी है। जिसके लिए महिला नागा साधु का अपना खुद का पिंडदान तक करना पड़ता है।
कड़े नियमों का करना होता है पालन
जो महिला नागा रूप धारण करती है, उन्हें सबसे पहले अपने गुरु से संन्यास मार्ग के नियम सिखने होते हैं और दीक्षा लेनी पड़ती है। इसके बाद से उन्हें अपने परिवार का मोहत्याग करना पड़ता है। नागा साधु बनने के लिए महिला को किसी अखाड़े से जुड़ना पड़ता है। आखिर में निर्वाण दीक्षा, जिसके तहत साध्वी को "नागा साधु" की उपाधि दी जाती है, जिसके बाद महिला का पूरा जीवन धर्म को समर्पित हो जाता है।
महिला नागा साधु की जीवनशैली
महिला नागा साधुओं को आजीवन ब्रह्मचर्य का पालन करना पड़ता है। इन्हें सांसारिक सुख-सुविधाओं, परिवार और व्यक्तिगत इच्छाओं का त्याग करना पड़ता है। इन्हें नियमित रूप से रोजाना कठोर साधना करना होती है जिससे इनका मन हमेशा कंट्रोल में रहे। ये हमेशा गेरुआ रंग का बिना सिला हुआ वस्त्र धारण करती हैं। जिसमें केवल एक गांठ होती है। कुंभ के दौरान महिलाओं को नागा साधु बनने की दीक्षा दी जाती है। जिसके लिए सबसे पहले उनका मुंडन किया जाता है और फिर वे पवित्र नदी में स्नान करती हैं। इस दौरान उन्हें खुद का पिंडदान भी करना होता है, जिसका अर्थ ये है कि उनका अपने परिवार और समाज से रिश्ता हमेशा के लिए खत्म हो गया है।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) पढ़ें हिंदी में और देखें छोटी बड़ी सभी न्यूज़ Times Now Navbharat Live TV पर। अध्यात्म (Spirituality News) अपडेट और चुनाव (Elections) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से।
धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हूं। पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। 10 साल से मीडिया में काम कर रही हूं। पत्रकारिता में करि...और देखें
Putrada Ekadashi Vrat Vidhi: पुत्रदा एकादशी व्रत कैसे किया जाता है, इसका महत्व क्या है, जानिए व्रत विधि और नियम
Putrada Ekadashi 2025 Wishes In Hindi: ॐ नमोः भगवते वासुदेवाय...यहां देखें पुत्रदा एकादशी के शुभकामना संदेश
Putrada Ekadashi Vrat Katha 2025: पुत्रदा एकादशी और बैकुंठ एकादशी की पौराणिक व्रत कथा यहां देखें
Ayodhya Ram Mandir Anniversary 2025: अयोध्या राम मंदिर की पहली वर्षगांठ 22 जनवरी को नहीं बल्कि इस तारीख को मनाई जाएगी
Ayodhya Ram Mandir Pran Pratishtha 1st Anniversary, Ram Lalla Photos Live: प्रतिष्ठा द्वादशी के दिन रामलला की मूर्ति का किया जाएगा अद्भुत श्रंगार, देखें रामलला की खास फोटोज
© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited