Makar Sankranti Ki Katha: मकर संक्रांति पर जरूर सुननी चाहिए शनि महाराज और सूर्य भगवान की ये पौराणिक कथा
Makar Sankranti Ki Katha: मकर संक्रांति का त्योहार सूर्य देव को समर्पित है। इस दिन सूर्य देव मकर राशि में प्रवेश करते हैं। इसलिए इस दिन सूर्य पूजा का विशेष महत्व माना जाता है। इसके साथ ही ये दिन गंगा स्नान के लिए भी शुभ होता है। चलिए आपको बताते हैं मकर संक्रांति की कहानी।
Makar Sankranti Ki Katha
Makar Sankranti Ki Katha: मकर संक्रांति एक ऐसा त्योहार है जो भारत के लगभग हर स्थान पर मनाया जाता है। कर्नाटक में इस त्योहार को संक्रांति के रूप में तो केरल में पोंगल के तौर पर मनाया जाता है। वहीं पंजाब और हरियाणा में इसे लोहड़ी तो पश्चिम बंगाल में इसे पौष संक्रांति के नाम से मनाया जाता है। गुजरात और राजस्थान में कई जगह इसे उत्तरायण के नाम से जाना जाता है। जबकि यूपी और बिहार के कई इलाकों में इसे खिचड़ी के नाम से जानते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस त्योहार की कहानी क्या है।
मकर संक्रांति की कथा (Makar Sankranti Ki Katha In Hindi)
पौराणिक कथाओं के अनुसार शनि देव सूर्य देव के पुत्र माने जाते हैं। लेकिन शुरुआत में इन दोनों के संबंध ठीक नहीं थे। जिसका कारण था सूर्य देव का शनि की माता छाया के प्रति खराब व्यवहार। दरअसल, शनि देव का रंग गहरा था। जिस कारण सूर्य देव ने उनके जन्म के दौरान उनका त्याग ये कहकर कर दिया कि ऐसा पुत्र मेरा नहीं हो सकता। इसके बाद सूर्य देव ने शनि देव और उनकी माता छाया को अलग कर दिया था और शनि कुंभ नाम के एक घर में रहने लगे।
सूर्यदेव के इस व्यवहार से क्रोधित होकर उनकी पत्नी छाया ने उन्हें कुष्ठ रोग का श्राप दिया था। जिससे क्रोधित होकर सूर्यदेव ने शनिदेव का घर जलाकर राख कर दिया था। कहते हैं फिर सूर्यदेव के पुत्र यम ने सूर्य देव को उस भयंकर श्राप से मुक्त कराया था। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि वह उनकी माता छाया के साथ बुरा व्यवहार न करें। कहते हैं इसके बाद सूर्यदेव अपनी पत्नि छाया और शनिदेव से मिलने उनके घर पहुंचे थे। जब सूर्यदेव वहा पहुंचे तो उन्होंने देखा की वहां सब कुछ जलकर बर्बाद हो चुका है। इसके बाद शनिदेव ने काले तिल से अपने पिता का स्वागत किया था।
शनिदेव के इस व्यवहार से प्रसन्न होकर सूर्यदेव ने उन्हें नया घर दिया जिसका नाम मकर था। कहते हैं इसके बाद से ही शनिदेव कुंभ और मकर राशियों के स्वामी हो गए। घर देते समय सूर्यदेव ने शनि देव से यह भी कहा कि जब भी वह मकर संक्रांति पर उनके घर आएंगे तो उनका घर धन धान्य से भर जाएगा। इसके साथ ही जो लोग इस दिन मुझे काले तिल आर्पित करेंगे उनके जीवन में सुख समृद्धि की कभी कमी नहीं होगी। यही वजह है कि मकर संक्रांति के मौके पर सूर्य देव की पूजा में काले तिल का इस्तेमाल जरूर किया जाता है।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) पढ़ें हिंदी में और देखें छोटी बड़ी सभी न्यूज़ Times Now Navbharat Live TV पर। अध्यात्म (Spirituality News) अपडेट और चुनाव (Elections) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से।
End of Article
लवीना शर्मा author
धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हूं। पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। 10 सा...और देखें
End Of Feed
© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited