Malmas 2023 Kab Lagega: मलमास 2023 कब लग रहा है, जानिए इसे क्यों कहते हैं पुरुषोत्तम मास

Malmas 2023 Start And End Date: मलमास महीने को पुरुषोत्तम मास (Purushottam Maas) और अधिक मास (Adhik Maas 2023) भी कहते हैं। इस बार सावन में मलमास लगा है। जानिए पंचांग अनुसार मलमास 2023 कब से कब तक रहेगा। इस महीने का क्या महत्व है।

malmas 2023

Malmas 2023 Start And End Date, Adhik Maas Kab Lag Rha Hai

Malmas 2023 Start And End Date (Adhik Maas Kab Lag Rha Hai): सावन के महीने में मलमाल लगने जा रहा है। हिंदू धर्म में मलमास को अधिक मास और पुरुषोत्तम मास (Purushottam Maas 2023) के नाम से भी जाना जाता है। ये महीना हर तीन साल में एक बार आता है। इस बार सावन में मलमास लगने के कारण श्रावण मास (Sawan Month) दो महीने का हो गया है। मलमास महीने में शुभ कार्यों को करने पर रोक होती है लेकिन ये महीना दान-पुण्य के कार्यों के लिए बेहद शुभ माना गया है। जानिए मलमास कब से कब तक रहेगा (Malmas Kab Se Kab Tak Rahega) और क्या है इस पुरुषोत्तम मास का महत्व (Purushottam Maas Mahatva)।

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मलमास 2023 कब से लग रहा है (Malmas 2023 Start Date)

2023 में मलमास महीना 18 जुलाई से लग रहा है और इसकी समाप्ति 16 अगस्त को होगी। मलमास महीने में किसी भी नए काम की शुरुआत नहीं की जाती है। साथ ही इस महीने में शादी-विवाह, मुंडन संस्कार और गृह प्रवेश जैसे शुभ काम भी नहीं किये जाते हैं।

सावन अधिक मास/मलमास के व्रत त्योहार (Sawan Adhik Maas/Malmas Festivals 2023)

डेटत्योहार
18 जुलाई 2023अधिक मास मंगला गौरी व्रत
24 जुलाई 2023अधिक मास सावन सोमवार व्रत
25 जुलाई 2023अधिक मास मंगला गौरी व्रत
26 जुलाई 2023अधिक मासिक दुर्गाष्टमी
29 जुलाई 2023पद्मिनी एकादशी
30 जुलाई 2023अधिक माल प्रदोष व्रत
31 जुलाई 2023अधिक मास सावन सोमवार व्रत
1 अगस्त 2023पूर्णिमा, अधिक मास मंगला गौरी व्रत
4 अगस्त 2023संकष्टी चतुर्थी
7 अगस्त 2023अधिक मास सावन सोमवार व्रत
8 अगस्त 2023अधिक मास मंगला गौरी व्रत, कालाष्टमी, जन्माष्टमी
12 अगस्त 2023परम एकादशी
14 अगस्त 2023अधिक मास सोमवार व्रत, शिवरात्रि
15 अगस्त 2023अधिक मास मंगला गौरी व्रत
16 अगस्त 2023अमावस्या
मलमास के पुरुषोत्तम मास बनने की कहानी (Purushottam Maas Katha)

मलमास के पुरुषोत्तम मास बनने से लेकर हमारे पुराणों में एक कथा है। जिसके अनुसार मलमास का कोई स्वामी नहीं था जिस वजह से उसकी बहुत निंदा होती थी। जिससे मलमास को बड़ा दुख होता था। मलमास अपने कष्टों को लेकर भगवान विष्णु के पास पहुंचे। तब भगवान विष्णु मलमास को भगवान कृष्ण के पास गोलोक लेकर गए। भगवान कृष्ण ने जब मलमास की व्यथा को जाना तो उन्हें उस पर दया आ गयी और उन्होंने मलमास को वरदान देते हुए कहा कि आज से मैं ही तुम्हारा स्वामी हूं। जिस तरह से भगवान कृष्ण को पुरुषोत्तम कहा जाता है ठीक उसी तरह से आज से मलमास को भी पुरुषोत्तम मास कहा जाएगा। भगवान कृष्ण ने मलमास को आशीर्वाद दिया कि प्रत्येक तीन वर्ष में तुम्हारे आने पर जो कोई भी व्यक्ति पूरे भक्ति भाव से अच्छे कर्म करेगा उसे उस कर्म का तीन गुना फल प्राप्त होगा।

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