Rules of Chanting Mantra: मंत्र जाप करने के नियम क्या हैं? यहां देखें भूल से भी नहीं होनी चाहिए क्या गलतियां

Mantra Jaap ke Niyam: जीवन में सुख, शांति और समृद्धि बनाएं रखने के लिए केवल भगवान का ध्यान करना, पूजा करना ही नहीं बल्कि विधिपूर्वक मंत्रोच्चारण एवं व्रत कथा करनी चाहिए। देवी-देवताओं की कृपा एवं आशीर्वाद प्राप्ति के लिए बताए गए मंत्रों का जाप करने के भी नियम होते हैं, जिनमें भूल से भी चूक नहीं होनी चाहिए। यहां देखें मंत्र जाप के नियम क्या हैं?

Mantra jaap ke niyam kya hai what not do while chanting mantras

Mantra Jaap ke Niyam: सनातन धर्म में देवी-देवताओं का विधि के अनुसार पूजन करने से विशेष लाभ मिलता है। पूजन करते वक्त मंत्रों का जाप करना भी अत्यंत आवश्यक माना जाता है, हालांकि मंत्रों का नियम के अनुसार जाप न करने पर जातकों के जीवन में दिक्कतें बढ़ सकती हैं। ज्योतिष अनुसार मंत्र जाप से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का संचार होता है, वहीं इसके विपरीत गलत मंत्र जाप से मनोकामनाएं पूर्ण नहीं होती। मनोकामनाएं पूर्ण करने और फल प्राप्ति के लिए यहां देखें मंत्र जाप करने के नियम क्या हैं और कौन सी गलतियां करने से खास बचना चाहिए।

मंत्र जाप करते वक्त इन बातों का रखें खास ध्यान

  • कभी भी बिना स्नान करें मंत्र जाप नहीं करना चाहिए, भगवान की नहाए बिना आराधना करने से भगवान रूष्ठ हो जाते हैं।
  • नहा धोकर और साफ सुथरे कपड़े पहनकर ही मंत्रोच्चारण करना चाहिए।
  • मंत्रों का जाप करने के लिए समय का ध्यान रखना भी जरूरी है। कोशिश करें कि, आप सुबह सुबह अच्छे मुहूर्त में ही मंत्र जाप संपन्न करें।
  • मंत्रों का जाप करने के लिए जप स्थान भी साफ होना जरूरी है। साफ के साथ आप जहां पूजा करें उस जगह का माहौल भी शांत और अच्छा होना चाहिए।
  • मंत्रों का जाप हमेशा ही आसन पर बैठकर करें, ज़मीन पर बैठने से पूजन करते वक्त बनने वाली ऊर्जा और सकारात्मकता पर बुरा असर होता है।
  • माला फेरते वक्त अंगूठे और बीच की उंगली का ही उपयोग किया जाता है। साथ ही माला को हमेशा दाहिने हाथ में गौमुखी के अंदर ही ढंक कर फेरना चाहिए।
  • मंत्रों का जाप हमेशा ही कम से कम 108 बार करना चाहिए। और जाप करते वक्त मन में देवी-देवताओं का ध्यान करना चाहिए
  • यू तो कोई साधारण पूजन के लिए तुलसी की माला का जाप सही रहता है। लेकिन कार्य सिद्धि के लिए उक्त देवी और देवताओं के अनुसार माला का प्रयोग किया जाना अत्यंत फायदेमंद होता है।
  • हमेशा पद्मासन और सुखासन में बैठकर मंत्रोच्चारण करना चाहिए। ध्यान रहे कि, मंत्र बोलते वक्त आपकी कमर झुकी हुई न हो और चेहरा भी सीधा रहे।
मंत्रों को सार्थक करने के लिए बताए गए नियमों के अनुसार जप करना अत्यंत ही आवश्यक है। अथवा कार्य सिद्धि और मनोकामनाएं पूर्ण होने में बाधा उत्पन्न हो सकती है। इसलिए जाप करते वक्त खासतौर से इन बातों का ध्यान रखें और फिर ही मंत्रोच्चारण आरंभ करें।

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