Makar Sankranti 2024: उत्तरायाण क्यों मनाया जाता है, क्या है इसका महत्व
Uttarayan 2024: उत्तरायण का त्योहार मकर संक्रांति के नाम से जाना जाता है। उत्तरायण में 6 महीने होते हैं, इस दौरान सूर्य उत्तरी गोलार्ध में रहता है, दिन बड़े हो जाते हैं और रातें छोटी हो जाती हैं। आइए जानते हैं उत्तरायाण क्यों मनाया जाता है।
Why is Uttarayan celebrated
Uttarayan 2024: उत्तरायण का सामान्यत अर्थ उत्तर होता है। सूर्य पूरे वर्ष उत्तरी और दक्षिणी गोलार्धों के बीच भ्रमण करता रहता है। जैसे-जैसे सूर्य दक्षिण से उत्तर की ओर बढ़ने लगता है, उत्तरी गोलार्ध में दिन बड़े और रातें छोटी होने लगती हैं। मकर संक्रांति पर सूर्य उत्तरी गोलार्ध में पहुंच जाता है और दिन बड़े हो जाते हैं। ज्योतिषीय रूप से, जब सूर्य मकर राशि से मिथुन राशि में जाता है, तो वह उत्तरी गोलार्ध में होता है और जब सूर्य कर्क राशि से धनु राशि में जाता है, तो वह दक्षिणी गोलार्ध में होता है। उत्तरायण तब होता है जब सूर्य मकर से मीन राशि में जाता है और दक्षिणायन तब होता है जब वह कर्क से धनु में जाता है।
उत्तरायाण क्यों मनाया जाता है (Why is Uttarayan celebrated)हिन्दू धर्म के अनुसार सूर्य देव दो दिशाओं में भ्रमण करते हैं। छह महीने तक वह दक्षिणी दिशा में यात्रा करता है जिसे सूर्य का दक्षिणायन कहा जाता है और छह महीने तक वह उत्तरी दिशा में यात्रा करता है जिसे उत्तरायण कहा जाता है। जब सूर्य देव धनु राशि को छोड़कर मकर राशि में प्रवेश करते हैं तो वे उत्तर की ओर अपनी यात्रा शुरू करते हैं। इसी कारण मकर संक्रांति को उत्तरायण पर्व भी कहा जाता है। सूर्य देव का उत्तर दिशा की ओर जाना बहुत शुभ माना जाता है।
उत्तरायाण महत्व (Uttarayan Importance)गीता के आठवें अध्याय में भगवान श्रीकृष्ण उत्तरायण सूर्य का के बारे में हते हैं कि जिसने ब्रह्मज्ञान प्राप्त कर लिया है। वह अपने शरीर का त्याग सूर्य के उत्तरायण होने पर करते हैं। जिनके शरीर का त्याग सू्र्य के उत्तरायण होने पर होता है, उनको मोक्ष की प्राप्ति होती है।
उत्तरायाण को कहा जाता है देवता का दिनहिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जब सूर्य देव उत्तरायण में होते हैं, तो इसे देवताओं का दिन कहा जाता है। दक्षिणायन के दिन को देवताओं की रात्रि कहा जाता है। परिणामस्वरूप, उत्तरायण से दिन बड़े होने लगते हैं और सूर्य देव की किरणें पृथ्वी पर अधिक देर तक चमकती हैं। मकर संक्रांति के दिन से सूर्य देव अत्यंत प्रकाशित हो जाते हैं इसलिए इस दिन सूर्य देव की पूजा करना विशेष लाभकारी होता है।
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