Malmas in 2022: 16 से लगने जा रहा है मलमास, शुभ कार्य करने से पहले यहां देख लें इस मास के विशेष मुहूर्त
Malmas in 2022: 16 दिसंबर के बाद से खरमास शुरू हो रहा है। 14 जनवरी तक चलने वाले इस मास में शुभ कार्य नहीं किये जाते। मान्यताओं के अनुसार लोग इस मास में मृत्यु नहीं आए इस तरह की कामना भी करते हैं। पूरे खरमास के दौरान महाभारत युद्ध में अर्द्ध मृत अवस्था में बाणाें की शैय्या पर भीष्म पितामह लेटे रहे थे लेकिन इस मास में उन्होंने देह नहीं त्यागी थी। खरमास में 30 दिसंबर तक के ही कुछ शुभ मुहूर्त हैं।
महाभारत के युद्ध के दौरान बाणों की शैय्या पर लेटे भीष्म पितामह।
- 16 दिसंबर से शुरू होने जा रहा है मलमास
- 30 दिसंबर 2022 तक ही हैं शुभ मुहूर्त
- विवाह संस्कार इस पूरे माह रहेगा निषेध
दिसंबर माह में नया व्यापार शुरू करने के मुहूर्त
15 दिसंबर, गुरुवार
24 दिसंबर, शनिवार
29 दिसंबर, गुरुवार
संपत्ति भी खरीदें तो मुहूर्त देखकर
15 दिसंबर, गुरुवार
16 दिसंबर, शुक्रवार
22 दिसंबर, गुरुवार
23 दिसंबर, शुक्रवार
29 दिसंबर, गुरुवार
30 दिसंबर, शुक्रवार
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खरमास में क्यों निषेध हैं शुभ कर्म
खरमास में सभी प्रकार के हवन, विवाह चर्चा, गृह प्रवेश, भूमि पूजन, यज्ञोपवीत, विवाह या अन्य हवन कर्मकांड आदि तक का निषेध है। सिर्फ भागवत कथा या रामायण कथा का सामूहिक श्रवण ही खरमास में किया जाता है। ब्रह्म पुराण के अनुसार खरमास में मृत्यु को प्राप्त व्यक्ति नरक का भागी होता है। दिव्य आत्माओं का शरीर त्याग अगर खरमास के दौरान हो जाता है तो उसकी गणना सत्कर्मी में नहीं होती क्योंकि उसके मृत्युपरान्त संस्कार में न केवल परिजन बल्कि रिश्तेदार भी कडकठंड में विचलित हो जाते हैं। खरमास के अन्दर अर्जुन ने भीष्म पितामह को धर्म युद्ध में बाणों की शैय्या से भेद दिया था। सैकड़ों बाणों से विद्ध हो जाने के बावजूद भी भीष्म पितामह ने अपने प्राण नहीं त्यागे। प्राण नहीं त्यागने का मूल कारण यही था कि अगर वह इस खरमास में प्राण त्याग करते हैं तो उनका अगला जन्म नरक की ओर जाएगा। सौर माघ मास की मकर संक्रांति आने के बाद शुक्ल पक्ष की एकादशी को पितामाह ने अपने प्राणों का त्याग किया।
(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)
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