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Makar Sankranti 2024 Puja Vidhi, Shubh Muhurat, Katha LIVE: मकर संक्रांति पूजा विधि, शुभ मुहूर्त, कथा, उपाय यहां जानें सबकुछ

Makar Sankranti Puja Vidhi, Shubh Muhurat, Time, Samagri, Mantra: मकर संक्रांति का शुभ मुहूर्त सुबह 7 बजकर 15 मिनट से शाम 5 बजकर 46 मिनट तक रहेगा। इस दिन स्नान-दान का विशेष महत्व माना जाता है।

Makar Sankranti 2024 Puja Vidhi, Shubh Muhurat, Katha LIVE: मकर संक्रांति पूजा विधि, शुभ मुहूर्त, कथा, उपाय यहां जानें सबकुछ

Makar Sankranti 2024 Puja Vidhi, Shubh Muhurat, Katha LIVE: मकर संक्रांति पूजा विधि, शुभ मुहूर्त, कथा, उपाय यहां जानें सबकुछ

Makar Sankranti 2024 Puja Vidhi, Shubh Muhurat, Samagri List (मकर संक्रांति 2024 पूजा विधि): हिंदू पंचांग अनुसार मकर संक्रांति का त्योहार इस साल 15 जनवरी 2024, सोमवार को मनाया जा रहा है। क्योंकि सूर्य देव का मकर राशि में गोचर 14 जनवरी की देर रात 2 बजकर 54 मिनट पर हो गया है। वहीं मकर संक्रान्ति पुण्य काल 07:15 AM से 05:46 PM तक तो महा पुण्य काल 07:15 AM से 09:00 AM तक रहेगा। भारत में धार्मिक और सांस्कृतिक नजरिये से मकर संक्रांति का बड़ा महत्व होता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन सूर्य देव अपने पुत्र शनि के घर जाते हैं। लिहाजा यह पर्व पिता-पुत्र के अनोखे मिलन से जुड़ा है। उत्तर प्रदेश और बिहार में इस पर्व को खिचड़ी (Khichdi 2024 Date) के नाम से मनाया जाता है।

Makar Sankranti Daan Items List In Hindi

मकर संक्रांति से जुड़े त्योहार
मुख्य रूप से ये त्योहार फसलों की कटाई से जोड़कर देखा जाता है। क्योंकि पंजाब, यूपी, बिहार समेत तमिलनाडु में यह वक्त नई फसल काटने का होता है, इसलिए किसान भाई इस पर्व को आभार दिवस के रूप में मनाते हैं। पंजाब और जम्मू-कश्मीर में मकर संक्रांति को ’लोहड़ी’ (Lohri 2024) के रूप में मनाया जाता है। तमिलनाडु में ’पोंगल’ (Pongal 2024) के तौर पर जबकि उत्तर प्रदेश और बिहार में ’खिचड़ी’ के नाम से ये त्योहार मनाया जाता है। मकर संक्रांति पर कई जगह खिचड़ी तो कई जगह दही चूड़ा और तिल के लड्डू खाने की परंपरा है। असम में मकर संक्रांति को बिहू (Bihu 2024) के नाम से मनाते हैं।

मकर संक्रांति 2024 तिथि व मुहूर्त
मकर संक्रान्ति 15 जनवरी 2024, सोमवार
मकर संक्रान्ति पुण्य काल 07:15 AM से 05:46 PM
अवधि 10 घण्टे 31 मिनट्स
मकर संक्रान्ति महा पुण्य काल 07:15 AM से 09:00 AM
अवधि 01 घण्टा 45 मिनट्स
मकर संक्रान्ति का क्षण 02:54 AM

Jan 15, 2024 | 12:44 PM IST

मकर संक्रांति 2024 का महत्व (Makar Sankranti 2024 Importance)

हिंदू धर्म में मकर संक्रांति का बहुत महत्व है. इस दिन से सूर्य देव का वेग और प्रभाव बढ़ जाता है. इस दिन से पुन: शुभ कार्यों की शुरुआत हो जाती है. मकर संक्रांति के बाद से मांगलिक कार्य संपन्न हो जाते हैं. आप शादी विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश आदि के कार्य कर सकते हैं.
Jan 15, 2024 | 12:39 PM IST

मकर संक्रांति खिचड़ी बनाने की विधि

उड़द की दाल की खिचड़ी बनाने के लिए कुकर में 2-3 चम्मच घी डालकर गर्म कर लें।इसमें जीरा, हींग, दाल चीनी, लौंग, काली मिर्च और बड़ी इलायची डाल कर धीमी आंच पर भून लें। मसाला हल्का भुन जाए तो कटा टमाटर, हरी मिर्च, अदरक और हरी मटर डाल कर भून लें।टमाटर के गलने के बाद हल्दी डाल दें और इसमें उड़द दाल और चावल मिला दें।अब लाल मिर्च और नमक भी डाल दें और सारे मसालों और दाल चावल को मिक्स कर लें।इसे 2 मिनट तक हल्का भून लें और फिर कुकर में 1.5 कप पानी डाल कर बंद कर दें।1 सीटी तेज आंच पर आने दे फिर 1 सीटी मीडियम फ्लेम पर लगाएं।प्रेशर रिलीज होने तक कुकर को न खोलें। जब कुकर खुल जाए तो खिचड़ी को मिला दें।इसमें ऊपर से थोड़ा हरा धनिया मिक्स कर दें और सर्विंग प्लेट में निकाल लें।तैयार है स्वादिष्ट उड़द की दाल की खिचड़ी। इसे घी, अचार, चटनी या दही के साथ खाएं।
Jan 15, 2024 | 12:21 PM IST

मकर संक्रांति की कथा (Makar Sankranti Katha)

पौराणिक कथाओं के अनुसार, सूर्य देव और शनि देव पिता पुत्र जरुर थे लेकिन दोनों के बीच रिश्तों में खटास आ गई थी। इसका कारण था सूर्य देव का शनि की माता छाया के प्रति उनका व्यवहार. जब शनि देव का जन्म हुआ तो सूर्य ने शनि के काले रंग को देखकर कहा कि ये उनका पुत्र नहीं हो सकता। उन्होंने शनि को पुत्र स्वीकार नहीं किया और इसके बाद से सूर्य देव ने शनि देव और उनकी माता छाया को अलग कर दिया था। शनि देव और माता छाया कुंभ नाम के घर में रहने लगे लेकिन सूर्य के इस व्यवहार से आहत होकर माता छाया ने उन्होंने कुष्ट रोग होने का श्राप दे दिया।
Jan 15, 2024 | 12:06 PM IST

मकर संक्रांति पर उत्तरायण का महत्व

सूर्य के उत्तरायण का त्योहार गुजरात में उत्तरायण के नाम से जाना जाता है लेकिन देश के अलग-अलग हिस्सों में इसे अलग-अलग तरीके से कहा जाता है। उत्तर प्रदेश, बिहार और उत्तराखंड में इसे मकर संक्रांति और खिचड़ी पर्व के नाम से जाना जाता है। वहीं, असम में बिहू और दक्षिण भारत में पोंगल के नाम से यह त्योहार बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। हालांकि उत्तरायण त्योहारों के नाम अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग होते हैं, लेकिन उनमें जो समानता है वह यह है कि वे सूर्य देव की पूजा करते हैं और उन्हें तिल, गुड़ और चावल से बने व्यंजन चढ़ाते हैं।
Jan 15, 2024 | 11:58 AM IST

मकर संक्रांति रंगोली

मकर संक्रांति रंगोली
Jan 15, 2024 | 11:41 AM IST

मकर संक्रांति दान संकल्प मंत्र

ऊं घृणि सूर्याय नम:
Jan 15, 2024 | 11:27 AM IST

Makar Sankranti kaise manate hai (मकर संक्रांति कैसे मनाते हैं)

