Makar Sankranti 2023: मकर संक्रांति के दिन क्यों बनाई जाती है खिचड़ी, जानिए इससे जुड़ी परंपरा

Makar Sankranti 2023: जिस दिन सूर्य देव धनु राशि से निकल कर मकर राशि में गोचर करते हैं उस दिन मकर संक्रांति मनाई जाती है। इस बार मकर संक्रांति पर पर्व 15 जनवरी 2023 को मनाया जाएगा। इस दिन विशेषकर खिचड़ी खाने और दान करने की परंपरा है।

Makar Sankranti 2023

मकर संक्रांति पर क्या है खिचड़ी का महत्व

तस्वीर साभार : Times Now Digital
मुख्य बातें
  • शास्त्रों में खिचड़ी को माना गया है नवग्रहों का प्रसाद
  • बाब गोरखनाथ ने शुरू की थी खिचड़ी की परंपरा
  • मकर संक्रांति पर खिचड़ी खाने और दान करने का है महत्व

Makar Sankranti 2023 Khichdi Importance: मकर सक्रांति का त्योहार इस साल रविवार15 जनवरी 2023 को देशभर में मनाया जाएगा। मकर सक्रांति को उत्तरायण भी कहा जाता है। क्योंकि इस दिन सूर्य उत्तर दिशा में गमन करते हैं। मकर सक्रांति पर्व पर स्नान-दान करने, पूजा करने और पतंग उड़ाने जैसी कई परंपराएं जुड़ी हुई है। इन्हीं में एक है इस दिन खिचड़ी खाने की परंपरा। इसलिए इसे खिचड़ी पर्व भी कहा जाता है। इतना ही नहीं खिचड़ी के बिना तो मकर सक्रांति का त्योहार अधूरा माना जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि मकर सक्रांति पर खिचड़ी का आखिर इतना महत्व क्यों होता है। जानते हैं इससे जुड़े धार्मिक महत्व के बारे में।

मकर संक्रांति पर खिचड़ी खाने की परंपरामकर सक्रांति पर खिचड़ी खाने की परंपरा बहुत पुरानी है। इससे जुड़ी कथा के अनुसार, अलाउद्दीन खिलजी और उनकी सेना जब हिन्दुस्तान पर आक्रमण कर रहे थे तो उसके विद्ध बाबा गोरखनाथ ने अपने शिष्यों के साथ खूब संघर्ष किया। युद्ध लड़ने के कारण योगी न ही भोजन पका पाते थे और न ही खा पाते थे और इस कारण योगियों को कई दिनों तक भूखा रहना पड़ता था, जिससे उनकी शारीरिक शक्ति कमजोर होती जा रही थी। इसके समाधान के लिए तब बाबा गोरखनाथ ने दाल, चावल और सब्जियों को मिलाकर एक पकवान बनाया जिसे खिचड़ी का नाम दिया गया।

इसे बनाने में समय भी कम लगता था और खाने के बाद योगी शारीरिक रूप से ऊर्जावान रहते थे। खिलजी के भारत छोड़ने के बाद योगियों ने मकर संक्रांति के दिन उत्सव मनाया और खिचड़ी तैयार कर इसे भोग के रूप मे वितरित किया। यही कारण है कि हर साल मकर सक्रांति पर खिचड़ी बनाई जाती है और बाबा गोरखनाथ को इसका भोग लगाया जाता है। इस दिन खिचड़ी खाने और दान करने की भी परंपरा है।

Sakat Chauth 2023 Puja Vidhi, Muhurat: सकट चौथ पूजा विधि, सामग्री लिस्ट, मुहूर्त, मंत्र और महत्व

शास्त्रों में खिचड़ी का महत्वधार्मिक दृष्टिकोण से खिचड़ी को नवग्रहों का प्रसाद माना गया है। मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी में दाल, चावल, हरी सब्जी, हल्दी, तिल, घी आदि डालकर बानई जाती है जोकि अलग-अलग ग्रहों से संबंधित होती है। खिचड़ी के चावल से चंद्रमा और शुक्र, काली गाल से शनि, राहु-केतु, हल्दी से बृहस्पति, घी से सूर्य, हरी सब्जियों से बुध का संबंध होता है। मान्यता है कि मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी खाने और दान करने से आरोग्य और कार्य में सफलता का वरदान मिलता है।

डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्‍स नाउ नवभारत इसकी पुष्‍ट‍ि नहीं करता है।

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) पढ़ें हिंदी में और देखें छोटी बड़ी सभी न्यूज़ Times Now Navbharat Live TV पर। अध्यात्म (Spirituality News) अपडेट और चुनाव (Elections) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से।

टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल author

अक्टूबर 2017 में डिजिटल न्यूज़ की दुनिया में कदम रखने वाला टाइम्स नाउ नवभारत अपनी एक अलग पहचान बना चुका है। अपने न्यूज चैनल टाइम्स नाउ नवभारत की सोच ए...और देखें

End of Article

© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited