March Kalashtami 2024: कब रखा जाएगा मार्च महीने का कालाष्टमी व्रत, यहां जानें डेटऔर महत्व

March Kalashtami 2024: मासिक कालाष्टमी व्रत कृष्ण पक्ष की प्रत्येक अष्टमी के दिन मनाया जाता है। इस दिन भगवान शिव के रौद्र रूप कालभैरव की पूजा का विधान है। इस दिन का व्रत करने से साधक को हर कष्ट से मुक्ति मिल जाती है। ऐसे में आइए जानते हैं कब है मार्च महीने की कालाष्टमी व्रत।

March Kalashtami 2024

March Kalashtami 2024

March Kalashtami 2024 Date: हर माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को कालाष्टमी कहा जाता है। इस दिन भगवान शिव का रौद्र रूप काल भैरव प्रकट हुए। कहा जाता है कि जो सच्चे मन से बाबा भैरव की पूजा करता है वह रोग,काल और शत्रु बाधा से मुक्त हो जाता है। काल भैरव हर संकट में अपने भक्तों की रक्षा करते हैं। इन्हें काशी का कोतवाल भी कहा जाता था। इस वर्ष फाल्गुन माह की कालाष्टमी को विशेष माना गया है। आइए जानते हैं मार्च 2024 में कालाष्टमी त्योहार की डेट और महत्व के बारे में।

कब है कालाष्टमी (March Kalashtami 2024 Date)इस वर्ष फाल्गुन माह की कालाष्टमी का व्रत 3 मार्च 2024, रविवार को रखा जाएगा। इस दिन भानु सप्तमी और शबरी जयंती भी मनाई जाएगी। कालाष्टमी के दिन तांत्रिक और अघोरी गुप्त रूप से काल भैरव की पूजा करते हैं और अलौकिक शक्तियां प्राप्त करते हैं।

कालाष्टमी पूजा शुभ मुहूर्त 2024 (Kalashtami Puja Shubh Muhurat)

हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 3 मार्च 2024 को सुबह 8:44 बजे शुरू होगी और अगले दिन 4 मार्च 2024 को सुबह 8:49 बजे समाप्त होगी।

पूजा मुहूर्त - 08 बजे से लेकर 11 बजे तक

निशिता काल मुहूर्त - देर रात 12.08 - देर रात 12.57 बजे तक

राहुकाल - 18:55 - 18:22

हर्षण योग- 2 मार्च 2024, शाम 6:07 बजे - 3 मार्च 2024, शाम 5:25 बजे तक

कालाष्टमी व्रत पूजा विधि (Kalashtami Vrat Puja Vidhi)

  • इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर भगवान काल भैरव का ध्यान करके अपने दिन की शुरुआत करें।
  • इसके बाद स्नान कर साफ कपड़े पहन लें।
  • मंदिर को साफ करें और उस पर गंगा जल छिड़क कर शुद्ध करें।
  • फिर चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं और भगवान काल भैरव की मूर्ति रखें।
  • इसके बाद दीपक जलाएं,आरती करें और काल भैरव अष्टक का पाठ करें। म
  • इसके बाद काल भैरव को भोग लगाएं और सब में बांटे।

कालाष्टमी महत्व (Kalashtami Vrat Importance)सनातन धर्म में कालाष्टमी का व्रत बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन भोलेनाथ के ही एक रूप काल भैरव की कई प्रकार से पूजा की जाती है। भगवान काल भैरव भगवान शिव का उग्र रूप हैं। ऐसा कहा जाता है कि जो भक्त पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ उनकी पूजा करते हैं उन्हें बुरी शक्तियों से छुटकारा मिलता है। इसके साथ वो रोग, शोक से भी दूर रहते हैं।

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    TNN अध्यात्म डेस्क author

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