Mantra For Health: यह एक मंत्र रोजाना सुबह जपने से दूर होते हैं शरीर के सारे दर्द, जप करते वक्त जरूर करें ये एक काम

Mantra For Health: मंत्रों का जाप मन के साथ देता है शरीर पर चमत्कारी प्रभाव। मंत्र आवृत्ति से दूर होते हैं रोगादि। मंत्र की शक्ति के जागृत करने के लिए जरूरी है मंत्र की सिद्धि। बीज मंत्र का प्रयोग कर कर सकते हैं जगत हिताय का कार्य। मंत्र जाप करते हुए पीड़ा वाले स्थान पर फेरना चाहिए हाथ।

Mantra For Health

मंत्र से रोग उपचार

तस्वीर साभार : Times Now Digital
मुख्य बातें
  • मंत्रों की आवृत्ति से दूर होते हैं रोगादि
  • मंत्रों के लगातार जाप से रोग होते हैं दूर
  • मंत्र जाप करते हुए पीड़ा के स्थान पर फेरें हाथ

Mantra For Health: सनातन धर्म में ब्रह्मास्त्र की तरह होते हैं मंत्र। आदिकाल से ही मंत्रों का प्रयोग हर विधा में किया जाता रहा है। मंत्रों के प्रयोग से हाथ में शस्त्र से लेकर मेघाें की वर्षा तक की जा सकती थी। मंत्रों की आवृत्ति क्योंकि शब्दों की आवृत्ति होती है और शब्द कभी समाप्त नहीं होते इसलिए मंत्रों का प्रभाव सदैव से ही रहा है और रहेगा। मंत्र वायु, अग्नि के नाभिकीय विखंडन हैं। सृष्टि का आरंभ भी मंत्रों से होता है और सृष्टि का अंत भी मंत्रों से ही होता है। मंत्र तत्वों की मूल शक्ति है और यह शक्ति मंत्र आवृत्ति के प्रयोग से सिद्ध होती है। लगातार मंत्र जाप के बहुत से लक्ष्य होते हैं। लगातार जाप कर मंत्र को सिद्ध करके लक्ष्य साधे जा सकते हैं। यहां तक कि किसी रोगी का उपचार भी मंत्रों की शक्ति से किया जा सकता है।

ये मंत्र दूर करता है शरीर की पीड़ा

तंत्र-मंत्र का संयोजन ऋषियों, मुनियों ने किया है। मानव की आयु और स्वास्थ्य उसके विश्वास का चक्र है और इस चक्र को संतुलित करने का श्रेय मंत्रों को है। यदि शरीर में किसी प्रकार का दर्द रहता हो तो

अच्युताय नमः

अनन्ताय नमः

गोविन्दाय नमः

मंत्र का जाप करें। इस मंत्र का प्रतिदिन लगातार जाप करने से इसे सिद्ध किया जा सकता है। मंत्र सिद्ध करते हुए जिस स्थान पर दर्द है, अपने या अन्य किसी के तो वहां अपने स्वच्छ हाथाें को फेरें धीरे धीरे दर्द समाप्त हो जाएगा। इसके पीछे सनातन विज्ञान निहित है। नमः शब्द धनात्मक है। उस कोशा के विभिन्न भागों को जाग्रत करके नियमित करता है। इस प्रयोग में किसी प्रकार की औषधि की आवश्यकता नहीं पड़ती।

पुराणों में मिलता है मंत्र आवृत्ति का उल्लेख

विष्णु पुराण, शिव पुराण, गणेश पुराण, कालिका पुराण, देवी भागवत पुराण, वामन पुराण, नृसिंह पुराण, सौर पुराण, सूर्य पुराण, भविष्य पुराण, पद्म पुराण, अग्नि पुराण, स्कन्द पुराण जैसे बहुत से ग्रंथाें में मंत्रों की आवृत्ति का उल्लेख मिलता है। जैसे नृसिंह मंत्र शब्द की आवृत्ति मात्र से विवाद खत्म हो जाते हैं। यदि दो पक्षाें के मध्य किसी बात पर विवाद हो रहा है तो वहां तीसरे व्यक्ति तौर पर आप खड़े हैं। यदि आप ही नृसिंह− नृसिंह का जाप करने लगेंगे तो उन दोनों विवाद करने वाले व्यक्तियों के मन पर प्रभाव पड़ेगा और विवाद शांत हो जाएगा।

डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्‍स नाउ नवभारत इसकी पुष्‍ट‍ि नहीं करता है।

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