कुछ शहरों में मकर संक्रांति को खिचड़ी भी कहा जाता है। उत्तर भारत में इस दिन उड़द दाल और चावल की खिचड़ी खाई जाती है। इस दिन तिल, गुड़ और मूंगफली का महत्व होता है। स्नान के बाद लोग दान करते हैं और फिर घी के साथ खिचड़ी खाते हैं।
Jan 15, 2024 | 11:15 AM IST

मकर संक्रांति स्नान 2024 पूजा विधि (Makar Sankranti Puja Vidhi)

मकर संक्रांति को स्नान करने के बाद पितरों को तर्पण दें। कुश के पोरे से जल गिराएं। ताकि वह आपके पितरों को प्राप्त हो। पितरों को स्मरण करके उनको तर्पण से तृप्त करें. फिर लोटे को जल से भर दें। उसके बाद उसमें लाल चंदन, लाल फूल और गुड़ डालकर सूर्य मंत्र का जाप करते हुए भगवान भास्कर को अर्घ्य दें।
Jan 15, 2024 | 11:01 AM IST

मकर संक्रांति खिचड़ी बनाने की विधि

सबसे पहले थोड़ा पानी डाल कर चावल को भिगोएं और इसको अच्‍छी तरह धो लें. इसके बाद कुकर में घी डालकर गर्म कीजिए. फिर इसमें हींग और जीरा डालिए. जीरा भुनने के बाद इसमें हरी मिर्च, अदरक, हल्दी पाउडर और मटर के दाने डाल कर 2 मिनट तक भूनिए. अब इस मसाले में चावल को डालिए और 2-3 मिनट तक चमचे से चला कर खिचड़ी को भूनिए. जब यह भुन जाए तो इसमें दाल और चावल की मात्रा का चार गुना पानी डाल दीजिए. कुकर बन्द कीजिए. एक सीटी आने के बाद 5 मिनट तक धीमी गैस पर खिचड़ी को पकने दीजिए. अब गैस को बन्द कर दीजिए. कुकर का प्रेशर खत्‍म होने के बाद कुकर का ढक्कन खोलिए. आपकी खिचड़ी तैयार है. खिचड़ी को बाउल में निकालिए. हरा धनियां ऊपर से डाल कर सजाइए.
Jan 15, 2024 | 10:41 AM IST

मकर संक्रांति की कथा (Makar Sankranti Katha)

पौराणिक कथाओं के अनुसार, सूर्य देव और शनि देव पिता पुत्र जरुर थे लेकिन दोनों के बीच रिश्तों में खटास आ गई थी। इसका कारण था सूर्य देव का शनि की माता छाया के प्रति उनका व्यवहार. जब शनि देव का जन्म हुआ तो सूर्य ने शनि के काले रंग को देखकर कहा कि ये उनका पुत्र नहीं हो सकता। उन्होंने शनि को पुत्र स्वीकार नहीं किया और इसके बाद से सूर्य देव ने शनि देव और उनकी माता छाया को अलग कर दिया था। शनि देव और माता छाया कुंभ नाम के घर में रहने लगे लेकिन सूर्य के इस व्यवहार से आहत होकर माता छाया ने उन्होंने कुष्ट रोग होने का श्राप दे दिया।
Jan 15, 2024 | 10:22 AM IST

मकर संक्रांति वैज्ञानिक महत्व (Makar Sankranti Scientific Importance)

