Mantra Jaap: मंत्र जाप का है अपना एक तरीका, इस विधि से रोज करेंगे तो पाएंगे ये अचूक लाभ

mantra jaap ke fayde: मंत्र जप तीन तरह से किया जाता है। किसी भी मंत्र को जपने से पहले संकल्प जरूर लें और संकल्प पूर्ति के बाद हवन में आहुत कर उसे पूर्ण करें। कम से कम 14 लाख मंत्र जपने के बाद ही मंत्र सिद्ध होता है। मानसिक जप मंत्र जपने का सबसे अच्छा और महत्वपूर्ण तरीका है ।

तीन प्रकार से किया जाता है मंत्र का जाप

मुख्य बातें
  • तीन तरह से किया जाता है मंत्र जप
  • वाचिक, उपांशु और मानसिक जप
  • संकल्प लेकर करें सदैव मंत्र का जप

mantra jaap ke fayde: यदि आप साधना के पथ पर चल रहे हैं या चलना चाहते हैं तो इसके लिए आपने किसी न किसी गुरु से मंत्र दीक्षा जरूर ली होगी। मंत्र दीक्षा प्राप्त होने के बाद या फिर किसी मंत्र को जपने से पहले मंत्र जाप का सही तरीका पता होना बहुत ही जरूरी होता है। मंत्र जप तभी सफल होता है जब साधक उसे सिद्ध कर लेता है।

पंडित वैभव जोशी के अनुसार अध्यात्म के रास्ते पर चलने वाला साधक हो या आम व्यक्ति प्रतिदिन की पूजा में किसी न किसी मंत्र का जाप करता जरूर है। मंत्र जप आप किसी भी उद्देश्य के लिए कर रहे हों लेकिन आप उसे किस तरह से कर रहे हैं, ये बहुत अधिक महत्व रखता है।

मंत्र जप के प्रकार

मंत्र जप तीन तरह से किया जाता है। पहला है वाचिक, जिस मंत्र को करते समय अन्य सुन सके यानी आप मंत्र उच्चारण के साथ कर रहे हैं उसे वाचिक मंत्र कहते हैं। दूसरा है उपांशु, जिस मंत्र को आप अपने हृदय की गहराई में उतर कर जपें और अन्य न सुन सके, उसे उपांशु जप कहते हैं। वहीं तीसरी तरह का जप होता है मानसिक। ये मंत्र जप करने का सबसे आदर्श तरीका है। मानसिक जप में आप मंत्र को अपने मन ही मन में करते हैं। इसे करते हुए जब आप अभ्यस्त हो जाते हैं तो आप अजपा की स्थिति में पहुंच जाते हैं। अजपा यानी वो स्थिति जब मंत्र आपके मन मस्तिष्क में हर क्षण चलता रहे। फिर चाहे आप नींद में ही क्याें न हों। लगातार मंत्र जप करते रहने से आप मंत्र सिद्धि की ओर भी बढ़ सकते हैं।

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