मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग कहां है, इसकी उत्पत्ति कैसे हुई, ये किसका प्रतीक है, इसका रहस्य क्या है, जानें आरती और दर्शन समय से लेकर सबकुछ

Mallikarjuna Jyotirlinga: भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से दूसरे नंबर पर आता है मल्लिकार्जुन। दक्षिण का कैलाश माने जाने वाला ये मंदिर आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले में स्थित है। ऐसा माना जाचा है कि जो भक्त इस मंदिर में आकर शिव की पूजा करता है उसे अश्वमेघ यज्ञ करने के बराबर पुण्य की प्राप्ति होती है। चलिए जानते हैं मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग के दर्शन समय, आरती समय, महत्व और इतिहास के बारे में विस्तार से यहां।

Mallikarjuna Jyotirlinga

Mallikarjuna Jyotirlinga Mandir: मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग मंदिर को श्रीशैलम मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। क्योंकि ये मंदिर प्रदेश के कृष्णा जिले में कृष्णा नदी के किनारे श्रीशैल पर्वत पर स्थित है। इस मंदिर में भगवान शिव को श्री मल्लिकार्जुन स्वामी के रूप में तो देवी पार्वती को भ्रामराम्बिका यानी भगवान मल्लिकार्जुन स्वामी की पत्नी के रूप में पूजा जाता है। वैसे तो इस मंदिर में पूरे साल भक्तों की भीड़ उमड़ी रहती है लेकिन सावन के महीने में यहां पर बहुत बड़ा मेला लगता है। जिसे देखने के लिए देश-विदेश से शिवभक्त यहां पहुंचते हैं। यहां हम आपको बताएंगे मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग मंदिर में दर्शन का समय, आरती का समय और इसका महान इतिहास।

मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग कहां है (Mallikarjuna Jyotirlinga Kaha Hai)

मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले में कृष्णा नदी के तट पर श्री शैल पर्वत पर स्थित है। शिवपुराण के अनुसार मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग भगवान शिव और माता पार्वती का संयुक्त रूप है।

मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग मंदिर दर्शन समय (Mallikarjuna Jyotirlinga Darshan Timings)

ये मंदिर आमतौर पर सुबह 5 बजे से दोपहर 3:30 बजे तक और फिर शाम 6 बजे से रात 10 बजे तक खुला रहता है। विशेष आयोजनों के दौरान इसके समय में बदलाव कर दिया जाता है। जिसकी जानकारी मंदिर की आधिकारिक वेबसाइट पर पहले ही दे दी जाती है।
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