Makar Sankranti 2024: मकर संक्रांति के दिन क्यों खाया जाता है दही-चूड़ा?

Makar Sankranti 2024: मकर संक्रांति का त्योहार बहुत ही शुभ माना जाता है। मकर संक्रांति का त्योहार हर जगह अलग- अलग तरीके से मनाया जाता है। आइए जानते हैं मकर संक्रांति के दिन क्यों खाया जाता है दही चूड़ा। जानें क्या है इसका महत्व।

Makar Sankranti 2024
Makar Sankranti 2024: मकर संक्रांति देशभर में हिंदुओं द्वारा मनाए जाने वाले त्योहारों में से एक है। यह त्योहार बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यह त्योहार पश्चाताप, पूजा, दान और त्याग के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। इस त्योहार को लोग संक्रांति के नाम से भी जानते हैं। आमतौर पर यह उत्सव 14 जनवरी को मनाया जाता है, लेकिन इस बार यह 15 जनवरी को मनाया जाएगा। इस दिन, भक्त गंगा नदी में डुबकी लगाते हैं और पूजा करते हैं, जबकि अन्य लोग दही चूड़ा खाते हैं और दान कार्य करते हैं। आइए जानते हैं मकर संक्रांति के दिन क्यों खाया जाता है दही चूड़ा।

मकर संक्रांति पर खाते हैं दही-चूड़ा

बिहार के मिथिला क्षेत्र में मकर संक्रांति को तिला संक्रांति भी कहा जाता है और इस दिन देवताओं को तिल अर्पित की जाती है। एक खिचड़ी परंपरा भी है, लेकिन बिहार में मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी के साथ दही-चूड़ा खाने की परंपरा है और यह परंपरा सदियों से चली आ रही है। धार्मिक और सामाजिक मान्यताओं के अनुसार मकर संक्रांति के दिन धान की कटाई की जाती है और उसके बाद ही चावल खाया जाता है। इसलिए मकर संक्रांति के दिन चावल का दान करना बहुत शुभ होता है और चावल खाना स्वास्थ्य के लिए भी अच्छा होता है। बिहार में इस दिन दही चूड़ा खाया जाता है और मान्यता है कि मकर संक्रांति के दिन दही चूड़ा खाने से सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। साथ ही आपकी कुंडली के ग्रह दोषों से भी छुटकारा मिल जाएगा। बिहार में ऐसा माना जाता है कि अगर इस दिन पूरा परिवार एक साथ दही-चूड़ा खाता है, तो उनका एक-दूसरे के प्रति प्यार बढ़ता है और उनका रिश्ता मजबूत होता है।

चूड़ा दही खाने का महत्व

दही चूड़ा खाने का रिवाज प्राचीन काल से ही चला आ रहा है। कृषि समाजों में दही का उपयोग फसल के बाद भोजन को संरक्षित करने के लिए किया जाता था। साथ ही काटे गए चावल को लंबे समय तक संग्रहीत करना आसान था। इस प्रकार ये दोनों चीजें मिलकर एक संतुलित और पौष्टिक आहार विकल्प बनाती हैं।
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