Mangalwar Special Bhajan: सनातन धर्म में मंगलवार का दिन भगवान हनुमान जी की पूजा के लिए समर्पित होता है। इस दिन का व्रत रखने से और हनुमान जी की पूजा- अर्चना करने से साधक को हर प्रकार के रोग, शोक से मुक्ति मिलती है। इसके साथ ही मंगलवार के दिन हनुमान जी का भजन सुनने से साधक को सकारात्मक ऊर्जा की प्राप्ति होती है। बहुत से लोग को दिन के अनुसार भजन सुनना और गाना बहुत ही पसंद होता है। ऐसे में आज हम आपके लिए मंगलवार के स्पेशल भजन लेकर आए हैं। यहां देखें हनुमान जी के मधुर भजनों के लिरिक्स।
Mangalwar Special Bhajan (मंगलवार स्पेशल भजन)
आज मंगलवार है
आज मंगलवार है, महावीर का वार है, सच्चा दरबार है।
सच्चे मन से जो कोई ध्यावे, उसका बेडा पार है।।
चेत सुति पूनम मंगल का जनम वीर ने पाया है।
लाल लंगोटा गदा हाथ में, सिर पर मुकुट सजाया है।।
शंकर का अवतार है, महावीर का वार है।
सच्चे मन से जो कोई ध्यावे, उसका बेडा पार है।।
बालपन में महावीर ने हरदम ध्यान लगाया है।
शाप दिया ऋषिओं ने तुमको, ब्रह्म ध्यान लगाया है।
राम रामाधार है, महावीर का वार है।
सच्चे मन से जो कोई ध्यावे, उसका बेडा पार है।।
ब्रह्माजी के ब्रह्म ज्ञान का, बल भी तुमने पाया है।
राम काज शिव शंकर ने, वानर का रूप धारिया है।।
लीला अपरम पार है, महावीर का वार है।
सच्चे मन से जो कोई ध्यावे, उसका बेडा पार है।।
राम जनम हुआ अयोध्या में कैसा नाच नचाया है,
कहा राम ने लक्ष्मण से यह वानर मन को भाया है ।
राम चरण से प्यार है, महावीर का वार है,
सच्चे मन से जो कोई ध्यावे, उसका बेडा पार है ॥
पंचवटी से माता को, जब रावण लेकर आया है।
लंका में जाकर तुमने, माता का पता लगाया है।।
अक्षय को मारा है तुमने, महावीर का वार है,
सच्चे मन से जो कोई ध्यावे, उसका बेडा पार है ॥
मेघनाथ ने ब्रह्मपाश में तुमको आन फसाया है।
ब्रह्मपाश में फंस करके, ब्रह्मा का मान बढ़ाया है।।
बजरंगी वाकी मार है, महावीर का वार है।
सच्चे मन से जो कोई ध्यावे, उसका बेडा पार है ॥
लंका जलायी आपने जब रावण भी घबराया है।
श्रीराम लखन को आकर माता का संदेश सुनाया है।।
सीता शोक अपार है, महावीर का वार है।
मंगल मूर्ति राम दुलारे,
आन पड़ा अब तेरे द्वारे,
हे बजरंगबली हनुमान,
हे महावीर करो कल्याण,
हे महावीर करो कल्याण ।
तीनो लोक तेरा उजियारा,
दुखियों का तूने काज संवारा,
तीनो लोक तेरा उजियारा,
दुखियों का तूने काज संवारा,
हे जगवंदन केसरी नंदन,
हे जगवंदन केसरी नंदन,
कष्ट हरो हे कृपा निधान,
कष्ट हरो हे कृपा निधान ।
मंगल मूर्ति राम दुलारे,
आन पड़ा अब तेरे द्वारे,
हे बजरंगबली हनुमान,
हे महावीर करो कल्याण,
हे महावीर करो कल्याण ।
तेरे द्वारे जो भी आया,
खाली नहीं कोई लौटाया,
तेरे द्वारे जो भी आया,
खाली नहीं कोई लौटाया,
दुर्गम काज बनावन हारे,
मंगलमय दीजो वरदान,
मंगल मूर्ति राम दुलारे,
हे बजरंगबली हनुमान,
हे महावीर करो कल्याण,
तेरा सुमिरन हनुमत वीरा,
नासे रोग हरे सब पीरा,
तेरा सुमिरन हनुमत वीरा,
नासे रोग हरे सब पीरा,
राम लखन सीता मन बसिया,
शरण पड़े का कीजै ध्यान,
शरण पड़े का कीजै ध्यान ।
मंगल मूर्ति राम दुलारे,
आन पड़ा अब तेरे द्वारे,
हे बजरंगबली हनुमान,
हे महावीर करो कल्याण,
करो कल्याण, करो कल्याण..