सूर्य के उत्तरायण हो जाने से प्रकृति में बदलाव शुरू हो जाता है। ठंड की वजह से सिकुरते लोगों को सूर्य के तेज प्रकाश के कारण शीत ऋतु से राहत मिलना आरंभ होता है। हालांकि मकर संक्रांति पर ठंड तेज होती है, ऐसे में शरीर को गर्मी पहुंचाने वाले खाद्य साम्रगी खाई जाती है। यही वजह है कि मकर संक्रांति पर तिल, गुड़, खिचड़ी खाते हैं ताकि शरीर में गर्माहट बनी रहे। पुराण और विज्ञान दोनों में मकर संक्रांति यानी सूर्य की उत्तरायण स्थिति का अधिक महत्व है। सूर्य के उत्तरायण से रातें छोटी और दिन बड़े होने लगते हैं। कहते हैं उत्तरायण में मनुष्य प्रगति की ओर अग्रहसर होता है। मकर संक्रांति पर पतंग उड़ाने के महत्व भी विज्ञान से जुड़ा है। सूर्य का प्रकाश शरीर के लिए स्वास्थवद्र्धक और त्वचा तथा हड्डियों के लिए बेहद लाभदायक होता है । यही कारण है कि पतंग उड़ाने के जरिए हम कुछ घंटे सूर्य के प्रकाश में बिताते हैं, जो आरोग्य प्रदान करता है।
Jan 15, 2024 | 10:12 AM IST

मकर संक्रांति क्यों मनाई जाती है

कुछ शहरों में मकर संक्रांति को खिचड़ी भी कहा जाता है। उत्तर भारत में इस दिन उड़द दाल और चावल की खिचड़ी खाई जाती है। इस दिन तिल, गुड़ और मूंगफली का महत्व होता है। स्नान के बाद लोग दान करते हैं और फिर घी के साथ खिचड़ी खाते हैं।
Jan 15, 2024 | 09:54 AM IST

खिचड़ी क्यों मनाई जाती है

धार्मिक मान्यता है कि मकर संक्रांति के दिन शुभ मुहूर्त में गंगा स्नान और दान करने से व्यक्ति के सात जन्मों के पाप धुल जाते हैं और सूर्य देव की कृपा प्राप्त होती है। मकर संक्रांति के दिन गुड़-तिल और खिचड़ी खाने की भी परंपरा है।
Jan 15, 2024 | 09:34 AM IST

Makar Sankranti Upay (मकर संक्रांति उपाय)

पवित्र स्नानसूर्य आराधना और अर्घ्य कपूर का हवनसूर्य मंत्र का जपखिचड़ी का भोग और दान
Jan 15, 2024 | 09:16 AM IST

Makar Sankranti colour

इसके अलावा इस दिन काली चीजों का दान भी किया जाता है. छतरी, कंबल आदि चीजें दान की जाती हैं. काली तिल का भी दान किया जाता है. इससे शुभ फल की प्राप्ति होती है. इससे प्रगति आती है.
Jan 15, 2024 | 09:06 AM IST

Makar Sankranti kaise manate hai (मकर संक्रांति कैसे मनाते हैं)

कुछ शहरों में मकर संक्रांति को खिचड़ी भी कहा जाता है। उत्तर भारत में इस दिन उड़द दाल और चावल की खिचड़ी खाई जाती है। इस दिन तिल, गुड़ और मूंगफली का महत्व होता है। स्नान के बाद लोग दान करते हैं और फिर घी के साथ खिचड़ी खाते हैं।
Jan 15, 2024 | 08:45 AM IST

Makar Sankranti Shubh Yog (मकर संक्रांति शुभ योग)

इस बार मनाई जाने वाली मकर संक्रांति पर बहुत शुभ है। क्योंकि यह पर्व विशेष रूप से भगवान भास्कर की आराधना के लिए होता है। हिंदू पंचांग के अनुसार इस दिन रवि योग का शुभ संयोग भी बन रहा है जो बेहद दुर्लभ माना जा रहा है। भगवान सूर्य देव के 12 नामों से एक नाम उनका रवि भी है। 15 जनवरी 2024 दिन सोमवार को सुबह 7 बजकर 15 मिनट से लेकर 8 बजकर 7 मिनट तक के लिए रवि योग रहेगा। इस योग की अवधि कुल 52 मिनट की होगी। ऐसे में जो लोग इस योग में भगवान सूर्य नारायण का विधि पूर्वक पूजा-पाठ करेंगे उनका जीवन भर कल्याण ही कल्याण होगा।
Jan 15, 2024 | 08:25 AM IST

Makar Sankranti kaise manate hai (मकर संक्रांति कैसे मनाते हैं)

कुछ शहरों में मकर संक्रांति को खिचड़ी भी कहा जाता है। उत्तर भारत में इस दिन उड़द दाल और चावल की खिचड़ी खाई जाती है। इस दिन तिल, गुड़ और मूंगफली का महत्व होता है। स्नान के बाद लोग दान करते हैं और फिर घी के साथ खिचड़ी खाते हैं।
Jan 15, 2024 | 08:09 AM IST

which colour we should not wear on makar sankranti

इस दिन खुशियां बांटने और उत्साह जगाने का अवसर होता है, इसलिए ऐसे रंगों से बचना चाहिए जो थोड़ा सुस्त और निराशाजनक लगें. नीला रंग शांति और सौम्यता का प्रतीक है, लेकिन मकर संक्रांति के उमंग और हर्ष के साथ यह पूरी तरह से मेल नहीं बैठता
Jan 15, 2024 | 07:49 AM IST

मकर संक्रांति दान लिस्ट (Makar Sankranti Daan List)

काला तिलसफेद तिलमूंगफलीगाय का घीदूधदहीगुड़नमकअनाजकंबलगुड़दक्षिणाखिचड़ी
Jan 15, 2024 | 07:27 AM IST

Makar Sankranti kaise manate hai (मकर संक्रांति कैसे मनाते हैं)

कुछ शहरों में मकर संक्रांति को खिचड़ी भी कहा जाता है। उत्तर भारत में इस दिन उड़द दाल और चावल की खिचड़ी खाई जाती है। इस दिन तिल, गुड़ और मूंगफली का महत्व होता है। स्नान के बाद लोग दान करते हैं और फिर घी के साथ खिचड़ी खाते हैं।
Jan 15, 2024 | 07:09 AM IST

मकर संक्रांति स्नान 2024 पूजा विधि (Makar Sankranti Puja Vidhi)

मकर संक्रांति को स्नान करने के बाद पितरों को तर्पण दें। कुश के पोरे से जल गिराएं। ताकि वह आपके पितरों को प्राप्त हो। पितरों को स्मरण करके उनको तर्पण से तृप्त करें. फिर लोटे को जल से भर दें। उसके बाद उसमें लाल चंदन, लाल फूल और गुड़ डालकर सूर्य मंत्र का जाप करते हुए भगवान भास्कर को अर्घ्य दें।
Jan 15, 2024 | 06:50 AM IST

Surya Mantra (सूर्य मंत्र)

शांता कारम भुजङ्ग शयनम पद्म नाभं सुरेशम।विश्वाधारं गगनसद्र्श्यं मेघवर्णम शुभांगम।लक्ष्मी कान्तं कमल नयनम योगिभिर्ध्यान नग्म्य्म।"
Jan 15, 2024 | 06:34 AM IST

मकर संक्रांति पर पतंग उड़ाने का महत्व (Makar Sankranti Importance)

इस दिन पतंग उड़ाने का धार्मिक और वैज्ञानिक दोनों ही महत्व है। दक्षिण भारत के पौराणिक ग्रंथों के अनुसार भगवान श्री राम द्वारा उड़ाई गई पतंग इंद्र लोक तक गई थी। तब से यह परंपरा आज भी जारी है। वैज्ञानिक दृष्टि से देखा जाए तो पतंग उड़ाने से दिमाग और दिल के बीच संतुलन बना रहता है। पतंग धूप में उड़ने का मतलब है कि हमारे शरीर को पर्याप्त विटामिन डी मिलता है और त्वचा संबंधी रोग नहीं होते हैं। मकर संक्रांति पर सूर्य देव उत्तरायण हो जाते हैं। इस समय सूर्य की किरणें औषधि का काम करती हैं। इस त्योहार पर पतंग उड़ाना शुभ माना जाता है।
Jan 15, 2024 | 06:18 AM IST

