मकर संक्रांति की पूजा विधि, मंत्र, कथा, आरती सबकुछ जानें यहां
मकर संक्रांति की पूजा विधि, मंत्र, कथा, आरती सबकुछ जानें यहां
मकर संक्रांति का पर्व इस साल 15 जनवरी को मनाया जाएगा। धार्मिक मान्यताओं अनुसार इस दिन सूर्य देव अपने पुत्र शनि के घर जाते हैं। ज्योतिष में शनि को मकर और कुंभ राशियों का स्वामी माना गया है और जब सूर्य देव मकर राशि में प्रवेश करते हैं तब मकर संक्रांति पर्व मनाया जाता है। हिंदू धर्म में इस त्योहार का विशेष महत्व माना जाता है। इस दिन लोग स्नान-दान करते हैं। मकर राशि में सूर्य के प्रवेश के साथ ही शादी, गृह प्रवेश, वाहन खरीदना, घर बनाना, घर खरीदना, मुंडन जैसे हर शुभ कार्य शुरू कर दिए जाते हैं।
मकर संक्रांति 2023 शुभ मुहूर्त (Makar Sankranti 2023 Muhurat)
मकर संक्रांति 2023- 15 जनवरी 2023 (रविवार)
पुण्य काल मुहूर्त- सुबह 07:15 से दोपहर 12:30 तक
महापुण्य काल मुहूर्त - सुबह 07:15 से सुबह 09:15 तक
मकर संक्रांति पर क्या करते हैं? मकर संक्रांति पर सुबह-सुबह पवित्र नदियों में स्नान करने की परंपरा है। अगर नदी स्नान संभव न हो तो घर पर ही नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान कर लें। इसके बाद सूर्य देव को जल चढ़ाएं और उनके मंत्रों का जाप करें। इसके बाद जरूरतमंदों को तिल, कंबल, गुड़, खिचड़ी, उड़द इत्यादि चीजों का दान करें। इस दिन खिचड़ी का सेवन जरूर करें। कहते हैं मकर संक्रांति पर खिचड़ी का सेवन और दान करने से ग्रह मजबूत होते हैं। जिससे जीवन में सुख-समृद्धि आती है। इस दिन तिल का सेवन भी जरूर करें।
सूर्य देव की आरती
ऊँ जय सूर्य भगवान,जय हो दिनकर भगवान ।
जगत् के नेत्र स्वरूपा,
तुम हो त्रिगुण स्वरूपा ।
धरत सब ही तव ध्यान,
ऊँ जय सूर्य भगवान ॥
॥ ऊँ जय सूर्य भगवान..॥
सारथी अरूण हैं प्रभु तुम,
श्वेत कमलधारी ।
तुम चार भुजाधारी ॥
अश्व हैं सात तुम्हारे,
कोटी किरण पसारे ।
तुम हो देव महान ॥
॥ ऊँ जय सूर्य भगवान..॥
ऊषाकाल में जब तुम,
उदयाचल आते ।
सब तब दर्शन पाते ॥
फैलाते उजियारा,
जागता तब जग सारा ।
करे सब तब गुणगान ॥
॥ ऊँ जय सूर्य भगवान..॥
संध्या में भुवनेश्वर,
अस्ताचल जाते ।
गोधन तब घर आते॥
गोधुली बेला में,
हर घर हर आंगन में ।
हो तव महिमा गान ॥
॥ ऊँ जय सूर्य भगवान..॥
देव दनुज नर नारी,
ऋषि मुनिवर भजते ।
आदित्य हृदय जपते ॥
स्त्रोत ये मंगलकारी,
इसकी है रचना न्यारी ।
दे नव जीवनदान ॥
॥ ऊँ जय सूर्य भगवान..॥
तुम हो त्रिकाल रचियता,
तुम जग के आधार ।
महिमा तब अपरम्पार ॥
प्राणों का सिंचन करके,
भक्तों को अपने देते ।
बल बृद्धि और ज्ञान ॥
॥ ऊँ जय सूर्य भगवान..॥
भूचर जल चर खेचर,
सब के हो प्राण तुम्हीं ।
सब जीवों के प्राण तुम्हीं ॥
वेद पुराण बखाने,
धर्म सभी तुम्हें माने ।
तुम ही सर्व शक्तिमान ॥
॥ ऊँ जय सूर्य भगवान..॥
पूजन करती दिशाएं,
पूजे दश दिक्पाल ।
तुम भुवनों के प्रतिपाल ॥
ऋतुएं तुम्हारी दासी,
तुम शाश्वत अविनाशी ।
शुभकारी अंशुमान ॥
॥ ऊँ जय सूर्य भगवान..॥
ऊँ जय सूर्य भगवान,
जय हो दिनकर भगवान ।
जगत के नेत्र रूवरूपा,
तुम हो त्रिगुण स्वरूपा ॥
धरत सब ही तव ध्यान,
