Makar Sankranti 2023: मकर संक्रांति पर काले तिल का दान, सुधार देता है आपके इस ग्रह की दशा

Makar Sankranti 2023: सूर्य और शनिदेव का है पिता पुत्र का संबंध। पुत्र शनिदेव ने श्राप देकर अपने पिता को कर दिया था कुष्ठ रोगी। वहीं सूर्य देव के श्राप से शनिदेव का घर हो गया था जलकर खाक। क्षमा दान देने पहुंचे सूर्य देव का घर में बचे काले तिल से किया था शनिदेव ने पूजन। मकर संक्रांति पर तिल से सूर्य देव का पूजन देता है शनि की कृपा दृष्टि।

शनिदेव की कृपा के लिए मकर संक्रांति पर काले तिल का दान।

Makar Sankranti 2023: सनातन धर्म में कभी भी कोई भी त्योहार बिना वजह नहीं होता। हर त्योहार का आधार, विज्ञान, ज्योतिष विज्ञान होता है। मकर संक्रांति पूरी तरह से खगोलीय घटना पर आधारित पर्व है। सूर्य देव दक्षिणायन से उत्तरायण की ओर जाते हैं। मकर राशि में प्रवेश करते हैं। ये समय सभी ग्रहों, राशियों के लिए महत्वपूर्ण होता है। इस समय किया गया दान ग्रह चाल को वर्ष भर के लिए सुधार देता है। विशेषकर काले तिल और काली उड़द का दान। काले तिल और काली उड़द की दाल का संबंध ज्योतिष शास्त्र में सीधे तौर पर शनि ग्रह से बताया गया है। शनि ग्रह की चाल अनुरूप चले इसके लिए लोग प्रत्येक शनिवार को शनिदेव पर सरसों का तेल और काले तिल अर्पित करते हैं।
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इसमें काली उड़द की दाल भी शामिल की जाती है। मान्यता के अनुसार सूर्य देव उत्तरायण होकर अपने पुत्र शनि देव से भेंट करने जाते हैं। इसलिए शनिदेव की प्रसन्नता के लिए काले तिल और काली उड़द का दान किया जाता है। ऐसा करने से सूर्य देव की कृपा भी प्राप्त होती है।
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