Makar Sankranti Shubh Yog (मकर संक्रांति शुभ योग)

इस बार मनाई जाने वाली मकर संक्रांति पर बहुत शुभ है। क्योंकि यह पर्व विशेष रूप से भगवान भास्कर की आराधना के लिए होता है। हिंदू पंचांग के अनुसार इस दिन रवि योग का शुभ संयोग भी बन रहा है जो बेहद दुर्लभ माना जा रहा है। भगवान सूर्य देव के 12 नामों से एक नाम उनका रवि भी है। 15 जनवरी 2024 दिन सोमवार को सुबह 7 बजकर 15 मिनट से लेकर 8 बजकर 7 मिनट तक के लिए रवि योग रहेगा। इस योग की अवधि कुल 52 मिनट की होगी। ऐसे में जो लोग इस योग में भगवान सूर्य नारायण का विधि पूर्वक पूजा-पाठ करेंगे उनका जीवन भर कल्याण ही कल्याण होगा।
Jan 15, 2024 | 06:08 AM IST

मकर संक्रांति पर दान का समय

मकर संक्रांति के दिन स्नान के उपरांत सूर्य सहित नवग्रहों की पूजा और भगवान विष्णु की पूजा के बाद दान आरंभ करना चाहिए। आपकी जो भी श्रद्धा हो उसके अनुसार आप वस्त्र,अन्न और धन का दान कर सकते हैं। मकर संक्रांति के दिन तिल और खिचड़ी का दान बहुत ही शुभ माना गया है। दान का समय सुबह 7 बजे से सूर्यास्त पूर्व तक रहेगा। यह मुहूर्त दान आदि करने के लिए बेहद शुभ है। इसमें आप ब्राह्मणों और ज़रुरतमंदों को खिचड़ी, गुड़, काले तिल,ऊनी कपड़े आदि दान करें। सूर्य भगवान का आशीर्वाद आपके साथ रहेगा। मान्यता है कि मकर संक्रान्ति से सूर्य के उत्तरायण होने पर देवताओं का सूर्योदय होता है और दैत्यों का सूर्यास्त होने पर उनकी रात्रि प्रारंभ हो जाती है।
Jan 14, 2024 | 11:58 PM IST

मकर संक्रांति की कथा (Makar Sankranti Katha)

पौराणिक कथाओं के अनुसार, सूर्य देव और शनि देव पिता पुत्र जरुर थे लेकिन दोनों के बीच रिश्तों में खटास आ गई थी। इसका कारण था सूर्य देव का शनि की माता छाया के प्रति उनका व्यवहार. जब शनि देव का जन्म हुआ तो सूर्य ने शनि के काले रंग को देखकर कहा कि ये उनका पुत्र नहीं हो सकता। उन्होंने शनि को पुत्र स्वीकार नहीं किया और इसके बाद से सूर्य देव ने शनि देव और उनकी माता छाया को अलग कर दिया था। शनि देव और माता छाया कुंभ नाम के घर में रहने लगे लेकिन सूर्य के इस व्यवहार से आहत होकर माता छाया ने उन्होंने कुष्ट रोग होने का श्राप दे दिया।
Jan 14, 2024 | 11:42 PM IST

Makar Sankranti Mantra ( मकर संक्रांति मंत्र)

एहि सूर्य सहस्त्रांशो तेजोराशे जगत्पते।अनुकम्पय मां देवी गृहाणार्घ्यं दिवाकर।।ॐ ॐ ॐ ॐ भूर् भुवः स्वः तत् सवितुर्वरेण्यं।भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात् ।।
Jan 14, 2024 | 11:25 PM IST

मकर संक्रांति स्नान 2024 स्नान की विधि (Makar Sankranti Snan Vidhi)