ऊँ जय सूर्य भगवान ॥
सूर्य प्रार्थना मंत्र
सूर्य भगवान की प्रार्थना करते हुए इस मंत्र का जाप करें।ग्रहाणामादिरादित्यो लोक लक्षण कारक:।
विषम स्थान संभूतां पीड़ां दहतु मे रवि।।
मकर संक्रांति का महत्व (Makar Sankranti 2023 Significance)
हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मकर संक्रांति के दिन से ही हर तरह के मांगलिक कार्यों का शुभारंभ कर दिया जाता है। इस दिन से शादी, गृह प्रवेश, नये वाहन की खरीदारी, घर बनाने, घर खरीदने, मुंडन आदि जैसे शुभ कार्य किए जा सकते हैं। मकर संक्रांति के दिन दान-दक्षिणा का भी बेहद महत्व बताया गया है। कहते हैं इस दिन जो मनुष्य अपनी स्वेच्छा से जरूरतमंदों को दान पुण्य करता है उसे शुभ फल की प्राप्ति होती है। बता दें मकर संक्रांति का पर्व नई फसल और नए ऋतु के आगमन की खुशी प्रकट करने के लिए मनाया जाता है।मकर संक्रांति पर लगते हैं तीर्थ दर्शन और मेले
देश में कई जगहों पर मकर संक्रांति के दिन मेले आयोजित किए जाते हैं। खासकर उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, दक्षिण भारत में इस दिन बड़े भव्य और खूबसूरत मेलों का आयोजन होता है। इस दिन लाखों की संख्या में श्रद्धालु गंगा और देश की अन्य पवित्र नदियों में स्नान और दान इत्यादि करने पहुंचते हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान श्री कृष्ण ने कहा है कि जो भी व्यक्ति मकर संक्रांति पर देह का त्याग करता है उसे मोक्ष की प्राप्ति अवश्य होती है।मकर संक्रांति पर कंबल दान
मकर संक्रांति के दिन गरीब व्यक्ति को कंबल का दान करना चाहिए। ऐसा करने से आपकी कुंडली से राहु के अशुभ प्रभाव दूर होंगे। इस बात का ध्यान रखें कि कंबल इस्तेमाल किया हुआ न हो।मकर संक्रांति पर उड़द का दान
ज्योतिष में उड़द की दाल का संबंध शनि ग्रह से माना जाता है। मकर संक्रांति पर उड़द की दाल की खिचड़ी ही खाई और दान की जाती है। इस दिन उड़द का दान करने से शनि की साढ़ेसाती या फिर ढैय्या से राहत मिलती है।मकर संक्रांति पर घी का दान
मकर संक्रांति के दिन घी का दान करना बेहद शुभ माना जाता है। क्योंकि घी को सूर्य और गुरु ग्रह से जोड़कर देखा जाता है। क्योंकि मकर संक्रांति का पर्व सूर्य की आराधना का पर्व है ऐसे में घी का दान करने से कुंडली में सूर्य और गुरु ग्रह मजबूत होंगे। जिससे जीवन में सुख-समृद्धि आएगी।मकर संक्रांति पर तिल का दान
मकर संक्रांति पर तिल के दान का सबसे अधिक महत्व माना जाता है। इस दिन तिल का दान करने से कुंडली में शनि मजबूत होते हैं। मकर संक्रांति के दिन तिल और गुड़ से बनी चीजों का सेवन करने के साथ-साथ इन्हें मंदिरों में दान भी करना चाहिए।मकर संक्रांति पर खिचड़ी का दान
मकर संक्रांति पर खिचड़ी का विशेष महत्व माना जाता है। कई जगह इस त्योहार को खिचड़ी के नाम से ही जाना जाता है। मकर संक्रांति पर खिचड़ी खाने और दान करने से ग्रह मजबूत होते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि खिचड़ी में प्रयोग किए जाने वाली हर चीज का किसी न किसी ग्रह से संबंध होता है।मकर संक्रांति पर गुड़ का दान
ज्योतिष में गुड़ को गुरु ग्रह से जोड़कर देखा जाता है। कहते हैं मकर संक्रांति के दिन जो गुड़ का दान करता है उसकी कुंडली में गुरु ग्रह मजबूत हो जाते हैं। गुरु के मजबूत होने से जातकों को करियर में तरक्की हासिल होती है।आज है मकर संक्रांति
आज यानी 15 जनवरी को पूरे देश में मकर संक्रांती का पावन पर्व मनाया जा रहा है। भविष्यपुराण में वर्णित एक कथा के अनुसार इस दिन भागीरथ की कठोर तपस्या से प्रसन्न होकर मां गंगा धरती पर अवतरित हुई थी। इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि कर गरीब व जरूरतमंद व्यक्ति को दान आदि करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं तथा कष्टों का निवारण होता हैMakar Sankranti 2023: भीष्म पितामह ने त्यागे थे प्राण
पौराणिक कथाओं के अनुसार मकर संक्रांति के दिन प्राण निकलने से व्यक्ति का पुनर्जन्म होने के बजाए सीधे ब्रह्म लोक की प्राप्ति होती है। यही कारण है कि भीष्म पितामह ने 58 दिनों तक बाणों की शैया पर रहने के बाद प्राण त्यागने के लिए सूर्य के उत्तरायण का इंतजार किया था।Makar Sankranti 2023: एक ही रंग के हो कंबल
मकर संक्रांति के दिन कंबल का दान करते वक्त ध्यान रखें कि दोनों रंग यानी काले और सफेद रंग एक ही कंबल में हों।Makar Sankranti 2023: दूर होते हैं सारे कष्ट
काले और सफेद रंग के कंबल को 21 बार अपने ऊपर से उतारकर दान करने से आपके सारे कष्ट दूर हो जाते हैं।Makar Sankranti 2023 Daan: शनि का दान है काली वस्तु का दान
मकर संक्रांति पर काली वस्तु का दान शनि का दान भी कहा जाता है। शीत निवारक वस्तुएं दान करना इस माह में शुभ बताया गया है।Makar Sankranti 2023 Kambal Daan: शनि ग्रह रहता है अनुकूल
काले रंग का कंबल दान करने से शनि ग्रह भी अनुकूल रहता है। काले और सफेद रंग के कंबल को 21 बार अपने ऊपर से उतारकर दान करने से आपके सारे कष्ट दूर हो जाते हैं।Makar Sankranti 2023 Kambal Daan: अवश्य करें कंबल का दान
मकर संक्रांति के पर्व पर कंबल का दान अवश्य करें। यदि कंबल का दान नहीं कर पा रहे हैं तो गर्म वस्त्र का दान जरूर करें। इससे राहु और केतु ग्रह के दोष शांत हो जाते हैं।Makar Sankranti 2023 Surya Arghya: आध्यात्मिक शक्तियों का विकास
इस दिन तांबे के लोटे से सूर्य भगवान को अर्घ्य देने से पद और सम्मान में वृद्धि होती है। माना जाता है कि इससे शारीरिक और आध्यात्मिक शक्तियों का विकास होता है।Makar Sankranti 2023 Ganga Snan Rules: पानी में मिलाएं तिल, गुड़ और गंगाजल
मकर संक्रांति में गंगा स्नान का विशेष महत्व है। यदि आप गंगा स्नान नहीं कर सकते हैं तो इस दिन सुबह शुभ मुहूर्त में स्नान करते समय पानी में काला तिल, गुड़ और गंगाजल जरूर मिला लें।Makar Sankranti 2023: वाणी पर रखना चाहिए संयम
मकर संक्रांति के दिन लोगों को अपनी वाणी पर संयम रखना चाहिए। इस दिन गुस्सा करने से बचें और किसी को भी बुरा-भला ना कहें।मकर संक्रांति पर सूर्य करेंगे राशि परिवर्तन