मकर संक्रांति के अवसर पर यदि संभव हो तो आप गंगा नदी में स्नान करें। यदि ऐसा संभव नहीं है तो घर पर ही ब्रह्म मुहूर्त में स्नान कर लें। इसके लिए आप पानी में काले तिल और गंगाजल मिला लें। फिर उससे स्नान करें। इस विधि से स्नान करने से आपको पुण्य लाभ होगा। मां गंगा की कृपा से आपके पाप मिटेंगे और अक्षय पुण्य की प्राप्ति होगी।
Jan 14, 2024 | 11:14 PM IST

मकर संक्रांति में क्या क्या चढ़ाया जाता है?

बिहार बिहार में मकर संक्रान्ति को खिचड़ी नाम से जाना जाता है। इस दिन उड़द, चावल, तिल, चिवड़ा, गौ, स्वर्ण, ऊनी वस्त्र, कम्बल आदि दान करने का अपना महत्त्व है।
Jan 14, 2024 | 10:59 PM IST

मकर संक्रांति स्नान 2024 स्नान की विधि (Makar Sankranti Snan Vidhi)

मकर संक्रांति के अवसर पर यदि संभव हो तो आप गंगा नदी में स्नान करें। यदि ऐसा संभव नहीं है तो घर पर ही ब्रह्म मुहूर्त में स्नान कर लें। इसके लिए आप पानी में काले तिल और गंगाजल मिला लें। फिर उससे स्नान करें। इस विधि से स्नान करने से आपको पुण्य लाभ होगा। मां गंगा की कृपा से आपके पाप मिटेंगे और अक्षय पुण्य की प्राप्ति होगी।
Jan 14, 2024 | 10:47 PM IST

मकर संक्रांति 2024 डेट और शुभ मुहूर्त ( Makar Sankranti Date 2024 Shubh Muhurat)

प्रत्येक वर्ष मकर संक्रांति का पर्व 14 जनवरी को मनाया जाता है, लेकिन इस बार मकर संक्रांति का त्योहार 15 जनवरी को है। इस वर्ष ग्रहों की दिशा में बदलाव की वजह से मकर संक्रांति की तिथि में परिवर्तन हुआ है।
Jan 14, 2024 | 10:38 PM IST

मकर संक्रांति महत्व क्यों मनाई जाती है वैज्ञानिक कारण

मकर संक्रांति का ज्योतिषीय महत्व के अलावा इसका धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व भी बहुत है। पौराणिक मान्यता के अनुसार सूर्यदेव शनिदेव के पिता हैं। मकर संक्रांति के दिन सूर्य देव अपने पुत्र शनि के घर जाते हैं और एक महीने तक वहीं रहते हैं। शनिदेव मकर और कुंभ राशि के स्वामी हैं। इस प्रकार मकर संक्रांति को पिता-पुत्र के संबंध के रूप में देखा जाता है। एक अन्य कथा के अनुसार, मकर संक्रांति के दिन, भगवान विष्णु ने राक्षस को मार डाला, उसके सिर को काट दिया और पृथ्वी के निवासियों को राक्षसों के भय से मुक्त करने के लिए मंदरा पर्वत में दफन कर दिया। तभी से मकर संक्रांति का त्योहार मनाया जाने लगा। इसके अलावा, मकर संक्रांति को नए मौसम की शुरुआत के रूप में भी मनाया जाता है। मकर संक्रांति से ऋतु परिवर्तन प्रारंभ हो जाता है।
Jan 14, 2024 | 10:28 PM IST

मकर संक्रांति 2024 पूजा सामाग्री (Makar Sankranti Puja Samagri)