मकर संक्रांति के दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं। इस बार सूर्य देव का राशि परिवर्तन 14 जनवरी की रात में हो रहा है जानिए ये गोचर किन राशियों के लिए शुभ साबित होगा। जानने के लिए यहां क्लिक करेंमकर संक्रांति पर इन चीजों के दान से सूर्य, शनि की बरसेगी कृपा
तिल, खिचड़ी, गुड़, कंबल और घी का दान मकर संक्रांति पर बेहद शुभ माना गया है।मकर संक्रांति पर चावल दान का महत्व
इस दिन चावल का दान करना भी बहुत ही लाभदायक है। चावल का दान अक्षय दान माना जाता है। जितना दान करते हैं, उसका सौ गुना वापस प्राप्त होता है। इसलिए इस दिन चावल का दान जरूर करें।शनि को प्रसन्न करने के लिए मकर संक्रांति पर करें ये काम
मकर संक्रांति के दिन शनि की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं या शनि साढ़े साती और ढैय्या से राहत पाना चाहते हैं तो उड़द का दान जरूर करें। साथ ही इसका सेवन भी करें।उदया तिथि में कल मनाई जाएगी मंकर संक्रांति
मकर संक्रांति का पर्व कल उदया तिथि में मनाया जाएगा। दरअसल सूर्य देव आज रात 8 बजे के करीब मकर राशि में प्रवेश करेंगे तो इस लिहाज से मकर संक्रांति का पर्व कल मनाना ज्यादा सही रहेगा।मकर संक्रांति पर रोग मुक्ति के लिए करें ये उपाय
मकर संक्रांति के दिन स्नान करने के पानी में काले तिल डालें. तिल के पानी से स्नान करना बेहद ही शुभ माना जाता है. साथ ही ऐसा करने वाले व्यक्ति को रोग से मुक्ति मिलती है.मकर संक्रांति का त्योहार कहां कैसे मनाया जाता है?
इस त्यौहार को जगह-जगह कई अलग-अलग नामों से मनाया जाता है। बिहार, यूपी में इसे कई स्थानों पर खिचड़ी कहा जाता है, पंजाब और विभिन्न उत्तर भारतीय राज्यों में इसे ‘लोहड़ी’ के रूप में मनाया जाता है, वहीं असम में इसे ‘माघ या भोगली बिहू’ के रूप में मनाया जाता है, गुजरात में इसे ‘उत्तरायण’ कहा जाता है तो वहीं मकर संक्रांति को तमिलनाडु में ‘पोंगल’ के नाम से मनाया जाता है।मकर संक्रांति पर सूर्य देव के मंत्रों का करें जाप
सूर्य मंत्र: ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः। सूर्य मंत्र:ॐ घृणि सूर्याय नमः!मकर संक्रांति का महत्व (Makar Sankranti 2023 Significance)
हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मकर संक्रांति के दिन से ही हर तरह के मांगलिक कार्यों का शुभारंभ कर दिया जाता है। इस दिन दान-दक्षिणा का भी बेहद महत्व बताया गया है। कहते हैं इस दिन जो मनुष्य अपनी स्वेच्छा से जरूरतमंदों को दान पुण्य करता है उसे शुभ फल की प्राप्ति होती है।मकर संक्रांति शुभ मुहूर्त
पुण्य काल मुहूर्त- सुबह 07:15 से दोपहर 12:30 तकमहापुण्य काल मुहूर्त - सुबह 07:15 से सुबह 09:15 तक
मकर संक्रांति यानी दान का पर्व
मकर संक्रांति पर्व को दान के पर्व के रूप में जाना जाता है। इस दिन शनि और सूर्य से जुड़ी चीजों का दान करना बेहद शुभ माना जाता है। इसलिए मकर संक्रांति पर अपने सुविधा अनुसार दान जरूर करें।24 November 2024 Panchang: मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि के शुभ मुहूर्त, राहुकाल समेत पूरा पंचांग यहां देखें
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