लाल वस्त्र, लाल रंग के फूल और फल2. गुड़ और काले तिल3. तांबे का एक लोटा4. धूप, दीपक, गंध, कपूर, नैवेद्य, लाल चंदन आदि.5. सूर्य चालीसा, आदित्य ​हृदय स्तोत्र और सूर्य आरती की पुस्तक6. गेहूं या सप्तधान्य, गाय का घी.7. दान के लिए गरम कपड़े, कंबल, अनाज, खिचड़ी आदि.
Jan 14, 2024 | 10:13 PM IST

Makar Sankranti 2024 (मकर संक्रांति क्यों मनाई जाती है)

इस साल मकर संक्रांति का त्योहार 15 जनवरी 2024 को सोमवार के दिन मनाया जाएगा। इस दिन सूर्य धनु राशि के छोड़कर मकर राशि में प्रवेश करते हैं। सूर्य के एक राशि से दूसरी राशि में परिवर्तन को संक्रांति कहा जाता है।पौष माह में, जब सूर्य उत्तरायण हो जाता है और मकर राशि में होता है, इस अवसर को देश के विभिन्न हिस्सों में विभिन्न त्योहारों के रूप में मनाया जाता ह। जैसे कुछ स्थानों पर लोहड़ी, कुछ स्थानों पर खिचड़ी और कुछ स्थानों पर पोंगल। आइए जानते हैं मकर संक्रांति का त्योहार क्यों मनाया जाता है।
Jan 14, 2024 | 10:00 PM IST

Makar Sankranti Snan Muhurat (मकर संक्रांति स्ननान मुहूर्त)

मकर संक्रांति के दिन स्नान और दान करने का शुभ मुहूर्त सुबह 5 बजकर 7 मिनट से सुबह 8 बजकर 12 मिनट तक है। इसके अलावा पुण्यकाल में मकर संक्रांति की पूजा-अर्चना करना बेहद फलदायी होता है। इस दिन पुण्यकाल का समय सुबह 7 बजकर 15 मिनट से शाम 6 बजकर 21 मिनट तक है। महा पुण्यकाल दोपहर 12 बजकर 15 मिनट से रात 9 बजकर 6 मिनट तक है।
Jan 14, 2024 | 09:42 PM IST

मकर संक्रांति का क्या अर्थ है

मकर संक्रांति के दिन सूर्य धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करते हैं। इसलिए इस दिन मकर संक्रांति मनाई जाती है।
Jan 14, 2024 | 09:26 PM IST

मकर संक्रांति कब मनाई जा रही है

प्रत्येक वर्ष मकर संक्रांति का पर्व 14 जनवरी को मनाया जाता है, लेकिन इस बार मकर संक्रांति का त्योहार 15 जनवरी को है। इस वर्ष ग्रहों की दिशा में बदलाव की वजह से मकर संक्रांति की तिथि में परिवर्तन हुआ है।
Jan 14, 2024 | 09:13 PM IST

Makar Sankranti Upay (मकर संक्रांति उपाय)

पवित्र स्नानसूर्य आराधना और अर्घ्य कपूर का हवनसूर्य मंत्र का जपखिचड़ी का भोग और दान
Jan 14, 2024 | 08:56 PM IST

Makar Sankranti Shubh Yog (मकर संक्रांति शुभ योग)

इस बार मनाई जाने वाली मकर संक्रांति पर बहुत शुभ है। क्योंकि यह पर्व विशेष रूप से भगवान भास्कर की आराधना के लिए होता है। हिंदू पंचांग के अनुसार इस दिन रवि योग का शुभ संयोग भी बन रहा है जो बेहद दुर्लभ माना जा रहा है। भगवान सूर्य देव के 12 नामों से एक नाम उनका रवि भी है। 15 जनवरी 2024 दिन सोमवार को सुबह 7 बजकर 15 मिनट से लेकर 8 बजकर 7 मिनट तक के लिए रवि योग रहेगा। इस योग की अवधि कुल 52 मिनट की होगी। ऐसे में जो लोग इस योग में भगवान सूर्य नारायण का विधि पूर्वक पूजा-पाठ करेंगे उनका जीवन भर कल्याण ही कल्याण होगा।

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